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9th June | Current Affairs | MB Books


1. 9 जून : विश्व प्रत्यायन दिवस (World Accreditation Day)

हर साल, विश्व प्रत्यायन दिवस (World Accreditation Day) 9 जून को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की पहल अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यायन मंच (International Accreditation Forum) और अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन सहयोग (International Laboratory Accreditation Cooperation) द्वारा शुरू की गई थी।

भारत : भारत में, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (Quality Council of India) द्वारा यह दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा, National Accreditation Board for Testing and calibration Laboratories और National Accreditation Board for Certification Bodies द्वारा वेबिनार आयोजित किए जाते हैं।

FSSAI के अनुसार, भारत में प्रत्यायन के संबंध में वर्तमान आवश्यकताएं निम्नलिखित हैं :

  • प्रवीणता परीक्षण

  • रैपिड टेस्ट किट विकसित करना

  • मान्यता प्राप्त संदर्भ सामग्री उत्पादकों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए

  • सूचना के आदान-प्रदान के लिए एकीकृत प्रणाली

  • खाद्य विश्लेषण के लिए रैपिड टेस्ट किट

  • उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए प्रत्यायन योजना

  • भारत को भी वर्चुअल असेसमेंट को संस्थागत बनाने की जरूरत है।

क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया : भारतीय गुणवत्ता परिषद की स्थापना 1997 में हुई थी। QCI का मुख्य उद्देश्य देश में सभी सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में गुणवत्ता मानकों को स्थापित करना है। इसे नीदरलैंड मॉडल के आधार पर एक सार्वजनिक निजी भागीदारी के रूप में स्थापित किया गया था। यह उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा स्थापित की गयी थी।

QCI के प्रमुख प्रवर्तक CII (भारतीय उद्योग परिसंघ), FICCI (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) हैं।


2. EIU ने विश्व के रहने योग्य शहरों का वार्षिक सर्वेक्षण जारी किया

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) के दुनिया के रहने योग्य शहरों (World’s Most Liveable Cities) के वार्षिक सर्वेक्षण 2021 के अनुसार, कोविड-19 महामारी ने रहने योग्य शहरों की रैंकिंग को हिला दिया है।

मुख्य निष्कर्ष :

  • महामारी से निपटने में अपने सफल दृष्टिकोण के कारण ऑकलैंड 2021 में सबसे अच्छा रहने योग्य शहर है।

  • इसके बाद जापान में ओसाका और टोक्यो, ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड और न्यूजीलैंड में वेलिंगटन का स्थान है।इन सभी देशों में महामारी के विरुद्ध प्रतिक्रिया दी थी।

  • इस रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया, जापान और न्यूजीलैंड के महानगर यूरोप के महानगरों से आगे निकल रहे हैं।

  • सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध के कारण दमिश्क में जीवन सबसे कठिन बना हुआ है।

  • सबसे उल्लेखनीय वृद्धि में होनोलूलू, हवाई द्वारा की गई थी।यह 46 पायदान ऊपर 14वें स्थान पर आ गया है। इसके रोकथाम के उपायों और तेजी से टीकाकरण कार्यक्रम के कारण इसकी रैंकिंग में सुधार हुआ।

यूरोपीय शहरों का ख़राब प्रदर्शन : विएना, जो 2018-20 के दौरान दुनिया का सबसे अच्छा रहने योग्य शहर था, गिरकर 12वें स्थान पर आ गया है। उत्तरी जर्मनी का बंदरगाह शहर हैम्बर्ग सूची में 34 स्थान गिरकर 47वें स्थान पर आ गया है। यूरोपीय शहरों ने अस्पताल के संसाधनों पर बढ़ते तनाव के कारण खराब प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप उनका स्वास्थ्य सेवा स्कोर बिगड़ गया। यूरोपीय स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव ने आवाजाही पर प्रतिबंधों के कारण संस्कृति और समग्र जीवन-यापन को भी प्रभावित किया।

