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11th September | Current Affairs | MB Books


1. भारत ने संभाली आरआईसी की कमान, चीनी विदेश मंत्री के साथ एस. जयशंकर की बैठक

पूर्वी लद्दाख में भारत एवं चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अभूतपूर्व सैन्य तनाव के बीच

यहां रूस, भारत एवं चीन के त्रिपक्षीय प्लेटफॉर्म -आरआईसी के अंतर्गत इन देशों के विदेश मंत्रियों के मध्य एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत हुई। खबरों के मुताबिक दोनों देश संयुक्त बयान भी जारी कर सकते हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यहां ट्वीट करके जानकारी दी कि उन्होंने आरआईसी विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत की जिसमें डॉ. जयशंकर के अलावा रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और चीन के विदेश मंत्री वांग यी शामिल हुए।

विदेश मंत्री ने शानदार मेहमाननवाजी के लिए रूस का आभार जताया और भारत के आरआईसी की अध्यक्षता संभालने की भी जानकारी दी। आरआईसी की बैठक के बाद भारतीय समयानुसार रात में भारतीय विदेश मंत्री एवं चीन के विदेश मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक शुरू हुई।

बीते चार माह से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारत एवं चीन के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली बैठक है। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं चीनी स्टेट काउंसलर एवं विदेश मंत्री वांग यी के बीच एक माह पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात हुई थी पर तनाव घटाने के लिए सहमति कायम होने के बावजूद ऐसा नहीं हो सका था।

समझा जाता है कि आरआईसी की बैठक में रूसी विदेश मंत्री ने भारत एवं चीन के बीच सीमा पर तनाव को कम करने के लिए दोनों पक्षों को संयम बरतने को कहा है। बाद में रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैठक में रूस चीन एवं भारत के बीच त्रिपक्षीय सहयोग तथा अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर परस्पर सम्मान, मैत्री एवं भरोसे की भावना से चर्चा हुई। रूसी बयान के अनुसार इन नेताओं ने माना कि तीनों देशों के बीच सहयोग एवं समान प्रगति से वैश्विक प्रगति, शांति एवं स्थिरता बढ़ेगी। इन तीनों विदेश मंत्रियों ने यह भी माना कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सशक्त वैज्ञानिक एवं औद्योगिक क्षमता एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। उन्होंने समावेशी बहुपक्षवाद तथा सार्वभौमिक अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति समर्थन व्यक्त किया।

2. देश में न फैले कोरोना, इसलिए नॉर्थ कोरिया ने दिया गोली मारने का आदेश

दक्षिण में अमेरिकी सेनाओं (US Forces) के कमांडर के मुताबिक, उत्तर कोरिया (North Korea) के अधिकारियों ने कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमित शख्स के चीन (China) से देश में प्रवेश करने से रोकने के लिए शूट-टू-किल (देखते ही गोली मारने के आदेश) जारी किए हैं। उत्तर कोरिया ने अभी तक देश में एक भी कोरोना केस की पुष्टि नहीं की है।

प्योंगयैंग ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चीन से सटे बॉर्डर को जनवरी में ही बंद कर दिया था। जुलाई में राज्य मीडिया ने कहा कि इसने अपने आपातकाल की स्थिति को अधिकतम स्तर तक बढ़ा दिया है। US फोर्स कोरिया (USFK) के कमांडर रॉबर्ट अब्राहम्स ने कहा कि बॉर्डर बंद होने की वजह से सामानों की तस्करी बढ़ गई है, जिसके चलते अब प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा है।

रॉबर्ट अब्राहम्स ने गुरुवार को वॉशिंगटन में सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में कहा, 'नॉर्थ कोरिया ने चीनी सीमा से सटे एक या दो किलोमीटर के इलाके को नया बफर जोन बनाया है। उन्होंने वहां पर नॉर्थ कोरिया की स्पेशल ऑपरेशंस फोर्स (SOF) की तैनाती की है। उनको देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।'

उन्होंने कहा कि बॉर्डर बंद होने से चीन पर आर्थिक तौर पर असर पड़ा है। चीन के आयात में 85 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। नॉर्थ ने अपने परमाणु कार्यक्रमों पर आर्थिक प्रतिबंधों को प्रभावी ढंग से तेज कर दिया है। वहीं दूसरी ओर नॉर्थ कोरिया मेयसक तूफान से भी जूझ रहा है। राज्य मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तूफान की वजह से 2000 से ज्यादा घर नष्ट हो गए हैं।

