1. यूनिसेफ ने लांच किया COVID-19 वैक्सीन मार्केट डैशबोर्ड
हाल ही में यूनिसेफ ने COVID-19 वैक्सीन मार्केट डैशबोर्ड को COVAX खरीद समन्वयक और खरीद एजेंट के रूप में लॉन्च किया है।
मुख्य बिंदु
यह देशों और उद्योगों के लिए तेजी से विकसित हो रहे COVID-19 टीकों के विकास की जानकारी प्राप्त करने के लिए एक इंटरैक्टिव टूल है। यह COVAX सुविधा के प्रयासों के बारे में जानने के लिए एक प्लेटफार्म के रूप में भी काम करेगा। इसके साथ, यूनिसेफ का उद्देश्य सभी देशों के लिए COVID-19 वैक्सीन की निष्पक्ष और न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करना है। यह डैशबोर्ड वैश्विक अनुसंधान और COVID-19 वैक्सीन के विकास, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय आपूर्ति समझौते, अनुमानित उत्पादन क्षमता और रिपोर्ट किए गए मूल्य पर नियमित अपडेट प्रदान करेगा।
COVAX
COVAX का लक्ष्य COVID-19 टीकों को विकसित करना, खरीदना और समान रूप से वितरित करना है। इसका नेतृत्व CEPI (Coalition for Epidemic Preparedness Innovation), वैक्सीन गठबंधन, GAVI (Global Alliance for Vaccine and Immunisation) द्वारा किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सभी देशों और वैक्सीन निर्माताओं को एक प्लेटफार्म पर लाना है। हालाँकि, अमेरिका ने COVAX में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
इसका उद्देश्य 2021 के अंत तक दो बिलियन वैक्सीन खुराक को सुरक्षित करना है। यह वैक्सीन राष्ट्रवाद को रोकने के लिए काम करेगा।
ACT-Accelerator
ACT-Accelerator का अर्थ ‘Access to COVID-19 Tools Accelerator’ है। यह नए COVID-19 डायग्नोस्टिक्स के विकास, उत्पादन और न्यायसंगत पहुंच में तेजी लाने के लिए एक वैश्विक सहयोग है।
PAHO
PAHO का अर्थ ‘Pan American Health Organisation’ है। यह एक विशेष अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी है। यह पूरे क्षेत्र के देशों के साथ काम करता है ताकि लोगों के स्वास्थ्य में सुधार और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
2. ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच हुआ ब्रेक्जिट व्यापार समझौता
ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच 31 दिसंबर की समय-सीमा की समाप्ति से कुछ दिन पहले ब्रेक्जिट-बाद मुक्त व्यापार करार हो गया है। लंदन में डाउनिंग स्ट्रीट और ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की। इस करार के साथ हजारों पृष्ठों के कानूनी दस्तावेज जुड़े हैं और इसका ब्योरा अगले कुछ दिन में आने की उम्मीद है। इसमें दोनों पक्षों की संसद द्वारा एफटीए का अंतिम अनुमोदन शामिल है। डाउनिंग स्ट्रीट ने बयान में कहा कि हमने ब्रेक्जिट को पूरा कर लिया है और अब हम स्वतंत्र व्यापार करने वाले देश की तरह अपने पास उपलब्ध अवसरों का पूरा फायदा ले सकते हैं और दुनिया के अन्य भागीदारों के साथ व्यापार करार कर सकते हैं। डाउनिंग स्ट्रीट ने घोषणा की कि हमने शून्य शुल्क और शून्य कोटा के आधार पर पहले मुक्त व्यापार करार पर हस्ताक्षर कर लिए हैं। ये दोनों पक्षों द्वारा किया गया सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापार करार है। इसके तहत 2019 में 668 अरब पाउंड का व्यापार आता है। डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा कि ब्रिटेन ने अपने पैसा, सीमा, कानून, व्यापार और मछली पकड़ने के जल क्षेत्र का नियंत्रण फिर हासिल कर लिया है। दूसरी ओर यूरोपीय संघ ने कहा कि यह एक अच्छा करार है, जो एक ‘लंबा और चौड़ा रास्ता दिखाता है। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने ब्रेसल्स में कहा कि अंतत: हम करार पर पहुंच गए। यह एक निष्पक्ष और जिम्मेदार करार है। उन्होंने कहा कि ईयू के नियमों और मानदंडों का सम्मान होगा। ब्रिटेन लंबे समय तक हमारा सहयोगी रहा। अब भविष्य की ओर देखने का समय है क्योंकि आर्थिक ब्लॉक के साथ संबंधों में अब ब्रिटेन ‘तीसरा देश’ होगा। अब ब्रिटेन के यूरोपीय संघ की आर्थिक संरचना से बाहर निकलने से पहले इस करार को मंजूर और अनुमोदित करने की ‘दौड़’ होगी। ब्रिटेन की संसद द्वारा अगले सप्ताह इस करार को अनुमोदित दिए जाने की उम्मीद है। हाउस ऑफ कॉमंस में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के पास पर्याप्त बहुमत है, जिससे समय पर करार पर हस्ताक्षर की संभावना है।