1. त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग पर चौथी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बैठक का आयोजन कोलम्बो में किया गया
त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग पर चौथी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बैठक 29 नवंबर को कोलम्बो में हुई। इसमें भारत, श्रीलंका और मालदीव शामिल हुए। इस बैठक में क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के मौजूदा माहौल की समीक्षा की गयी । भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने श्रीलंका के रक्षा सचिव मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) कमल गुणारत्ने और मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी के साथ वार्ता में हिस्सा लिया। इस बैठक का आयोजन 6 साल बाद किया गया है इससे पहले यह बैठक 2014 में नई दिल्ली में आयोजित हुई थी।
मुख्य बिंदु
भारत, श्रीलंका और मालदीव ने समान सुरक्षा खतरों पर विचार विनिमय करते हुए, समुद्री सहयोग पर सहमति जताई है।
बैठक में समुद्री क्षेत्र जागरूकता, मानवीय सहायता, आपदा राहत, संयुक्त अभ्यास और समुद्री प्रदूषण समेत कई क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग पर चर्चा हुई।
श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार समुद्री सुरक्षा से संबंधित आम मुद्दों पर हिंद महासागर क्षेत्र में सार्थक सहयोग को बढ़ावा देने के इच्छुक तीनों देशों ने क्षेत्र में वर्तमान समुद्री सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया।
तीनों देशों ने साझा सुरक्षा खतरों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और खुफिया जानकारी को साझा करने के लिए व्यापक सहयोग को बढ़ाने और आतंकवाद कट्टरता, मादक पदार्थ, हथियार और मानव तस्करी, धन शोधन, साइबर सुरक्षा और समुद्री पर्यावरण पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव जैसे मुद्दों को शामिल करने पर सहमत हुए।
2. ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध का निर्माण करेगा चीन
तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी ( Brahmaputra River) पर चीन (China) एक प्रमुख बांध (Dam) का निर्माण करेगा और अगले साल से लागू होने वाली 14वीं पंचवर्षीय योजना में इससे संबंधित प्रस्ताव पर विचार किया जा चुका है। चीन की आधिकारिक मीडिया ने बांध बनाने का जिम्मा प्राप्त कर चुकी एक चीनी कंपनी के प्रमुख के हवाले से यह जानकारी दी है। ''ग्लोबल टाइम्स'' की खबर के अनुसार, ''पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना'' के अध्यक्ष यांग जियोंग ने कहा कि चीन ''यारलुंग ज़ंग्बो नदी (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) के निचले हिस्से में जलविद्युत उपयोग परियोजना शुरू करेगा।'' यह परियोजना जल संसाधनों और घरेलू सुरक्षा को मजबूत करने में मददगार हो सकती है।
''ग्लोबल टाइम्स'' ने रविवार को ''कम्युनिस्ट यूथ लीग ऑफ चाइना'' की केन्द्रीय समिति के वी-चैट अकाउंट पर डाले गए एक लेख का हवाला देते हुए जानकारी दी कि यांग ने कहा है कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) देश की 14वीं पंचवर्षीय योजना (2021-25) तैयार करने के प्रस्तावों में इस परियोजना को शामिल करने और 2035 तक इसके जरिये दीर्घकालिक लक्ष्य हासिल करने पर विचार कर चुकी है। इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी अगले साल नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) द्वारा औपचारिक अनुसमर्थन किये जाने के बाद सामने आने की उम्मीद है।
ब्रह्मपुत्र नदी भारत और बांग्लादेश से होकर गुजरती है। ऐसे में बांध निर्माण के प्रस्ताव से दोनों देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। हालांकि, चीन ने इन चिंताओं को खारिज करते हुए कहा है कि वह उनके हितों को भी ध्यान में रखेगा।
भारत सरकार नियमित रूप से अपने विचारों और चिंताओं से चीनी अधिकारियों को अवगत कराती रही है और भारत ने चीन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि नदी के ऊपरी हिस्सों में होने वाली गतिविधियों से निचली हिस्से से जुड़े देशों के हितों को नुकसान न हो।
3. भारत ने SCO काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की बैठक की मेजबानी की
