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15th September | Current Affairs | MB Books


1. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने करवाया इजरायल और बहरीन के बीच शांति समझौता

एक और ऐतिहासिक सफलता में, 11 सितंबर, 2020 को अमेरिका, इजरायल और बहरीन के नेताओं द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में इजरायल और बहरीन पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमत हो गये हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा की है।

व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में इस बात का खुलासा हुआ है कि, बहरीन के राजा हमद बिन सलमान अल-खलीफा ने इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बात की थी और वे दोनों ही इजरायल और किंगडम ऑफ बहरीन के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए सहमत हुए थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक ट्वीट के माध्यम से इस शांति समझौते के बारे में घोषणा की। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था, "आज मिली है एक और ऐतिहासिक सफलता!" उन्होंने इस ट्वीट में आगे यह कहा, "हमारे दो महान दोस्त - इजरायल और बहरीन एक शांति समझौते के लिए सहमत हैं - यह 30 दिनों में इजरायल के साथ शांति कायम करने वाला दूसरा अरब देश है!"

महत्व

इसके साथ ही बहरीन संयुक्त अरब अमीरात के साथ संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की मध्यस्थता में एक शांति समझौते के द्वारा इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए सहमत हो गया है। फिलिस्तीनी नेताओं ने इस समझौते की निंदा की है और इसे "फिलीस्तीनी कारण के लिए एक और विश्वासघाती छुरा" बताया है।

इज़राइल-बहरीन शांति समझौता: मुख्य विशेषताएं

एक संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, 11 सितंबर को आयोजित की गई यह बैठक मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने के लिए एक ऐतिहासिक सफलता के तौर पर देखी जा रही है। इस बयान में यह कहा गया है कि, इन दोनों गतिशील समाजों और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के बीच सीधा संवाद और संबंधों को कायम करने से मध्य पूर्व का सकारात्मक परिवर्तन जारी रहेगा और इस क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि बढ़ेगी।

इस बैठक के दौरान, फिलिस्तीनी लोगों के लिए शांति, सम्मान और आर्थिक अवसर को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका ने मनामा में 25 जून, 2019 को ऐतिहासिक शांति समृद्धि कार्यक्रम की मेजबानी के लिए बहरीन का आभार व्यक्त किया।

इस जारी किये गये संयुक्त बयान में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि, तीनों पक्ष इजरायल और फिलिस्तीनी संघर्ष को न्यायपूर्ण, व्यापक और स्थायी समाधान प्राप्त करने के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे ताकि फिलिस्तीनी लोग अपनी क्षमता का पूर्ण विकास कर सकें।

इज़राइल ने इस बात की पुष्टि की है कि, जैसेकि विज़न फॉर पीस में कहा गया है, ऐसे सभी मुसलमान जो शांतिपूर्वक आते हैं, वे अल अक्सा मस्जिद में जा सकते हैं और अपनी प्रार्थना कर सकते हैं। इसी तरह, यरूशलेम के अन्य पवित्र स्थल भी सभी धर्मों से संबंधित शांतिपूर्ण उपासकों के लिए खुले रहेंगे।

इन तीनों ही पक्षों ने 13 अगस्त को इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने की घोषणा करने के लिए यूएई क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद की सराहना भी की।

फिलिस्तीन पर प्रभाव

इजरायल-बहरीन शांति समझौता फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास के लिए एक और बड़ा झटका है, जिन्होंने पहले यूएई-इजरायल समझौते की निंदा की थी और इस शांति समझौते को घृणित और विश्वासघात बताने के साथ ही अरब लीग से इसकी निंदा करने की मांग की थी।

