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9th July | Current Affairs |MB Books


1. भारत-अमेरिका में COVID-19 से बचाव के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का क्लिनिकल परीक्षण होगा शुरू

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत और अमेरिका में आयुर्वेदिक चिकित्सक और शोधकर्ता कोरोना वायरस के खिलाफ बचाव के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का संयुक्त क्लिनिकल परीक्षण शुरू करने की योजना बना रहे हैं। प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों, विद्वानों और डॉक्टरों के समूह से बुधवार को डिजिटल संवाद में संधू ने कहा कि संस्थागत भागीदारी के व्यापक नेटवर्क से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दोनों देशों के वैज्ञानिक समुदाय एक साथ आ गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संस्थान संयुक्त शोध, शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए आयुर्वेद का प्रचार करने के लिए एक साथ आ गए हैं। दोनों देशों के आयुर्वेदिक चिकित्सक और शोधकर्ता कोविड-19 के खिलाफ बचाव के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का संयुक्त क्लिनिकल परीक्षण शुरू करने की योजना बना रहे हैं।''

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे वैज्ञानिक इस मोर्चे पर ज्ञान और अनुसंधान के संसाधनों का आदान-प्रदान कर रहे हैं।'' संधू ने कहा, ‘‘भारतीय दवा कंपनियां किफायती दवाओं और टीके बनाने में अग्रणी हैं और इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाएंगी।'' राजदूत के अनुसार अमेरिका स्थित संस्थानों के साथ भारतीय दवा कंपनियों की कम से कम तीन साझेदारी चल रही हैं।

उन्होंने कहा कि इससे न केवल भारत और अमेरिका को फायदा मिलेगा बल्कि दुनियाभर के उन अरबों लोगों को भी लाभ मिलेगा जिन्हें कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की जरूरत है।


जिनेवा बेस्ड विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 8 जुलाई, 2020 को घोषणा की है कि श्रीलंका और मालदीव रूबेला वायरस को समाप्त कर दिया है। इसके साथ, श्रीलंका और मालदीव डब्ल्यूएचओ के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र से पहले दो देश बन गए जिन्होंने मीज़ल्स और रूबेला वायरस दोनों को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है।

खसरा वायरस को क्षेत्र से 5 देशों द्वारा समाप्त किया गया

2017-18 में, भूटान, तिमोर-लेस्ते, उत्तर कोरिया और मालदीव दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र डब्ल्यूएचओ के चार देश थे जो मीज़ल्स वायरस को सफलतापूर्वक समाप्त चुके थे। जुलाई 2019 में, खसरा को खत्म करने के लिए श्रीलंका डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र से तीसरा राष्ट्र बन गया।

डब्ल्यूएचओ द्वारा दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र से खसरा को खत्म करने के लिए निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2023 था।

रूबेला वायरस को क्षेत्र के 2 देशों द्वारा समाप्त किया गया

डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र से रूबेला को समाप्त करने वाले श्रीलंका और मालदीव पहले दो देश हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र से रूबेला वायरस को खत्म करने के लिए निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2023 है।

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र

WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में कुल 11 देश हैं। वे भारत, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, थाईलैंड, मालदीव, म्यांमार, उत्तर कोरिया, तिमोर-लेस्ते, इंडोनेशिया और नेपाल हैं।


3. शांति वार्ता जारी रखने के लिए तालिबानी कैदियों को रिहा करेगा अफगानिस्तान

शांति वार्ता जारी रखने के लिए अफगानिस्तान और तालिबानी कैदियों को रिहा करने वाला है। विद्रोही समूह ने रिहाई के लिए सरकार को बंदियों की संशोधित सूची प्रदान की है।

काबुल, रायटर्स। शांति वार्ता जारी रखने के लिए अफगानिस्तान और तालिबानी कैदियों को रिहा करने वाला है। समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार एक सरकारी प्रवक्ता ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। इससे पहले विद्रोही समूह ने रिहाई के लिए सरकार को बंदियों की संशोधित सूची प्रदान की। तालिबान द्वारा जारी किए गए 5,000 कैदियों की लिस्ट में से लगभग 600 कैदियों की रिहाई पर असहमति ने शांति वार्ता के राह में खलल पैदा कर दिया है। इस वार्ता का उद्देश्य देश लगभग 19 वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त करना है।

