1. देश में बने हाइपरसोनिकव्हीकल का सफल परीक्षण
भारत ने स्वदेश में पूरी तरह निर्मित हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमोन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सोमवार को सफल परीक्षण किया। अधिकारियों के मुताबिक, यह देश के भविष्य के मिसाइल सिस्टम और एरियल प्लेटफॉर्म के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगा। Hypersonic propulsion technology पर आधारित HSTDV का डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन यानी DRDO ने विकसित किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई है। उन्हें इसे देश के लिहाज से अहम उपलब्धि करार दिया है।
रक्षा मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को प्रधानमंत्रीजी के आत्मनिर्भर भारत की दिेशा में हासिल की गई महत्वपपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं। मेरी इस प्रोजेक्स से जुड़े वैज्ञानिों से बात हुई है और मैंने इस बड़ी उपलब्धि पर उन्हें बधा दी है.भारत को उन पर गर्व है।'
डीआरडीओ के एक अधिकारी के अनुसार, HSTDV की इस सफल परीक्षण उड़ान के साथ भारत ने अत्यधिक जटिल टेक्नोलॉजी के लिए अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है जो भविष्य में घरेलू रक्षा उद्योग के साथ अगली पीढ़ी के हाइपरसोनिक व्हीकल की दिशा में अहम साबित होगी। HSTDV क्रूज मिसाइल को ताकत देता है। यह scramjet इंजिन से संचालित होता है जो 6 Mach की स्पीड हासिल कर सकता है जो Ramjet से काफी अधिक बेहतर है।
2. ब्राजील छूटा पीछे, भारत कोरोनावायरस के मामले में अब पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर
India Coronavirus Updates: भारत ने यहां लगातार तेजी से बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों के बीच 7 सितंबर, 2020 की सुबह तक ब्राज़ील को पीछे छोड़ दिया है और इसके साथ ही भारत कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा मामलों के साथ दुनिया का दूसरा देश बन गया है। सोमवार की सुबह तक पिछले 24 घंटों में एक दिन में दर्ज होने वाले मामले अब तक सबसे ज्यादा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटों में 90,802 मामले सामने आए है, जिसके बाद कुल मामलों की संख्या 42 लाख के पार पहुंच गई है। ऐसा लगातार दूसरा दिन है, जब देश में 90 हज़ार से ऊपर मामले सामने आए हैं।
बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोनावायरस के मामले सबसे ज्यादा USA में हैं। यहां पर संक्रमण के कुल मामले 62.75 लाख मामले हैं, जो भारत से कुछ 29 लाख ज्यादा हैं। वहीं ब्राज़ील में 41,37,521 केस हैं।
ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में अब तक सबसे ज़्यादा 90,802 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में कुल मामलों की संख्या 42,04,613 हो गई है। पिछले 24 घंटे में 1016 लोगों की मौत हुई है। अब तक देश में इस बीमारी से कुल 71,642 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, देश में वायरस से ठीक होने वाले मामलों की संख्या भी ठीक-ठाक चल रही है। अब तक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 32 लाख के पार हो गई है। पिछले 24 घंटे में ठीक हुए मरीज़ों की संख्या 69,564 है, वहीं अब तक ठीक होने वाली मरीज़ों की संख्या 32,50,429 हो गई है।
रिकवरी रेट 77.30% चल रहा है, वहीं कुल एक्टिव मरीज़ों की संख्या 20.98% यानी 8,82,542 है। डेथ रेट 1.70% पर चल रहा है। हां लेकिन टेस्टिंग बढ़ने के साथ पॉजिटिविटी रेट जबरदस्त तेजी से बढ़ा है। पॉजिटिविटी रेट यानी संक्रमण की दर 12 फ़ीसदी के पार हो गई है। पिछले 24 घंटों में 7,20,362 सैंपलों की टेस्टिंग हुई है। इसके साथ ही अब तक हुए कुल टेस्ट का आंकड़ा 4,95,51,507 पर पहुंच गया है।
3. दिल्ली में 169 दिनों बाद मेट्रो सेवा आज से शुरू, सफर के दौरान इन बातों का रखें विशेष ख्याल