2017 में इस प्रभावी समूह का पूर्ण सदस्य बनने के बाद भारत पहली बार एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वर्चुअल तरीके से आयोजित होने वाली एससीओ की काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की अध्यक्षता उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू करेंगे।
मुख्य बिंदु
इस बैठक में शिष्टमंडलों के प्रमुख व्यापार, आर्थिक और निवेश संबंधी मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।
30 नवंबर को होने वाले इस सम्मेलन में रूस, चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री भाग लेंगे, जबकि पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व उसके विदेशी मामलों के संसदीय सचिव द्वारा किया जाएगा ।
एससीओ सदस्य देशों के अलावा संगठन के चार आब्जर्वर देश अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया भी सम्मेलन में भाग लेंगे।
कोविड महामारी के प्रकोप को देखते हुए बैठक में इसके असर को लेकर भी बातचीत होने की संभावना है।
भारत की अध्यक्षता में इस साल पहला एससीओ स्टार्ट अप फोरम भी शुरू किया गया।
भारत आपसी सहयोग के तीन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा
इनमें स्टार्टअप्स, इनोवेशन, विज्ञान, तकनीक व पारपंरिक दवाइयां जैसे विषय शामिल हैं। भारत स्टार्टअप्स पर एक विशेष कार्यकारी समूह की चेयर के गठन के प्रस्ताव के साथ पारंपरिक दवाइयों के क्षेत्र में सहयोग पर एक नए विशेष कार्यकारी समूह के गठन पर भी चर्चा करेगा।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO)
यूरेशिया में शांति, सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखने के लिये 15 जून, 2001 को शंघाई में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने मिलकर SCO कि स्थापना की। यह एक राजनीतिक और सुरक्षा समूह है जिसका मुख्यालय बीजिंग में है। यह 40% से अधिक मानवता एवं वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 20% हिस्से का प्रतिनिधित्व करता हैं। अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया वर्तमान में इसके पर्यवेक्षक है। वर्ष 2005 में भारत और पाकिस्तान को इस समूह के पर्यवेक्षकों के तौर पर शामिल किया गया था। वर्ष 2017 में भारत तथा पाकिस्तान इसके सदस्य बन गए थे।
4. रेलवे स्टेशन पर होगी 'कुल्हड़ चाय' की वापसी, रेलमंत्री पीयूष गोयल का ऐलान
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि आने वाले समय में देश के हर रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक मुक्त कुल्हड़ में ही चाय मिलेगी। राजस्थान के अलवर में ढिगावड़ा रेलवे स्टेशन पर ढिगावड़ा-बांदीकुई रेल खंड पर विद्युतीकृत रेलमार्ग के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, आज देश में लगभग 400 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती है। आगे चलकर हमारी योजना है कि देश के हर रेलवे स्टेशन पर सिर्फ कुल्हड़ में चाय बिकेगी। प्लास्टिक मुक्त भारत में रेलवे का भी यह योगदान रहेगा। इससे लाखों भाई-बहनों को रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि पहले एक जमाना था जब रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती थी। जब 2014 में केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार आई तब तक कुल्हड़ गायब हो गए और प्लास्टिक के कप में चाय मिलनी शुरू हो गई। रेलमंत्री ने कहा कि खादी ग्रामोद्योग विभाग के लोगों ने रेलवे के साथ मिलकर इस कार्य को गति दी है। गोयल ने कहा, मैं अभी कुल्हड़ में चाय पी रहा था। वास्तव में कुल्हड़ में चाय पीने का स्वाद ही कुछ और होता है और पर्यावरण को भी आप बचाते हो। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 2014 में जब से सत्ता में आए हैं, तब से वह लोगों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है। उन्होंने निर्णय किया है कि देशभर की रेलवे लाइन का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण करेंगे। उन्होंने कहा कि 2009 से 2014 के बीच राजस्थान में रेलवे का शून्य विद्युतीकरण हुआ था और 2014 के बाद 1433 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का विद्युतीकरण हो चुका है। गोयल ने कहा, आज के इस विद्युतीकरण के खत्म हो जाने के बाद अब रेवाड़ी से अजमेर तक जाने वाले रेलमार्ग पर अब शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है और अब पूरी तरह से गाड़ियां इलेक्ट्रिक लाइन पर चलेंगी। आपके क्षेत्र में डीजल की गाड़ियां बंद करके हम आपके क्षेत्र के प्रदूषण को पूरे तरीके से शून्य करेंगे। इससे ट्रेन की गति भी बढ़ेगी और उद्योग, किसानों के उत्पाद को जल्दी भेज सकेंगे। उन्होंने कहा, हमारी किसान रेल किसानों का सरसों देश के कोने-कोने तक पहुंचा पाएगी और किसानों को सही मूल्य और दाम मिलेगा। जिस व्यक्ति से किसानों को पूरी कीमत मिल सकेगी, उन्हें वे अपना माल भेज सकेंगे। गोयल ने कहा कि रेल मार्ग के विद्युतीकरण से यहां से दिन-रात चलने वाली मालगाड़ियों के खर्च को कम कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विकास का लाभ देश के हर कोने तक हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।गोयल ने कहा कि राजस्थान में 2009 से 2014 के बीच पांच वर्ष में रेलवे के 65 अंडरपास बने थे, जबकि 2014 से 2020 के बीच छह गुना अधिक 378 अंडरपास बनाए गए। उन्होंने कहा कि इसी तरह 2009 से 2014 के बीच रोड ओवरब्रिज पांच साल में मात्र चार बने थे, वहीं 2014 से 2020 के बीच 30 रोड ओवरब्रिज बने। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 10,000 करोड़ रुपए के निवेश से सात नई लाइनों पर काम चल रहा है। इस अवसर पर रेलमंत्री ने 34 किलोमीटर के नए विद्युतीकृत ढिगावड़ा-बांदीकुई रेल खंड पर पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
5. 2030 तक पेट्रोल में इथनोल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य
वर्चुअल माध्यम से तीसरे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेश सम्मेलन 2020 को संबोधित करते हुए भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत निवेश के लिए एक पसंदीदा जगह के रूप में उभर रहा है। इसी कारण पिछले छह वर्ष की अवधि में भारत में अक्षय ऊर्जा के लिए 64 अरब अमरीकी डॉलर का निवेश किया गया है। इसके साथ ही भारत सरकार ने देश में 20 अरब अमरीकी डॉलर के लागत वाले पांच हजार सीबीजी संयंत्र लगाने का भी लक्ष्य रखा है। वर्तमान समय में भारत में एक हजार पांच सौ सीबीजी संयंत्र कार्य कर रहे है।
मुख्य बिंदु
पर्यावरण और अर्थव्यवस्था में संतुलन बनाने के लिये जैव ईंधन के महत्व पर जोर देते हुए श्री प्रधान ने कहा कि वर्ष 2030 तक इथनोल मिश्रण को पेट्रोल में 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके तहत 11 राज्यों में 12 टूजी इथनोल जैव रिफाइनरियां स्थापित की जा रही हैं।
2030 तक तेल और प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में काम कर रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अपने ईंधन वितरण स्टेशनों में सौर ऊर्जा का प्रयोग 50 प्रतिशत कर देंगे।
इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम
सरकार के ‘इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम’ के अंतर्गत वर्ष 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत बायो इथेनॉल सम्मिश्रण रखने का लक्ष्य है। जिसे वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करना है। इस कार्यक्रम को ‘राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति’- 2018 के अनुरूप लॉन्च किया गया था। वर्तमान में पेट्रोल में बायो इथेनॉल का सम्मिश्रण लगभग 5% है।
राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018
4 जून, 2018 को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 की घोषणा की गई थी। इस नीति का उद्देश्य – कच्चे तेल के आयात में कमी लाना और घरेलू स्तर पर जैव ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देना है।
6. पीएम मोदी ने NH -19 वाराणसी से प्रयागराज खंड की 6 लेन चौड़ीकरण परियोजना का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय मार्ग-19 के हंडिया प्रयागराज से राजा तालाब वाराणसी तक की 6 लेन वाली सड़क परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। राष्ट्रीय राजमार्ग-19 का चौड़ा किया गया 6 लेन वाला यह राजमार्ग 73 किलोमीटर का है। इस परियोजना पर 2447 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस सड़क के निर्माण के बाद प्रयागराज और वाराणसी के बीच यात्रा समय में एक घंटे की कमी आएगी।
