1. TSIRKON: रूस ने हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया
7 अक्टूबर, 2020 को रूस ने TSIRKON (जिरकोन) हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का बेरेन्ट्स सागर में सफल परीक्षण किया।
मुख्य बिंदु
यह परीक्षण व्हाइट सी में फ्रिगेट एडमिरल गोर्शकोव वेसल से किया गया। मिसाइल ने 450 किमी की दूरी पर स्थित लक्ष्य को साढ़े चार मिनट से भी कम समय में मार गिराया। इस दौरान मिसाइल ने 8 मैक से अधिक की हाइपरसोनिक गति तक हासिल की।
यह दूसरी बार है जब रूस मिसाइल का परीक्षण कर रहा है, इससे पहले जनवरी 2020 में परीक्षण किया गया था। मिसाइल को वाइट सी से लॉन्च किया गया था और इसने बेरेंट्स सी में स्थित लक्ष्य को मार गिराया।
न्योनोकसा रेडिएशन दुर्घटना
अगस्त 2019 में, मिसाइल जिरकॉन के परीक्षण से विकिरण रिसाव ने न्योनोकसा सैन्य रेंज में दो लोगों की जान ली थी। इस घटना को न्योनोकसा विकिरण घटना कहा जाता है यह। सैन्य रेंज रूसी नौसेना का मुख्य रॉकेट लॉन्चिंग स्थल है।
कई अंतर्राष्ट्रीय समुदायों का मानना है कि यह एक बड़ी परमाणु दुर्घटना थी।
इस घटना का खुलासा कैसे हुआ?
रूस आमतौर पर अपने परमाणु और अन्य हथियारों और मिसाइल परीक्षण के बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नही करता है। इसके बावजूद, यह घटना परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि संगठन के तहत नॉर्वे, फिनलैंड और स्वीडन में स्थापित भूकंपीय और ध्वनिक सेंसर द्वारा दुनिया के सामने आई थी। इन सेंसरों से विस्फोट का पता चला था। ये सेंसर निषिद्ध परमाणु परीक्षण के लिए निगरानी करते हैं।
बैरेंट्स सागर
यह नॉर्वे और रूस के उत्तरी तटों में स्थित है। यह 230 की औसत गहराई के साथ एक उथला शेल्फ समुद्र है। यह पश्चिम में नॉर्वेजियन समुद्र, दक्षिण में कोला प्रायद्वीप से घिरा है। बेरेंट्स समुद्र में तीन मुख्य प्रकार का पानी हैं। इसमें उत्तरी अटलांटिक बहाव से अटलांटिक पानी, उत्तर से तटीय आर्कटिक पानी और तटीय पानी शामिल हैं।
2. टोक्यो में आयोजित की गई क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक
जापान के टोक्यो में क्वाड कंट्रीज के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई।
सभी चार क्वाड देशों संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने कोरोनोवायरस महामारी के दौरान “Free and Open Indo-Pacific” (FOIP) पर विचार विमर्श किया।
यह दूसरी क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक है। पहली बैठक का आयोजन 2019 में किया गया था।
क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिज पायने और जापानी विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी ने हिस्सा लिया।
सभी प्रतिनिधयों ने COVID-19 अंतर्राष्ट्रीय स्तर और महामारी से उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों के लिए एक समन्वित प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर चर्चा की।
3. नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी और नवाचारों को बढ़ावा देने हेतु प्रसार भारती और इफको ने किये MoU पर हस्ताक्षर
प्रसार भारती और इफको (भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड) ने नई कृषि प्रौद्योगिकी और नवाचारों को बढ़ावा देने और प्रसारित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते के अनुसार, डीडी किसान अब कृषि क्षेत्र में प्रचलित विभिन्न अभिनव और अलग-अलग किस्म की तकनीकों का प्रसारण करेगा। किसानों के लाभ के लिए यह कार्यक्रम श्रृंखला 30 मिनट की होगी और यह बहुत आसान भाषा में भी होगी।
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजय राघवन ने केंद्र सरकार की इस पहल को एक ऐतिहासिक कदम बताया है, जो किसानों की बेहतरी में मदद करेगा।
उद्देश्य
सरकार के इस कदम का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है क्योंकि यह आवश्यक है कि, नई कृषि तकनीकों और उनके कार्यान्वयन को किसानों को समझाया जाए। यह हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन इस उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) द्वारा किए गए नवाचारों को पूरे देश में डीडी किसान के माध्यम से लगभग 25 एपिसोडों में तथा आसान भाषा में किसानों को दिखाया जाएगा।