योरपीय संघ द्वारा नए साल में करार को अनुमोदित किए जाने की उम्मीद है। यूरोपीय संघ के सदस्य देशों द्वारा इसपर वीटो अधिकार का इस्तेमाल किए जाने की उम्मीद नहीं है। दोनों पक्षों के बीच महीनों तक इस करार को लेकर वार्ता में कई बार तनाव की स्थिति बनी। दोनों पक्षों के बीच मुख्य मुद्दा निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा नियम, भविष्य के विवादों को निपटाने की व्यवस्था और मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर था। अंतिम बाधा ब्रिटेन के जल क्षेत्र में यूरोपीय संघ की नावों के जाने के अधिकार को लेकर थी, जिसे बाद में सुलझा लिया गया।
3. यूरोपीय संघ ने गरीब देशों को प्लास्टिक अपशिष्ट निर्यात करने पर प्रतिबन्ध लगाया
हाल ही में यूरोपीय संघ ने घोषणा की है कि उसने गरीब देशों को प्लास्टिक के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यह नए नियम यूरोपीय संघ के 2006 अपशिष्ट शिपमेंट विनियमन में संशोधन करेंगे, इसके द्वारा OECD के बाहर कम विकसित देशों को निर्यात पर रोक लगाई जाएगी।
मुख्य बिंदु
चीन ने 2018 में प्लास्टिक आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था, उसके बाद यूरोपीय संघ ने यह फैसला लिया है। नए नियमों के अनुसार, गैर-ओईसीडी देशों को केवल साफ और गैर-खतरनाक अपशिष्ट निर्यात को रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जा सकता है। यह एक परिपत्र अर्थव्यवस्था (circular economy) की स्थापना करने के लिए यूरोपीय संघ का एक महत्वपूर्ण प्रयास का एक हिस्सा है।
ओईसीडी के 37 देशों के भीतर खतरनाक प्लास्टिक के निर्यात को भेजने वाले देश और प्राप्त करने वाले देश को अनुमति लेनी होगी। यह नए नियम 1 जनवरी, 2021 से लागू हो जायेंगे। ये नियम यूरोपीय संघ के भीतर प्लास्टिक शिपमेंट को नियंत्रित करेंगे।
पिछले साल यूरोपीय संघ ने 1.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरे का निर्यात किया है, जो ज्यादातर इंडोनेशिया, मलेशिया और तुर्की को भेजा गया था।
1989 बेसल कन्वेंशन
Control of Transboundary Movements of Hazardous Wastes and Their Disposal अथवा बेसेल कन्वेंशन पर 1989 में हस्ताक्षर किये गये थे। इस संधि का उद्देश्य देशों के बीच खतरनाक कचरे के हस्तांतरण को कम करना है। यूरोपीय संघ और 186 देश इस कन्वेंशन में शामिल हैं।
4. 25 दिसम्बर : सुशासन दिवस (Good Governance Day)
भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर को हुआ था, उनके जन्म दिवस को सुशासन दिवस के रूप मनाया जाता है। इस दिवस को पहली बार 2014 में मनाया गया था। उन्हें भारतीय राजनीती के सर्वाधिक प्रभावशाली नेताओं में से एक माना जाता है।
अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (अब लक्ष्मी बाई कॉलेज) से स्नातक की पढाई की। इसके बाद DAV कॉलेज कानपूर से उन्होंने राजनीतिक विज्ञान में M.A. की डिग्री प्राप्त की। शुरू में आर्य समाज से जुड़े थे। 1939 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जुड़े और प्रचारक बने। अटल बिहारी वाजपेयी ने युवावस्था में ही स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेने शुरू किया, भारत छोडो आन्दोलन में अटल बिहारी वाजपेयी और उनके बड़े भाई प्रेम को 23 दिनों के लिए कारागार में डाला गया था।