इजरायल-यूएई शांति समझौता

एक ऐतिहासिक पहल में, इजरायल और यूएई ने 13 अगस्त, 2020 को अपने संबंधों को सामान्य बनाने की घोषणा की थी, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इन दोनों देशों के बीच एक ऐतिहासिक शांति समझौते में मध्यस्थता की थी। इस नए शांति समझौते के तहत, इज़राइल ने वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों के लिए अपनी योजनाओं को स्थगित करने और सभी धर्मों के शांतिपूर्ण उपासकों के लिए यरूशलेम में अल अक्सा मस्जिद सहित सभी पवित्र स्थलों को खोलने के संबंध में अपनी सहमति व्यक्त की है।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस समझौते पर टिप्पणी करते हुए यह कहा कि, इजरायल और अरब दुनिया के बीच एक नया युग शुरू हो गया है। यूएई, मिस्र और जॉर्डन के बाद, इजरायल के साथ संबंध कायम करने वाला तीसरा अरब देश बन गया था।

ये दोनों देश 15 सितंबर को व्हाइट हाउस में इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौते को "शांति की ऐतिहासिक घोषणा" माना जा रहा है। इस ऐतिहासिक हस्ताक्षर समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प के निमंत्रण को इज़राइल और यूएई के साथ-साथ बहरीन ने भी स्वीकार कर लिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्लातिफ अलयानी के द्वारा इस ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

पृष्ठभूमि

अरब दुनिया के अधिकांश देशों ने कई दशकों से इजरायल का बहिष्कार किया है और वे जोर देकर यह कहते हैं कि, वे केवल इजरायल-फिलिस्तीनी विवाद का समाधान होने के बाद ही संबंध स्थापित करेंगे. हालांकि, बहरीन ने मई, 2018 में इजरायल के अस्तित्व के अधिकार को मान्यता दी थी।

बहरीन, हालांकि अरब शांति पहल के लिए प्रतिबद्ध था, वास्तव में, इसने अपने नागरिकों को जब भी आवश्यक हो, इजरायल की यात्रा करने की अनुमति दी थी। अब, बहरीन इजरायल को पूर्ण मान्यता देने वाला और इस राष्ट्र के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला चौथे नंबर का अरब देश और फारस की खाड़ी क्षेत्र में दूसरे नंबर का देश बन गया है।

इजराइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले अन्य तीन अरब देशों में वर्ष 1979 में मिस्र, वर्ष 1994 में जॉर्डन और वर्ष 2020 में संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।


2. संयुक्त राष्ट्र में भारत ने चीन को दी पटखनी, 4 साल के लिए इस प्रतिष्ठित संस्था का सदस्य बना

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन को पटखनी देते हुए आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) की संस्था में जगह बना ली है। भारत को यूनाइडेट नेशंस कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वुमन का सदस्य चुना गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यह जानकारी दी। इस संस्था का सदस्य बनने के लिए भारत, अफगानिस्तान और चीन तीन देश रेस में थे। भारत चार साल के लिए संयुक्त राष्ट्र का महिलाओं की स्थिति पर आयोग (Commission on Status of Women) का सदस्य रहेगा।

टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट में कहा, "भारत ने प्रतिष्ठित ECOSOC के निकाय में सीट जीत ली है! भारत को कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वुमेन (CSW) का सदस्य चुना गया है। यह स्त्री-पुरुष समानता और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने की हमारे प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम सदस्यों देशों का समर्थन के लिए धन्यवाद करते हैं।"

आयोग में इस सीट को पाने के लिए भारत, चीन और अफगानिस्तान के बीच मुकाबला था. भारत और अफगानिस्तान को 54 में से अधिकतर सदस्यों का साथ मिला, जबकि चीन आधे सदस्यों का भी समर्थन हासिल नहीं हो सका।

भारत चार साल (2021 से 2025) तक यूनाइटेड नेशंस कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वुमेन का सदस्य़ बना रहेगा।


3. COVID-19 in India : देश में Corona से 80 हजार से अधिक की मौत, 49 लाख के पार पहुंची संक्रमितों की संख्‍या

देश में कोरोनावायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामलों में हो रही लगातार वृद्धि से जहां संक्रमितों की संख्या 49 लाख से ऊपर निकल गई है, वहीं यह महामारी अब तक 80 हजार से अधिक जानें ले चुकी है। विभिन्न राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार देर रात तक 787 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 80,541 हो गई है। इस दौरान 65,641 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 49,10,644 हो गई है।