रहने के लिए 10 सबसे बेहतरीन शहर (World’s Most Liveable Cities in 2021) :

  • वेलिंगटन (न्यूजीलैंड)

  • जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड)

  • ब्रिसबेन (ऑस्ट्रेलिया)

  • पर्थ (ऑस्ट्रेलिया)

  • ऑकलैंड (न्यूजीलैंड)

  • ओसका (जापान)

  • एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया)

  • टोक्यो (जापान)

  • ज्यूरिक (स्विट्ज़रलैंड)

  • मेलबोर्न (ऑस्ट्रेलिया)

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) : यह इकोनॉमिस्ट ग्रुप का अनुसंधान और विश्लेषण प्रभाग है। यह अनुसंधान और विश्लेषण करके पूर्वानुमान और सलाहकार सेवाएं प्रदान करता है। इसके दुनिया भर में कई कार्यालय हैं जिनमें दो कार्यालय चीन में और एक हांगकांग में हैं।


3. नीति आयोग और पीरामल फाउंडेशन ने ‘सुरक्षित हम सुरक्षित तुम अभियान’ लॉन्च किया

हाल ही में नीति आयोग (NITI Aayog) और पीरामल फाउंडेशन (Piramal Foundation) ने 112 आकांक्षी जिलों (Aspirational Districts) में ‘सुरक्षित हम सुरक्षित तुम अभियान (Surakshit Hum Surakshit Tum Abhiyaan) की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य जिला प्रशासन को उन COVID-19 रोगियों को घर पर देखभाल सहायता प्रदान करने में सहायता करना है जो स्पर्शोन्मुख (asymptomatic) हैं या जिनमें हल्के लक्षण हैं।

मुख्य बिंदु : गौरतलब है कि यह अभियान 20 लाख नागरिकों को कोविड होम-केयर सहायता प्रदान करेगा। यह अभियान एक विशेष पहल का हिस्सा है जिसमें स्थानीय नेता, नागरिक समाज और स्वयंसेवक जिला प्रशासन के साथ मिलकर आकांक्षी जिला कार्यक्रम (Aspirational Districts Programme) के फोकस क्षेत्रों में उभरती समस्याओं का समाधान करते हैं।

इस अभियान का नेतृत्व जिला मजिस्ट्रेट द्वारा किया जायेगा, इसमें 1000 से अधिक स्थानीय गैर सरकारी संगठन (NGO) भी कार्य करेंगे। यह NGO एक लाख से अधिक स्वयंसेवकों को मरीजों से जुड़ने के लिए प्रशिक्षित करेंगे। इसके अलावा, पीरामल फाउंडेशन गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण का समर्थन करने के लिए जिलाधिकारियों के साथ काम करेगा।

यह अभियान इन जिलों को आपूर्ति किए गए ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के सही उपयोग के लिए नागरिकों की क्षमता निर्माण भी करेगा। स्वयंसेवकों को COVID प्रोटोकॉल का पालन करने, मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।


4. अनूप चंद्र पांडे (Anup Chandra Pandey) को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया

केंद्र सरकार ने अनूप चंद्र पांडे (Anup Chandra Pandey) को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। वे उत्तर प्रदेश कैडर से 1984 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। वह लगभग तीन वर्षों तक अपनी सेवाएं देंगे और फरवरी 2024 में सेवानिवृत्त होंगे।

मुख्य बिंदु :

  • उन्हें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की सेवानिवृत्ति के बाद इस पद पर नियुक्त किया गया है।

  • इस प्रकार, चुनाव आयोग अब तीन सदस्यों की अपनी पूरी ताकत के साथ काम करेगा। इस पैनल के अन्य सदस्य मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं।

  • यह चुनाव आयोग अब 2022 में उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, मणिपुर और उत्तराखंड में आगामी महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों की देखरेख करेगा।

पृष्ठभूमि : वह अगस्त 2019 में सिविल सेवाओं से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश के Infrastructure and Industrial Development Commissioner के रूप में भी काम किया।

