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8th July | Current Affairs |MB Books




1. अमेरिका ने कोविड-19 की वैक्सीन बनाने के लिए दी 1.6 बिलियन डॉलर की राशि

अमेरिका ने मंगलवार को घोषणा की कि वह बायोटेक फर्म नोवावैक्स द्वारा निर्मित COVID-19 वैक्सीन के विकास और निर्माण के लिए1.6 बिलियन डॉलर प्रदान कर रहा है, यह राशि 'ऑपरेशन वार्प स्पीड' (Operation Warp Speed) के तहत दी जाने वाली सबसे बड़ी राशि है। अमेरिका ने अलग से यह भी कहा कि वह कोविड-19 के इलाज और प्रोफिलैक्सिस यानि रोगनिरोध पर किए जा रहे एक्सपेरिमेंट्स के लिए रेजिनरॉन को भी 450 यूएस डॉलर प्रदान कर रहा था। जो कि दो एंटीबॉडी का संयोजन है।

अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग, ह्यूमन सर्विस और रक्षा विभाग के साथ हुए समझौतों की शर्तों के मुताबिक नोवावैक्स साल के अंत तक अपनी वैक्सीन की 100 मिलियन खुराक देने के लिए सहमत हुआ है। कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ स्टेनली एर्क ने कहा, "हम अपने देश की जनसंख्या को महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करने की चाह में असाधारण तत्परता के साथ अपने वैक्सीन कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं'ऑपरेशन वार्प स्पीड' का हिस्सा होने पर हमें गर्व है।' इस वैक्सीन के अंतिम चरण यानि फेस 3 ट्रायल को NVX-CoV2373 नाम दिया गया है। ऐसा बताया जा रहा है यह सर्दियों तक होगा

मैरीलैंड बेस्ड कंपनी SARS-CoV-2's 'स्पाइक प्रोटीन' के संश्लेषित टुकड़ों ( synthesized pieces) को विकसित करने के लिए कीट कोशिकाओं का उपयोग करती हैजो वायरस कोशिकाओं पर आक्रमण करने के लिए मानव शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स को सक्रिय करता है। यह एक "सहायक" का भी उपयोग करता है, एक यौगिक जो एंटीबॉडी को बेअसर करने के लिए प्रोडक्शन को बढ़ाता है। वसंत में,कंपनी ने कहा कि उसने एक मौसमी फ्लू वैक्सीन के प्रभाव को साबित कर दिया था जो समान तकनीक का उपयोग करके विकसित हुई थी

अमेरिका द्वारा नोवावैक्स को दी जाने वाली राशि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैक्सीन को दिए गए 1.2 बिलियन डॉलर से अधिक है जिसे एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित किया जा रहा है'ऑपरेशन वार्प स्पीड' के तहत, अमेरिका 2021 में COVID-19 के लिए सुरक्षित और प्रभावी टीकों की लाखों खुराक देने का लक्ष्य बना रहा है। बता दें कि ऑपरेशन वार्प स्पीड (Wrap Speed) एक पब्लिक-प्राइवेट साझेदारी है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार द्वारा COVID-19 वैक्सीन, मेडिकल और निदान के विकास, निर्माण और वितरण को सुविधाजनक बनाने और तेज करने के लिए शुरू की गई है


2. यूरोपियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी ने पाकिस्तान के सभी उड्डयन लाइसेंस को निलंबित करने की सिफ़ारिश की

कोरोना संकट से परेशान पाकिस्तान को एक और झटका लगने वाला है। यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी (EASA) ने अपने सभी सदस्य उड्डयन प्राधिकरणों को पाकिस्तान के सभी उड्डयन लाइसेंस को निलंबित करने की सिफ़ारिश की है। EASA ने ये क़दम पाकिस्तान में बड़ी तादाद में पायलटों के फ़र्ज़ी लाइसेंस की जानकारी सामने आने की वजह से उठाया है। यह पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा सकता है। गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान के इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) को यूरोपीय संघ (EU) से छह महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।