पिछले कई दिनों से संक्रमण के नए मामले 90 हजार से अधिक आ रहे हैं। महाराष्ट्र 2,91,256 सक्रिय मामलों के साथ शीर्ष पर है। उसके बाद कर्नाटक में 98,463 मामले और आंध्र प्रदेश में 93,204 सक्रिय मामले हैं। राहत की बात यह है कि इस दौरान कोरोना से निजात पाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है जो अब 38,40,286 हो गई है। देश में सक्रिय मामले 20.14 प्रतिशत और रोग मुक्त होने वालों की दर 78.20 प्रतिशत है जबकि मृतकों की दर 1.64 फीसदी है। पूरे विश्व में कोरोना महामारी की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है और इससे अब तक 2.90 करोड लोग प्रभावित हुए हैं तथा 924 लाख जानें जा चुकी हैं। अमेरिका में इस वायरस से सबसे अधिक 65.21 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और अब तक 1.94 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भारत का स्थान है। तीसरे नंबर पर ब्राजील है जहां अब तक 43.30 लाख लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं तथा 1.31 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। मौत के मामले में ब्राजील अब भी दूसरे स्थान पर है।

महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में सक्रिय मामलों की संख्या 912 बढ़कर 2,91,256 हो गई तथा 247 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 29,788 हो गई। इस दौरान 15,789 मरीजों के संक्रमणमुक्त होने से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 7,55,850 हो गई। देश में सर्वाधिक सक्रिय मामले इसी राज्य में हैं।


4. सुभाष कामथ बने ASCI के नए अध्यक्ष

सुभाष कामथ को भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (Standards Council of India) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का चेयरमैन चुना गया है।

ASCI के उपाध्यक्ष के पद पर काम कर रहे कामथ, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स के अध्यक्ष रोहित गुप्ता का स्थान लेंगे।

इसके अलावा जनसंपर्क फर्म केचम सम्पार्क पी. लिमिटेड में प्रबंध निदेशक, एनएस राजन को वाइस-चेयरमैन और मेडीब्रैंड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी शशिधर सिन्हा को पुनः मानद कोषाध्यक्ष चुना किया गया।

5. जेन फ्रेजर होंगी सिटीग्रुप की पहली महिला CEO

सिटीग्रुप ने जेन फ्रेजर को अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी चुना है।

वह इस प्रमुख वैश्विक बैंक की पहली महिला सीईओ होंगी।

वह माइकल कॉर्बेट का स्थान लेंगी, जो फरवरी 2021 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। फ्रेजर वित्तीय उद्योग में एक उभरती हुई महिला हैं, जिन्होंने निवेश बैंकिंग, धन प्रबंधन, संकटग्रस्त वर्कआउट और लैटिन अमेरिका में रणनीति का विस्तार जैसे अहम मुद्दों पर कार्य किया है।


6. Paytm First Games ने सचिन तेंदुलकर को बनाया ब्रांड एंबेसडर, करेगी 300 करोड़ रुपए का निवेश

वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी पेटीएम की अनुषंगी पेटीएम फर्स्ट गेम्स (Paytm First Games) पीएफजी ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है। इसके अलावा कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में तेजी से बढ़ते फंतासी खेलों अन्य ऑनलाइन गेमिंग कार्यक्रमों में 300 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बनाई है। पेटीएम ने मंगलवार को बयान में कहा, सचिन अरबों क्रिकेटप्रेमियों के बीच एक लोकप्रिय नाम हैं। वे देश में रोमांचक फंतासी खेलों के बारे में जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सिर्फ फंतासी क्रिकेट ही नहीं वे पीएफजी को लोगों के बीच अन्य खेलों मसलन कबड्डी, फुटबॉल और बास्केटबॉल को भी लोकप्रिय बनाने में मदद कर सकते हैं। पीएफजी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) सुधांशु गुप्ता ने कहा कि भारत में क्रिकेट लोगों के लिए किसी धर्म से कम नहीं है। यह अरबों लोगों को प्रेरित करता है। फंतासी खेलों से खेल प्रशंसकों का जुड़ाव उन्हें अगले स्तर पर ले जाता है। उन्होंने कहा कि सचिन के साथ भागीदारी से छोटे शहरों और कस्बों में भी कंपनी की पहुंच का विस्तार होगा।