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री देव-दीपावली समारोह में भी शामिल हुए । देव-दीपावली वाराणसी में दीपोत्सव और उत्साह का अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के पर्व का रूप ले चुका है। इसे हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित किया जाता है। प्रधानमंत्री ने वाराणसी के राजघाट में दिया जलाकर इस पर्व की शुरुआत की , जिसके बाद गंगा नदी के दोनों तटों पर 11 लाख दिये जलाए गये।
राष्ट्रीय राजमार्ग 19
राष्ट्रीय राजमार्ग 19 उत्तर प्रदेश में आगरा से पश्चिम बंगाल में कोलकाता तक जाता है। पूर्व में यह “दिल्ली-कोलकाता सड़क” के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब यह सड़क दिल्ली-से-आगरा जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 44 और आगरा-से-कोलकाता जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 19 में विभाजित है। यह दोनों देश के सबसे व्यस्त राजमार्गों में गिने जाते हैं। यह राजमार्ग भारत के 4 राज्यों से गुजरता है जिसमे उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड व पश्चिम बंगाल शामिल है।
7. सरकार ने कोविड वैक्सीन विकास मिशन के लिए नौ अरब रुपये के पैकेज की घोषणा की
केंद्र सरकार ने देश के कोविड-19 टीका विकास मिशन के लिए तीसरी किश्त के रूप में नौ अरब रुपये के पैकेज की घोषणा की है। यह राशि कोविड-19 के टीके के देश में शोध और विकास बायोटेक्नोलॉजी विकास द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्य बिंदु
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि इससे देश में पांच-छह जगह टीके के विकास के काम में तेजी लाने में मदद मिलेगी। इस प्रयास से कोविड के टीके के विकास, प्रमाणीकरण और उसे जन-स्वास्थ्य व्यवस्था में लाकर संक्रमण के फैलाव को रोकने में भी मदद मिलेगी।
कोविड सुरक्षा मिशन के पहले चरण में बारह महीनों के लिए नौ अरब रुपये का प्रावधान किया गया था। मंत्रालय ने बताया कि शोध और उत्पादन दोनों क्षेत्रों में बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने टीका बनाने के कुल दस तरह के प्रयासों में अब तक मदद दी है। रूसी टीके स्पुतनिक-V के अलावा पांच टीकों का मानवीय परीक्षण चल रहा है इसके साथ ही अन्य तीन टीकों का मानवीय परीक्षण भी जल्दी ही शुरू हो जाएगा।
भारत की अगले साल जुलाई तक वैक्सीन की 50 करोड़ डोज़ बनाने और 25 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 नवंबर को कोरोना वैक्सीन के विकास में जुटी तीन टीमों जेनोवा बायोफार्मा , बायोलॉजिकल ई और डॉ रेड्डीज से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तीन वैक्सीन निर्माण केंद्रों का भी दौरा किया था।
कोविड सुरक्षा मिशन
सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण के अनुसंधान और विकास का समर्थन करने के लिए कोविड सुरक्षा मिशन के तहत 900 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है। प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया कि टीकाकरण अभियान के शुरुआती रोलआउट के लिए शीघ्र नियामक मंजूरी और समय पर खरीद के लिए समयबद्ध योजना बनाई जाए। प्रधानमंत्री ने टीका विकास में व्यापक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निरंतर महामारी परिदृश्य को देखते हुए मास्क पहनने, दूरी बनाए रखने और स्वच्छता सुनिश्चित करने जैसे निवारक उपायों में किसी भी छूट के लिए कोई जगह नहीं है।
8. यूएस-बेस्ड IEEE ने पुणे के GMRT को माइलस्टोन का दर्जा दिया
अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े तकनीकी पेशेवर संगठन इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) द्वारा पुणे के वृहत मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) को संबंधित क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए ‘माइलस्टोन’ सुविधा के रूप में चुना गया है। यह दर्जा इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आवश्यक और ऐतिहासिक उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।
यह तीसरा ऐसा संसथान है जिसे ‘IEEE माइलस्टोन’ प्राप्त हुआ है। इससे पहले, IEEE माइलस्टोन का दर्जा 1895 में जे.सी. बोस और 1928 में सी.वी. रमन के उनके योगदान के लिए दिया गया था। इन दोनों के कार्यों को यह दर्जा वर्ष 2012 में दिया गया था।