इस इंटरनेशनल कैरियर के करीब एक तिहाई पायलटों के लाइसेंस फर्जी या संदेहास्‍पद होने संबंधी जानकारी सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया थाPIA के प्रवक्ता अब्दुल्ला खान ने AFP को बताया था कि यूरोपीय संघ की एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने PIA को बताया कि "यह अभी भी सुनिश्चित नहीं है कि शेष पायलट भी उड़ान भरने के लिहाज से ठीक से योग्य हैं, और उन्होंने एयरलाइंस अपना विश्वास खो दिया है"

यूरोपीय संघ की विमानन सुरक्षा एजेंसी ने कहा था कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय एयरलाइन को कम से कम 6 महीने तक यूरोप में उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी जाएगीइस एलान के बाद PIA ने यूरोप के अपने संचालन को रोकने की घोषणा की थी। एजेंसी ने कहा था कि पीआईए के संचालन पर लगाई गई रोक एक जुलाई से प्रभावी रहेगी. हालांकि, PIA इसके खिलाफ अपील कर सकता है। एक बयान में PIA ने कहा था कि यूरोपीय क्षेत्रों के लिए जिन यात्रियों ने अपनी टिकट बुक की हैं, उनके पास पूरे पैसे वापस लेने अथवा टिकटों की तारीख को विस्तार देने का विकल्प है

3. कोरोनावायरस को हवा में "पकड़ने और मारने" वाला ‘एयर फिल्टर’ विकसित- वैज्ञानिकों का दावा

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा फिल्टर बनाने का दावा किया है जो हवा में नोवल कोरोना वायरस (Coronavirus) को पकड़ कर वायरस को तत्काल समाप्त कर देता है। वैज्ञानिकों के इस अविष्कार से बंद स्थानों मसलन स्कूलों, अस्पतालों के अलावा विमानों में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है। जर्नल ‘मैटरियल्स टूडे फिजिक्स' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक इस ‘एयर फिल्टर' ने अपने से गुजरने वाली हवा में एक बार में 99.8 फीसदी नोवल कोरोना वायरस को समाप्त कर दिया।

अध्ययन में कहा गया कि इस उपकरण को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध निकेल फोम को 200 डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर बनाया गया। इसने घातक जीवाणु बैसिलस एन्थ्रेसिस के 99.9 प्रतिशत बीजाणु को नष्ट कर दिया। बैसिलस एन्थ्रेसिस से एन्थ्रेक्स बीमारी होती है

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन (यूएच) के अध्ययन में शामिल झिफेंग रेन ने कहा, "यह फिल्टर हवाई अड्डों और हवाई जहाजों में, कार्यालय भवनों, स्कूलों और क्रूज जहाजों में कोविड-19 को फैलने से रोकने में उपयोगी साबित हो सकता है।" उन्होंने कहा, ‘‘वायरस को फैलने से रोकने में मदद करने की इसकी क्षमता समाज के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है।''

वैज्ञानिकों के अनुसार, चूंकि यह वायरस हवा में लगभग तीन घंटे तक रह सकता है तो एक ऐसा फिल्टर बनाने की योजना थी जो इसे जल्द समाप्त कर दे और विश्व भर में दोबारा कामकाज शुरू होने के कारण उनका मानना है कि बंद स्थानों में वायरस को नियंत्रित करना जरूरी हैरेन ने कहा कि निकेल फोम कई अहम जरूरतों को पूरा करता है


4. आधिकारिक तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग हुआ अमेरिका, UN महासचिव को दी जानकारी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ अपने देश के सभी संबंध खत्म करने की आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र को जानकारी दे दी है।

अमेरिका डब्ल्यूएचओ पर लगातार कोविड-19 को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाता रहा है। यह वैश्विक महामारी पिछले साल चीन के वुहान शहर से ही शुरू हुई थी। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य संगठन के विश्व को गुमराह करने के कारण इस वायरस से दुनिया भर में पांच लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। जिनमें से 1,30,000 से अधिक लोग तो अमेरिका के ही हैं।