7. बड़ी खबर, हवाई नियमों का उल्लंघन करने पर अब लगेगा 1 करोड़ जुर्माना

संसद ने मंगलवार को वायुयान संशोधन विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी, जिसमें नियमों के उल्लंघनों के मामले में जुर्माने की अधिकतम सीमा को वर्तमान 10 लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दिया गया है।

लोकसभा में यह विधेयक बजट सत्र में पारित हुआ था जबकि राज्यसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। इस तरह इस विधेयक पर संसद की मुहर लग गई है।

नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस विधेयक पर हुई चर्चा में कहा कि कुछ सदस्यों ने एटीसी कर्मचारियों की कमी का मुद्दा उठाया है, जबकि हकीकत यह है कि पिछले तीन वर्षों में 3000 एटीसी नियुक्त किए गए हैं।

हवाई अड्डों का निजीकरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको ऐतिहासिक परिदृश्य में देखा जाना चाहिए। वर्ष 2006 में दिल्ली और मुंबई के दो प्रमुख हवाई अड्डों का निजीकरण किया गया था और उसके परिणामस्वरूप अब तक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को 29 हजार करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद इन दोनों हवाई अड्डों पर यात्री ट्रैफिक में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में 6 हवाई अड्डों का निजीकरण करने की तैयारी की गई। एक हवाई अड्डे के लिए तो सबसे अधिक बोलियां आई हैं। इसके लिए पूरी दुनिया की कंपनियों ने बोली लगाई है।

पुरी ने कहा कि केरल में एक हवाई अड्डे के निजीकरण को लेकर राज्य सरकार ने भी बोली लगाई थी, लेकिन उसकी बोली सबसे ऊंची बोली की तुलना में 93 फीसदी से भी कम थी। इसके बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

जदयू के रामचन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि पटना के बाहर एक हवाई अड्डा विकसित करने पर सहमति हुई है, जिस पर कार्य करने की जरुरत है। उन्होंने बिहार के दरभंगा और पूर्णिया से विमान सेवा शुरू करने की मांग की। इसके साथ ही धार्मिक स्थल गया से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू करने पर बल दिया।

राजद के मनोज कुमार झा ने भी दरभंगा और पूर्णिया से विमान सेवा शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी कंपनी का निजीकरण करने से पहले संबंधित पक्षों से बातचीत की जानी चाहिए।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बहुत से लोग विमान यात्रा करना चाहते हैं और सामान्य लोग भी अब इस यात्रा का लाभ ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी चार से पांच प्रतिशत लोग ही साल में एक बार विमान यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोग दक्षिण भारत जाना चाहें तो वे रेलगाड़ी से दो दिन में पहुंचेंगे जबकि विमान से यह यात्रा बहुत कम समय में हो सकती है।

इस पर हुई चर्चा में वामपंथी वियोन विस्वम, टीडीपी के कनकमेदला रवीन्द्र कुमार, शिवसेना के अनिल देसाई, अन्नाद्रमुक के एम. थंबीदुरई, भाजपा के डीपी वत्स, कांग्रेस के विवेक तन्खा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, माकपा की झरना दास, वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी और बसपा के विश्वंभर प्रसाद निषाद ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।


8. ममता सरकार का बड़ा ऐलान, 8000 से अधिक हिन्दू पुजारियों को मिलेगा 1000 रुपए मासिक भत्ता और मुफ्त आवास

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने सोमवार को राज्य के 8,000 से अधिक हिन्दू पुजारियों के लिए 1,000 रुपए मासिक वित्तीय सहायता और मुफ्त आवास की घोषणा की।