वृहत मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT)
वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप भारत के पुणे शहर में स्थित रेडियो दूरबीनों की विश्व की सबसे विशाल सारणी है। यह टेलिस्कोप दुनिया की सबसे संवेदनशील दूरबीनों में से एक है।
इसका संचालन पुणे विश्वविद्यालय परिसर में स्थित राष्ट्रीय खगोल भौतिकी केन्द्र (एनसीआरए) करता है जो टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टी आइ एफ़ आर) का एक हिस्सा है।
वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप की विशेष बात यह है कि इसके डिश एंटीना समेत संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया है।
इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE)
दुनिया के सबसे बड़े तकनीकी पेशेवर संघटनो में से एक IEEE का गठन 1963 में अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स और इंस्टीट्यूट ऑफ रेडियो इंजीनियर्स के संयोजन से हुआ था । इसका मुख्यालय मूल रूप से न्यूयॉर्क शहर में 3 पार्क एव में है, लेकिन अधिकांश संचालन पीसकतावै (न्यू जर्सी) में किया जाता है।
9. RBI की डिक्शनरी में दो नए शब्द तकनीकी मंदी और नाउकास्टिंग जोड़े गए
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा नवंबर माह के लिये जारी हालिया मासिक बुलेटिन के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारतीय अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 8.6 प्रतिशत का संकुचन दर्ज किया जा सकता है इसी के साथ इतिहास में पहली बार भारत में तकनीकी मंदी आ गयी है।
नाउकास्ट (Nowcast)
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा पूर्वानुमान अथवा ‘फोरकास्ट’ (Forecast) जारी किया जाता है, किंतु रिज़र्व बैंक ने पहली बार आधुनिक प्रणाली का उपयोग कर ‘नाउकास्ट’ (Nowcast) जारी किया है, जिसमें एकदम निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था की स्थिति की बात की गई है। इस तरह नाउकास्ट में एक प्रकार से वर्तमन की ही बात की जाती है।
क्या होती है तकनीकी मंदी ?
अर्थशास्त्र में इस शब्द का प्रयोग तब करते हैं जब किसी देश की अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाही तक संकुचन हो रहा हो। अर्थशास्त्र के जानकार बताते हैं कि यदि दो तिमाहियों में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आए तो इसे तकनीकी मंदी कहा जाता है
‘तकनीकी मंदी’ और ‘मंदी’ के बीच क्या अंतर है ?
‘तकनीकी मंदी’ और ‘मंदी’ के बीच सबसे महत्वपूर्ण अंतर यह है। तकनीकी मंदी शब्द मुख्य रूप से जीडीपी में प्रवृत्ति को पकड़ने के लिए उपयोग किया जाता है, वहीं मंदी आर्थिक गतिविधियों में एक व्यापक गिरावट को संदर्भित करती है, जिसमें कई आर्थिक कारक जैसे रोजगार, घरेलू और कॉर्पोरेट आय, उपभोग व्यय आदि शामिल होते हैं।
10. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बड़े केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) के पूंजीगत व्यय (CAPEX) की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने विद्युत और खान मंत्रालयों, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिवों तथा इन मंत्रालयों के अधीन केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के दस उपक्रमों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की जिसमें मौजूदा वित्त वर्ष में उनके पूंजीगत खर्च की समीक्षा की गई।
प्रमुख बिंदु
यह वित्त मंत्री की संबंधित संगठनों के साथ पांचवीं बैठक थी।
इसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए आर्थिक विकास की गति को तेज करना था।
वित्त मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि 23 नवंबर तक कुल 24,227 करोड़ रुपये (39.4 प्रतिशत) का लक्ष्य हासिल किया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इन उपक्रमों के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 61,483 करोड़ रुपये है।
समीक्षा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि इन उपक्रमों का पूंजीगत खर्च देश के आर्थिक विकास का अत्यंत महत्वपूर्ण प्रेरक घटक है, जिसे वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में बढ़ाने की आवश्यकता है।