3. परेश रावल बने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के नए चेयरमैन

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा पूर्व लोकसभा सांसद और बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल को नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

अपने तीन दशकों के लंबे करियर के दौरान रावल को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसमें 1994 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार शामिल हैं।

उन्हें मनोरंजन उद्योग में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दुनिया में सबसे अग्रणी थिएटर प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है और भारत में अपनी तरह का एकमात्र संस्थान है।

4. मुंबई के आरे में ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए छात्रों को मिले स्मार्टफोन

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है। इस संकट ने देश भर में शिक्षा व्यवस्था को काफी प्रभावित किया है। सरकार की तरफ से ऑनलाइन शिक्षा की बात की जा रही है लेकिन स्मार्टफोन (smartphones) और बेहतर इंटरनेट के अभाव में कई जगहों पर बच्चे अपनी पढ़ाई से वंचित रह जा रहे हैं। मुम्बई में लाखों बच्चों की शिक्षा महामारी के कारण बाधित हो गयी है। क्योंकि उनके पास स्मार्टफोन, टैबलेट और उच्च गति के इंटरनेट कनेक्शन नहीं है। मुंबई जैसे शहर में भी जहां दुनिया के कुछ सबसे अमीर लोगों का घर है में आरे क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के बच्चे स्मार्टफोन के अभाव में शिक्षा से दूर हो गये हैं।

आरे की रहने वाली प्रमिला मानकर कहती हैं, "हम दूसरों के घर जाते थे और पढ़ाई के लिए फोन मांगते थे लेकिन वो नहीं देते थे। हमारे बच्चे पढ़ नहीं पा रहे थे और वे इधर-उधर घूमते रहते थे," सोनू सूद ने 27 बच्चों को स्मार्टफोन वितरित किया है और वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे बात की है। उनसे आग्रह किया कि वे मेहनत से पढ़ाई करें और अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराएं। कुल मिलाकर, लगभग 50 छात्रों के पास अब स्मार्टफोन पहुंच गया है।

स्मार्टफोन मिलने के बाद खुश छात्र रोहित साधवे ने बताया कि पहले हम एक दोस्त के घर जाते थे और उनसे फोन मांगकर पढ़ाई करते थे। कभी-कभी वो गेम खेलने लगते थे, कुछ जरूरी काम भी उनका होता था। वे कहते थे कि मेरे बच्चे को पहले अपना काम करने दो पहले। इन गांवों में कई परिवारों के लिए, और निश्चित रूप से बच्चों के लिए, यह पहली बार है जब उनके पास एक स्मार्टफोन पहुंचा है।

5. Coronavirus India Updates : भारत में कोविड-19 के मामले 45 लाख के पार

Coronavirus India Updates : भारत में एक दिन में कोविड-19 के 96,551 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर शुक्रवार को 45 लाख के पार चले गए। वहीं 1,209 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 76,271 हो गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार तक 35 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हो गए हैं। मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के मामले बढ़कर 45,62,414 हो गए हैं। जबकि 35,42,663 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। मृत्यु दर गिरकर 1.67 प्रतिशत हो गई और मरीजों के ठीक होने की दर 77.65 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 9,43,480 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 20.68 प्रतिशत है। भारत में कोविड-19 मरीजों की संख्या सात अगस्त को 20 लाख के पार हो गई थी। यह 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख के पार पहुंच गई थी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में 10 सितम्बर तक कोविड-19 के लिए 5,40,97,975 नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 11,63,542 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को ही की गई।

6. भारत-जापान ने आपूर्ति और सेवाओं के पारस्परिक प्रावधान के लिए समझौते पर किए हस्ताक्षर

भारत और जापान ने भारत के सशस्‍त्र बलों और जापान के आत्‍मरक्षा बलों के बीच आपूर्ति और सेवाओं के पारस्‍परिक प्रावधान से संबंधित एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

यह समझौता द्विपक्षीय प्रशिक्षण गतिविधियों, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियायों, मानवतावादी अंतर्राष्ट्रीय राहत और पारस्परिक रूप से सहमत अन्य गतिविधियों में संलग्न रहते हुए आपूर्ति और सेवाओं के पारस्परिक प्रावधान में भारत और जापान के सशस्त्र बलों के बीच घनिष्ठ सहयोग के लिए सक्षम ढांचा स्‍थापित करेगा।

