1. यूएई बना कोयले से बिजली बनाने वाला पहला अरब देश
संयुक्त अरब अमीरात हाल ही में कोयले से बिजली बनाने वाला पहला और संभवत: अंतिम अरब देश बन गया है। कोयला संयंत्र, हसायन को 3.4 बिलियन अमरीकी डालर की मदद से दुबई में स्थापित किया जाएगा । प्लांट की क्षमता 600 मेगावाट होगी। बाद में, 2023 तक इसकी क्षमता को बढ़ा कर 2,400 मेगावाट तक कर दिया जाएगा।
मुख्य तथ्य
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ऐसा इसलिए कर रहा है, क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात में सरकार तेजी से स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ रही है। जिसकी वजह से अक्षय ऊर्जा की कीमतों में गिरावट आ रही है।
कोयले से बिजली का उत्पादन करने के लिए, दुबई में 3.4 बिलियन डॉलर की लगत से हसायन कोयला संयंत्र शुरू किया गया है ।
हसायन कोयला संयंत्र
हसायन कोयला संयंत्र की शुरुआती क्षमता 600 मेगा वाट है जिसे 2023 तक बढ़ाकर 2,400 मेगा वाट करने का लक्ष्य है । दुबई को कोयले की आपूर्ति जापान की जेरा कंपनी द्वारा की जाएगी। जापान सऊदी अरब के एकवा पावर के साथ एक दीर्घकालिक समझौते के तहत दुबई को कोयला आपूर्ति करेगा। सऊदी अरब का एकवा पावर दुबई में कोयला बिजली संयंत्र विकसित कर रहा है।
कोयला संयंत्र क्यों स्थापित किया जा रहा है?
कोयला को बिजली उत्पादन के लिए सबसे गंदा ईंधन माना जाता है। इस तथ्य के बावजूद, दुबई कोयला आधारित बिजली संयंत्र का निर्माण कर रहा है। इसका कारण है, प्रदूषण के लिए हसायन के मानक प्राकृतिक गैस संयंत्रों के लिए दिशानिर्देशों पर आधारित होंगे।अगर यह इसका अनुपालन करता है, तो इसका मतलब यह होगा कि हसायन कोयला संयंत्र यूरोपीय संघ और कोयला संयंत्रों के लिए विश्व बैंक के अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम की तुलना में कम कार्बन का उत्सर्जन करता है।
अन्य खाड़ी देशों में परिदृश्य
खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों ने कोयला संचालित बिजली संयंत्र स्थापित करने की योजना को खारिज नहीं किया है। वर्ष 2018 में, ओमान ने डुकम में एक कोयला परियोजना के लिए एक निविदा शुरू की थी। हालांकि, बाद में इसे वापस ले लिया गया था।
2. हाइड्रोग्राफी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और वियतनाम ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
गहरे द्विपक्षीय सहयोग की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए दोनों मंत्रियों की उपस्थिति में भारत के राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय और वियतनाम हाइड्रोग्राफिक कार्यालय के बीच हाइड्रोग्राफी के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक कार्यान्वयन व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते से दोनों देशों के बीच हाइड्रोग्राफिक डेटा साझा करने में आसानी होगी और दोनों देश नेविगेशनल चार्ट के उत्पादन में एक-दूसरे को सहायता करेंगे।
इस करार पर हस्ताक्षर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वियतनाम के रक्षामंत्री जनरल नगो शुआन लिच के बीच वर्चुअल बैठक के दौरान किए गए। द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों मंत्रियों ने रक्षा उद्योग की क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सहयोग पर चर्चा की। इसके अलावा विभिन्न परियोजनाओं और द्विपक्षीय रक्षा कार्यों के बारे में भी चर्चा हुई।
भारत-वियतनाम संबंध पृष्ठभूमि
भारत और वियतनाम के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध काफी पुराने हैं। वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी प्रतिबंधों की निंदा करने के कारण भारत और वियतनाम संबंध और अधिक मज़बूत हुए।
भारत ने कंबोडिया-वियतनाम युद्ध में कुछ गैर-साम्यवादी देशों के साथ वियतनाम की सहायता की थी।
नवंबर 2007 में दोनों देशों के बीच राजनीतिक, रक्षा और सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, वाणिज्यिक व्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक तथा बहुपक्षीय एवं क्षेत्रीय सहयोग के लिए तैंतीस-सूत्रीय सहयोग पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे।
हाइड्रोग्राफी से सम्बंधित तथ्य
हाइड्रोग्राफी (Hydrography) के अंतर्गत महासागरों, समुद्रों, तटीय क्षेत्रों, झीलों और नदियों आदि को मापने के साथ-साथ आगामी समय में इनमें आने वाले विभिन्न परिवर्तनों की व्याख्या भी की जाती है।
हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के अभाव में जहाज़ों या मछली पकड़ने वाली नौकाओं के लिये नेवीगेशन काफी कठिन हो जाता है।
विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस मोनाक स्थित अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक संगठन की पहल पर प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिवस सर्वप्रथम वर्ष 2006 में आयोजित किया गया था।
3. फ्रांस ने फेसबुक व अमेज़ॅन पर विशेष डिजिटल कर फिर से शुरू किया
संयुक्त राज्य अमेरिका से चीज़, फ्रेंच शैम्पेन, हैंडबैग और अन्य सामानों पर जवाबी शुल्क बढ़ाने के खतरे के बावजूद फ्रांस ने डिजिटल टैक्स को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। इस कर के द्वारा वर्ष 2019 में फ्रांसीसी बजट में लगभग 400 मिलियन यूरो प्राप्त हुए थे। लेकिन, सरकार ने वर्ष 2020 में इसे स्थगित कर दिए था।
फ्रांस ने ऐसा फैसला क्यों लिया ?