सीतारमण ने सीपीएसी को लक्ष्य हासिल करने हेतु बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि वर्ष 2020-21 के लिए उन्हें दिया गया पूंजी परिव्यय सही तरीके से और समय के भीतर खर्च किया जाए।
सीपीएसई के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के प्रकोप से उबरने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही तीसरी तिमाही में 75 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अभी और प्रयास करने की आवश्यकता है, ताकि वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा सके।
11. त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग पर चौथी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बैठक का आयोजन कोलम्बो में किया गया
त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग पर चौथी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बैठक 29 नवंबर को कोलम्बो में हुई। इसमें भारत, श्रीलंका और मालदीव शामिल हुए। इस बैठक में क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के मौजूदा माहौल की समीक्षा की गयी । भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने श्रीलंका के रक्षा सचिव मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) कमल गुणारत्ने और मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी के साथ वार्ता में हिस्सा लिया। इस बैठक का आयोजन 6 साल बाद किया गया है इससे पहले यह बैठक 2014 में नई दिल्ली में आयोजित हुई थी।
मुख्य बिंदु
भारत, श्रीलंका और मालदीव ने समान सुरक्षा खतरों पर विचार विनिमय करते हुए, समुद्री सहयोग पर सहमति जताई है।
बैठक में समुद्री क्षेत्र जागरूकता, मानवीय सहायता, आपदा राहत, संयुक्त अभ्यास और समुद्री प्रदूषण समेत कई क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग पर चर्चा हुई।
श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार समुद्री सुरक्षा से संबंधित आम मुद्दों पर हिंद महासागर क्षेत्र में सार्थक सहयोग को बढ़ावा देने के इच्छुक तीनों देशों ने क्षेत्र में वर्तमान समुद्री सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया।
तीनों देशों ने साझा सुरक्षा खतरों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और खुफिया जानकारी को साझा करने के लिए व्यापक सहयोग को बढ़ाने और आतंकवाद कट्टरता, मादक पदार्थ, हथियार और मानव तस्करी, धन शोधन, साइबर सुरक्षा और समुद्री पर्यावरण पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव जैसे मुद्दों को शामिल करने पर सहमत हुए।
12. प्रख्यात बांग्लादेशी अभिनेता ऐली ज़ेकर का निधन
76 वर्ष के प्रख्यात बांग्लादेशी अभिनेता और सांस्कृतिक व्यक्तित्व ऐली ज़ेकर का ढाका में निधन हो गया। वह पिछले कई वर्षों से कैंसर से लड़ रहे थे। ढाका अस्पताल में दो दिन पहले उनका कोविड-19 परीक्षण किया गया था जो पॉजिटिव था।
पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में ऐली का अहम योगदान था। वह ढाक में लिबरेशन वॉर म्यूजियम के संस्थापक ट्रस्टी भी थे। बांग्लादेश में थिएटर, टीवी और फिल्म के क्षेत्र में उनका अहम योगदान था। रंगमंच के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 1999 में बांग्लादेश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘एकुशी पादक’ से सम्मानित किया गया था।
13. कैम्ब्रिज डिक्शनरी ने 'quarantine’ शब्द को दिया वर्ड ऑफ द ईयर 2020 का नाम
कैम्ब्रिज डिक्शनरी ने 'quarantine’ शब्द को वर्ड ऑफ द ईयर 2020 का नाम दिया। इस शब्द को वर्ड ऑफ द ईयर का नाम दिया उन डेटा के आधार पर दिया गया है जिससे दर्शाते है कि यह शब्द इस वर्ष कैम्ब्रिज डिक्शनरी में सबसे अधिक खोजे गए शब्दों में से एक था।
कैम्ब्रिज के संपादकों ने देखा है कि लोग इस साल एक नए तरीके से इस शब्द का उपयोग कर रहे हैं, जिसमें "समय की सामान्य अवधि जिसमें लोगों को अपने घरों को छोड़ने या स्वतंत्र रूप से यात्रा करने की अनुमति नहीं है ताकि वे बीमारी के सम्पर्क में आने से बचें या उसे फैला न सकें।
"quarantine'' का यह नया अर्थ अब कैम्ब्रिज डिक्शनरी में जोड़ा गया है।
14. स्पाइसजेट ने लद्दाख में लेह के लिए लॉन्च की समर्पित फ्रीटर सेवाएं