डिजिटल माध्यम से प्रसारित होंगे ये कार्यक्रम
प्रसार भारती के CEO, शशि शेखर वेम्पति ने इस पहल को गर्व का विषय बताया है। उन्होंने यह कहा है कि, इस कदम के माध्यम से किसानों के साथ नई जानकारी को आसान भाषा में साझा किया जाएगा।
वेम्पति ने आगे यह भी बताया कि, ये कार्यक्रम डिजिटल माध्यम से भी प्रसारित होंगे। डिजिटलीकरण के माध्यम से, युवा किसान भी सरकार के इस कदम से लाभान्वित हो सकेंगे।
किसानों की मदद करने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी का विकास
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी ने बताया कि, इफको ने यूरिया का एक विकल्प तैयार किया है जो नैनो-प्रौद्योगिकी आधारित है और इससे देश के किसानों को मदद मिलेगी। उन्होंने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा है कि, ऐसे विभिन्न नवाचारों से किसानों को सहायता मिलेगी और लाभ होगा जो अब डीडी किसान पर प्रसारित किए जाएंगे। यह वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगा।
दूरदर्शन के महानिदेशक मयंक अग्रवाल ने यह कहा है कि, प्रसार भारती और इफको के बीच हुए इस समझौते से वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोगशाला में किए गए नवाचारों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और देश के किसानों द्वारा खेत में किए गए प्रयोग से भी युवा किसानों को मदद मिलेगी।
4. राष्ट्रीय डायरी विकास बोर्ड और लद्दाख ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने लद्दाख में ग्रामीण आजीविका सर्वेक्षण करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
मुख्य बिंदु
यह सर्वेक्षण लद्दाख में डेयरी क्षेत्र के संवर्धन और विकास की दिशा में एक रोड मैप बनाने के लिए आवश्यक डेटा एकत्र करेगा। यह रोडमैप क्षेत्र में ग्रामीण आबादी की आय बढ़ाने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेगा।
यह सर्वेक्षण महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे नस्लों की उपयुक्तता, जलवायु परिस्थितियों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता समर्थन, पशु स्वास्थ्य, चारा और चारा की उपलब्धता और रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में बाधाओं के आधार पर किया जायेगा।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा सेवाओं के लिए तकनीकी और प्रबंधकीय समर्थन प्रदान किया जाएगा।
लद्दाख प्रशासन हितधारकों के साथ चर्चा के आधार पर एक योजना को अंतिम रूप देगा।
योजना क्या है?
राष्ट्रीय डेयरी और विकास बोर्ड कारगिल और लेह जिलों के नामांकित समन्वयकों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इसके बाद समन्वयक गांवों से जांचकर्ताओं की पहचान करेंगे। ये जांचकर्ता क्षेत्र के काम की निगरानी और निगरानी के लिए सर्वेक्षण में शामिल होंगे।
भारत में डेयरी क्षेत्र
भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार भारत विश्व के दूध उत्पादन में 22% का योगदान देता है। हालाँकि, कोविड-19 महामारी ने भारत के डायरी क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इससे दूध की कीमतें 10 से 13 रुपये प्रति लीटर कम हो गई हैं। इस परिदृश्य में भारत सरकार के लिए दूध का निर्यात बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
दर्द आर्यन
इस कदम से लद्दाख के जातीय समूह दर्द आर्यन्स को सहायता मिलेगी। वे दूध और मांस के लिए भेड़ और बकरी को पालते हैं। वे अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल हैं।
5. रसायन विज्ञान के लिए नोबेल पुरस्कार, 2020
रसायन विज्ञान के लिए नोबेल पुरस्कार, 2020 को “जीनोम एडिटिंग के लिए एक पद्धति का विकास” के लिए इमैनुएल चार्पेंटियर और जेनिफर ए. डूडना को दिया गया है। इन वैज्ञानिकों ने जीन एडिटिंग तकनीक विकसित की है जिसे “CRISPR-Cas9 स्निपिंग सिज़र्स” कहा जाता है।
मुख्य बिंदु
शोधकर्ताओं द्वारा विकसित जीन एडिटिंग तकनीक का उपयोग करके जानवरों के डीएनए को बदल सकते हैं। इस तकनीक ने नए कैंसर उपचारों के लिए जीवन विज्ञान पर क्रांतिकारी प्रभाव डाला है। इसमें विरासत में मिली बीमारियों को ठीक करने की क्षमता है।
CRISPR-Cas9 क्या है?