यह समझौता भारत और जापान के सशस्त्र बल के बीच अंतरसंक्रियता को भी बेहतर बनाएगा जिससे दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के तहत द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ेगा।

7. आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 26 स्थान नीचे खिसका

देशों में कारोबर के वातावरण के खुलेपान के बारे में कनाडा की एक संस्था द्वारा प्रकाशित की जाने वाली वार्षिक तुलनात्मक रिपोर्ट ‘ग्लोबल इकोनामिक फ्रीडम इंडेक्स (वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रा सूचकांक) 2020 में भारत 26 स्थान नीचे खिसक कर 105वें स्थान पर आ गया है।

पिछले साल देश 79वें स्थान पर था। इस सूची में हांगकांग और सिंगापुर प्रथम व दूसरे स्थान पर तथा चीन 124वें स्थान पर है।

रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक वर्ष में सरकार के आकार, न्यायिक प्रणाली और सम्पत्ति के अधिकार, वैश्विक स्तर पर व्यापार की स्वतंत्रता, वित्त, श्रम और व्यवसाय के विनियमन जैसी कसौटियों पर भारत की स्थिति थोड़ी खराब हुई है।

दस अंक के पैमाने पर सरकार के आकार के मामले में भारत को एक साल पहले के 8.22 के मुकाबले 7.16 अंक, कानूनी प्रणाली के मामले में 5.17 की जगह 5.06, अंतरराष्ट्रीय व्यापार की स्वतंत्रता के मामले में 6.08 की जगह 5.71 और वित्त, श्रम तथा व्यवसाय के विनियमन के मामल में 6.63 की जगह 6.53 अंक मिले हैं। इसमें प्राप्तांक दस के जितना करीब होता है स्वतंत्रा उसी अनुपात में अधिक मानी जाती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक स्वतंत्रा बढ़ने की संभावनाएं अगली पीढ़ी के सुधारों तथा अंतराष्ट्रीय व्यापार के खुलेपन पर निर्भर करेंगी।

सूची में प्रथम दस देशों में न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मारीशस, जॉर्जिया, कनाडा और आयरलैंड शामिल हैं। जापान को सूची में 20वां, जर्मनी को 21वां, इटली को 51वां, फ्रोंस को 58वां, रूस को 89वां और ब्राजील को 105वां स्थान मिला है।

यह रिपोर्ट 162 देशों और अधिकार क्षेत्रों में आर्थिक स्वतंत्रता को आंका गया है। इनमें व्यक्तिगत पसंद का स्तर, बाजार में प्रवेश की योग्यता, निजी सम्पति की सुरक्षा, कानून का शासन सहित अन्य मानकों को देखा जाता है। इसके लिये विभिन्न देशों की नीतियों और संस्थानों का विश्लेषण किया जाता है।

जिन देशों को सबसे नीचे स्थान मिला है उनमें अफ्रीकी देश, कांगो, जिम्बाब्वे, अल्जीरिया, ईरान, सूडान, वेनेजुएला आदि शामिल हैं।

8. बैंक ऑफ बड़ौदा ने IBA द्वारा जारी EASE 2.0 इंडेक्स में किया टॉप

बैंक ऑफ बड़ौदा को हाल ही में जारी EASE बैंकिंग सुधार सूचकांक 2.0 में पहले स्थान पर रखा गया है।

सूचकांक में भारतीय स्टेट बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) को क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान मिला है।

भारतीय बैंकिंग संघ (Indian Banking Association) द्वारा EASE (Enhanced Access and Service Excellence) सुधार सूचकांक को तैयार किया गया है।

इस सूचकांक को जारी करने का उद्देश्य सार्वजनिक उपक्रमों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाके उन्हें एक-दूसरे से सीखने के लिए प्रोत्साहित करके पीएसबी में जरुरी बदलाव लाना है।

सूचकांक छह विषयों पर आधारित है जिसमे 120 से अधिक उद्देश्य मैट्रिक्स पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के प्रदर्शन को मापा जाता है-

Responsible Banking /उत्तरदायी बैंकिंग

Customer Responsiveness /ग्राहक प्रतिक्रिया

Credit off-take /क्रेडिट ऑफ-टेक

Governance and HR /व्यवस्था और एच.आर.