स्पाइसजेट ने लेह को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली समर्पित फ्रीटर सेवाओं (freighter services) की शुरुआत की है।
यह पहली बार है जब किसी नागरिक विमान चालक ने लेह के लिए मालवाहक सेवाएं (freighter services) शुरू की हैं। तदनुसार, एयरलाइन ने दिल्ली से लेह तक 13 टन कार्गो की आपूर्ति के साथ अपनी पहली मालवाहक उड़ान का संचालन किया।
स्पाइसजेट की समर्पित कार्गो आर्म SpiceXpress इस मार्ग पर अपने बोइंग 737 फ्रीटर ( Boeing 737 freighter) को तैनात करेगी।
समर्पित कार्गो उड़ानें ताजा फल, सब्जियां, फूल, पेरिशबल्स, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण, और अन्य सामान्य कार्गो परिवहन में मदद करेंगी।
15. बुलेट ट्रेन परियोजना का हिस्सा बनाने के लिए एलएंडटी ने दिया 7,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रमुख लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR) का एक हिस्सा बनाने के लिए 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर हासिल किया है, जिसे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के रूप में भी जाना जाता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रमुख लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR) का एक हिस्सा बनाने के लिए 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर हासिल किया है, जिसे बुलेट ट्रेन
ऑर्डर के दायरे में viaducts, एक स्टेशन, प्रमुख नदी पुल, रखरखाव डिपो, और अन्य सहायक कार्यों का निर्माण शामिल है।
लगभग 508 किमी लंबी मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना महाराष्ट्र, केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और गुजरात को कवर करेगी, जिसमें 12 स्टेशन हैं।
पूरा होने पर, हाई-स्पीड रेल 320 किमी प्रति घंटे की गति से संचालित होगी, पूरी दूरी को लगभग 2 घंटे में सीमित स्टॉप के साथ और सभी स्टॉप के साथ 3 घंटे में कवर किया जाएगा।
16. बेंगलुरु का बॉरिंग मेडिकल कॉलेज अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर
बेंगलुरु में बॉरिंग और लेडी कर्जन मेडिकल कॉलेज और रिसर्च इंस्टीट्यूट का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है।
संस्थान की स्थापना 2018-19 में बेंगलुरु के मध्य में शिवाजीनगर में बॉरिंग और लेडी कर्जन अस्पताल के परिसर में की गई थी।
संस्थान की स्थापना 2018-19 में बेंगलुरु के मध्य में शिवाजीनगर में बॉरिंग और लेडी कर्जन अस्पताल के परिसर में की गई थी।
17. सेवानिवृत्त आईएएस उत्पल कुमार सिंह लोकसभा के महासचिव नियुक्त किए गए
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सेवानिवृत्त आईएएस उत्पल कुमार सिंह (उत्तराखंड : 1986) को 1 दिसंबर 2020 से कैबिनेट सचिव की रैंक और दर्जे में लोकसभा सचिवालय और लोकसभा के महासचिव के पद पर नियुक्त किया है। 34 वर्ष के समृद्ध और विविध प्रशासनिक अनुभव से सम्पन्न, वरिष्ठ सिविल सेवक सिंह ने केंद्र और राज्य सरकारों में अर्थव्यवस्था और शासन के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।
सिंह ने उक्त अवधि के दौरान अवसंरचना और विशेषकर लोक कार्य, ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी; कृषि और बागवानी; मानव संसाधन; पुलिस और कार्मिक प्रबंधन; सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का प्रबंधन; विश्व बैंक और अन्य विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के प्रबंधन और हरिद्वार में अर्ध कुंभ जैसे महोत्सव के प्रबंध आदि जैसे विविध क्षेत्रों में नीति-निर्माण और प्रबंध कार्य किया है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव के रूप में ढाई वर्ष से भी अधिक समय के अपने कार्यकाल में उन्होंने राज्य और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के प्रबंधन और नीति निरूपण मैं दक्षतापूर्वक कार्य किया। उत्तराखंड के मुख्य सचिव का पदभार संभालने से पूर्व सिंह ने उत्तराखंड सरकार में उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सहित विभिन वरिष्ठ पदों पर अपनी सेवाएं प्रदान कीं।
सिंह ने केंद्र में भी कृषि और कृषक कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। इससे पूर्व सिंह लोकसभा सचिवालय के सचिव के रूप में कार्य कर रहे थे।
Comments