अफगान सरकार ने कहा है कि वह सुरक्षा कारणों से कुछ कैदियों को रिहा नहीं करना चाहती है और इसके पश्चिमी सहयोगियों ने भी उनमें से कुछ को मुक्त करने पर आपत्ति जताई है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जाविद फैसल ने समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया, 'उन्होंने हमें एक और सूची दी है, रिहाई की प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन सीधी बातचीत भी तुरंत शुरू होनी चाहिए।'

तालिबान से इसे लेकर संपर्क नहीं हो सका

रायटर्स ने जानकारी दी कि तालिबान से इसे लेकर संपर्क नहीं हो सका है और यह स्पष्ट नहीं है कि वे सूची में कैदियों की रिहाई के आधार पर बातचीत शुरू करने के लिए तैयार होंगे। अमेरिका और तालिबान ने फरवरी में तालिबान सुरक्षा गारंटी के बदले अमेरिकी सेना की वापसी पर एक ऐतिहासिक समझौता किया।

वार्ता शुरू करने पर अभी भी कोई समझौता नहीं हुआ

संधि के हिस्से के रूप में, तालिबान ने अमेरिका समर्थित सरकार के साथ वार्ता शुरू करने पर सहमति व्यक्त की, लेकिन एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि वार्ता शुरू करने पर अभी भी कोई समझौता नहीं हुआ है। एक राजनयिक सूत्र ने कहा कि अमेरिकी विशेष दूत जालमय खलीलजाद तालिबान नेताओं को कैदियों की रिहाई के मुद्दे पर समझौता करने के लिए दबाव डाल रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही समाधान निकलेगा। खलीलजाद तालिबान के साथ बातचीत की देखरेख कर रहे हैं।


4. आस्ट्रेलिया ने हांगकांग के साथ खत्म की प्रत्यर्पण संधि

हांगकांग में चीन के विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के विरोध में ऑस्ट्रेलिया ने कदम उठाए हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ने चीन नियंत्रित इस क्षेत्र के साथ किए गए प्रत्यर्पण संधि को खत्म करने का एलान किया है। हालांकि यह संधि अभी सिर्फ निलंबित की गई है। इसके साथ ही मौरिसन ने हांगकांग के कारोबारों को आकर्षित करने के लिए कई उपायों का भी एलान किया है। इस कदम से भड़के चीन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग मामले में दखल देना बंद करे।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने गुरुवार को कहा कि चीन की ओर से हांगकांग पर थोपा गया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून दुनिया भर की कई सरकारों के लिए परिस्थितियों में बुनियादी बदलाव को दर्शाता है। उन्होंने कैनबरा में कहा, 'हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को स्थगित करने का हमारा निर्णय नए सुरक्षा कानून के चलते इस शहर के संबंध में परिस्थितियों के मूलभूत परिवर्तन की स्वीकारोक्ति को दर्शाता है। हमारे विचार में नया कानून 'एक देश दो व्यवस्था' की रूपरेखा और हांगकांग के अपने बुनियादी कानून व चीन-ब्रिटेन के संयुक्त घोषणापत्र में स्वायत्ता की गारंटी की अनदेखी करता है।'

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार हांगकांग के कारोबारों को यहां स्थापित किए जाने का स्वागत करेगी। उन्होंने हांगकांग के दस हजार छात्रों और अस्थायी कुशल कामगारों के लिए वीजा की पेशकश भी की, ताकि वे नया जीवन शुरू कर सकें। इस पर ऑस्ट्रेलिया में चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, 'हम ऑस्ट्रेलियाई पक्ष से आग्रह करते हैं कि वे हांगकांग और चीन के आंतरिक मामलों में किसी भी तरह का दखल देना तत्काल बंद कर दें।' बता दें कि चीन ने गत माह हांगकांग में यह विवादास्पद कानून लागू किया था। इसकी अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देशों ने तीखी आलोचना की थी।


5. खुला दुनिया में अपनी तरह का पहला गोल्ड प्लेटेड होटल, करेगा पर्यटकों का स्वागत

वियतनाम की राजधानी हनोई में दुनिया में अपनी तरह का पहला गोल्ड प्लेटेड होटल खुल गया है। इस होटल का नाम 'डॉल्चे हनोई गोल्डन लेक' है। होटल के मालिक हो बिन समूह के चेयरमैन गुयेन हू डुओन्ग हैं। वो बताते हैं कि इस होटल में इंट्री गेट की छत से लेकर कई चीजें या तो सोने की रखी गई हैं या फिर उन पर सोने की परत चढ़ाई गई है।

