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9th October | Current Affairs | MB Books


1. कुवैत के प्रधानमंत्री सबा अल खालिद अल सबाह ने दिया इस्तीफा

प्रधान मंत्री (प्रधान मंत्री) सबा अल खालिद अल सबाह के नेतृत्व वाली कुवैती सरकार ने नवंबर 2020 में होने वाले आगामी आम चुनावों के चलते अमीर नवाफ अल अहमद अल जबर अल सबाह को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

उन्होंने 2019 में पीएम के रूप में कार्यभार संभाला था।


2. वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने जीता 2020 का नोबेल शांति पुरस्कार

नॉर्वे की नोबेल कमेटी की अध्यक्ष बेरिट राइस एंडर्सन ने शुक्रवार को इस साल के नोबेल शांत पुरस्कार के विजेता के नाम की घोषणा की। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को इस साल का नोबल पुरस्कार दिया गया है।

वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) दुनिया भर में भूख को मिटाने और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने वाला सबसे बड़ा संगठन है। 2019 में 88 देशों के करीब 10 करोड़ लोगों तक वुर्ल्ड फूड प्रोग्राम की सहायता पहुंची।

इस पुरस्कार की दौड़ में डोनाल्ड ट्रंप, ग्रेटा थनबर्ग समेत 318 उम्मीदवार शामिल थे, जिनमें से 211 व्यक्ति और 107 संगठन थे।

उल्लेखनीय है कि नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की याद में 1901 से प्रदान किए जा रहे हैं। इस वर्ष के चिकित्सा, भौतिकी, रसायन और साहित्य के नोबेल के पुरस्कारों की पहले ही घोषणा की जा चुकी है।


3. पीयूष गोयल को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार

रेलमंत्री पीयूष गोयल को शुक्रवार को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। यह मंत्रालय लोजपा नेता रामविलास पासवान के पास था जिनका गुरुवार को निधन हो गया।

राष्ट्रपति भवन से जारी एक वक्तव्य में शुक्रवार को बताया गया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परामर्श पर गोयल को मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। देश के प्रमुख दलित नेता और 8 बार के सांसद पासवान का गुरुवार को निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे।लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक पासवान भाजपा नीत राजग और कांग्रेस नीत संप्रग दोनों की ही सरकारों में प्रमुख जिम्मेदारियां निभाते रहे।

पासवान का अंतिम संस्कार शनिवार को पटना में किया जाएगा जिसमें केंद्र सरकार और केंद्रीय मंत्रिपरिषद की ओर से विधि और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद शामिल होंगे।


4. गुजरात सरकार ने की 'डिजिटल सेवा सेतु' कार्यक्रम की शुरुआत

गुजरात सरकार ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक कल्याण करने की दिशा में प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए "डिजिटल सेवा सेतु" कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है।

इस कार्यक्रम की शुरुआत केंद्र की भारतनेट परियोजना के तहत की गई है।

डिजिटल सेवा सेतु कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य की सभी 14,000-ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के माध्यम से ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए जन कल्याण सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

प्रत्येक ग्राम पंचायत को ई-ग्राम कार्यालय मिलेगा, ताकि ग्रामीणों को तालुका या जिला-स्तर के कार्यालयों में जाना न पड़े।

सभी ग्राम पंचायतों को गांधीनगर के स्टेट डेटा केंद्र से जोड़ा जाएगा।

कार्यक्रम के तहत प्रारंभ में, ग्रामीणों को राशन कार्ड, विधवा, मूल निवास, जाति, वरिष्ठ नागरिक, भाषा-आधारित अल्पसंख्यक, धार्मिक आधारित अल्पसंख्यक, अस्थायी और आय प्रमाण पत्र जैसी 20 सुविधाओं की पेशकश की जाएगी।


5. TLTRO 2.0 की घोषणा, बैंकों को एक लाख करोड़ की तरलता

रिजर्व बैंक ने कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था में आई गिरावट से उबारने के उद्देश्य से टारगेटेड लॉन्‍ग टर्म रेपो ऑपेरशन (TLTRO) 2.0 की घोषणा करते हुए शुक्रवार को कहा कि इसके तहत 31 मार्च 2021 तक 3 वर्ष के लिए बैंकों को एक लाख करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।

इससे पहले रिजर्व बैंक ने टीएलटीआरओ 1.0 की घोषणा की थी और इसके तहत बड़ी सरकारी और निजी कंपनियों को वित्त उपलब्ध कराने के उपाय किए गए थे।