COVID-19 महामारी के चलते पांच महीने से ज्यादा वक्त तक बंद रही दिल्ली मेट्रो ने (Delhi Metro) एक बार फिर आज से तीन चरणों में अपनी सेवाएं बहाल कर दी हैं। हालांकि, DMRC ने लोगों से अपील की है कि वह जरूरी होने की सूरत में ही मेट्रो की सुविधाओं का इस्तेमाल करें। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि कंटेनमेंट जोन में स्थित स्टेशन बंद रहेंगे। गृह मंत्रालय ने हाल ही देश में चरणबद्ध तरीके से मेट्रो सेवाएं बहाल करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसके बाद दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने कहा था कि वह सात से 12 सितम्बर के बीच तीन चरणों में सेवाएं बहाल करेगा। DMRC के एक अधिकारी ने बताया कि इसके तहत, ‘येलो लाइन’ या ‘लाइन 2’ और ‘रैपिड मेट्रो’ की सेवाएं कुछ सीमित घंटों के लिए बहाल की गई हैं। अधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण में मेट्रो सुबह के वक्त चार घंटे, 7 बजे से 11 बजे तक और शाम को चार घंटे 4 से 8 बजे तक चलेगी।
इन नियमों का रखें विशेष ख्याल
दिल्ली मेट्रो ने यात्रियों से अपील कि है कि मेट्रो सेवा का उपयोग तत्काल आवश्यक होने पर ही करें और अगर वे स्वस्थ महसूस नहीं कर रहें तो इससे यात्रा करने से बचें।
आज और कल सिर्फ येलो लाइन पर संचालन बहाल किया जाएगा। सुबह चार घंटे (7-11 बजे) और शाम को चार घंटे (4-8 बजे) की अवधि में ये सेवा उपलब्ध रहेगी। 49 किलोमीटर लंबे इस रूट पर 37 स्टेशन हैं।
DMRC के अनुसार 57 ट्रेनें उपलब्ध रहेंगी जोकि लगभग 462 फेरे लगाएंगी। आगे 9-12 सिंतबर के बीच अन्य लाइनों पर चरणबद्ध तरीके से इसका विस्तार किया जाएगा।
अगले पांच दिनों की अवधि में बाकी लाइनों पर भी संचालन बहाल किया जाएगा। इस दौरान मेट्रो परिसर में वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर सभी सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
सफर के दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के साथ ही सभी को मास्क पहनना होगा और लगातार हाथों को सेनेटाइज करना होगा।
कोविड-19 जैसे लक्षण वाले यात्रियों को मेट्रो में सफर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें करीब के स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाएगा।
दिल्ली मेट्रो ने यात्रियों के बीच फिजिकल कॉन्टैक्ट कम से कम सुनिश्चित करने के वास्ते कई कदम उठाये हैं। इसके लिए ऑटोमेटिक थर्मल स्क्रीनिंग-विद-सैनिटाइजर डिस्पेंसर और ‘फुट पेडल संचालित लिफ्टों' को लगाया गया है।
मेट्रो कैंपस और ट्रेन के भीतर मास्क पहनना अनिवार्य है और ‘‘यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करेगा तो उसका चालान किया जायेगा।''
45 स्टेशनों के प्रवेश द्वार पर, स्वचालित थर्मल स्क्रीनिंग सह सैनिटाइज़र डिस्पेंसर लगाये गए हैं। यह सुविधा 17 मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध होगी, जिसमें येलो लाइन के राजीव चौक, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय और विश्वविद्यालय स्टेशन शामिल हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 सुरक्षा मानकों के अनुसार किसी भी स्टेशन पर लिफ्ट में एक बार में अधिकतम तीन यात्रियों को जाने की अनुमति होगी।
ट्रेनों के ठहराव की अवधि अब अधिक होगी। इसे प्रत्येक स्टेशन पर 10-15 सेकंड से बढ़ाकर 20-25 सेकंड किया जायेगा और ‘इंटरचेंज' सुविधा की अवधि को 35-40 सेकंड से बढ़ाकर 55-60 सेकंड किया जायेगा।
मेट्रो के अंदर बैठने के लिए भी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के तहत एक सीट छोडकर यात्रियों को बैठना होगा और डिब्बे में खडे होकर यात्रा करने के दौरान भी दूरी बरकरार रखनी होगी, इसके लिए सीटों पर स्टिकर भी लगाए गए हैं।
4. छोटे बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या से निपटने हेतु तीसरा राष्ट्रीय पोषण माह की शुरुआत
बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए सितंबर 2020 में तीसरा राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। पोषण माह का उद्देश्य प्रत्येक के लिए पोषण और स्वास्थ सुनिश्चित करने में जन भागीदारी को प्रोत्साहन देना है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कहा है कि पोषण माह प्रतिवर्ष पोषण अभियान के तहत मनाया जाता है जो वर्ष 2018 में शुरू किया गया था।