अमेरिका ने अप्रैल से ही डब्ल्यूएचओ को पैसे देना बंद कर दिया था

ट्रंप प्रशासन के संबंधों की समीक्षा शुरू करने के बाद अमेरिका ने अप्रैल में ही डब्ल्यूएचओ को कोष देना बंद कर दिया था। इसके एक महीने बाद ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ संबंध समाप्त करने की घोषणा की थी। अमेरिका डब्ल्यूएचओ को सबसे अधिक कोष, 45 करोड़ डॉलर से अधिक प्रति वर्ष देता है। जबकि चीन का योगदान अमेरिका के योगदान के दसवें हिस्से के बराबर है।

अमेरिका साल 1948 से डब्लूएचओ का पक्षकार रहा है

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा, ‘‘ मैं कह सकता हूं कि छह जुलाई 2020 को अमेरिका ने महासचिव को विश्च स्वास्थ्य संगठन से हटने की आधिकारिक जानकारी दी जो छह जुलाई 2021 से प्रभावी होगा।’’

दुजारिक ने कहा कि महासचिव डब्ल्यूएचओ के साथ इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि संगठन से हटने की सभी प्रक्रियाएं पूरी की गईं की नहीं। अमेरिका 21 जून 1948 से डब्ल्यूएचओ संविधान का पक्षकार है।


5. COVID 19: ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो कोरोना वायरस से हुए संक्रमित

ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उनमें कोरोना के हल्के लक्षण हैं और उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। बोल्सोनारो ने कहा, ''मैं ठीक हूं. मेरी तबीयत सामान्य है। मैं यहां चहलकदमी भी करना चाहता हूं, लेकिन चिकित्सा सलाह के मद्देनजर ऐसा नहीं कर सकता। ''

ब्राजील दुनिया में कोरोना वायरस से प्रभावित देशों में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। यहां करीब 16 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। इनमें से 65 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

जेयर बोल्सोनारो की सरकार पर कोरोना वायरस को लेकर एहतियाती कदम नहीं उठाने के आरोप लगते रहे हैं। शुरुआती दिनों में बोल्सोनारो ने कोरोना वायरस को सामान्य फ्लू बताया था।

उन्होंने कहा था कि अगर मुझे कोरोना वायरस ने संक्रमित कर दिया तो मैं इस मामूली फ्लू के कारण हार नहीं मानूंगा।

राष्ट्रपति ने 11 मार्च को कहा था, "जितना मैं अब तक समझ पाया हूं कोरोना वायरस की बजाय कई तरह के दूसरे फ्लू हैं जिसकी वजह से अधिक लोगों की मौत हुई है।


6. कोरोना वायरसः WHO ने संक्रमण को लेकर किया बड़ा खुलासा, कहा- हवा से भी फैल सकता है संक्रमण

कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत से ही इससे बचाव की बात कही जा रही है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना संक्रमण के प्रसार के लिए हवा को भी जिम्मेदार बताया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कहा गया है कि इस बात को नहीं नकारा जा सकता है कि कोरोना वायरस का संक्रमण हवा से नहीं हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व के 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने इस बात के सबूत दिए हैं कि फ्लोटिंग वायरस कण उन लोगों को संक्रमित कर सकते हैं जो उन्हें सांस से अपने शरीर के अंदर लेते हैं। इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि कोरोना का वायरस सांस की बिमारी का कारण बनता है। संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है।

इसके साथ ही कहा गया था कि कोरोना का संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुंह से निकाले गए छोटे बूंदों के माध्यम से फैलता है जो जल्द ही जमीन के संपर्क के आने पर खत्म हो जाता है।

जेनेवा में एक ब्रीफिंग के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक्सपर्ट बेनेडेट्टा अलेग्रांजी का कहना है कि संगठन वायरस के ट्रांसमिशन के तरीकों को लेकर सबूतों को संज्ञान में ले रहा है।

बेनेडेट्टा के अनुसार सार्वजनिक जगहों पर, भीड़ में बंद जगहों पर, हवा के जरिए वायरस फैल सकता है। 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने इस बात के सबूत दिए हैं कि कोरोना संक्रमित के मुंह और नांक से निकली हवा के कण में कोरोना का वायरस काफी समय तक हवा में तैर सकता है। जिसके कारण वह आगे किसी को भी संक्रमित कर सकता है।