केन्द्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की 3 दिवसीय तीसरी बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांता दास ने अपने बयान में कहा कि तरलता बढ़ाने के मद्देनजर रिजर्व बैंक अब विशेष क्षेत्रों की गतिविधियों में सुधार पर ध्यान केन्द्रित करने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि टीएलटीआरओ 2.0 शुरू करने का निर्णय लिया गया है जिसकी अवधि तीन वर्ष की होगी। नीतिगत रेपो दर पर आधारित कुल एक लाख करोड़ रुपए इसके माध्यम से उपलब्ध कराएं जाएंगे और यह स्कीम 31 मार्च 2021 तक जारी रहेगी। इसकी समीक्षा के बाद आवश्यकता अनुसार इस राशि और अवधि में बढोतरी करने का विकल्प भी है।

उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत बैंकों द्वारा ली गई तरलता का उपयोग कार्पोरेट बॉन्ड, व्यावसायिक पत्रों और गैर परिवर्तनीय ऋण पत्रों के माध्यम से क्षेत्र विशेष के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग उन क्षेत्रों को बैंक ऋण देने में भी उपयोग किया जा सकता है।

दास ने कहा कि इस स्कीम का उद्देश्य मांग बढ़ने पर बैंकों के पास पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को मदद देने में गैर बैंकिंग फाइनेंस सेक्टर की बड़ी भूमिका है।

देश की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण क्षेत्र को मदद देने में भी इसकी बड़ी भूमिका सामने आई है। छोटे एवं मझोले कारोबार को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रिजर्व बैंक ने नई पहल की है। इसके तहत समग्र खुदरा ऋण की सीमा में बढोतरी की गई है।

50 करोड़ रुपए तक की वार्षिक आय या कारोबार के लिए 5 करोड़ रुपए की ऋण सीमा थी जिसे अब बढ़ाकर 7.5 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इससे छोटे कारोबारियों के लिए पूंजी प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है।

गवर्नर ने कहा कि अब तक व्यक्तिगत आवास ऋण के लिए ऋण और आवास की कीमत के अनुपात पर जोखिम वितरित है लेकिन आर्थिक गतिविधियों और रोजगार सृजन में रियल एस्टेट क्षेत्र की महत्ती भूमिका को देखते हुए जोखिम निर्धारण को तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है। 31 मार्च 2022 तक के सभी नए आवास ऋण को सिर्फ ऋण और आवास की कीमत अनुपात से जोड़ा जाएगा जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र में तेज बढ़ोतरी होने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने विदेशी खरीदारों से मोलभाव करने के लिए उन्हें अधिक सुविधा देने की घोषणा की है। सिस्टम आधारित ऑटोमेटिक कॉशन लिस्टिंग की मदद से इस तरह के जोखिम को कम करने की कोशिश की जाएगी।


6. सरकार ने ऑनलाइन स्टार्टअप प्लेटफॉर्म “Startup India Showcase” किया लॉन्च'

डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने स्टार्टअप के लिए “Startup India Showcase” नामक एक नया ऑनलाइन खोज प्लेटफार्म शुरू किया है।

इस वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य भारत के सबसे बेहतर स्टार्टअप्स को एक साथ लाना है, जिन्होंने फिनटेक, एंटरप्राइज टेक, सोशल इफेक्ट, हेल्थ टेक और एडिटेक जैसे क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को साबित किया है।


7. कोविड -19 के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 21 में आ सकती है 9.6 प्रतिशत तक मंदी: विश्व बैंक

विश्व बैंक ने इस 8 अक्टूबर, 2020 को यह कहा है कि, कोविड -19 महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष (2020-21) में भारत की अर्थव्यवस्था में 9.6 प्रतिशत तक मंदी आने की उम्मीद है। भारत की अर्थव्यवस्था दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी है।

विश्व बैंक ने अपने एक अर्द्धवार्षिक क्षेत्रीय अपडेट में यह कहा है कि, इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं पर कोविड -19 के विनाशकारी प्रभावों के लंबे समय तक बने रहने के कारण, दक्षिण एशिया अपनी अभी तक की सबसे खराब आर्थिक मंदी झेलने के लिए तैयार है। यह अनौपचारिक श्रमिकों को काफी बुरी तरह प्रभावित करेगा और दक्षिण एशिया के लाखों लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेल देगा।