CRISPR-Cas9, Clustered Regularly Interspaced Short Palindromic Repeats CRISPR Associated protein 9 है। इसका उपयोग संपूर्ण जेंटिक कोड को बदलने या विशेष स्थानों पर डीएनए को संपादित करने के लिए किया जाता है। यह प्रौद्योगिकी जीनोम को संपादित करने के लिए सरल है। यह शोधकर्ताओं को जीन फ़ंक्शन को संशोधित करने की अनुमति देता है।
जीन में एक व्यक्ति को परिभाषित करने वाली जैव-जानकारी होती है। शारीरिक गुण जैसे कि त्वचा का रंग, ऊंचाई, बालों का रंग और अन्य व्यवहार संबंधी लक्षण जीन में कूटबद्ध होते हैं। इन विशेषताओं को जीन बदलकर, बदला जा सकता है। इन जैव सूचनाओं को बदलने की इस पद्धति को जीन एडिटिंग कहा जाता है।
CRISPR-Cas9 का कार्य
यह डीएनए स्ट्रैंड पर कट और पेस्ट मैकेनिज्म के रूप में काम करता है। जिन जेनेटिक कोड को बदलने की जरूरत है, उनकी पहचान की जाती है। Cas9 प्रोटीन का उपयोग कैंची की एक जोड़ी के रूप में स्ट्रैंड से एक हिस्से को काटने के लिए किया जाता है। टूटा हुआ स्टैंड खुद को ठीक करने की प्रवृत्ति रखता है। इस तरह एक क्षतिग्रस्त डीएनए स्ट्रैंड को हटाया जा सकता है और यह मानव शरीर को स्वस्थ अवस्था में लाने में मदद करता है।
यह विधि सस्ती होने के साथ-साथ त्वरित, आसान, सुरक्षित और अधिक सटीक है। अब इसका उपयोग भ्रूण में बीमारी पैदा करने वाली जीन को संशोधित करने के लिए किया जाता है।
पृष्ठभूमि
रसायन विज्ञान के लिए नोबेल पुरस्कार 1901 और 2020 के बीच 112 बार प्रदान किया गया है। लगभग 185 व्यक्तियों ने पुरस्कार प्राप्त किया है।
6. अमेरिकी कवि लुई ग्लक को मिला 2020 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार
अमेरिकी कवि लुईस ग्लक ने साहित्य में 2020 का नोबेल पुरस्कार जीता है। इसकी जानकारी स्वीडिश एकेडमी ने गुरुवार को दी। स्टाकहोम में ‘स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज' के पैनल ने गुरुवार को विजेताओं की घोषणा की। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (तकरीबन 8.20 करोड़ रूपये) की राशि दी जाती है। स्वीडिश क्रोना स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है।
बता दें कि ब्लैक होल संबंधी खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला है। रसायन विज्ञान में वर्ष 2020 के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा हुई। रसायन का नोबेल पुरस्कार फ्रांस की वैज्ञानिक इमैनुएल कारपेंटर और यूनाइटेड स्टेट्स की जेनिफर डोडना को मिला। दोनों को इस साल का नोबेल पुरस्कार ‘जीनोम एडिटिंग' की पद्धति का विकास करने के लिए मिला।
रसायन विज्ञान के क्षेत्र में इमैनुएल कारपेंटर और जेनिफर डोडना ने CRISPR-Cas9 DNA "कैंची" के रूप में पहचाना जाने जाना वाला जीनोन एडिटिंग (gene-editing) तकनीक को विकसित किया।
बता दें कि रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को कहा था कि ब्रिटेन के रोजर पेनरोसे को ब्लैकहोल संबंधी खोज के लिए तथा जर्मनी के रीनहार्ड गेंजेल और अमेरिका की एंड्रिया गेज को हमारी आकाशगंगा के केंद्र में ‘सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट' की खोज के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है। नोबेल पुरस्कार समिति ने सोमवार को शरीर विज्ञान एवं औषधि क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिकों- हार्वे जे आल्टर और चार्ल्स एम राइस तथा ब्रिटेन में जन्मे वैज्ञानिक माइकल हफटन को देने की घोषणा की थी। इसके अलावा साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र जैसे क्षेत्रों में सराहनीय कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाता है।
7. अफगानिस्तान के क्रिकेटर नजीब तारकई का निधन
अफगानिस्तान के दाएं हाथ के बल्लेबाज नजीब तारकई (Najeeb Tarakai) का हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया।
उन्होंने 2014 के T20 विश्व कप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद अफगानिस्तान के लिए 12 T20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले।
उन्होंने 2017 में आयरलैंड के खिलाफ अपना एकमात्र एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था।
8. दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता विशाल आनंद का निधन
दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता विशाल आनंद का निधन। वह 1976 के सुपर-हिट गीत और फिल्म 'चलते चलते' से लोकप्रिय हुए थे।
उनका असली नाम भीष्म कोहली था। उन्होंने अपने अभिनय करियर के दौरान 11 हिंदी फिल्मों जैसे हिंदुस्तान की कसम और टैक्सी ड्राइवर में अभिनय किया था।
एक्टिंग के अलावा, आनंद ने कुछ फिल्मों का निर्देशन और प्रोडूस भी किया था, जिसमें चलते चलते फिल्म भी शामिल हैं।
9. 8 अक्टूबर: भारतीय वायुसेना दिवस (88वां स्थापना दिवस)
भारतीय वायुसेना प्रतिवर्ष 8 अक्टूबर को मनाया जाता है, भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को की गयी थी। इस वर्ष वायुसेना दिवस के अवसर पर गाज़ियाबाद के हिंडन एयरफ़ोर्स स्टेशन में भव्य परेड का आयोजन किया जायेगा। इस परेड में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया शिरकत करेंगे।
हाल ही में भारतीय वायुसेना में राफेल लड़ाकू विमान शामिल हुए थे। इसके अलावा भारतीय वायुसेना में स्वदेशी रूप से निर्मित तेजस लड़ाकू विमान में भी शामिल किये गये हैं। भविष्य की ज़रूरतों को मध्य नजर रखते हुए भारतीय वायुसेना के लिए AMCA नामक अत्याधुनिक विमान का निर्माण किया जा रहा है।
भारतीय वायुसेना
भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को क गयी थी, आरम्भ में इसका नाम रॉयल इंडियन एयरफोर्स था। स्वतंत्रता के बाद 1950 में इसके नाम से रॉयल हटाकार केवल इंडियन एयरफोर्स कर दिया गया। भारतीय वायुसेना में 1,39,576 से अधिक कर्मचारी कार्यरत्त हैं। भारतीय वायुसेना के पास 1,720 से अधिक एयरक्राफ्ट हैं।
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य “नभः स्पर्शं दीप्तम” है। भारत के राष्ट्रपति एयरफोर्स के सर्वोच्च कमांडर होते हैं। भारतीय वायुसेना में आजतक केवल अर्जन सिंह को ही बहुप्रतिष्ठित “मार्शल ऑफ़ द एयरफोर्स” का रैंक प्रदान किया गया था। उन्हें यह रैंक 26 जनवरी, 2002 को दिया गया था। वे एयरफोर्स के एकमात्र फाइव-स्टार रैंक अफसर थे।
10. राजेश्वर राव को आरबीआई का नया डिप्टी-गवर्नर नियुक्त किया गया
7 अक्टूबर, 2020 को भारत सरकार ने एम. राजेश्वर राव को भारतीय रिजर्व बैंक के नए डिप्टी-गवर्नर के रूप में नियुक्त किया। मार्च 2020 में यह पद खाली हो गया था जब पूर्व डिप्टी-गवर्नर एन.आर. विश्वनाथन ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले स्वास्थ्य मुद्दों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल सितंबर 2020 में पूरा हो रहा है।
मुख्य बिंदु
डिप्टी-गवर्नर की सिफारिश वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति द्वारा की जाती है। समिति में आरबीआई गवर्नर, कैबिनेट सचिव और वित्तीय सेवा सचिव शामिल हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने नियुक्ति को मंजूरी दी है।
हाल ही में, भारत सरकार ने अर्थशास्त्री जयंत आर. वर्मा, शशांक भिड़े और आशिमा गोयल को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का सदस्य नियुक्त किया। MPC ब्याज दरों, रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट को ठीक करती है।
RBI के डिप्टी गवर्नर
वह केंद्रीय बैंक में आंतरिक ऋण, वित्तीय बाजार संचालन और अंतरराष्ट्रीय और सचिवीय विभागों का प्रबंधन करता है। डिप्टी गवर्नर RBI बोर्ड में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
RBI बोर्ड
RBI बोर्ड को RBI अधिनियम, 1934 के अनुसार भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। बोर्ड में अधिकतम चार डिप्टी गवर्नर होते हैं। आरबीआई के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर सहित बोर्ड की अधिकतम सदस्य संख्या 21 हो सकती है। यह एक सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करता है और मौद्रिक नीति समिति के समान नहीं है। MPC मौद्रिक नीतियों के बड़े फैसले करता है। RBI के गवर्नर बोर्ड द्वारा प्रदान की गई सलाह को ले सकते हैं या नहीं ले सकते हैं।