7. जेएलएल और लासेल के द्विवार्षिक GRETI में भारत को 34वां स्थान प्राप्त हुआ

सतत पहल और विनियामक सुधारों ने भारत के रियल एस्टेट उद्योग में पारदर्शिता के उच्च स्तर को बढ़ाया है जिसके परिणामस्वरूप भारत ने द्विवर्षीय ग्लोबल रियल एस्टेट ट्रांसपेरेंसी इंडेक्स (जीआरईटीआई) में 34वां स्थान प्राप्त किया है।

GRETI

GRETI सूचकांक ने दुनिया भर में अचल संपत्ति बाजार में पारदर्शिता के मामले में एक अनूठा बेंचमार्क स्थापित किया है और विदेशी बाजारों में निवेश और संचालन करने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक आवश्यक मार्गदर्शिका के रूप में भी काम किया है।

GRETI द्विवार्षिक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित संपत्ति और निवेश प्रबंधन सेवाओं फर्म- जोन्स लैंग लासेल (JLI) द्वारा जारी किया गया है। GRETI पहली बार वर्ष 1999 में जारी किया गया था। इस वर्ष GRETI के 11वें संस्करण को चिह्नित किया गया। GRETI के 11 वें संस्करण में कुल 163 शहरों और 99 देशों को शामिल किया गया है।

भारत की रैंकिंग की व्याख्या

भारत ने 2020 के संस्करण में 34वें स्थान पर रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार किया था क्योंकि 2014 के संस्करण में, भारत विश्व स्तर पर 39वें स्थान पर था। इस सुधार के लिए, GRETI ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) फ्रेमवर्क में सुधार, RERA एक्ट 2016, बेनामी लेनदेन निषेध (संशोधन) अधिनियम 2016, गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) आदि का उल्लेख किया है।

2020 में भारत का समग्र स्कोर GRETI रैंकिंग 2.69 था।

रैंकिंग में अन्य देश

  • यूनाइटेड किंगडम (समग्र स्कोर: 1.31) को जीआरईटीआई 2020 रैंकिंग में पहले स्थान पर रखा गया है

  • संयुक्त राज्य अमेरिका (1.35) और ऑस्ट्रेलिया (1.39) को क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रखा गया है

  • हांगकांग (2.03) को 15वां स्थान दिया गया है, जबकि ताइवान (2.34 स्कोर) 23वें स्थान पर है

  • चीन 2.59 के कुल स्कोर के साथ 32वें स्थान पर है

  • श्रीलंका 65वें स्थान पर है, म्यांमार 72वें स्थान और पाकिस्तान 73वें स्थान पर है


8. 81 करोड़ लोगों को मिलेगा नवंबर तक मुफ्त राशन, PMGKAY के विस्तार को कैबिनेट की हरी झंडी : सीतारमण

कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का विस्तार नवंबर तक करने की स्वीकृति मिल गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार नवंबर तक करने की मंजूरी दे दी है। इस कदम से 81.09 करोड़ लोगों को लगातार आठ महीने के लिए मुफ्त अनाज (5 किलो प्रति व्यक्ति) मिलेगा।"

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जून को देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार की बात कही थीउन्होंने कहा कि अब दिवाली और छठ तक 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अनाज मिलेगा। इस पर 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे। इस योजना के तहत 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को यानी परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐलान को इस साल अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देख गया

पीएम मोदी की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में जून 2021 तक गरीबों को मुफ्त राशन दिए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि बंगाल जून 2021 तक मुफ्त राशन देगा। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के राशन की गुणवत्ता केंद्र की तुलना में अच्छी होती है


9. SBI का बड़ा फैसला, MCLR दर घटाई, सस्ता हुआ लोन

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बुधवार को कहा कि उसने कम अवधि के कर्ज पर कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (MCLR) में 0.05 से लेकर 0.10 प्रतिशत तक कटौती की है। यह कटौती 10 जुलाई से लागू होगी।

एसबीआई के जारी वक्तव्य में कहा गया है कि एमसीएलआर में यह कटौती 3 माह तक के लिए दिए जाने वाले कर्ज पर लागू होगी। इसका मकसद कर्ज उठाव और मांग को बढ़ावा देना है।