विश्व बैंक की एक रिपोर्ट, जिसका शीर्षक 'बीटन या ब्रोकन? अनौपचारिकता और कोविड -19’ है, में दक्षिण एशिया क्षेत्र में आर्थिक मंदी पूर्व अननुमानित अपेक्षित मंदी की तुलना में कहीं अधिक है।

मुख्य विशेषताएं

विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में 6 प्रतिशत सालाना की वृद्धि के बाद, वर्ष 2020 में दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय वृद्धि में 7.7 प्रतिशत तक मंदी आने की संभावना है। हालांकि, वर्ष 2021 में यहां के क्षेत्रीय विकास में 4.5 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति होने का अनुमान है।

जनसंख्या में वृद्धि होने के कारण, इस क्षेत्र में प्रति-व्यक्ति आय वर्ष 2019 के अनुमान से 6 प्रतिशत तक कम रहेगी। यह इंगित करता है कि महामारी से होने वाली स्थायी आर्थिक क्षति की भरपाई यह अपेक्षित पलटाव (इकनोमिक रिबाउंड) नहीं करेगा।

विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में आगे यह कहा गया है कि, पिछली आर्थिक मंदी के मामले में, निवेश और निर्यात गिरने से मंदी का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार यह अलग है क्योकि निजी खपत, जो परंपरागत रूप से दक्षिण एशिया में मांग की रीढ़ होने के साथ ही आर्थिक कल्याण का एक प्रमुख संकेतक भी है, इसमें 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आएगी जिससे गरीबी दर में और वृद्धि होगी।

इसके अलावा, कुछ देशों में सबसे गरीब लोगों की आजीविका के नुकसान में तेज़ी आने के कारण, निधि के अंतरण और भुगतान में गिरावट की भी उम्मीद है।

दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए विश्व बैंक के उपाध्यक्ष, हार्टविग स्केफर के अनुसार, कोविड -19 के दौरान दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं का पतन प्रत्याशित मंदी से कहीं अधिक हानिकारक रहा है, जिसका सबसे बुरा असर छोटे व्यवसायों और अनौपचारिक श्रमिकों पर पड़ा है जो अचानक नौकरी छूटने और मजदूरी न मिलने का दंड भुगत रहे हैं।

स्केफर ने यह भी कहा कि, “हालांकि तत्काल राहत ने इस महामारी के प्रभावों को थोड़ा कम कर दिया है, लेकिन अभी भी सरकारों को अपने अनौपचारिक क्षेत्रों की गंभीर कमजोरियों को स्मार्ट नीतियों के माध्यम से दूर करना चाहिए और अपने दुर्लभ संसाधनों को बुद्धिमानी से आवंटित करना चाहिए।"

महत्व

दक्षिण एशिया में सभी श्रमिकों का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा, विशेष रूप से आतिथ्य, खुदरा व्यापार और परिवहन जैसे क्षेत्रों में, अनौपचारिक रोजगार पर निर्भर है और ये क्षेत्र कोविड -19 रोकथाम उपायों से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि, अनौपचारिक श्रमिकों और फर्मों के पास कोविड - 19 के अप्रत्याशित परिमाण का सामना करने के लिए बहुत कम क्षमता है। बढ़ती हुई खाद्य कीमतों के कारण, गरीबों को भारी नुकसान उठाना पड़ा, इस आय की गिरावट के बीच कोविड -19 संकट ने कई अनौपचारिक श्रमिकों को एक और झटका दिया है जिनकी आय में काफी गिरावट आ गई है। इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि, केवल कुछ अनौपचारिक श्रमिकों को ही सामाजिक बीमा द्वारा कवर किया जाता है या फिर, उनके पास बचत होती हिया या उनकी वित्त तक पहुंच होती है।

सुझाव

विश्व बैंक की यह रिपोर्ट सरकारों से सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ अधिक उत्पादकता, कौशल विकास और मानव पूंजी का समर्थन करने वाली नीतियों को तैयार करने का आग्रह करती है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू वित्तपोषण हासिल करने से, सरकारों को वसूली को गति देने के लिए, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को निधि सहायता देने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा, दीर्घकालिक अवधि में, अगर देश सभी के लिए डिजिटल पहुंच में सुधार करते हैं और श्रमिकों को ऐसे डिजिटल प्लेटफार्मों का लाभ उठाने में सक्षम बनाते हैं तो ये डिजिटल प्रौद्योगिकियां अनौपचारिक श्रमिकों के लिए नए अवसर पैदा करने, दक्षिण एशिया को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने और बाजारों कें साथ बेहतर तरीके से एकीकृत करने में एक आवश्यक भूमिका निभा सकती हैं।