चुनाव आयोग (Election Commission) : चुनाव आयोग/निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का प्रबंधन करता है। इसकी स्थापना 25 जनवरी, 1950 को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत हुई थी। यह लोकसभा, राज्य सभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव भी करवाता है। इसका पंचायतों और नगरपालिकाओं के चुनाव से कोई सरोकार नहीं है। पंचायत और नगर पालिका चुनावों को संचालित करने का कार्य राज्य चुनाव आयोग करता है।

मुख्य चुनाव आयुक्त : मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा 6 साल के निश्चित कार्यकाल के लिए या 65 साल की उम्र तक की जाती है। उनके पास वही दर्जा, वेतन और भत्ते हैं जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए उपलब्ध हैं ।


5. CESL और लद्दाख ने लद्दाख को कार्बन न्यूट्रल बनाने के लिए समझौता किया

सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (CESL) ने लद्दाख प्रशासन के साथ केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को कार्बन-न्यूट्रल बनाने के लिए एक समझौता किया है।

समझौता ज्ञापन के बारे में :

  • CESL, जो एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, ने लद्दाख प्रशासन के साथ इसे स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।

  • इसके तहत कई स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम लागू किए जाएंगे।

परियोजनाएं : CESL सोलर मिनी और माइक्रो-ग्रिड सॉल्यूशंस, एनर्जी स्टोरेज-बेस्ड सॉल्यूशंस, एनर्जी एफिशिएंट लाइटिंग, एफिशिएंट कुकिंग स्टोव और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सॉल्यूशंस जैसी परियोजनाओं को पर कार्य करेगा। यह लद्दाख में बहुत ठंडे तापमान के लिए घरेलू उपकरणों, इलेक्ट्रिक हीटिंग, पंप सेट और खाना पकाने के सेट के लिए स्वच्छ समाधान विकसित करेगा।

महत्व : लद्दाख के लिए ऊर्जा पहुंच सर्वोपरि है। लद्दाख को विकेन्द्रीकृत ऊर्जा-कुशल समाधानों जैसे स्थायी समाधानों की आवश्यकता है जिन्हें लद्दाख के कठिन इलाकों में आसानी से लागू किया जा सकता है। लद्दाख को कार्बन-न्यूट्रल बनाने के लिए यह प्रोजेक्ट जीवाश्म ईंधन को खत्म कर देंगे। यदि सौर क्षमता का उपयोग किया जाता है, तो यह क्षेत्र में व्यापार और नौकरियों को गति प्रदान करेगा।


6. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (PMAY-U) के तहत 3.61 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दी

केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (Central Sanctioning and Monitoring Committee – CSMS) की 54वीं बैठक के दौरान , केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी (PMAY-U) के तहत 3.61 लाख घरों के निर्माण के लिए 708 प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

मुख्य बिंदु : इस बैठक में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया। इन सभी मकानों का निर्माण ‘लाभार्थी आधारित निर्माण’ और ‘साझेदारी कार्यक्षेत्र में किफायती आवास’ की तर्ज पर किया जाएगा। इस मिशन के तहत कुल निवेश 7.35 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से केंद्र 1.81 लाख करोड़ रुपये की सहायता कर रहा है। अब तक 96,067 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है।

अब तक कितने घर बन चुके हैं? :

  • प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत स्वीकृत मकानों की कुल संख्या 4 लाख है।

  • 5 लाख घरों को निर्माण के लिए आधार बनाया गया है और

  • अब तक 31 लाख पूरे बन चुके हैं।

लाइटहाउस परियोजनाएं (Lighthouse Projects) : इस बैठक के दौरान, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 6 लाइट हाउस परियोजनाओं (LHP) पर बल दिया। इन लाइटहाउस की आधारशिला पीएम नरेंद्र मोदी ने जनवरी, 2021 में रखी थी। इनका निर्माण इंदौर, लखनऊ, राजकोट, रांची, अगरतला और चेन्नई में किया जा रहा है।