लगभग 20 करोड़ डॉलर की लागत से बने इस होटल में गलियारों और कमरों से लेकर छुरी-कांटों और टॉयलेट सीट तक पर सोने की परत चढ़ी हुई है। ये अपने आप में एक तरह से दुनिया का पहला स्व घोषित गोल्ड प्लेटेड होटल है। जो लोग इस गोल्ड प्लेटेड होटल में रूकने का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं वो यहां सोने के कप में कॉफी पीकर अपने शौक को पूरा कर सकते हैं, इसके अलावा वो यहां सोने के बाथटब में बैठकर नहा भी सकते हैं, इसके लिए अलग से पैसे खर्च करने होंगे।

साल 2021 में रखा गया कमाई का लक्ष्य

कोरोनावायरस की वजह से फिलहाल इस साल इस होटल में आने वालों से अधिक कमाई की उम्मीद नहीं है मगर होटल मालिक साल 2021 में इस होटल से कमाई होने की उम्मीद लगा रहे हैं। कोरोनावायरस की वजह से दुनियाभर का पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, वियतनाम भी इससे अछूता नहीं है। वियतनाम की महामारी के खिलाफ रणनीति को काफी सराहा गया है। इस होटल 'डॉल्चे हनोई गोल्डन लेक' के मालिकों को उम्मीद है कि अगले साल उनकी कमाई होगी।

6. पांच सालों में 6-8 परमाणु रिएक्टर बनाएगा चीन, 70 गीगावाट बढ़ाएगा क्षमता

चीन अगले पांच सालों 2020 और 2025 के बीच छह से आठ परमाणु रिएक्टरों (Nuclear Reactors) का निर्माण करने जा रहा है। देश के परमाणु संघ का हवाला देते हुए चीन डेली ने गुरुवार को कहा कि मई की तुलना में चीन अपनी मौजूदा क्षमता को 43.5 फीसद बढ़ाकर 70 गीगावॉट (Gigawatts) करेगा।

चीन की न्यूक्लियर एनर्जी एसोसिएशन ने कहा है कि देश की कुल परमाणु क्षमता 2020 के अंत तक 52 गीगावॉट पर रहने की उम्मीद है, जो की 58 गीगावॉट के लक्ष्य से कम है, लेकिन यह जल्द ही वापस पटरी पर आ जाएगा और साल 2035 तक लगभग 200 गीगावॉट के संचालन की क्षमता हो जाएगी।

2011 में जापान में फुकुशिमा आपदा के बाद नई परियोजनाओं पर चार साल की रोक के साथ-साथ पहले से चल रही प्रमुख परियोजनाओं में खराब तकनीक के इस्तेमाल के कारण हुई देरी से चीन की परमाणु ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं पर असर पड़ रहा है।

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि अप्रैल में कोरोना वायरस के प्रकोप का असर परमाणु उद्योग पर नहीं पहै है। हालांकि इस साल कोई नया रिएक्टर नहीं सौंपा गया है। राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में छह नए रिएक्टर को मंजूरी दी गई थी। चीन की परमाणु क्षमता मई के अंत में 48.8 गीगावॉट रही, जो इसकी कुल उत्पादन क्षमता का 2.5 फीसद है।


7. गृह मंत्रालय ने केरल में 30 किलोग्राम सोना तस्करी मामले की जांच NIA को सौंपी

केरल में 30 किलोग्राम सोने की तस्करी मामले की जांच NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) करेगी। गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट गोल्ड तस्करी मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, "संगठित तस्करी ऑपरेशन का राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर प्रभाव हो सकता है।" मामले को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने सीपीएम के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय में शामिल होने का आरोप लगाया है।

गिरफ्तार व्यक्ति को सीमा शुल्क विभाग की हिरासत में भेजा गया वहीं, 15 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की जब्ती के सिलसिले में गिरफ्तार एक व्यक्ति को अदालत ने गुरुवार को सीमा शुल्क विभाग की हिरासत में भेज दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (आर्थिक अपराध) की अदालत ने केरल में एक देश के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी सरित को 15 जुलाई तक सीमा शुल्क निरोधक आयुक्तालय की हिरासत में भेज दिया। अदालत ने सीमा शुल्क विभाग की उस दलील को मंजूर कर लिया कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिये इस व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की जरूरत है।