फ्रांस ने ऑनलाइन कंपनियों पर कर लगाने के अंतरराष्ट्रीय सौदे पर लंबित टैरिफ खतरे को दूर करने के अमेरिका के वादे के आलोक में डिजिटल टैक्स को फिर से शुरू करने का फैसला लिया।
ऐसे टैक्स लगाने वाले अन्य देश कौन से हैं
इसी तरह के कदम कई यूरोपीय देशों द्वारा भी उठाए गए हैं। यूरोपीय देशों ने इसी तरह के उपाय लागू किए हैं, जिनका उद्देश्य अमेज़ॅन और फेसबुक जैसे ऑनलाइन दिग्गजों को उन देशों में पूर्ण करों का भुगतान करने के लिए मजबूर करना है जहां वे व्यापार करते हैं।
GAFA टैक्स
GAFA टैक्स का नाम Google, Apple, Facebook, Amazon के नाम पर रखा गया है। यह एक प्रस्तावित डिजिटल टैक्स है जो बड़ी प्रौद्योगिकी और इंटरनेट कंपनियों पर लगाया जाएगा। इस कर को लागू करने का निर्णय सबसे पहले फ्रांस ने लिया था।
पृष्ठभूमि
जनवरी 2020 में 137 देशों ने एक समझौते पर बातचीत करने के लिए सहमति व्यक्त की थी कि कैसे 2020 के अंत तक तकनीक बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कर देना है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के तत्वावधान में इस पर सहमति बनी।फ्रांस, ब्रिटेन, इटली और स्पेन ने ओईसीडी के स्तर पर “एक निष्पक्ष डिजिटल कर” पर सहमति व्यक्त की थी, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने डिजिटल दिग्गजों के लिए वैश्विक कर प्रणाली बनाने के निर्णय से हमेशा अपने हाथ पीछे खीचे है।
4. अयोध्या हवाई अड्डे का नाम बदलकर होगा मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हवाई अड्डा
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने अयोध्या हवाई अड्डे का नाम बदलकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हवाई अड्डा, अयोध्या, उत्तर प्रदेश रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
राज्य विधानसभा द्वारा पारित किए जाने के बाद उसी के लिए प्रस्ताव नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने नवंबर 2018 में दीपावली की पूर्व संध्या पर दीपोत्सव के अवसर पर घोषणा की थी कि अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू दोनों टर्मिनल होंगे और संभवतः यह यूपी के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक हो सकता है।
5. वाहनों की भीड़ तथा प्रदूषण को कम करने के लिये मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश जारी
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साझा गतिशीलता को विनियमित करने और वाहनों की भीड़ तथा प्रदूषण कम करने के लिए मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों का मकसद राज्य सरकारों द्वारा एग्रीगेटर के लिए एक नियामक मसौदा तैयार करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एग्रीगेटर अपने परिचालन के लिए जवाबदेह हों।
इन दिशा-निर्देशों को जारी करने के उद्देश्य
साझा गतिशीलता को विनियमित करना और यातायात की भीड़ तथा प्रदूषण को कम करना। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में ‘एग्रीगेटर’ शब्द की परिभाषा को शामिल करने के लिए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 लाया गया है।
संशोधन से पहले एग्रीगेटर का विनियमन उपलब्ध नहीं था। इस संशोधनों के तहत एग्रीगेटर को कारोबार करने के लिए राज्य सरकार से लाइसेंस लेना होगा। लाइसेंस ना लेने कि स्थिति मे अधिनियम की धारा 93 के तहत दंड का भी प्रावधान है।
कारोबारी सुगमता, ग्राहक सुरक्षा और चालक कल्याण के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की सरकारों और प्राशासन को पत्र भेज कर इन दिशानिर्देशों को लागू कराने को कहा है।
ये दिशा-निर्देश राज्य सरकारों द्वारा एग्रीगेटर्स के लिए एक नियामक ढांचा स्थापित करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एग्रीगेटर उनके द्वारा निष्पादित कार्यों के लिए जवाबदेह और जिम्मेदार हैं।