डिप्टी-गवर्नर बोर्ड के पदेन सदस्य होते हैं। यह बोर्ड बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, वित्तीय संस्थानों की देखरेख करने के लिए जिम्मेदार है।
हालाँकि, RBI अधिनियम कहता है कि RBI बोर्ड भारत सरकार से पूर्व अनुमोदन के साथ नियम बना सकता है। अधिसूचना को एक महीने के भीतर संसद के सामने रखा जाना चाहिए और दोनों सदनों को इसे मंजूरी देनी चाहिए।
11. आईपीएस अधिकारी एमए गणपति होंगे BCAS के नए महानिदेशक
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एम ए गणपति को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Civil Aviation Security-BCAS) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है।
वह उत्तराखंड कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
राकेश अस्थाना को अगस्त में सीमा सुरक्षा बल का महानिदेशक नियुक्त किए जाने के बाद से BCAS प्रमुख का पद खाली पड़ा था।
12. यूजीसी ने 24 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया
7 अक्टूबर, 2020 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 24 गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों की सूची की घोषणा की। इन विश्वविद्यालयों को फर्जी करार दिया गया है। यह कदम यूजीसी द्वारा देश में उच्च शिक्षा के मानकों को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
मुख्य बिंदु
इन विश्वविद्यालयों की अधिकतम संख्या उत्तर प्रदेश राज्य में संचालित हो रही है, इसके बाद इस प्रकार के विश्वविद्यालयों की सर्वाधिक संख्या दिल्ली में है। उन्हें यूजीसी अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर फर्जी करार दिया गया है।
घोषित सूची में से आठ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश से, दो पश्चिम बंगाल से, दो ओडिशा से और सात दिल्ली से हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुदुचेरी जैसे राज्यों में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय है। यूजीसी ने यह भी अधिसूचित किया है कि “विश्वविद्यालय” शब्द यूजीसी द्वारा स्थापित और मान्यताप्राप्त किसी संस्थान के अलावा अन्य किसी संस्था/संस्थान द्वारा उपयोग नहीं किया जा सकता।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एक वैधानिक संगठन है, इसकी स्थापना सरकार ने UGC अधिनियम, 1956 के तहत की थी। यह केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। UGC छात्रों से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण निर्णयों को लागू करने के कार्य करता है। इसके मुख्य कार्य विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को दिए जाने वाले अनुदान, छात्रवृत्ति प्रदान करना तथा विश्वविद्यालय में नियमों के पालन को सुनिश्चित करना है।
13. COVID-19: महाराष्ट्र मास्क की कीमतों को लागू करने वाला पहला राज्य बना
महाराष्ट्र COVID-19 महामारी के दौरान फेस मास्क की दरों को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है, क्योंकि मास्क की अधिकतम कीमत को लागू करने के लिए बनाई गई समिति ने राज्य सरकार को अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं और जल्द ही औपचारिक आदेश जारी किया जाएगा। राज्य सरकार ने मास्क और सैनेटाइजर्स की कीमतों को कम करने के बारे में सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया था। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने पुष्टि की कि समिति ने अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं और जल्द ही औपचारिक आदेश जारी किया जाएगा। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि अब प्रत्येक एन -95 मास्क की अधिकतम कीमत 50रु तक ही होगी। बाजार में कच्चे माल और मांग की विनिर्माण, उपलब्धता और लागत की प्रक्रिया और लागत के विस्तृत अध्ययन के बाद दरों को अंतिम रूप दिया गया है।
श्री टोपे ने पुष्टि की, कि सरकार ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और जल्द ही आदेश जारी किए जाएंगे। समिति की सिफारिश के अनुसार, एन -95 मास्क प्रकार के आधार पर लगभग 19रु से लेकर 50रु तक उपलब्ध होगा, जबकि डबल और ट्रिपल लेयर मास्क सिर्फ 3रु से 4रु तक उपलब्ध होंगे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति द्वारा तय की गई कीमत अंतिम चरण में है और सरकार की मंजूरी के बाद, संशोधित दर पर मास्क बेचना अनिवार्य होगा।