PSBs as Udyamimitra for MSMEs /MSMEs के लिए उद्यमीमित्र के रूप में PSBs

Deepening Financial Inclusion and Digitalisation /वित्तीय समावेशन और डिजिटलीकरण को मजबूत बनाना

9. केंद्र सरकार ने चीनी नागरिकों के लिए ज्यादा सख्त किये वीजा नियम

भारत सरकार ने चीनी नागरिकों के लिए सख्त वीजा मानदंड लागू किए हैं। ये मानदंड चीन को अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे प्राइम रेफरल श्रेणी के देशों के बराबर लाएंगे।

गृह मंत्रालय ने व्यापार वीजा देने के अपने नवीनतम दिशानिर्देशों में इन ‘चीनी नागरिकों के लिए विशिष्ट प्रावधान’ पेश किए हैं, जिसमें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) को रिपोर्ट करना शामिल है।

गृह मंत्रालय के ये नवीनतम निर्देश कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत में चल रहे यात्रा प्रतिबंधों के मद्देनजर वीजा नियमों में किये गये बड़े बदलावों का हिस्सा हैं।

चीनी व्यापार वीजा धारकों के लिए गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश

• गृह मंत्रालय ने अपने 72 पन्नों के इन दिशा-निर्देशों में चिकित्सा, रोजगार, छात्र और अनुसंधान वीजा के अनुदान की शर्तों को निर्धारित किया है और यह कहा है कि, अगर चीनी व्यापार वीज़ा धारकों का प्रवास एक कैलेंडर वर्ष में 180 दिनों से अधिक हो, तो उन सभी चीनी व्यापार वीज़ा धारकों के लिए अपने प्रवास के दौरान खुद को FRRO में पंजीकृत कराना आवश्यक है।

• गृह मंत्रालय के अनुसार, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) को प्रत्येक मामले और योग्यता के आधार पर चीनी नागरिकों को व्यापार वीजा प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है।

इन तीन श्रेणियों के तहत व्यापार वीजा चीनी प्रदान किया जा सकता है

• विदेशों में भारतीय मिशन एक मान्यता प्राप्त भारतीय संगठन से प्राप्त निमंत्रण पत्र पेश करने वाले चीनी नागरिकों को एक छह-महीने का बहु-प्रविष्टि बी-वीजा प्रदान करने की सिफारिश करने में सक्षम होंगे, बशर्ते कि उनकी भारत में ठहरने की अवधि प्रत्येक यात्रा के दौरान 90 दिनों से कम हो।

• दूसरी श्रेणी में ऐसे चीनी नागरिकों के लिए 60 दिनों का एकल-प्रविष्टि-वीज़ा को शामिल किया गया है, जो किसी मान्यता प्राप्त भारतीय संगठन से प्राप्त निमंत्रण पत्र पेश नहीं कर सकेगा, लेकिन उसके पास विधिवत अधिकृत चीनी संगठन का एक पत्र होगा।

• तीसरी श्रेणी में कम अवधि का एकल प्रविष्टि, बी-वीजा शामिल किया गया है जो ऐसे चीनी नागरिकों के लिए 60 दिनों से अधिक अवधि के लिए नहीं दिया जायेगा, जो विदेश में भारतीय मिशनों द्वारा मंजूरी और कोई भी दस्तावेजी सबूत नहीं दे पाएंगे।

एकाधिक पर्यटक वीजा पर दिशा-निर्देश

• चीन उन 33 देशों में शामिल है, जिनका नाम भारत ने अन्य कई देशों के साथ तुर्की, ईरान, सूडान, सऊदी अरब और अफगानिस्तान के साथ रखा है, जिनके नागरिकों को एक डिफ़ॉल्ट विकल्प के तौर पर 5 साल की अवधि के लिए एकाधिक-प्रवेश वाले पर्यटक वीजा नहीं दिए जा सकते हैं।

• चीन और बांग्लादेश के लिए, समय-समय पर जारी द्विपक्षीय समझौतों और नीति दिशानिर्देशों में उपलब्ध प्रावधान लागू होंगे।

• चीन, अफगानिस्तान, सूडान, इराक, पाकिस्तान मूल के विदेशियों, और राज्य विहीन व्यक्तियों के संबंध में, एक पर्यटक वीजा पर भारत की दो यात्राओं के बीच कम से कम 2 महीने का अंतर होना चाहिए।