बनर्जी ने यह घोषणा राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले की है जिसके अगले वर्ष अप्रैल-मई में होने की संभावना है। बनर्जी पर विपक्ष अक्सर ‘अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण’ का आरोप लगाता है। राज्य के हिंदीभाषी और आदिवासी मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने एक हिंदी अकादमी और एक दलित साहित्य अकादमी स्थापित करने का निर्णय किया है।

उन्होंने यह घोषणा हिंदी दिवस के दिन की जो हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के तौर पर अपनाने की याद में प्रतिवर्ष इस दिन मनाया जाता है। विपक्षी दलों ने इन घोषणाओं को ‘चुनावी हथकंडा’ करार दिया।

बनर्जी ने कहा कि हमने पहले सनातन ब्राह्मण संप्रदाय को कोलाघाट में एक अकादमी स्थापित करने के लिए भूमि प्रदान की थी। इस संप्रदाय के कई पुजारी आर्थिक रूप से कमजोर हैं। हमने उन्हें प्रतिमाह 1,000 रुपए का भत्ता प्रदान करने और राज्य सरकार की आवासीय योजना के तहत मुफ्त आवास प्रदान करके उनकी मदद करने का फैसला किया है।

उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि इस घोषणा का अन्य कोई मतलब नहीं निकालें। यह ब्राह्मण पुजारियों की मदद करने के लिए किया जा रहा है। उन्हें अगले महीने से भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा क्योंकि यह दुर्गा पूजा का समय है।

यह घोषणाएं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा यह आरोप लगाने के एक सप्ताह के भीतर आई है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार की मानसिकता ‘हिंदू विरोधी’ है और वह ‘अल्पसंख्यक तुष्टिकरण’ नीति अपना रही है।

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी राज्य सरकार पर ‘अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण’ का आरोप लगाया है।

2011 में तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में आने के बाद तब आलोचना का सामना करना पड़ा था जब उसने इमामों के लिए मासिक भत्ते की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने तब कहा था कि यह पश्चिम बंगाल के वक्फ बोर्ड द्वारा प्रदान किया जाएगा।

हिंदीभाषी लोगों और राज्य के आदिवासी क्षेत्रों के बीच भाजपा के समर्थन के आधार पर सेंध लगाने के प्रयास के तहत राज्य सरकार ने एक हिंदी अकादमी और एक दलित साहित्य अकादमी के गठन की भी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि हमने पहले सत्ता में आने के बाद एक हिंदी अकादमी का गठन किया था। आज हमने इसका पुनर्गठन करके एक नई हिंदी अकादमी बनाने का फैसला किया है जिसके अध्यक्ष पूर्व (तृणमूल कांग्रेस) राज्यसभा सदस्य विवेक गुप्ता होंगे।

हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं और भाषायी आधार पर कोई पूर्वाग्रह नहीं है। गुप्ता कोलकाता से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक के संपादक भी हैं। बनर्जी ने साथ ही अकादमी के 25 सदस्यीय बोर्ड की भी घोषणा की।

उन्होंने राज्य के आदिवासी मतदाताओं तक भी पहुंच बनाने का प्रयास किया जिसमें से एक बड़े वर्ग ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जंगलमहल क्षेत्र में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था। इसमें झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुरा और पुरुलिया जिले आते हैं।

उन्होंने कहा कि आदिवासियों की भाषाओं की बेहतरी के लिए हमने एक दलित साहित्य अकादमी का गठन करने का फैसला किया है। दलितों की भाषा का बंगाली भाषा पर प्रभाव है।

विपक्षी भाजपा और माकपा ने राज्य सरकार के हिंदू पुजारियों को भत्ते और एक हिंदी अकादमी के गठन के निर्णय की आलोचना की और दावा किया कि यह सब ‘चुनावी हथकंडा’है।