1977 के आम चुनावों में जनता पार्टी की जीत के बाद अटल बिहारी वाजपेयी को मोरारजी देसाई के मंत्रीमंडल में विदेश मंत्री का पद दिया गया था। विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया था, वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण देने वाले पहले व्यक्ति थे। 1980 में अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवानी और भैरों सिंह शेखावत ने भारतीय जनता पार्टी के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। वे पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने, हालांकि उनका कार्यकाल केवल 13 दिन का था। दूसरी बार वे 1998 से 1999 के बीच 11 महीने के लिए प्रधानमंत्री बने। 1999 से 2004 के बीच वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने, इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। इसके अलावा वे मोरारजी देसाई की कैबिनेट में विदेश मंत्री भी रहे।
अटल बिहारी वाजपेयी लगभग 4 दशक तक भारतीय संसद के सदस्य थे, वे 10 बार लोकसभा के सदस्य तथा 2 बार राज्यसभा के सदस्य चुने गये। 2009 में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से सक्रीय राजनीती से सन्यास लिया।
5. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने 1.5 करोड़ उपचारों का आंकड़ा पार किया
हाल ही में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने 1.5 करोड़ उपचारों का आंकड़ा पार कर लिया है। इस योजना के द्वारा देश के कमज़ोर वर्गों को स्वास्थ्य सुरक्षा का लाभ मिला है।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत)
भारत सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एक सरकारी स्वास्थ्य योजना है, इसके तहत एक परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जायेगा। इसका लाभ किसी सरकारी व कुछ एक निजी अस्पतालों में लिया जा सकता है।
इस योजना के लिए 60% योगदान केंद्र द्वारा दिया जायेगा, जबकि शेष राशी राज्यों द्वारा दी जाएगी। इस योजना के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए नीति आयोग भी साथ में कार्य करेगा।
इस योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या व आयु पर कोई सीमा नहीं है। इसके तहत अस्पताल में भर्ती होने से पहले व बाद के खर्च को भी शामिल किया जायेगा। इस योजना में हॉस्पिटलाईजेशन के दो दिन पहले की दवा, डायग्नोसिस और बेड चार्जेज शामिल हैं। इसके अलावा हॉस्पिटलाईजेशन की अवधि तथा उसके बाद के 15 दिन के खर्च को इसमें कवर किया जायेगा। हॉस्पिटलाईजेशन के लिए रोगी को परिवहन व्यय भी दिया जायेगा।
6. प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम-किसान योजना के तहत 9 करोड़ से अधिक किसानों को 18,000 करोड़ रुपये की किश्त जारी की
25 दिसम्बर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) किश्त जारी की। इसके तहत प्रत्येक किसान को 2000 रुपये प्राप्त हुए। इस किश्त का लाभ 9 करोड़ किसानों को होगा, इसके लिए 18,000 करोड़ रुपये व्यय किये गये।
मुख्य बिंदु
इस मौके पर प्रधानमंत्री विभिन्न राज्यों के किसानों के साथ बातचीन भी की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं का ज़िक्र भी किया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब से यह योजना शुरू हुई है, तब से लेकर अब तक कुल मिलाकर 1,10,000 करोड़ रुपये किसानों के खातों में पहुँच चुके हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की इस किश्त को 25 दिसम्बर को जारी किया गया। गौरतलब है कि 25 दिसम्बर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती है, इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2022-23 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इसी दिशा में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत किसानों को एक साल में 2000 रुपये की तीन किश्तों के द्वारा 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस राशी से छोटे व सीमान्त किसान अपने कृषि खर्च का वहन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN)