व्यवसाय को एग्रीगेटर्स द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा के रूप में भी माना जाएगा जो रोजगार सृजन और जनता को कम्यूटेशन सुविधाएं दिलाने के संदर्भ में जनहित की सेवा है और कम कीमत पर आसानी से उपलब्ध है।
यह सरकार को, सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा से ज्यादा उपयोग सुनिश्चित करने, ईंधन की खपत को कम कर आयात बिल को कम करने और वाहन प्रदूषण को कम कर मानव स्वास्थ्य को कम से कम नुकसान सुनिश्चित करने में मददगार होगा।
6. लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह बने भारतीय सेना के नए इंजीनियर-इन-चीफ
लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने भारतीय सेना के नए इंजीनियर-इन-चीफ को नियुक्त किया है। वह वर्तमान में सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक हैं और 1 दिसंबर को अपनी नई नियुक्ति के लिए कार्यभार सम्भालेंगे।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के एलुमिनाई लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह को 24 दिसंबर 1982 को कोर ऑफ इंजीनियर्स में नियुक्त किया गया था।
बाद में उन्होंने जम्मू और कश्मीर घाटी में सीमा सड़क, टास्क फोर्स की कमान संभाली। वह भूटान, मुंबई में मुख्य अभियंता (नौसेना), और मुख्य अभियंता मुख्यालय पूर्वी कमान में प्रोजेक्ट दन्तक (बीआरओ) के मुख्य अभियंता भी रह चुके हैं।
7. GDP में 7.5 फीसदी की गिरावट, अर्थव्यवस्था में सुधार, लेकिन देश तकनीकी मंदी की चपेट में
देश की अर्थव्यवस्था ( Economic Growth Rate) में कोविड के शुरुआती झटके के बाद सुधार दिखाई दे रहा है। लॉकडाउन के असर से वित्त वर्ष 2020-21 (Financial Quarter Results) की पहली तिमाही में तगड़े झटके के बाद दूसरी तिमाही ने उबरने के संकेत दिए हैं। दूसरी तिमाही में GDP में गिरावट -7.5 फीसदी रही। जबकि पहली तिमाही में जीडीपी में -23.9 फीसदी की गिरावट रही थी। लेकिन देश तकनीकी मंदी की चपेट में जाता दिख रहा है।
कोरोना के कारण मार्च के अंत में करीब दो माह का लॉकडाउन (Lockdown) लगा था। जबकि मई के अंत में सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू की थी। इससे अर्थव्यवस्था को पटरी पर आने में मदद मिली है। GDP के तिमाही आंकड़े जारी होना 1996 से शुरू होने के बाद पहली बार तकनीकी मंदी की आहट है। आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि जुलाई-सितंबर की इस तिमाही के आंकड़े आशंकाओं से बेहतर रहे हैं। विश्लेषकों ने जीडीपी में -8.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था। अर्थव्यवस्था में थोड़े सुधार के बावजूद पूरे वित्तीय वर्ष में आर्थिक विकास दर -8.7 फीसदी (GDP Growth Rate) रहने का अनुमान है, जो चार दशकों से ज्यादा के वक्त में सबसे बुरा आर्थिक प्रदर्शन होगा।
कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उछाल कृषि (Agriculture), मत्स्यपालन और वानिकी के क्षेत्र की रफ्तार तेज हुई है। मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing), बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपभोग की सेवाओं में इस तिमाही में उल्लेखनीय सुधार दिखा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उछाल से रोजगार बढ़ोतरी (Employment Growth) की उम्मीद है।
रोजगार में बढ़ोतरी की उम्मीद अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ उम्मीद है कि रोजगारों में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम की डिमांड भी बढ़ सकती है। देश में कोरोना के मामलों में रोजाना गिरावट भी आ रही है। जो सितंबर के मध्य में 97 हजार तक पहुंच गए थे। अब यह तादाद 40 से 50 हजार के बीच रह गई है। देश में अब तक 92 लाख से ज्यादा कोरोना के मरीज मिल चुके हैं, जो अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा हैं।
वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में पॉजिटिव रहेगी अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 की बाकी दो तिमाहियों में विकास दर (Growth Rate) में और बेहतरी हो सकती है। अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में विकास दर -3 फीसदी रह सकती है। जबकि जनवरी-मार्च की आखिरी तिमाही में यह 0.5 फीसदी की विकास दर के साथ फिर से वृद्धि का संकेत दे सकती है।
त्योहारी सीजन का असर तीसरी तिमाही में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वित्त वर्ष 2021-22 यानी अप्रैल 2021 के बाद से उपभोक्ताओं की मांग (Consumer Demand) में दोबारा तेजी के साथ अर्थव्यवस्था फिर रफ्तार पकड़ सकती है। वाहन बिक्री, माल ढुलाई और गैर टिकाऊ वस्तुओं के क्षेत्र में उपभोक्ताओं की मांग में तेजी आने का अनुमान है। सरकार ने हाल ही में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत तीसरे पैकेज की घोषणा की है। त्योहारी सीजन का भी अच्छा असर तीसरी तिमाही के नतीजों में दिख सकता है।
आत्मनिर्भर भारत 3.0 का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में आत्मनिर्भर भारत 3.0 (Atmanirbhar Bharat 3.0) के तहत 2.65 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इसमें रियल इस्टेट समेत रोजगार को बढ़ाने वाले सेक्टरों को मदद की घोषणा की गई थी। इससे कोरोना काल में कुल मौद्रिक और वित्तीय प्रोत्साहन का राशि 29.88 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो जीडीपी का 15 फीसदी है।
8. विश्व बैंक के पूर्व अध्यक्ष जेम्स वोल्फेंसन का निधन
ऑस्ट्रेलियाई-अमेरिकी वकील, इन्वेस्टमेंट बैंकर, और अर्थशास्त्री जेम्स वोल्फेंसन, जिन्होंने 10 साल तक विश्व बैंक के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, का निधन हो गया। उन्होंने 1995 से 2005 तक विश्व बैंक समूह के नौवें अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ मिलकर, वोल्फेंसन ने 1996 में एक कार्यक्रम Heavily Indebted Poor Countries Initiative देशों की पहल शुरू की,जिसने अंततः दुनिया के 27 सबसे गरीब देशों को ऋण राहत में $ 53 बिलियन से अधिक की राशि प्रदान की।
9. भारतीय आईटी उद्योग के जनक FC कोहली का निधन
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के संस्थापक, फ़कीर चंद कोहली, जिन्हें भारतीय आईटी उद्योग के पिता( Father of the Indian IT industry) के रूप में जाना जाता है, का निधन हो गया है। संस्थापक होने के अलावा, वह टीसीएस के पहले सीईओ भी थे।
कोहली ने टाटा पावर कंपनी के उप महाप्रबंधक के रूप में भी काम किया और पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष थे।
टीसीएस के पहले सीईओ के रूप में, उन्होंने भारत की आईटी क्रांति का बीड़ा उठाया और देश को 190 बिलियन डॉलर के आईटी उद्योग के निर्माण में मदद की। स्वभाव से दूरदर्शी और अग्रणी, कोहली को भारत सरकार से पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।
10. Coronavirus Live Update:पिछले 24 घंटों में Covid-19 के 41,322 नए मामले, 485 मौत
Coronavirus Live Update: भारत समेत दुनियाभर के 180 से ज्यादा देशों में कोरोनावायरस (Coronavirus) का खौफ देखने को मिल रहा है। अभी तक 6.16 करोड़ से ज्यादा लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। यह वायरस 14.42 लाख से ज्यादा संक्रमितों की जिंदगी छीन चुका है। भारत (Coronavirus India Report) में भी हर रोज COVID-19 के मामले बढ़ रहे हैं। संक्रमितों की संख्या 93 लाख पार हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 93,51,109 हो गई है। पिछले 24 घंटों में (शुक्रवार सुबह 8 बजे से लेकर शनिवार सुबह 8 बजे तक) कोरोना के 41,322 नए मामले सामने आए हैं।
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