देश में कोविड महामारी की स्थिति को देखते हुए मंत्रालय सभी पक्षों को पोषण माह मनाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म को प्रोत्साहित कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले माह तीस तारीख को आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ के 68वें संस्करण में पोषण की महत्ता पर जोर दिया था। मंत्रालय, राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के साझेदार मंत्रालयों और विभागों के साथ मिलकर राष्ट्रीय,राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों, जिला और जमीनी स्तर पर पोषण माह मना रहा है।
उद्देश्य
राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission) का उद्देश्य छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों में कुपोषण और एनीमिया को कम करना है। राष्ट्रीय पोषण मिशन नीति आयोग द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय पोषण रणनीति द्वारा समर्थित है। इस रणनीति का उद्देश्य साल 2022 भारत को कुपोषण से मुक्त करना है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य कुपोषण के उन्मूलन से संबंधित सभी मौजूदा योजनाओं एवं कार्यक्रमों को एकजुट कर एक बेहतर और समन्वित मंच प्रदान करना है।
भारत में कुपोषण की समस्या
भारत में कुपोषण की समस्या काफी गंभीर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार भारत के 38 प्रतिशत बच्चों की ऊंचाई कम है, 21 प्रतिशत बच्चों का भार उनकी ऊंचाई के मुकाबले बहुत कम है जबकि 35.7 प्रतिशत बच्चों का वज़न आवश्यकता से कम है।
मुख्य बिंदु
• महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने 27 अगस्त 2020 को एक अंतर-मंत्रालयी बैठक की अध्यक्षता की थी। इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव राम मोहन मिश्रा ने पोषण माह मनाए जाने के लिए परस्पर समन्वय बनाने पर चर्चा की थी।
• इस बार पोषण माह में गंभीर रूप से कुपोषित (एसएएम) बच्चों और उनके प्रबंधन तथा पोषक तत्वों से भरपूर पौधे लगाने के लिए पोशन वाटिकाएं बनाए जाने, बच्चों को जन्म लेने के शुरुआती एक हजार दिनों के दौरान अच्छे पोषण के रूप में स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने तथा युवा महिलाओं और बच्चों आदि में खून की कमी को दूर करने के उपायों से जुड़ी गतिविधियों पर मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
• अभियान से जुड़े सभी मंत्रालयों ने पोषण माह के उद्देश्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है और पोषण को अपने कार्यक्षेत्रों के माध्यम से ध्यान में लाने के लिए योजनाबद्ध गतिविधियों की योजना बनाई है।
• स्कूल शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को छात्रों के बीच पोषण से जुड़ी ई प्रश्नोत्तरी और मेमे बनाने की प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए कहा है।
• पंचायती राज मंत्रालय ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में विशेष समितियों की बैठकें आयोजित करने की योजना बना रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों को ‘महात्मा गांधी नरेगा’ के समर्थन से पोषण वाटिकाओं को बढ़ावा देने की सलाह दी है।
• आयुष मंत्रालय ने योग और समग्र पोषण को अपनाकर एक स्वस्थ जीवन शैली के निर्माण में सहयोग देने की पेशकश की है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भी पोषण माह के दौरान सभी गतिविधियों के लिए अपनी ओर से हर संभव सहयोग दे रहा है।
जीवन में पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता
जीवन में पोषण के महत्व के बारे में ज्ञान बढ़ाने तथा सूचनाओं का प्रसार करने के लिए सोशल मीडिया, ऑनलाइन गतिविधियों, पॉडकास्ट और ई-संवाद आदि का उपयोग किया जाएगा। मंत्रालय एक वेबिनार श्रृंखला की भी मेजबानी कर रहा है जिसमें विषय के विशेषज्ञ और स्वास्थ्य पेशेवर महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य और पोषण के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे।
5. बजाज आलियांज ने आयुष्मान खुराना को बनाया अपना नया ब्रांड एंबेसडर
निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना को अपना नया ब्रांड एंबेसडर बनाया है।