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि वे इन सभी वर्षों तक क्या कर रही थीं? उन्होंने इमामों के लिए इसी तरह की सहायता की घोषणा करने पर इस भत्ते की घोषणा क्यों नहीं की? यह और कुछ नहीं बल्कि एक चुनावी हथकंडा है। जहां तक हिंदी अकादमी का सवाल है तो वह तृणमूल कांग्रेस थी जिसने हिंदीभाषी लोगों को बाहरी कहा था। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि घोषणा तृणमूल कांग्रेस सरकार की हताशा को दर्शाती है।

चौधरी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने महसूस किया है कि केवल अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण से काम नहीं चलेगा। इसलिए, उन्होंने हिंदू पुजारियों को सहायता देने का फैसला किया है। यह एक चुनावी हथकंडा है। हिंदू या मुस्लिमों के विकास में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। माकपा की केंद्रीय समिति सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि इस तरह की राजनीति राज्य में सांप्रदायिक विभाजन को और गहरा करेगी।


9. ओडिशा सरकार ने स्वच्छता कर्मचारियों के लिए शुरू की 'गरिमा' योजना

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा 'गरिमा' नामक एक नई योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य राज्य में कोर स्वच्छता कर्मियों की आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा सुनिश्चित करना है।

ओडिशा के आवास और शहरी विकास विभाग ने इस योजना के कार्यन्वय के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए नॉट-फॉर-प्रॉफिट संगठन अर्बन मैनेजमेंट सेंटर के साथ एक समझौता किया है।


10. बिहार चुनाव से पहले केंद्र की बड़ी सौगात, दरभंगा में 1264 करोड़ रुपये की लागत में नए AIIMS की मंजूरी

बिहार विधान सभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरका ने राज्य को खासकर उत्तरी बिहार को बड़ी सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दरभंगा में 1264 करोड़ रुपये की लागत से नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की मंजूरी दी है। इस अस्पताल का निर्माण प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत किया जाएगा। उत्तरी बिहार के लोग लंबे समय से दरभंगा में एम्स की मांग कर रहे थे।

केंद्रीय कैबिनेट ने दरभंगा एम्स के लिए डायरेक्टर के एक पद के सृजन को भी मंजूरी दी है। इसका मूल वेतन 2,25,000 रुपये (फिक्स्ड) और NPA (हालांकि, दोनों मिलाकर 2,37,500 रुपये से अधिक नहीं) तय किया है। 1264 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस अस्पताल का निर्माण कार्य 48 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह समय योजना को मंजूरी मिलने के साथ ही शुरू हो जाएगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दरभंगा एम्स में 750 बेड होंगे। नए एम्स में एमबीबीएस की 100 सीटें और नर्सिंग की 60 सीटें होंगी। इनमें 15 से 20 सुपर स्पेशियलिटी विभाग भी होंगे।

कुछ दिनों पहले भी दरभंगा के लिए एक अच्छी खबर आई थी। केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया था कि छठ से पहले दरभंगा एयरपोर्ट से फ्लाइट सर्विस शुरू की जाएगी। पुरी ने बताया था कि पीएम मोदी मिथिलांचल के विकास के लिए चिंतित रहे हैं। उन्होंने कहा था कि दरभंगा से हवाई सेवा की शुरुआत कराना पीएम का एक सपना है।

बिहार चुनाव से पहले राज्य की नीतीश सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ताबड़तोड़ शिलान्यास और उद्घाटन के कार्यक्रम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में ‘नमामि गंगे' और अमृत योजना के अंतर्गत शहरी विकास से जुड़ी 541 करोड़ रुपये की लागत वाली सात परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया।


11. CARE ने चालू वित्त वर्ष में भारत की GDP में -8 से -8.2% तक गिरावट का जताया अनुमान

भारतीय रेटिंग एजेंसी CARE रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी 8 से 8.2% की रेंज में नेगेटिव रहने का अनुमान जताया है।

यह अनुमान इसके पहले के जारी किए -6.4% से अधिक है। सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में लगभग 8 प्रतिशत की गिरावट, सकल स्थिर पूंजी निर्माण में गिरावट के साथ जुड़ी है।