8. इंडिया ग्‍लोवल वीक पर पीएम मोदी का संबोधन: अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार के संकेत देख रहा भारत

कोरोना वायरस महामारी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को 30 देशों को वर्चुअल कॉन्‍फेंस के जरिये संबोधित किया। इंडियाा ग्‍लोवल वीक के शुभारंभ के इस मौके पर पीएम ने कहा कि भारत पूरी गंभीरता के साथ कोरोना महामारी के खिलाफ पूरी गंभीरता से लड़ाई लड़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना की महामारी के विपरीत स्थितियों के बीच भारत अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार के संकेत देख रहा हैयह महामारी न केवल स्‍वास्थ्‍य बल्कि इकोनॉमी के लिहाज से घातक है। उन्‍होंने कहा कि भारत ऐसे देशों का पावरहाउस है जो दूसरे देशों से सीखता है और सिखाता है भारत ने कई क्षेत्रों में खासी तरक्‍की की है।

पीएम के संबोधन की खास बातें भारत टेलेंट का पावरहाउस है. यह योगदान देने और कभी भी सीखने के लिए हमेशा तत्‍पर रहता है। इतिहास ने दिखाया है कि भारत ने हर चुनौती को पार कर लिया है चाहे वह सामाजिक हो या आर्थिक। चाहे वह डॉक्टर हों, आईटी पेशेवर हों, इंजीनियर हों या अन्य क्षेत्रों में कार्यबल हो, भारतीयों ने हर जगह उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन किया है।

  • मुश्किल के इस समय में पुनरुत्थान (Revival)के बारे में बात करना स्वाभाविक है। वैश्विक पुनरुत्थान और भारत को जोड़ना भी उतना ही स्वाभाविक है। हमें विश्वास है कि वैश्विक पुनरुत्थान (Global revival) में भारत की अहम रोल होगा।

  • पिछले छह वर्षों के दौरान, भारत ने जीएसटी सहित कुल वित्तीय समावेशन, हाउसिंग और इन्फ्रास्‍ट्रक्‍चर, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, बोल्ड टैक्स सुधार जैसे क्षेत्रों में अच्‍छा किया है। प्रौद्योगिकी (Tchnology) को धन्यवाद जिसकी वजह से एक-एक पैसा सीधे लाभार्थियों तक पहुंच गया है। उपलब्‍ध कराई गई इस राहत में मुफ्त रसोई गैस, बैंक खातों में नकदी, लाखों लोगों को मुफ्त अनाज आदि शामिल हैं।

  • भारत दुनिया की सबसे ओपन इकोनॉमी (खुली अर्थव्‍यवस्‍था) में से एक है। हम भारत में आने और उपस्थिति दर्शाने के लिए सभी वैश्विक कंपनियों का दिल खोलकर स्‍वागत कर रहे हैं। आज भारत जिस तरह के अवसर प्रदान कर रहा है, बहुत कम देश ऐसा कर रहे हैं। कृषि में हमारे सुधार भंडारण और रसद में निवेश करने के लिए एक बहुत ही आकर्षक निवेश अवसर प्रदान करते हैं।

  • हम लघु और सूक्ष्‍म (MSME) क्षेत्र में सुधार लाए हैं। एक बड़ा MSME क्षेत्र भी बड़े उद्योग का पूरक होगा। रक्षा क्षेत्र में भी निवेश के अवसर हैं. अब, अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी निवेश के अधिक अवसर हैं।

9. जम्मू कश्मीर में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण छह पुलों का उद्घाटन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जम्मू कश्मीर में सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण 6 पुलों का उद्घाटन किया। इन पुलों को बीआरओ बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन ने रिकॉर्ड समय मे बनाया है। दो पुल तारनाह नाला पर कठुआ में बने हैं और चार पुल अखनूर पल्लनवाला सड़क पर बनाए गए हैं। इनकी लम्बाई 30 से 300 मीटर तक है।

बीआरओ का सलाना बजट 2008 से 2016 तक 3300 से 4600 करोड़ रुपये हुआ करता था लेकिन सीमा पर आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए बजट बढ़ाया गया जो 2019-20 में 8050 करोड़ रुपये और 2020-21 में 11,800 करोड़ रुपये हो गया।

इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, बीआरओ के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह भी थे मौजूद।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल किराए के सस्ते आवासीय परिसर (ARHCs) के विकास के लिए स्वीकृति प्रदान की है। इन किफायती किराये के आवास परिसरों को शहरी प्रवासियों / गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) के तहत एक उप-योजना के रूप में विकसित किया जाएगा।

पृष्ठभूमि

PMAY-U के तहत एक उप-योजना के रूप में किराए के सस्ते आवासीय परिसर (ARHCs) की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा 14 मई, 2020 को आत्मनिर्भर भारत पैकेज का एक हिस्से के रूप में की गयी थी।

ARHCs आत्मनिर्भर भारत के विजन को कैसे पूरा करेंगे?

नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गयी थी जिसके परिणामस्वरूप देश के शहरी केंद्रों में श्रमिकों और दैनिक वेतन भोगियों के रोजगार का नुकसान हुआ। जिसके परिणामस्वरूप, देश ने शहरी केंद्रों से श्रमिकों का बड़े पैमाने पर गाँव की ओर प्रवास हुआ।

COVID-19 महामारी से पहले, यह श्रमिक शहरी क्षेत्रों के बाहर ज्यादातर झुग्गी-झोपड़ियों या अन्य अनौपचारिक और अनधिकृत कॉलोनियों में रहते थे।

सस्ते आवासीय परिसर को देश के शहरी केंद्रों में बनाया जाएगा, जहां ये प्रवासी श्रमिक एक किफायती किराए पर मकान ले सकेंगे, ये ARHC उनके कार्यस्थल के करीब होंगे।

अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बेहतर अवसरों की तलाश में शहरी केंद्रों की ओर बढ़ने पर ग्रामीण क्षेत्रों या छोटे शहरों से बड़ी संख्या में श्रमिकों, सेवा प्रदाताओं, छात्रों, आदि को लाभान्वित करेंगे।

ARHCs के बारे में

ARHCs के तहत, वर्तमान में लगभग 3 लाख लाभार्थी कवर किए जाएंगे।

25 साल की रियायत समझौतों के माध्यम से, वर्तमान में खाली पड़े सरकार के आवास परिसरों को ARHCs में बदल दिया जाएगा।

ARHCs के तहत निर्माण के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने वाली परियोजनाओं के लिए, प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान के रूप में अनुमानित 600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

निजी और सार्वजनिक संस्थाओं को विशेष प्रोत्साहन की पेशकश की जाएगी।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ मंजूरी दी। इस नई योजना को ‘एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ (कृषि अवसंरचना निधि) नाम दिया गया है।

एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड योजना की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में की थी। इस योजना के तहत, देश में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से कृषि क्षेत्र जैसे किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्टार्टअप्स, प्राथमिक कृषि साख समितियों, कृषि-उद्यमियों को ऋण के रूप में 1 लाख करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

कृषि अवसंरचना निधि

योजना की अवधि वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2029-30 तक 10 वर्षों के लिए है।

एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के प्रबंधन और निगरानी के लिए प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा।

इस योजना के तहत 1 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर और वितरित किए जाएंगे, जिनमें से चालू 2020-21 वित्तीय वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये और अगले तीन आगामी वित्तीय वर्ष में 30,000 करोड़ रुपये स्वीकृत और वितरित किए जाएंगे।

योजना के तहत जारी किए गए ऋणों पर सब्सिडाइज्ड ब्याज दर होगी। ब्याज की दर 3 प्रतिशत प्रति वर्ष होगी। 3 प्रतिशत की ब्याज दर 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए लागू होगी।

ऋण की अदायगी के लिए अधिस्थगन न्यूनतम 6 महीने से लेकर अधिकतम 2 साल तक होगा।

माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) पात्र उधारकर्ताओं को क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करेगा। क्रेडिट गारंटी कवरेज 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए प्रदान की जायेगी।


‘सुरक्षा और क्षेत्र में सभी के लिए विकास’ – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दृष्टिकोण को पूरा करते हुए, भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में देशों की मदद करने के लिए ‘मिशन सागर’ शुरू किया था। मिशन सागर 10 मई, 2020को शुरू किया गया था और 49 दिनों के बाद, मिशन को 28 जून, 2020 को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।