इस योजना के केंद्र सरकार छोटे व सीमान्त किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये की वित्तीय सहायता देती है। इस योजना से सरकार खजाने से 75,000 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे। इस योजना का उद्देश्य उन किसानों की सहायता करना है जिन्हें ख़राब मौसम अथवा कम कीमत के कारण नुकसान होता है। यह 6000 रुपये की राशि 2000-2000 हज़ार की तीन किश्तों में सीधे किसानों के खातों में हस्तांतरित की जाती। इस योजना का लाभ वे किसान ले सकते हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है।
7. ITI छात्रों की डिजिटल स्किलिंग में सहायता करेंगे नैसकॉम और माइक्रोसॉफ्ट फाउंडेशन
केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के प्रशिक्षण महानिदेशालय ने ITI छात्रों के लिए डिजिटल सामग्री प्रदान करने और कौशल विकास के लिए माइक्रोसॉफ्ट फाउंडेशन और नैसकॉम के साथ मिलकर कार्य करने का फैसला किया है।
मुख्य बिंदु
इस पहल से देश भर के 3000 ITI संस्थानों के लगभग 1.2 लाख छात्रों को लाभ मिलेगा। इस पहल के तहत छात्रों को ई-लर्निंग मॉड्यूल (भारत स्किल्स पोर्टल) के माध्यम से डिजिटल सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। इससे आईटीआई छात्र भविष्य में रोज़गार के लिए स्वयं को तैयार कर सकते हैं और इससे उन्हें रोज़गार प्राप्त करने में आसानी होगी।
NASSCOM: National Association of Software & Services Companies
NASSCOM भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) उद्योग का वैश्विक गैर-लाभकारी व्यापार संगठन है। यह सॉफ्टवेयर और सेवाओं में व्यापार की सुविधा प्रदान करता है और सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी में शौध प्रगतियों को प्रोत्साहित करता है। यह भारतीय सोसाइटीज अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, मुंबई, पुणे और तिरुवनंतपुरम में इसके क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं। इस विश्व स्तरीय आईटी व्यापार निकाय में 2000 से अधिक सदस्य शामिल हैं, इनमे 250 से अधिक कंपनियां चीन, यूरोपीय संघ, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन की हैं। NASSCOM की सदस्य कंपनियां सॉफ्टवेयर विकास, सॉफ्टवेयर सेवाओं, सॉफ्टवेयर उत्पादों, आईटी-क्षमता / बीपीओ सेवाओं और ई-कॉमर्स के क्षेत्र में कार्यरत्त हैं।
8. ओडिशा के राउरकेला में बनाया जाएगा भारत का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम
हाल ही में ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक ने घोषणा की कि ओडिशा के राउरकेला में भारत का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम बनाया जाएगा, इस स्टेडियम में 20,000 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। इस स्टेडियम का निर्माण बीजू पटनायक यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी के कैंपस में किया जाएगा। इसका निर्माण 15 एकड़ की भूमि पर किया जाएगा। इस स्टेडियम में 2023 के पुरुष हॉकी विश्व कप के मैचों का आयोजन भी किया जायेगा।
पुरुष हॉकी विश्व कप 2023
2023 में पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी भारत द्वारा की जायेगी। गौरतलब है कि इस विश्व कप की मेजबानी के लिए तीन देशों ने अपनी दावेदारी पेश की थी। 2023 में पुरुष विश्व कप का आयोजन 13 से 29 जनवरी के दौरान किया जायेगा। वर्ष 2018 में भुवनेश्वर में पुरुष हॉकी विश्व कप का आयोजन किया गया था, जबकि 2010 में पुरुष हॉकी विश्व कप का आयोजन नई दिल्ली में किया जायेगा।
अंतर्राष्ट्रीय हॉकी संघ
यह अंतर्राष्ट्रीय हॉकी की गवर्निंग बॉडी है। इसका गठन 7 जनवरी, 1924 में किया गया था। इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के लुसेन में स्थित है। वर्तमान में 137 देश इसके सदस्य हैं। अंतर्राष्ट्रीय हॉकी संघ के मौजूदा अध्यक्ष भारत के नरिंदर बत्रा हैं। अंतर्राष्ट्रीय हॉकी संघ अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी टूर्नामेंट की मेजबानी करने में मुख्य भूमिका निभाता है।
9. भारतीय खिलाड़ी सतनाम सिंह डोप में फंसे, लगा दो साल का बैन