PMAY-U अवार्ड्स 2021 : मिशन को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों (ULBs), राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन और योगदान को सम्मानित करने के लिए ‘PMAY-U Awards 2021- 100 Days Challenge’ शुरू किया गया था।

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी : आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय इस मिशन को लागू कर रहा है, जिसे जून, 2015 में शहरी आवास की कमी की समस्या को दूर करने के लिए शुरू किया गया था। यह योजना 2022 तक सभी योग्य शहरी परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराने का प्रयास करती है।


7. कोरोना की दूसरी लहर से भारत के आर्थिक पुनरुद्धार को नुकसान, वर्ल्ड बैंक का अनुमान, 8.3% रहेगी GDP वृद्धि दर

विश्वबैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को पहले जताए गए 10.1 प्रतिशत से घटाकर 8.3 प्रतिशत कर दिया। उसने कहा है कि कोविड-19 महामारी की अबतक की सबसे खतरनाक दूसरी लहर से आर्थिक पुनरूद्धार को नुकसान पहुंचा है। विश्वबैंक ने ग्लोबल इकोनामिक प्रॉस्पेक्ट्स शीर्षक रपट के नए संस्करण में कहा है कि भारत में 2020-21 की दूसरी छमाही में खासकर सेवा क्षेत्र में तीव्र पुनरूद्धार देखा जा रहा था, लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने इस पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। संस्थान के अनुसार, ‘महामारी की शुरूआत से किसी भी देश के मुकाबले सर्वाधिक भीषण लहर भारत में आई और इससे आर्थिक पुनरूद्धार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।’ उल्लेखनीय है कि 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में अबतक की सबसे खराब 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि 2019-20 में इसमें 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। विश्वबैंक ने इस साल अप्रैल में 2021-22 में जीडीपी में 10.1 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था। यह जनवरी में जताये गये 5.4 प्रतिशत वृद्धि से अधिक था। लेकिन अब अनुमान को कम कर दिया गया है। बहुपक्षीय संस्थान ने 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। विश्वबैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2021 में 5.6 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है। अगर ऐसा होता तो है कि यह 80 साल में मंदी के बाद की यह सबसे मजबूत वृद्धि होगी। भारत की जीडीपी में 2021-22 (अप्रैल-मार्च) में 8.3 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार बुनियादी ढांचा, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य पर अधिक व्यय समेत नीतिगत समर्थन तथा सेवा एवं विनिर्माण में अपेक्षा से अधिक पुनरूद्धार से गतिविधियों में तेजी आएगी। वित्त वर्ष 2021-22 के अनुमान में कोविड-19 की दूसरी लहर तथा इसकी रोकथाम के लिए मार्च 2021 से स्थानीय स्तर लगाई पाबंदियों के कारण अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान पर गौर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘महामारी से खपत और निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि भरोसा पहले से कमजोर बना हुआ है और बही-खातों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि दर धीमी पड़कर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह कोविड-19 के परिवार, कंपनियों तथा बैंकों के बही-खातों पर पड़ने वाले व्यापक प्रभाव, ग्राहकों का भरोसा कमजोर होना तथा रोजगार एवं आय के मामले में अनिश्चितता को अभिव्यक्त करता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में इसमें 5.6 प्रतिशत वृद्धि होगी। अगर ऐसा होता तो है कि यह 80 साल में मंदी के बाद मजबूत वृद्धि होगी। इसका मुख्य कारण कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मजबूत पुनरूद्धार है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अमेरिका में इस साल 6.8 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान जताया गया है। इसका कारण बड़े स्तर पर राजकोषीय मदद तथा महामारी से जुड़ी पाबंदियों में ढील है। अन्य विकसित देशों में वृद्धि मजबूत होगी लेकिन उसकी गति कम होगी। रिपोर्ट के अनुसार उभरते और विकासशील देशों में चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। इसकी वजह दबी हुई मांग में तेजी आना है। विश्वबैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर पुनरूद्धार के संकेत हैं लेकिन महामारी के कारण विकासशील देशों में गरीबी और असमानता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर विशेष रूप से कम आय वाले देशों के लिए टीका वितरण और ऋण राहत में तेजी लाने के लिए समन्वित प्रयास आवश्यक हैं। स्वास्थ्य संकट कम होने के साथ नीति निर्माताओं को महामारी के स्थायी प्रभावों को दूर करने और व्यापक तौर पर आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करते हुए हरित, मजबूत और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता होगी।