आयुष्मान जीवन बीमाकर्ता के ब्रांड एंबेसडर के रूप में, इसके उत्पादों के साथ-साथ बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की डिजिटल सेवाओं का प्रचार करेंगे।
बॉलीवुड अभिनेता को निजी जीवन बीमा कंपनी के आगामी अभियान "स्मार्ट लिविंग" का हिस्सा भी होंगे, जो अपनी टर्म प्लान "Smart protect Goal" और नई डिजिटल सेवा "Smart Assist" को सम्मिलित करता है, जो इस कठिन समय में सामूहिक रूप से ग्राहक के जीवन को सुरक्षित और सक्षम बनाने का प्रयास करेगा।
6. ड्वेन ब्रावो बने "SBOTOP" स्पोर्ट्सबुक ब्रांड के क्रिकेट एंबेसडर
वेस्टइंडीज क्रिकेट आइकन ड्वेन ब्रावो "SBOTOP" स्पोर्ट्सबुक ब्रांड के पहले क्रिकेट एंबेसडर बन गए हैं।
आइल ऑफ मैन बैटिंग ग्रुप सेल्टन मैनक्स ने वेस्ट इंडीज क्रिकेटर को अपनी प्रमुख स्पोर्ट्सबुक के लिए एंबेसडर बनाया है।
ड्वेन ब्रावो वेस्टइंडीज के लिए क्रिकेट के सभी फोर्मट्स में हिस्सा रहे है।
उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 256 टेस्ट और 120 वन-डे मैच खेले है और उन्हें खेल के सबसे बेहतर 'ऑलराउंडरों' में से एक माना जाता है।
7. Vodafone और Idea कंपनी ने जारी किया नया ब्रांड लोगो Vi
वोडाफोन और आइडिया ने दुनिया के सबसे बड़े एकीकरण सौदे को पूरा करने के बाद एक नया ब्रांड लोगो 07 सितम्बर 2020 को पेश किया है। वोडाफोन आइडिया (Vodafone-Idea) ने नया ब्रांड वीआई (Vi) को लॉन्च किया। वोडाफोन आइडिया ने वर्चुअल कॉन्फ़्रेंस के जरिये बड़ा घोषणा किया। कंपनी ने वेब टेलिकास्ट के जरिए आगे के रोडमैप और कंपनी की नई रणनीति को लेकर बात की।
इस नए ब्रांड की नजर भविष्य की संभावनाओं पर टिकी होंगी और इसे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने एक वर्चुअल लॉन्च इवेंट में अपने नए लोगो को पेश किया। वोडाफोन और आइडिया दो ब्रांड्स का एकीकरण दुनिया में टेलीकॉम सेक्टर में अबतक का सबसे बड़ा एकीकरण है।
नए ब्रांड को लाने के पीछे उद्देश्य
कंपनी ने कहा कि वी लोगो की अवधारणा इस बदलते परिवेश में उपभोक्ताओं की बढ़ती आवश्यकताओं में अनुरूप है। इसे उपभोक्ताओं को जीवन में आगे बढ़ाने, एक बेहतर आज और उज्जवल भविष्य के लिए डिजाइन किया गया है। कंपनी ने 'Vi' के रूप में अपने आप को रीब्रांड किया है। इस नए ब्रांड को लाने के पीछे उद्देश्य कॉल्स की बेहतर गुणवत्ता और इसके जुड़ी सेवाओं की उत्कृष्टता सुनिश्चित करना है।
ब्रांड के तहत उच्च गुणवत्ता के वादे
इस ब्रांड के जरिए कंपनी ब्रांड के तहत उच्च गुणवत्ता के वादे पर ग्राहकों के एक नए वर्ग को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है। साथ ही कंपनी इस ब्रांड को लाकर अपने घट रहे यूजर बेस को रोकना चाहती है।
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन इंडिया लिमिटेड को समायोजित सकल आय (AGR) के बकाये को चुकाने के लिए दस साल का समय दिया है। इसका दस प्रतिशत कंपनी को चालू वित्त वर्ष में और बाकी रकम 10 किस्तों में अगले 10 साल में चुकानी है। कंपनी पर 58,000 करोड़ रुपये से अधिक का एजीआर बकाया है। इसमें से कंपनी अब तक 7,854 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। वोडाफोन आइडिया को पिछले वित्त वर्ष में 73,878 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड घाटा हुआ था।
8. 2021 की शुरुआत में हो सकता है Chandrayaan-3 का प्रक्षेपण, अभियान में ऑर्बिटर नहीं होगा
भारत के चंद्र अभियान के तहत चंद्रयान-3 को 2021 की शुरुआत में प्रक्षेपित किए जाने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी। हालांकि, चंद्रयान-2 के विपरित इसमें ‘ऑर्बिटर’ नहीं होगा लेकिन इसमें एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ होगा।
पिछले साल सितंबर में चंद्रयान-2 की चंद्रमा की सतह पर ‘हार्ड लैंडिंग’ के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस साल के अंतिम महीनों के लिए एक अन्य अभियान की योजना बनाई थी। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन ने इसरो की कई परियोजनाओं को प्रभावित किया और चंद्रयान-3 जैसे अभियान में देर हुई।