मिशन सागर

COVID-19 महामारी से निपटने में हमारे समुद्री पड़ोसियों को सहायता देने के लिए यह मिशन शुरू किया गया था। मिशन सागर के लिए भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस केसरी को तैनात किया गया था।

10 मई 2020 को, COVID-19 संबंधित आवश्यक दवाओं (हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन टैबलेट और आयुर्वेदिक मेडिसिन सहित), मेडिकल असिस्टेंस टीम्स और लगभग 600 टन खाद्य पदार्थों के साथ, INS केसरी ने मिशन के लिए शुरुआत की।

अगले 49 दिनों में, आईएनएस केसरी ने 7,500 समुद्री मील की यात्रा की, जो 14000 किलोमीटर से अधिक है।

मिशन सागर से मुख्य विशेषताएं

मॉरीशस और कोमोरोस द्वीप समूह में, चिकित्सा सहायता टीमें तैनात की गईं

मालदीव में लगभग 600 टन खाद्य पदार्थ वितरित किए गए

मॉरीशस में वितरित आयुर्वेदिक दवाओं की विशेष खेप

मेडागास्कर, सेशेल्स, मॉरीशस और कोमोरोस द्वीप समूह में आवश्यक COVID-19 संबंधित दवाएं दी गईं

मेडागास्कर और कोमोरोस द्वीप समूह पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन पहुंचाई गयी


विदेशों से भारतीय नागरिकों स्वदेश लाने के प्रयास में, ऑपरेशन समुद्र सेतु को भारतीय नौसेना द्वारा 5 मई, 2020 को शुरू किया गया था। ऑपरेशन समुद्र सेतु 55 दिनों तक चला जिसमें 3,992 भारतीय नागरिकों को भारतीय नौसेना द्वारा समुद्री मार्ग से अपने देश वापस लाया गया।

समुद्र सेतु जैसा निकासी ऑपरेशन आखिरी बार 2015 में ऑपरेशन राहत के दौरान भारतीय नौसेना द्वारा किया गया था जब यमन से 5600 लोगों (960 विदेशी नागरिक, शेष भारतीय नागरिक) को निकाला गया था।

समुद्र सेतु में हिस्सा लेने वाले पोत

आईएनएस जलाश्व और 3 लैंडिंग शिप टैंक – आईएनएस ऐरावत, आईएनएस शार्दुल और आईएनएस मगर ने इस मिशन में भगा लिया।

इस ऑपरेशन के तहत, इन 4 भारतीय नौसेना जहाजों ने मालदीव, श्रीलंका और ईरान से COVID-19 महामारी के दौरान भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए 23,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की।

ऑपरेशन समुद्र सेतु

ऑपरेशन समुद्र सेतु 8 मई को शुरू हुआ जब आईएनएस आईएनएस जलाश्व ने मालदीव की राजधानी माले से 698 भारतीय नागरिकों को वापस लाया।

भारतीय नौसेना के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना था कि पूरे ऑपरेशन के दौरान किसी भी जहाज पर COVID -19 संक्रमण के फैलने की कोई घटना न हो। भारतीय नौसेना ने योजनाबद्ध उपायों और सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्ती से लेते हुए पूरे ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

अल्ट्राटेक नाथद्वारा सीमेंट की सब्सिडियरी (जिसे पहले बिनानी सीमेंट के नाम से जाना जाता था) – कृष्णा होल्डिंग्स चीन के शेडोंग बिनानी रोंगन सीमेंट की 92.5 प्रतिशत हिस्सेदारी की अपनी पूरी इक्विटी हिस्सेदारी बेच देगी। 92.5 प्रतिशत हिस्सेदारी लगभग 120 मिलियन अमरीकी डालर में बेची जाएगी।

अल्ट्राटेक नाथद्वारा सीमेंट मुंबई स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है

शेडोंग बिनानी रोंगन सीमेंट

शेडोंग बिनानी रोंगन सीमेंट को वर्ष 2007 में एक संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था। संयुक्त उद्यम कंपनी की स्थापना भारत के बिनानी सीमेंट और चीन के रिझाओ रोंगन कंस्ट्रक्शन मटेरियल्स कंपनी लिमिटेड के बीच 70:30 इक्विटी अनुपात के साथ की गई थी।