उनका यह भी कहना है कि कच्चे माल की निर्माण और उपलब्धता और बाजार में मांग आदि की प्रक्रिया और लागत के विस्तृत अध्ययन के बाद दरों को अंतिम रूप दिया गया है। वर्तमान में, राज्य सरकार ने नागरिकों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है और अगर वे उन्हें नहीं पहनते हैं, तो दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। महाराष्ट्र 14,578 नए COVID-19 मामलों, 355 मौतों और 16,715 डिस्चार्ज के साथ सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक बना हुआ है, राज्य में अबतक कुल मामले 14,80,489 तक हो चुके हैं, जिसमें 39,072 मौतें और 11,96,441 ठीक हो चुके हैं।
14. यूरोपीय संघ की संसद ने 2030 तक 60% उत्सर्जन में कटौती के लिए मतदान किया
यूरोपीय संघ की संसद ने 1990 के स्तरों की तुलना में 2030 तक उत्सर्जन में 60% तक की कमी लाने के लिए अपने जलवायु लक्ष्य को अद्यतन करते हुए मतदान किया। इससे पहले यूरोपीय संघ ने 2030 तक 40% उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य रखा था।
मुख्य बिंदु
विश्व वन्यजीव कोष और अन्य गैर-सरकारी संगठन 2030 तक उत्सर्जन में कम से कम 65% कमी पर जोर दे रहे थे। जर्मनी की अध्यक्षता के तहत मतदान किया गया। पोलैंड जैसे कुछ देश निर्धारित लक्ष्य के प्रति अनिच्छुक थे। फिर भी आलोचना इस तथ्य पर प्रबल है कि लक्ष्य 55% होना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ देशों के अनुसार, 60% का लक्ष्य रोजगार सम्बन्धी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
यूरोपीय संघ उत्सर्जन व्यापार योजना
यह पहली बड़ी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन व्यापार योजना थी। यह योजना 2005 में शुरू की गई थी। इसे यूरोपीय संघ ऊर्जा नीति का एक प्रमुख स्तंभ माना जाता है। 2008 और 2016 के बीच, इस योजना ने यूरोपीय संघ को अपने उत्सर्जन को 3.8% कम करने में मदद की।
चीन-सबसे बड़ा उत्सर्जक
चीन दुनिया में सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है, इसका मुख्य कारण यह है कि चीनी ऊर्जा का अधिकांश हिस्सा कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से आता है। सितंबर 2020 में, चीन ने 2060 तक कार्बन तटस्थ बनने का संकल्प लिया है।
भारत का उत्सर्जन लक्ष्य
भारत के NDC (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) निम्नलिखित हैं :
गैर-जीवाश्म ईंधन से 2030 तक 40% संचयी विद्युत शक्ति के लक्ष्य को प्राप्त करना
2005 की तुलना में 2030 तक उत्सर्जन को 33% से 35% तक कम करना।
भारत ने पेरिस समझौते की धाराओं के आधार पर ये लक्ष्य तय किए हैं।
15. सौरव किट्टू हिमाचल की वर्जिन चोटी को फतह करने वाले पहले ट्रांसजेंडर बने
जोश और जज्बा हो तो उपलब्धियां किसी सहारे की मोहताज नहीं होतीं। सौरव किट्टू टांक ने यह साबित कर दिखाया है। सौरव हिमाचल की वर्जिन चोटी को फतह करने वाले पहले ट्रांसजेंडर बन गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से भी उन्हें प्रशंसा मिली है।
लाहौल स्पीति की इस चोटी में तापमान करीब -15 डिग्री के आसपास रहता है, लेकिन शरीर को गला देने वाली ठंड से भी सौरव की गर्मजोशी में कोई कमी नहीं आई। एलजीबीटीक्यूए समुदाय के सदस्य सौरव ने 6 हजार मीटर ऊंची इस चोटी को छुआ है। मंगलमुखी ट्रांसजेंडर वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक काजल मंगलमुखी ने कहा कि माता-पिता द्वारा छोड़ दिए जाने के बाद संस्थान ने सौरव का पालन-पोषण किया। इतनी ऊंची चोटी पर सौरव द्वारा तिरंगा फहराने पर हमें गर्व है।
सौरव को केंद्र सरकार की ओर से भी हौसला अफजाई मिली। सौरव और उनके सहयोगियों ने केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री किरण रिजिजू से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री ने सौरव को उनकी उपलब्धि के लिए सराहा। काजल ने उम्मीद जताई है कि एक दिन सौरव हिमालय की सबसे ऊंची चोटियों तक भी पहुंचेगा।
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