12. ADB का अनुमान, 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में आएगी 9 प्रतिशत की गिरावट

एशियाई विकास बैंक (ADB) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।

एडीबी की ओर से मंगलवार को जारी एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ)-2020 अपडेट में कहा गया है कि भारत में कोरोनावायरस की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसका असर उपभोक्ता धारणा पर भी पड़ा है, जिससे चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 9 प्रतिशत की गिरावट आएगी।

हालांकि एडीबी का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल आएगा। एडीबी ने कहा कि आवाजाही तथा कारोबारी गतिविधियां खुलने से अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8 प्रतिशत रहेगी।

एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा कि भारत ने महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाया। इससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं।

उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष और उससे आगे अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए महामारी पर अंकुश के उपाय, जांच, निगरानी और इलाज की क्षमता का विस्तार महत्वपूर्ण है। इन उपायों को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने की जरूरत है, तभी अर्थव्यवस्था आगे उबर पाएगी।


13. एडीबी-सुगुन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 15 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर किए हस्ताक्षर

एशियाई विकास बैंक (ADB) ने सुगुन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (सुगुन) के लिए गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर की सदस्यता के माध्यम से 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण वित्तपोषण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह समझौता COVID-19 महामारी के दौरान पोल्ट्री फार्मिंग संचालन, सहित भारत में ग्रामीण आजीविका और खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करेगा।

इस समझौते से एडीबी सुगुना के संचालन को आवश्यक चलनिधि सहायता प्रदान करेगा और कंपनी को इन्वेंट्री बफ़र्स बनाने और किसानों और आपूर्तिकर्ताओं को अनुबंधित करने के लिए समय पर भुगतान करने में मदद करेगा।

यह स्थानीय उधारदाताओं को व्यापार का समर्थन करने और अन्य मध्यम और दीर्घकालिक पूंजी और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को आकर्षित करने में मदद करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।


14. योगी आदित्यनाथ ने बदला आगरा म्यूज़ियम का नाम

उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक आगरा शहर में निर्माणाधीन मुगल संग्रहालय का नाम मराठा नायक छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा जाएगा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इसकी घोषणा की। शहर में विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक में उन्होंने कहा, "हमारे नायक मुगल कैसे हो सकते हैं..." सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, CM ने घोषणा की, 'कुछ भी, जिससे दासता की मानसिकता की बू आती है', को उनकी सरकार द्वारा दूर किया जाएगा।

योगी आदित्यनाथ जिन्होंने अपने तीन साल पुराने शासन में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) सहित कई स्थानों के नाम बदल दिए हैं - बाद में ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश में "गुलामी की मानसिकता" के प्रतीकों के लिए कोई जगह नहीं।"

इस परियोजना को पिछली अखिलेश यादव सरकार ने 2015 में मंजूरी दी थी। यह सुविधा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 210 किलोमीटर दूर शहर में ताजमहल के पास छह एकड़ के भूखंड पर आ रही है। संग्रहालय मुगल संस्कृति, कलाकृतियों, चित्रों, भोजन, वेशभूषा, मुगल युग-हथियार और गोला-बारूद और प्रदर्शन कला पर केंद्रित होगा।

मुगल वंश ने 1526-1540 और 1555-1857 तक भारत पर शासन किया। इन्हें आगरा और दिल्ली में ताजमहल और लाल किले सहित कई स्मारकों के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। इतिहासकार इस बात पर विभाजित हैं कि क्या मुगल शासकों ने अपने तीन शताब्दी के शासन के दौरान हिंदुओं पर अत्याचार किए थे।

मराठा योद्धा और16 वीं शताब्दी के राजा छत्रपति शिवाजी महाराज अपने जीवन के अधिकांश समय मुगलों से लड़े और वह अपनी सैन्य विजय के लिए जाने जाते हैं। 2018 में कांग्रेस ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि वह इतिहास के साथ खिलवाड़ कर रही है।



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