नेशनल बास्केटबॉल लीग (एनबीए) में खेलने वाले भारत के पहले बास्केटबॉल खिलाड़ी सतनाम सिंह भामारा पर डोपिंग के कारण दो साल का प्रतिबंध लगा है। वे पिछले साल नवंबर में डोपिंग परीक्षण में विफल रहे थे, जिसके बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था।
नाडा की तरफ से लगाया गया प्रतिबंध 19 नवंबर 2019 से लागू होगा और 18 नवंबर 2021 को खत्म होगा। इस दौरान वे भारत के लिए किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। पंजाब के खिलाड़ी को साल 2015 में एनबीए टीम डलास मेवरिक्स में चुना गया था।
दक्षिण एशियाई खेलों (सैग) की तैयारी
सतनाम सिंह दक्षिण एशियाई खेलों (सैग) की तैयारियों के लिए लगाए गए शिविर के दौरान नाडा की तरफ से बेंगलुरु में टूर्नमेंट के बाहर आयोजित हुए परीक्षण में विफल रहे थे। उस समय सतनाम सिंह ने इससे इन्कार किया था, लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकार कर लिया था।
दक्षिण एशियाई खेलों से हटने का फैसला
भारतीय खिलाड़ी सतनाम सिंह भामरा ने व्यक्तिगत कारणों से 01 दिसंबर से शुरू हुए 13वें दक्षिण एशियाई खेलों से हटने का फैसला किया था। यह खिलाड़ी दक्षिण एशियाई खेलों (सैग) के लिए बेंगलुरु के साई सेंटर में ट्रेनिंग कर रहा था।
बी नमूने की जांच कराने का अधिकार
नाडा के नियमों के मुताबिक एक एथलीट के पास ए नमूने का नोटिस मिलने के सात दिन के अंदर बी नमूने की जांच कराने का अधिकार है। अगर बी नमूना भी पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके मामले की सुनवाई नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल द्वारा होती है जो फैसला करता है कि सजा दी जाए या नहीं।
लीग में चुने जाने वाले भारत के पहले खिलाड़ी
सतनाम सिंह को साल 2015 में एनबीए ड्राफ्ट में चुना गया था। वे बास्केटबॉल की सबसे बड़ी लीग में चुने जाने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने थे।
दो साल का बैन
हिगेनेमाइन बीट-2-एगोनिस्ट के सेवन का दोषी पाए जाने के बाद सतनाम सिंह भामारा पर भारतीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) की अनुशासन समिति ने दो साल का बैन लगा दिया है। नाडा ने 24 दिसंबर को ट्वीट करते हुए लिखा कि सतनाम सिंह भामारा, बास्केटबाल खिलाड़ी हिगेनामाइन बीट-2-एगोनिस्ट के सेवन के दोषी पाए गए हैं। डोपिंग रोधी अनुशासन समिति ने उन पर दो साल का बैन लगाया है।
प्रतिबंधित पदार्थो की सूची में हिगेनामाइन
हिगेनामाइन को विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की प्रतिबंधित पदार्थो की सूची में साल 2017 में शामिल किया गया था। सेंटर पोजिशन पर खेलने वाले सतनाम सिंह को टेक्सास लीजेंड्स के ओपनिंग नाइट रूस्टर में शामिल किया गया था। उन्होंने साल 2015-16 में जी सीग सीजन में ओपनिंग नाइट को पदार्पण किया था।
सतनाम सिंह भमरा: एक नजर में
सतनाम सिंह भमरा भारतीय मूल के पेशेवर बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं। उनका जन्म 10 दिसंबर 1995 को भारत के पंजाब राज्य के जिला बरनाला के बल्लो के गाँव में हुआ था।
पंजाब के 7 फुट 2 इंच लंबे इस खिलाड़ी ने एशियाई चैंपियनशिप 2018, राष्ट्रमंडल खेलों और 2019 विश्व कप क्वालीफायर जैसे प्रमुख टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
नाडा की तरफ से लगाया गया प्रतिबंध 19 नवंबर 2019 से लागू होगा और 18 नवंबर 2021 को खत्म होगा। इस समय के दौरान वे भारत के लिए किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
10. फीफा ने अंडर-17 और अंडर-20 विश्व कप को 2023 तक स्थगित किया गया
हाल ही में फीफा ने कोरोनावायरस महामारी के कारणअंडर-17 और अंडर-20 विश्व कप को रद्द कर दिया है। यह विश्व कप अब 2023 में आयोजित किये जायेंगे, इंडोनेशिया अंडर-20 और पेरू अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी करेगा। फीफा परिषद के ब्यूरो ने कहा, COVID-19 महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी और अंतरराष्ट्रीय यात्रा में काफी चुनौतियाँ पेश आ रही हैं। इसके चलते लगातार कई प्रतियोगिताएं की समय सारणी में बदलाव किया गया है।
अंडर-17 महिला विश्व कप