10. इंडियन रेटिंग ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.8 फीसदी गिरावट का जताया अनुमान

फिच रेटिंग्स की भारतीय शाखा इंडियन रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने भारत के वित्त वर्ष 2021 के सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि अनुमान को घटाकर -11.8% कर दिया है, जो पहले -5.3% आंका गया था।

साथ ही रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2021 में आर्थिक नुकसान 18.44 लाख करोड़ रुपये तक होने का अनुमान जारी किया है।

इसके अलावा रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष यानी 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था 9.9% की वृद्धि दर्ज करेगी. हालांकि इसमें पिछले वित्त वर्ष के कमजोर आधार प्रभाव होगा।

वित्त वर्ष 2021 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 23.9% की गिरावट आई थी, जो COVID-19 महामारी (लॉकडाउन) के प्रभाव के कारण इंड-रा के 17.0% के पूर्वानुमान से बहुत अधिक थी।

11. ADB और भारत के बीच दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के लिए 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर ऋण समझौता

एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) और भारत सरकार ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के लिए एक 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह ADB और भारत द्वारा हस्ताक्षरित ऋण की ऐसी पहली ऋण किश्त है जिसमें एक अरब डॉलर की ऋण सुविधा को मंजूरी दी गई है, जोकि एक उच्च गति, आधुनिक, 82-किलोमीटर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर बनाने के लिए दिया गया है जिससे भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और गतिशीलता में सुधार होगा।

दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) निवेश परियोजना के लिए वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, समीर खरे और ADB के इंडिया रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर केनिची योकोयामा के बीच इस ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

मुख्य विशेषताएं

• यह पहली ऋण किश्त तीन प्राथमिकताओं वाले रेल गलियारों के निर्माण में सहायता प्रदान करेगी जिसे दिल्ली से सटे राज्यों के अन्य शहरों को जोड़ने के लिए NCR क्षेत्रीय योजना, वर्ष 2021 के तहत बनाने की योजना है।

• इस परियोजना का उद्देश्य NCR के अन्य शहरों को आवासीय क्षेत्रों से घिरे शहरी आर्थिक केंद्रों के तौर पर विकसित करने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के साथ-साथ दिल्ली पर एकाग्रता दबाव को कम करना होगा।

• इस गलियारे के विकास से एक बहुत बड़ा परिवर्तन भी दिखाई देगा। यह क्षेत्र के भीतर शहरी विकास की गतिशीलता और पैटर्न में प्रतिमान बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेगा।

दिल्ली-मेरठ RRTS का महत्व

यह 82-किलोमीटर दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर, 180 किमी प्रति घंटे की डिज़ाइन गति और हर 5 से 10 मिनट के उच्च आवृत्ति संचालन के साथ, दिल्ली के सराय काले खां को यूपी के मेरठ में मोदीपुरम से जोड़ेगा। इस योजना से वर्तमान में लगने वाले 3 से 4 घंटे तक के यात्रा समय को लगभग 1 घंटे तक कम करने की उम्मीद है।

इस RRTS में अन्य परिवहन प्रणालियों के साथ सुगम इंटरचेंज सुनिश्चित करने के लिए मल्टीमॉडल हब भी होंगे।

पृष्ठभूमि

NCR परिवहन प्राधिकरण के अधिकारियों ने 18 अगस्त, 2020 को इस बात की पुष्टि की थी कि, ADB ने एक तीव्र गति वाले, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के निर्माण के लिए 01 बिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है।

इस रेल परियोजना की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 8 लाख यात्री कम और लंबी दूरी के लिए प्रतिदिन चलने वाली हाई-स्पीड RRTS ट्रेनों में यात्रा करेंगे।