8. पूर्व सीबीआई निदेशक अश्विनी कुमार का निधन

नागालैंड के पूर्व राज्यपाल और सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्विनी कुमार का निधन।

उनका जन्म सिरमौर जिले के नाहन में हुआ था और वे 1973 में भारतीय पुलिस बल में शामिल हुए थे।

उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर आवंटित किया गया था और 1985 में शिमला में जिला पुलिस अधीक्षक के रूप में काम करते हुए उन्हें नए बनाए गए सुरक्षा समूह (SPG) में शामिल किया गया था, जहां उन्होंने 1990 तक काम किया।

अगस्त 2006 में, उन्हें हिमाचल का DGP नियुक्त किया गया और जुलाई 2008 में, वह CBI के निदेशक बनने वाले राज्य के पहले पुलिस अधिकारी बने थे।

9. लंबे वक्त से बीमार चल रहे एलजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन

लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के वरिष्‍ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का अस्‍पताल में निधन हो गया है। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। पासवान की हाल ही में हार्ट सर्जरी हुई थी। वे 74 वर्ष के थे। उनके बेटे चिराग पासवान ने एक ट्वीट करके पिता के निधन की जानकारी दी। पासवान, नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व वाली एनडीए सरकार में उपभोक्‍ता मामलों तथा खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री मंत्रालय की जिम्‍मेदारी संभाल रहे थे।

पांच जुलाई 1946 को खगरिया जिले के शाहरबन्‍नी के एक दलित परिवार में जन्‍मे रामविलास पासवान की गिनती बिहार ही नहीं, देश के कद्दावर नेताओं में की जाती थी। जेपी के दौर में वे भारतीय राजनीति में उभरे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी रामविलास के निधन पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, 'रामविलास जी ने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्‍प के जरिये राजनीति में कदम रखा. एक युवा नेता के रूप में उन्‍होंने इमरजेंसी के दौरान अत्‍याचार और लोक‍तंत्र की हुए हमले का जमकर विरोध किया। वे एक असाधारण सांसद और मंत्री थे और उन्‍होंने नीतिगत क्षेत्र में अहम योगदान दिया।' केंद्र सरकार के कई मंत्रियों, कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भी पासवान के निधन पर दुख जताते हुए उन्‍होंने श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं।


10. एक्सिस बैंक ने को-ब्रांडेड फॉरेक्स कार्ड लॉन्च करने के लिए विस्तारा के साथ की साझेदारी

एक्सिस बैंक ने भारत की पूर्ण कैरियर सर्विस कंपनी विस्तारा के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक को-ब्रांडेड विदेशी मुद्रा कार्ड ‘Axis Bank Club Vistara Forex Card’ लॉन्च किया है।

को-ब्रांडेड विदेशी मुद्रा कार्ड के लिए की गई यह साझेदारी किसी भी बैंक और भारतीय एयरलाइन द्वारा की गई अपनी तरह की पहली साझेदारी है।


11. जे वेंकटरमू होंगे इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के नए MD और CEO

जे वेंकटरमू को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) का नया प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।

वह सुरेश सेठी का स्थान लेंगे, जिन्होंने मार्च 2020 तक इस पद पर काम किया था।

वेंकटरामु्रस वर्तमान में इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक में मुख्य डिजिटल अधिकारी के रूप में कार्यत हैं।

उन्हें तीन साल की अवधि के लिए आईपीपीबी के एमडी और सीईओ के पद पर नियुक्त किया गया है।


12. केंद्र सरकार ने एम राजेश्वर राव को नियुक्त किया RBI का नया डिप्टी गवर्नर

केंद्र सरकार ने 7 अक्टूबर 2020 को एम राजेश्वर राव को भारतीय रिज़र्व बैंक का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। इससे पहले, एम राजेश्वर राव RBI में कार्यकारी निदेशक के तौर पर कार्यत थे। वह केंद्रीय बैंक के चौथे डिप्टी गवर्नर के रूप में एनएस विश्वनाथन की जगह लेंगे। एनएस विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जून में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले मार्च 2020 में पद से इस्तीफा दे दिया।

वर्तमान में रिज़र्व बैंक के चार डिप्टी गवर्नर हैं।

आरबीआई के अन्य तीन डिप्टी-गवर्नर:

बी. पी. कानूनगो

एम. डी. पात्रा

एम. के. जैन

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