2022 में फीफा द्वारा अंडर-17 महिला विश्व कप का आयोजन भारत में किया जायेगा। पहले इस विश्व कप का आयोजन भारत में 2020 में किया जाना था, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के कारण इसे रद्द कर दिया गया है। अब इसका आयोजन वर्ष 2022 में भारत द्वारा किया जायेगा। इस प्रतियोगिता में 16 टीमें हिस्सा लेंगी। इससे पहले भारत ने 2017 पुरुषों के अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप का आयोजन सफलतापूर्वक किया था।
फीफा
फीफा के सदस्य देशों को छह संघों के तहत वर्गीकृत किया गया है। भारत एशियाई फुटबॉल परिसंघ के अंतर्गत आता है। फीफा की स्थापना 1904 में डेनमार्क, बेल्जियम, जर्मनी, नीदरलैंड, स्वीडन, स्पेन और स्विट्जरलैंड के संगठनों के बीच प्रतिस्पर्धा की देखरेख के लिए की गई थी। फीफा का मुख्यालय ज्यूरिख में स्थित है। फीफा स्विट्जरलैंड के कानून के तहत स्थापित एक संघ है।
11. विश्व भारती विश्वविद्यालय का शताब्दी समारोह मनाया गया
24 दिसम्बर को विश्व भारती विश्वविद्यालय का शताब्दी समारोह मनाया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित किया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का दृष्टिकोण आत्मानिभर भारत का सार है।
पीएम मोदी ने आगे कहा किविश्व भारती ने हमें दिखाया, प्रकृति के साथ कैसे रहना और सीखना है। उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र प्रमुख देश है जो पेरिस समझौते के तहत निर्धारित पर्यावरण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से भारत पर्यावरण संरक्षण में भी विश्व में अग्रणी है।
मुख्य बिंदु
विश्व भारती विश्वविद्यालय देश का सार्वजनिक केंद्रीय विश्वविद्यालय है और इसे सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय माना जाता है।
इसकी स्थापना रवींद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1921 में की थी। 1951 में एक अधिनियम के द्वारा इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया गया था। यह पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में स्थित है, और इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (INI) का दर्जा प्राप्त है। विश्व भारती विश्वविद्यालय को NIRF 2020 रैंकिंग की समग्र श्रेणी में 69वां स्थान प्राप्त हुआ था है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) का शताब्दी समारोह
22 दिसंबर को पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह को संबोधित किया था। पीएम मोदी ने इस आयोजन के दौरान एक डाक टिकट भी जारी किया। यह विश्वविद्यालय वर्ष 1875 में मुहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज के रूप में स्थापित किया गया था बाद में यह वर्ष 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रूप में अस्तित्व में आया। NIRF 2020 में इस विश्वविद्यालय की समग्र रैंकिंग 31 है।
12. लद्दाख का त्सो कर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स बना भारत की 42वां रामसर स्थल
भारत ने हाल ही में त्सो कर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स को अपने 42वीं रामसर साइट के रूप में जोड़ा है। यह लद्दाख में दूसरी रामसर साइट है।
त्सो कर
त्सो कर बेसिन एक उच्च ऊंचाई वाले आर्द्रभूमि क्षेत्र में स्थित है। इसमें दो मुख्य जल क्षेत्र स्टार्ट्सपुक त्सो और त्सो कर शामिल हैं। स्टार्ट्सपुक त्सो दक्षिण में 438 हेक्टेयर की एक मीठे पानी की झील है। त्सो कर झील 1800 हेक्टेयर की एक अत्याधिक लवणीय झील है।
बर्ड लाइफ इंटरनेशनल के अनुसार त्सो कर बेसिन एक ‘A1 Category Important Bird Area’ है। यह मध्य एशियाई फ्लाईवे में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसके अलावा, यह स्थान भारत में ब्लैक नेक्ड क्रैंस का सबसे महत्वपूर्ण प्रजनन क्षेत्र है।
इसे तशो कर झील भी कहा जाता है। यह रूपुशू पठार में स्थित एक उतार-चढ़ाव वाली खारे पानी की झील है।
‘महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र’ क्या है?