12. सुप्रीम कोर्ट ने Loan Moratorium 28 सितंबर तक बढ़ाया, जानें वजह

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में लोन मोरेटोरियम की तारीख को 28 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को बड़ी राहत दी है। इसका मतलब है कि लोगों के लिए अपने कर्ज की ईएमआई का इस तारीख तक भुगतान करना जरूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को ठोस फैसला लेने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों से कहा कि इस अवधि में लोन की अदायगी ना होने पर भी अकाउंट को एनपीए घोषित नहीं किया जाए। कोरोना की महामारी से लोगों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इससे राहत देने के लिए लोन पर मोरेटोरियम देने का फैसला किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मोरेटोरियम के दौरान लोन के ब्‍याज पर ब्‍याज नहीं वसूलने की याचिका पर विचार करने के लिए कहा है। याचिका में इस दौरान कर्ज लेने वालों की क्रेडिट रेटिंग या एसेट क्‍लासिफिकेशन को नहीं बदलने की भी अपील की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आरबीआई और अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थानों से इस मसले पर सलाह लेने के लिए कहा है। उससे सभी उठाए गए मुद्दों पर कोई ठोस समाधान निकालने को भी कहा गया है।

अगली सुनवाई 28 सितंबर को

10 सितम्बर 2020 को जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि मोरेटोरियम पर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई को यह अंतिम मौका दिया जा रहा है। साथ ही कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम को 28 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस अवधि तक बैंक किसी भी लोन की किस्त न चुकाने पर नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) घोषित न करें। अगली सुनवाई 28 सितंबर 2020 को ही होगी।

लोन मोरेटोरियम की सुविधा

आरबीआई ने कोरोना संक्रमण के आर्थिक असर को देखते हुए मार्च में तीन महीने के लिए मोरेटोरियम सुविधा दी थी। यह सुविधा 1 मार्च से 31 मई तक तीन महीने के लिए लागू की गई थी। बाद में आरबीआई ने इसे तीन महीनों के लिए और बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक के लिए कर दिया था। यानी कुल 6 महीने की मोरेटोरियम सुविधा दी गई है। यह सुविधा 31 अगस्त को खत्म हो गई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम को 28 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है।

क्या है लोन मोरेटोरियम?

जब किसी प्राकृतिक या अन्य आपदा के कारण लोन लेने वालों की वित्तीय हालत खराब हो जाती है तो लोन देने वालों की तरफ से भुगतान में कुछ समय के लिए मोहलत दी जाती है। कोरोना महामारी के कारण देश में भी लॉकडाउन लगाया गया था। इस कारण बड़ी संख्या में लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया था। आरबीआई ने इस संकट से निपटने के लिए 6 महीने के मोरेटोरियम की सुविधा दी थी। इस अवधि के दौरान सभी प्रकार के लोन लेने वालों को किस्त का भुगतान करने की मोहलत मिल गई थी।

13. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं का शुभारंभ किया

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9 सितंबर, 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) द्वारा डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं का शुभारंभ किया है। इस सेवा का उद्देश्य ग्राहकों को उनके डोरस्टेप (द्वार) पर बैंकिंग सेवाओं की सुविधा प्रदान करना है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी करके यह कहा है कि, EASE रिफॉर्म्स के एक हिस्से के तौर पर, कॉल सेंटर, वेब पोर्टल या मोबाइल ऐप के सार्वभौमिक टचपॉइंट्स के माध्यम से ग्राहकों को उनके दरवाजे पर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए इन डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं की परिकल्पना की गई है।

ग्राहक इन माध्यमों से अपने सेवा अनुरोधों की मौजूदा स्थिति के बारे में पता करने में भी सक्षम होंगे।

महत्व

इन डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं से सभी ग्राहकों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग लोगों को लाभ होगा, जिनके लिए अब इन सेवाओं का लाभ उठाना काफी आसान होगा। इन् सेवाओं का उद्देश्य परेशानी मुक्त और सुविधाजनक बैंकिंग तक पहुंच में सुधार करना है।

डोरस्टेप बैंकिंग सेवायें: मुख्य विशेषताएं

• यह डोरस्टेप बैंकिंग सेवा अपने बैंक ग्राहकों को सुविधा प्रदान करने में मदद करेगी।

• देश भर में 100 केंद्रों पर चयनित सेवा प्रदाताओं द्वारा तैनात डोरस्टेप बैंकिंग एजेंटों द्वारा ये सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।

• सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ग्राहक नाममात्र शुल्क पर इन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।

• वर्तमान में ग्राहकों के लिए केवल गैर-वित्तीय सेवाएं जैसे कि चेक, डिमांड ड्राफ्ट या पे ऑर्डर लेना ही उपलब्ध हैं।

• PSBs की ये पूर्ण वित्तीय सेवाएं अक्टूबर 2020 से ग्राहकों के घर पर उपलब्ध कराई जाएंगी।

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