एमसीएलआर में की गई इस कटौती के बाद 3 माह तक की अवधि के कर्ज पर बैंक की ब्याज दर घटकर 6.65 प्रतिशत वार्षिक रह जायेगी। यह दर बैंक की बाहरी बेंचमार्क आधारित ब्याज दर (EBLR) के बराबर हो गई है।और जानें→

स्टेट बैंक की MCLR दर में की गई यह लगातार 14वीं कटौती है। इस कटौती के बाद भी यह दर बाजार में सबसे कम है।

क्या होता है MCLR : MCLR वह दर होती है जिससे नीचे पर बैंक लोन नहीं दे सकता। इसके कम हो जाने से बैंक अब कम दर पर लोन देने में सक्षम हो जाएगा। इससे सभी तरह लोन सस्ते हो सकते हैं।

10. चीनी सैनिकों की वापसी का सिलसिला जारी, हॉट स्प्रिंग्स और गोग्रा में ढांचों को हटाया

चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स और गोग्रा में झड़प वाले क्षेत्रों से अस्थायी ढांचों को हटा दिया है और मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सैनिकों की वापसी का सिलसिला जारी रहा। वहीं भारत ने पर्वतीय क्षेत्रों में रात के समय भी हवाई गश्त जारी रखी है और भारतीय सेना उनकी पीछे हटने की गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही है।

गोग्रा और हॉट स्प्रिंग्स टकराव वाले ऐसे बिंदु है जहां पिछले 8 सप्ताह से दोनों देशों की सेनाओं के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों ने बताया कि इन दो क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने का काम दो दिन में पूरा होने की संभावना है और इन क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की पर्याप्त वापसी भी हुई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को टेलीफोन पर बात की थी जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों के तेजी से पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए थे, जिसके बाद सोमवार की सुबह सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।

सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना क्षेत्र में सैनिकों की वापसी के मद्देनजर अपनी निगरानी को कम नहीं कर रही है और किसी भी घटना से निपटने के लिए उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखेगी।

भारतीय वायुसेना पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अपनी उच्च स्तर की तत्परता को बनाये रखने के लिए रात के समय में हवाई गश्त कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में टकराव वाले कुछ बिंदुओं से चीनी सैनिकों के पीछे हटने के बावजूद अपने उच्च स्तर की तैयारी बनाये रखने संबंधी फैसले के तहत भारतीय वायुसेना क्षेत्र में रात के समय गश्त कर रही है।

उन्होंने बताया कि अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू जेट विमानों द्वारा दिन और रात के समय चलाये जाने वाले अभियान इस बात का संकेत है कि भारत तब तक चीन पर दबाव बनाना जारी रखेगा जब तक कि पैंगोंग सो, हॉट स्प्रिंग्स और गोग्रा समेत पूर्वी लद्दाख में सभी क्षेत्रों में यथास्थिति बहाल नहीं हो जाती।

सूत्रों ने बताया कि दोनों सेनाओं के बीच सैनिकों की वापसी प्रक्रिया के पहले चरण के बाद इस सप्ताह के अंत में और बातचीत होने की उम्मीद है।

सैनिकों के पीछे हटने की कवायद 30 जून को सैन्य स्तर की वार्ता में हुए निर्णय के अनुरूप हो रही है जिसमें इस बात पर भी सहमति बनी थी कि दोनों पक्ष गलवान नदी के आसपास कम से कम तीन किलोमीटर के क्षेत्र में एक बफर जोन बनाएंगे और भारतीय सैनिक भी उसी के अनुसार चल रहे हैं।

एक सूत्र ने बताया, 'हॉट स्प्रिंग्स और गोग्रा से चीनी सैनिकों की पर्याप्त वापसी हुई है। चीनी सेना ने क्षेत्रों में अस्थायी ढांचों को ध्वस्त कर दिया है।'

सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना पहले ही गलवान घाटी में गश्ती बिंदु ‘प्वाइंट 14’ से अपने तंबुओं को हटा चुकी है और उसके सैनिक पीछे चल गए हैं। पेंगोंग सो में स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि इलाके में सैनिकों की संख्या में मामूली कमी देखी गई है।

भारत और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर पिछले आठ सप्ताह से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई जब 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी वीरगति को प्राप्त हो गए। झड़प में चीनी सेना को भी नुकसान पहुंचने की खबरें हैं लेकिन इसका विवरण अभी नहीं आया है। एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार चीनी की तरफ हताहतों की संख्या 35 है।