‘महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र’ पक्षी आबादी के संरक्षण के लिए एक समूह द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित क्षेत्र है। यह बर्ड लाइफ इंटरनेशनल द्वारा विकसित किया गया था। दुनिया भर में 12,000 महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र हैं।
वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र मानदंड
इन मानदंडों के आधार पर, वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है:
A1 श्रेणी: वैश्विक रूप से संकटग्रस्त प्रजाति।
ए 2 श्रेणी: प्रतिबंधित श्रेणी की प्रजातियां
A3: बायोम प्रतिबंधित प्रजाति
A4: समूह
मध्य एशियाई फ्लाईवे
मध्य एशियाई फ्लाईवे आर्कटिक महासागर और हिंद महासागर के बीच यूरेशिया के महाद्वीपीय क्षेत्र को कवर करता है। इसमें साइबेरिया, भारत , पश्चिम एशिया, मालदीव और ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र शामिल हैं।
13. MRSAM मिसाइल का परीक्षण किया गया
हाल ही में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मिसाइल MRSAM का परीक्षण किया गया। इसे संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान विकास संगठन और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित किया गया था।
MRSAM
MRSAM एक कमांड कंट्रोल सिस्टम है जो रडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम और मिसाइलों को ट्रैक करता है। यह आठ कैनिस्टराइज्ड मिसाइलों को दो स्टैक को ले जाने और लॉन्च करने में सक्षम है। ओस हथियार का वजन 276 किलो ग्राम है और इसकी लम्बाई 4.5 मीटर है।
इसमें एडवांस्ड एक्टिव रडार रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर लगा हुआ है, इसके अलावा इसमें बाई-डायरेक्शनल डेटा लिंक और फेज्ड ऐरे रडार भी लगा हुआ है। इस मिसाइल का कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम विभिन्न प्रकार के हथियारों को इंगेज करने में सक्षम है। यह सिस्टम ट्रैकिंग रडार का उपयोग करके खतरे को ट्रैक करता है। यह सिस्टम लॉन्चर और लक्ष्य के बीच की दूरी की गणना करता है और निर्धारित करता है कि लक्ष्य मित्र है या शत्रु।
बाई-डायरेक्शनल डेटा लिंक का उपयोग मिसाइल का मार्गदर्शन और लक्ष्य की जानकारी देने करने के लिए किया जाता है।
MRSAM में DRDO द्वारा विकसित डुअल-पल्स सॉलिड प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग किया जाता है है। इसमें वेक्टर कण्ट्रोल सिस्टम भी है जो मिसाइल को मैक 2 की गति से आगे बढ़ने की अनुमति देता है। यह 70 किलोमीटर के दायरे में एक साथ कई लक्ष्यों को इंगेज कर सकता है।
14. भारत ने निमोनिया के खिलाफ पहला स्वदेशी टीका विकसित किया
निमोनिया के खिलाफ पहला भारतीय टीका सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किया गया है। यह टीका जल्द ही घरेलू निर्माताओं को उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्य बिंदु
भारत के पास निमोनिया के टीकों की पहुंच है। लेकिन नया स्थानीय रूप से विकसित नया वैक्सीन अन्य निमोनिया टीके जैसे Pfizer के NYSE: PFE, GlaxoSmithKline के LSE: GSK टीकों से काफी सस्ता है। इन दो टीकों का उपयोग वर्तमान में भारत में निमोनिया के खिलाफ टीकाकरण के लिए किया जाता है।
इस नए टीके का उपयोग “स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया” (Streptococcus Pneumonia) के कारण होने वाले निमोनिया के खिलाफ टीकाकरण के लिए किया जायेगा। इस वैक्सीन के नैदानिक परीक्षण, सभी तीन चरणों, भारत और गाम्बिया (एक अफ्रीकी राष्ट्र) में आयोजित किए गए थे।
पृष्ठभूमि
यूनिसेफ के अनुसार, हर साल पांच साल से कम उम्र के एक लाख से अधिक बच्चे न्यूमोकोकल बीमारी के कारण मर जाते हैं।
न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (Pneumococcal Conjugate Vaccine)
न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन वर्तमान में भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत है। यह वैक्सीन काफी महंगा है। सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के लिए आवंटित बजट का 50% केवल इस टीके पर ही खर्च होता है। इस कार्यक्रम में बारह अन्य बीमारियों के लिए टीकाकरण शामिल है। वे तपेदिक, टेटनस, रूबेला, जापानी एन्सेफलाइटिस, खसरा, हेपेटाइटिस आदि हैं।
भारत में निमोनिया
भारत में निमोनिया के शीर्ष पांच योगदानकर्ता उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश हैं।
निमोनिया एक संक्रमण है जो फेफड़ों की वायु थैली को फुला देता है। फेफड़ों का वायु प्रवाह द्रव या मवाद से भर सकता है। इससे सांस लेने में कठिनाई होती है। निमोनिया वायरस, बैक्टीरिया और कवक जैसे सूक्ष्म के कारण होता है।