8. विश्व बैंक ने Global Economic Prospects Update जारी की

विश्व बैंक ने हाल ही में Global Economic Prospects Update जारी की। इस अपडेट के अनुसार, 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के 5.6% का बढ़ने की उम्मीद है। कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से मजबूत रिबाउंड के कारण यह 80 वर्षों में सबसे तेज मंदी के बाद की गति होगी।

मुख्य निष्कर्ष :

  • इस अपडेट के अनुसार, कई उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं COVID-19 महामारी और उसके बाद के संकट से जूझ रही हैं।

  • वैश्विक सुधार के संकेत हैं लेकिन कोविड-19 महामारी विकासशील देशों में लोगों के बीच गरीबी और असमानता को बढ़ा रही है।

  • दो-तिहाई उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए 2022 तक प्रति व्यक्ति आय के नुकसान की भरपाई नहीं होगी।

  • कम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में, महामारी के प्रभाव ने गरीबी कम करने के लाभ को उलट दिया है और असुरक्षा को बढ़ा दिया है।

  • बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता और महामारी प्रतिबंधों में ढील के कारण 2021 में अमेरिकी विकास दर 8% रहने का अनुमान है।

  • चीन 5 प्रतिशत की दर से बढेगा।

  • उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का 2021 में 6% तक विस्तार होगा।

  • कई देशों में COVID-19 मामलों के फिर से बढ़ने और टीकाकरण की प्रगति में देरी के कारण रिकवरी में देरी हो रही है।

  • चीन के अलावा विकासशील देशों के समूह में रिबाउंड 4% होने की उम्मीद है।

रिपोर्ट की सिफारिशें : इस रिपोर्ट में विशेष रूप से कम आय वाले देशों के बीच वैक्सीन वितरण और ऋण राहत में तेजी लाने के लिए विश्व स्तर पर समन्वित प्रयास समय की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है। स्वास्थ्य संकट कम होने के बाद, नीति निर्माताओं को महामारी के स्थायी प्रभावों को संबोधित करना चाहिए और हरित, लचीला और समावेशी विकास लाने के लिए कदम उठाने चाहिए।


9. अल सल्वाडोर बिटकॉइन (Bitcoin) को कानूनी रूप से वैध मुद्रा के रूप में अपनाने वाला पहला देश बना

अल सल्वाडोर (El Salvador) औपचारिक रूप से बिटकॉइन (Bitcoin) को कानूनी रूप से वैध मुद्रा के रूप में अपनाने वाला पहला देश बन गया है। बिटकॉइन को वैध बनाने का प्रस्ताव राष्ट्रपति नायब बुकेले (Nayib Bukele) द्वारा रखा गया था, जिसे बाद में कांग्रेस द्वारा मंज़ूरी दी गयी।

मुख्य बिंदु :

  • हालाँकि अल साल्वाडोर के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ $1 बिलियन के कार्यक्रम पर क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाने के संभावित प्रभाव के बारे में चिंता थी, परन्तु यह प्रस्ताव 84 वोटों में से 62 के बहुमत के साथ पारित किया गया।

  • बिटकॉइन की सहायता से विदेशों में रहने वाले सल्वाडोर के नागरिक, प्रेषण (remittance) को आसानी से घर भेज सकते हैं, इसे देखते हुए बिटकॉइन को कानूनी मुद्रा के रूप में मंज़ूरी दी गयी है। अमेरिकी डॉलर भी अल सल्वाडोर में कानूनी मुद्रा के रूप में जारी रहेगा।