क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए पिछले कुछ सप्ताह से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई बार वार्ता हो चुकी है। हालांकि रविवार की शाम तक गतिरोध के अंत का कोई संकेत नहीं था। सूत्रों ने बताया कि डोभाल-वांग बैठक में सफलता मिली।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लद्दाख का अचानक दौरा किया था। वहां उन्होंने सैनिकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा था कि विस्तारवाद के दिन अब लद गए हैं। उन्होंने कहा था कि इतिहास गवाह है कि विस्तारवादी ताकतें मिट गई हैं।


मायलैब डिस्कवरी सोलुशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने ‘कॉम्पैक्ट XL’ नामक एक कार्ट्रिज आधारित मशीन की शुरूआत की है, यह एक साथ कई नमूने संभालने व परीक्षण करने में सक्षम हो है। मशीन प्रयोगशाला तकनीशियनों के लिए नमूनों को संभालने और जांचने की आवश्यकता को कम कर देगी, क्योंकि एक व्यक्ति मशीन को संचालित करने में सक्षम होगा।

कॉम्पैक्ट XL

कॉम्पैक्ट एक्सएल एक 4X3 बेंचटॉप मशीन है जो 100 प्रतिशत स्वदेशी रूप से विकसित है और भारत में पहली मशीन है जो COVID-19 के आणविक नैदानिक ​​नमूनों के परीक्षण के लिए आवश्यक मैनुअल प्रयोगशाला संचालन को पूरी तरह से स्वचालित करेगी। यह स्वचालित प्रणाली आरएनए / डीएनए आधारित परीक्षण, आरटी-पीसीआर परीक्षण, प्लाज्मा, ऊतक, स्वाब और थूक के नमूनों को संभालने में सक्षम होगी।

एक घंटे में मशीन द्वारा कुल 32 नमूनों को संभाला और परीक्षण किया जा सकता है। मशीन की कीमत 40 लाख रुपये है। मशीन की प्री-आर्डरिंग 13 जुलाई, 2020 से शुरू होगी। मशीन के परीक्षण क्षमता भविष्य की मांग के आधार पर प्रति घंटे 32 से बढ़ाई जा सकती है।


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई के पास एशिया के सबसे बड़े प्रमाणित टियर IV डेटा सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन किया है। Yotta NM1 डेटा सेंटर बिल्डिंग भारत में सबसे बड़ा टियर IV डेटा सेंटर है। इसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डाटा सेंटर होने का दावा भी किया जा रहा है। इस निजी डेटा सेंटर का उपयोग इंजीनियरिंग और रियल एस्टेट व्यवसायों द्वारा किया जाएगा।

यह डाटा सेंटर नवी मुंबई के पनवेल क्षेत्र में 600 एकड़ की हीरानंदानी फॉर्च्यून सिटी के अंदर स्थित है। हीरानंदानी फॉर्च्यून सिटी के अंदर, पनवेल डेटा सेंटर पार्क या इंटीग्रेटेड योटा डेटा सेंटर पार्क नामक एक डेटा सेंटर पार्क विकसित किया गया है, NM1 पनवेल डेटा सेंटर पार्क के अंदर स्थित है।

NM1 डेटा सेंटर

एनएम 1 डेटा सेंटर को योटा इन्फ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशंस एलएलपी (हीरानंदानी समूह की एक सहायक कंपनी) द्वारा विकसित किया गया है। योट्टा इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा पनवेल डेटा सेंटर पार्क में कुल पांच डेटा सेंटर बिल्डिंग विकसित की जाएंगी। एनएम 1 पांच ऐसी इमारत में से पहली है। पनवेल डेटा सेंटर पार्क की पांच इमारतें 18 एकड़ से अधिक भूमि में फैली होंगी।

NM1 डेटा सेंटर को भारत और एशिया के सबसे बड़े टियर IV डेटा सेंटर और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े संस्थान के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका के अपटाइमटाइम से प्रमाणन प्राप्त हुआ है। यह प्रमाणन 27 अप्रैल, 2022 तक मान्य है।