नवंबर 2018 में, आदित्य बिड़ला समूह की फर्म- अल्ट्राटेक सीमेंट ने कर्ज में डूबे बिनानी सीमेंट का अधिग्रहण किया। बिनानी सीमेंट्स अल्ट्राटेक सीमेंट की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी बन गई और इसका नाम अल्ट्राटेक नाथद्वारा सीमेंट रखा गया, जिसके परिणामस्वरूप चीनी संयुक्त उद्यम कंपनी शेडोंग बिनानी रोंगन सीमेंट अल्ट्राटेक सीमेंट्स पोर्टफोलियो का एक हिस्सा बन गई।


तीन सार्वजनिक क्षेत्र की जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल रुपये का पूँजी निवेश के लिए 12,450 करोड़ को मंजूरी दी है।

3 सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियाँ

यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (UIICL)

ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (OICL)

राष्ट्रीय बीमा कंपनी लिमिटेड (NICL)

12,450 करोड़ रुपये में से 3,475 करोड़ रुपये की पूंजी चालू वित्त वर्ष में जारी की जाएगी, 6475 रुपये की शेष पूंजी बाद में प्रदान की जायेगी। एनआईसीएल की अधिकृत शेयर पूंजी 7500 करोड़ रुपये होगी जबकि UIICL और OICL के लिए 5000 करोड़ रुपये होगी।

विलय की प्रक्रिया बंद हो गई है

मंत्रिमंडल ने तीन सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के लिए लाभदायक और टिकाऊ विकास पर ध्यान केंद्रित करने का भी निर्णय लिया है, जिसके परिणामस्वरूप मंत्रिमंडल ने इन तीन कंपनियों की विलय प्रक्रिया को समाप्त करने का निर्णय लिया है।

इस साल की शुरुआत में, मीडिया में यह बताया गया था कि तीन सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियां: NICL, UIICL और OICL को एक ही सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी में मिला दिया जाएगा।


ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सभी सरकारी भूमि पर नजर रखने के लिए वेब और मोबाइल आधारित समाधान ‘BLUIS’- भुवनेश्वर भूमि उपयोग खुफिया प्रणाली को 8 जुलाई, 2020 को लांच किया गया। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने BLUIS को लांच किया। सरकारी भूमि में अतिक्रमणों का पता लगाने के लिए दशकों से उपयोग किए जा रहे तंत्र के वर्तमान मैनुअल मोड में पर्याप्त पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी के कारण BLUIS लॉन्च किया गया।

BLUIS

भुवनेश्वर भूमि उपयोग खुफिया प्रणाली (Bhubaneswar Land Use Intelligence System) एक जिओ-टैगेड रिपॉजिटरी है जो भुवनेश्वर में सभी सरकारी भूमि की निगरानी करेगा। यह उच्च-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह इमेजरी का उपयोग करके किया जाएगा।

भूमि पर कब्जा करने वालों द्वारा सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से बचाने के लिए BLUIS के लॉन्च से ओडिशा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने सैटेलाइट तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया है।

मुकदमेबाजी प्रबंधन प्रणाली लांच की गयी (Litigation Management System)

सरकारी अधिकारियों और अधिवक्ताओं के बीच ‘एंड टू एंड’ संचार के लिए मुख्यमंत्री ने ‘मुकदमेबाजी प्रबंधन प्रणाली’ नामक ऑनलाइन एप्लीकेशन का लांच किया। BLUIS और मुकदमेबाजी प्रबंधन प्रणाली उन 8 प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों में से हैं, जिन्हें 8 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री द्वारा 5T पहल के तहत लॉन्च किया गया था।


17. भारत में कोरोनावायरस के 7,67,296 मामले, 21 हजार से ज्यादा की मौत

देश में एक दिन में कोरोना वायरस के सर्वाधिक 24,879 मामले आने के साथ ही गुरुवार को संक्रमितों की कुल संख्या 7,67,296 पर पहुंच गई जबकि 487 और लोगों की मौत के साथ मृतकों की संख्या 21,129 हो गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 4,76,377 लोग स्वस्थ हुए हैं जबकि अब भी 2,69,789 लोग संक्रमित हैं जिनका उपचार चल रहा है।

कोविड-19 से जिन 487 और लोगों की मौत हुई है उनमें से महाराष्ट्र में 198, तमिलनाडु में 64, कर्नाटक में 54, दिल्ली में 48, पश्चिम बंगाल में 23, उत्तर प्रदेश में 18, गुजरात में 16 लोग शामिल।

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