15. हिमाचल प्रदेश ने एकीकृत नशीली दवा रोकथाम नीति की घोषणा की
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में एकीकृत नशीली रोकथाम, उपचार, प्रबंधन और पुनर्वास कार्यक्रम की घोषणा की, यह कार्यक्रम बहुत जल्द तैयार हो जायेगा।
एकीकृत नशीली दवा रोकथाम नीति (Integrated Drug Prevention Policy)
इस नीति की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
इस नीति को “राज्य नशीली दवा रोकथाम, उपचार, प्रबंधन और पुनर्वास कार्यक्रम” नाम दिया गया है।
इस नीति का उद्देश्य राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे को रोकने के लिए पुलिस, मीडिया और नशा निवारण बोर्ड के बीच सहयोग बढ़ाना है।
इसके लिए हिमाचल प्रदेश में 6 नशामुक्ति केंद्र खोले जायेंगे।
नशीली दवाओं और साइकोट्रोपिक पदार्थों उत्पादन के तरीके के बारे में जानने के लिए आधिकारिक सर्वेक्षण किया जाएगा।
इसके लिए ड्रग्स जागरूकता अभियान शुरू किए जाएंगे जिसमें शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि, एनएसएस स्वयंसेवक और एनसीसी कैडेट शामिल होंगे।
इसके अलावा, राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल सेल को मजबूत बनाया जायेगा।
राज्य सरकार की नई रणनीति मुख्य रूप से अफीम और भांग जैसे पौध स्रोतों से प्राप्त नशीले पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करेगी।राज्य सरकार ने नशीले पदार्थों वाले पौधों की खेती के खिलाफ कई कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान के लिए सशस्त्र सीमा बल की भी तैनाती की थी। राज्य सरकार ने इन बलों को कैनबिस या अफीम विनाश के आधुनिक उपकरण भी प्रदान किए थे।
हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में नशाखोरी के दुष्प्रभावों पर एक अध्याय शुरू करेगी।
हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में बड़ी संख्या में ड्रग पेडलर हैं।इसलिए, इस नीति के तहत संयुक्त पहल शुरू की जाएगी। इससे पहले उत्तरी राज्यों ने नशीले पदार्थों की तस्करी के संबंध में जानकारी साझा करने के लिए सहमती प्रकट की थी।
16. 25 दिसम्बर : मदन मोहन मालवीय जयंती
25 दिसम्बर, 1861 को महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्म हुआ था। स्वतंत्रता आन्दोलन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वे तीन बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उन्हें महामना के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 1916 में वाराणसी में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना की थी। उन्हें भारत सरकार ने 2015 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया था।
मदन मोहन मालवीय
पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसम्बर, 1861 को इलाहबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। उन्होंने मुइर सेंट्रल कॉलेज (अब इलाहबाद विश्वविद्यालय) से अपनी मेट्रिक की पढ़ाई पूरी की, इसके बाद उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से बी.ए. की पढ़ाई पूरी की।
दिसम्बर, 1886 में मदन मोहन मालवीय ने कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दूसरे सत्र में हिस्सा लिया। मदन मोहन मालवीय कांग्रेस में नरम दल के नेता थे। उन्होंने असहयोग आन्दोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वे 1909, 1918 और 1932-33 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने। महात्मा गाँधी ने उन्हें “महामना” की उपाधि दी थी। पंडित मदन मोहन मालवीय ने वकालत की पढ़ाई करने के बाद क्रांतिकारियों के पक्ष में कई मुकद्दमे लड़े और उनमे सफल भी रहे।
मदन मोहन मालवीय पत्रकारिता में काफी सक्रिय थे। 1887 में उन्होंने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत “हिन्दोस्तान” नामक हिंदी दैनिक समाचार पत्र से की। 1889 में वे “इंडियन ओपिनियन” के संपादक बने। 1907 में उन्होंने स्वयं हिंदी साप्ताहिक पत्रिका “अभ्युदय” की शुरुआत की। 1910 में उन्होंने “मर्यादा” नामक हिंदी समाचार पत्र की शुरुआत की। 1924 में उन्होंने लाला लाजपत राय, एम. आर. जयकर तथा घनश्याम दास बिरला की सहायता से हिंदुस्तान टाइम्स का अधिग्रहण किया और इसे बंद होने से बचाया। वे 1924 से 1946 तक हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक रहे। उनके प्रयासों से 1936 में हिंदुस्तान टाइम्स का हिंदी संस्करण “हिंदुस्तान” शुरू किया गया। पंडित मदन मोहन मालवीय का निधन 12 नवम्बर, 1946 को इलाहबाद में हुआ था।
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