NM1 डेटा सेंटर की विशेषताएं :

7,200 रैक

50 मेगावाट उर्जा

4 फाइबर पाथ

1.4 डिज़ाइन PUE (उर्जा उपयोग प्रभावशीलता)

एक बार पूरा होने और परिचालन के बाद, पनवेल डेटा सेंटर पार्क की सभी 5 इमारतों की कुल क्षमता 30,000 रैक होगी।


ओडिशा के 5वें राज्य वित्त आयोग द्वारा अगले छह वित्तीय वर्ष (2020-21 से 2025-26) की अवधि में, ओडिशा राज्य में पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए 23,848 करोड़ रुपये की राशि की सिफारिश की गई है।

आवंटित किए गए ये फंड राज्य में शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए होंगे ताकि इन संस्थानों और निकायों द्वारा विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं और मौजूदा परिसंपत्तियों का रखरखाव किया जा सके।

जिन परियोजनाओं पर धनराशि पीआरआई और यूएलबी द्वारा निवेश की जाएगी: जल निकासी नेटवर्क, स्वच्छता, पेयजल, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य उप केंद्रों और आंगनवाड़ियों का रखरखाव, सड़कों का निर्माण आदि।

फंड्स

पंचायत राज संस्थाओं के लिए 15,715.60 करोड़ रुपये

शहरी स्थानीय निकायों के लिए 8,132.52 करोड़ रूपये

ये धनराशि सीधे ‘PRIA Soft’- पंचायती राज संस्थाओं के लेखा सॉफ्टवेयर का उपयोग करके पंचायती राज संस्थाओं (ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों) के बैंक खातों में हस्तांतरित कर दी जाएगी। फंड ट्रांसफर के लिए PRIA सॉफ्ट को IFMS- इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम के साथ एकीकृत किया जाएगा।

यह फंड एक वित्तीय वर्ष में दो किश्तों में स्थानांतरित किया जाएगा: पहली किश्त मई-जून में महीनों में जारी की जाएगी जबकि अक्टूबर-नवंबर के महीने में दूसरी किश्त जारी की जाएगी। जारी की जाने वाली दूसरी किश्त के लिए, यूएलबी और पीआरआई को 30 प्रतिशत काम पूरा करना होगा जो उन्होंने वित्तीय वर्ष में प्रदान की गई पहली किश्त के तहत शुरू किया था।


आंध्र प्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की जयंती को रयुतु दिनोत्सव अर्थात किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस पहली बार 2019 में मनाया गया था जब आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने एक सरकारी आदेश जारी किया था।

वाईएस राजशेखर रेड्डी

यदुगुडी संदीप्ति राजशेखर रेड्डी को लगातार 4 बार लोकसभा के सदस्य के रूप में चुना गया। उन्होंने 2004 से 2009 तक आंध्र प्रदेश के पूर्ण मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और 2009 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में फिर से चुने गए। परन्तु 2 सितम्बर, 2009 को वाईएस राजशेखर रेड्डी की एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई। अपने करियर में, वह एक चुनाव में कभी नहीं हारे थे।

वे विभिन्न सुधारों के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने राज्य के कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र पर लंबे समय तक चलने वाले परिवर्तनकारी प्रभाव डाले हैं, 2004 में उनके कार्यकाल के पहले दिन, उन्होंने एक अभियान परियोजना शुरू की जिसके राज्य में किसानों के लिए तहत मुफ्त बिजली प्रदान की गई थी।

वाईएस राजशेखर रेड्डी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कुछ प्रोजेक्ट और सुधार जलयज्ञनम जल प्रबंधन कार्यक्रम हैं: सिंचाई के तहत 8.2 मिलियन एकड़ भूमि लाने के लिए, इंदिराम इल्लू: ग्रामीण गरीबों के लिए आवास, पावला वड्डी कार्यक्रम: ग्रामीण के छोटे व्यवसाय और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए महिलाओं को रियायती दर पर ऋण प्रदान करना इत्यादि।

2020 किसान दिवस समारोह

COVID-19 महामारी के बीच, राज्य सरकार राज्य में नई 412 एम्बुलेंस और 656 नई मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ लॉन्च करने जा रही है।

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