  • यह अल साल्वाडोर में वित्तीय समावेशन, निवेश, नवाचार, पर्यटन और आर्थिक विकास लाएगा।

अल साल्वाडोर में बिटकॉइन प्रेषण : विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में बिटकॉइन से अल साल्वाडोर में प्रेषण $6 बिलियन का था। यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का पांचवां हिस्सा है और यह दुनिया भर में उच्चतम अनुपात है।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) : यह एक डिजिटल परिसंपत्ति है जो विनिमय के एक माध्यम के रूप में काम करती है जहां कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में अलग-अलग सिक्के के स्वामित्व के रिकॉर्ड को बही में संग्रहीत किया जाता है। ये रिकॉर्ड एक मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके संग्रहीत किए जाते हैं ताकि लेनदेन रिकॉर्ड को सुरक्षित किया जा सके।

बिटकॉइन (Bitcoin) : यह विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा (decentralized digital currency) है जिसमें केंद्रीय बैंक या एकल प्रशासक का अभाव है। यह पीयर-टू-पीयर बिटकॉइन नेटवर्क पर एक यूजर से दूसरे यूजर को भेजा जाता है। इसके लिए किसी बिचौलिये की जरूरत नहीं है।


10. सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) ने अंतर्राष्ट्रीय गोल के मामले में लियोनेल मेसी (Lionel Messi) को पछाड़ा

36 वर्षीय भारतीय फुटबॉल स्टार सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) ने अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी (Lionel Messi) को पीछे छोड़ दिया है और 74 गोल के साथ दूसरे सबसे अधिक सक्रिय अंतर्राष्ट्रीय गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं।

मुख्य बिंदु : सुनील छेत्री अब बार्सिलोना के स्टार मेसी से दो गोल से आगे हैं। यूएई के अली मबखौत 73 गोल के साथ तीसरे स्थान पर हैं। छेत्री ने 2022 फीफा विश्व कप और 2023 AFC एशियाई कप के लिए संयुक्त प्रारंभिक क्वालीफाइंग राउंड मैच में बांग्लादेश के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की।

सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) : वे स्ट्राइकर या विंगर के रूप में खेलते हैं और इंडियन सुपर लीग की ओर से बेंगलुरु एफसी और भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम दोनों के कप्तान हैं। उन्हें कैप्टन फैंटास्टिक (Captain Fantastic) के नाम से जाना जाता है। क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बाद, छेत्री सक्रिय खिलाड़ियों में दूसरे सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय गोल करने वाले खिलाड़ी हैं, जबकि अब तक के 10वें सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं।

पृष्ठभूमि : उनका पेशेवर करियर 2002 में मोहन बागान (Mohun Bagan) में शुरू हुआ। उन्होंने 2010 में मेजर लीग सॉकर के लिए साइन किया और विदेश जाने वाले उपमहाद्वीप के तीसरे खिलाड़ी बने। उन्होंने 2007, 2009, 2012 और 2011 SAFF चैंपियनशिप में भारत को नेहरू कप जीतने में मदद की। उन्हें 2007, 2011, 2013, 2014, 2017 के साथ-साथ 2018-19 में रिकॉर्ड 6 बार AIFF Player of the Year से सम्मानित किया गया है।


11. हरियाणा की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कमला वर्मा का निधन

हरियाणा की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं वयोवृद्ध भाजपा नेता कमला वर्मा का मंगलवार शाम को निधन हो गया। वह 93 वर्ष की थीं। कोविड-19 से उबरने के बाद यमुनानगर के एक निजी अस्पताल में उनका ब्लैक फंगस संक्रमण का उपचार चल रहा था।

अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि वर्मा की तबीयत अचानक बिगड़ी और शाम करीब 7:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।






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