सिंह के हवाले जारी एक बयान में कहा गया है, ‘जहां तक चंद्रयान-3 की बात है तो इसका प्रक्षेपण 2021 की शुरुआत में कभी भी होने की संभावना है। चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का ही पुन: अभियान होगा और इसमें चंद्रयान-2 की तरह ही एक लैंडर और एक रोवर होगा।’
चंद्रयान-2 को पिछले साल 22 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था। इसके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की योजना थी। लेकिन लैंडर विक्रम ने सात सितंबर को हार्ड लैंडिंग की और अपने प्रथम प्रयास में ही पृथ्वी के उपग्रह की सतह को छूने का भारत का सपना टूट गया था।
अभियान के तहत भेजा गया आर्बिटर अच्छा काम कर रहा है और जानकारी भेज रहा है। चंद्रयान-1 को 2008 में प्रक्षेपित किया गया था।
सिंह ने कहा, ‘इसरो के प्रथम चंद्र अभियान ने कुछ चित्र भेजे हैं जो प्रदर्शित करते हैं कि चंद्रमा के ध्रुवों पर जंग सा लगता दिख रहा है।’
बयान में कहा गया है कि नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रिेशन (नासा) के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि पृथ्वी का अपना वातावरण इसमें सहायता कर रहा हो, दूसरे शब्दों में इसका अर्थ यह हुआ कि पृथ्वी का वातावरण चंद्रमा की भी रक्षा कर रहा हो। इस प्रकार, चंद्रयान-1 के डेटा से संकेत मिलता है कि चांद के ध्रुव पर पानी है, वैज्ञानिक इसी का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
इस बीच, अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के प्रथम अभियान ‘गगनयान’ की तैयारियां जारी हैं। मंत्री ने कहा, ‘गगनयान की तैयारी में कोविड-19 से कुछ अड़चनें आई लेकिन 2022 के आसपास की समय सीमा को पूरा करने के लिए कोशिश जारी है।’
9. प्रहलाद सिंह पटेल ने ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक में वर्चुली लिया हिस्सा
रूस की अध्यक्षता में 5 वीं ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई।
5 वीं ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा भारत का प्रतिनिधित्व किया गया। बैठक के प्रतिभागियों ने ब्रिक्स देशों में सांस्कृतिक क्षेत्र पर महामारी की स्थिति के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया।
साथ ही इसमें ब्रिक्स के भीतर संयुक्त सांस्कृतिक ऑनलाइन-परियोजनाओं के संभावित कार्यान्वयन की भी समीक्षा की।
5 वीं ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक में ब्राजील, भारत, चाइना, रूस और दक्षिण अफ्रीका के संस्कृति मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
10. अब साधारण परिवारों के छात्र भी पढ़ सकेंगे विदेशी यूनिवर्सिटी में, नई शिक्षा नीति पर PM मोदी की 10 बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) पर आज राज्यपालों के सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया। इस सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक समेत सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। इस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नई शिक्षा नीति के कई अहम पहलुओं पर बात की। आइए आपको बताते हैं आज के सम्मेलन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई शिक्षा नीति को लेकर कही गई 10 बड़ी बातें।
10 बड़ी बातें
पीएम मोदी ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही मायने में बिना दबाव के, बिना अभाव और बिना प्रभाव के सीखने के लोकतांत्रिक मूल्यों को हमारी शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनाया गया है। नई शिक्षा नीति ने Brain Drain को tackle करने के लिए और सामान्य से सामान्य परिवारों के युवाओं के लिए भी बेस्ट इंटरनेशनल इंस्टीट्यूशंस के कैंपस भारत में स्थापित करने का रास्ता खोला है।"
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- देश में जब दुनिया की बड़ी यूनिवर्सिटी अपना कैंपस खोलेंगी तो बच्चों में बाहर जाने की प्रवृत्ति भी कमज़ोर होगी। इससे देश में यूनिवर्सिटीज के बीच कॉम्पिटिशन बढ़ेगा।
पीएम मोदी ने कहा, "लंबे समय से ये बातें उठती रही हैं कि हमारे बच्चे बैग और बोर्ड एग्ज़ाम के बोझ तले, परिवार और समाज के दबाव तले दबे जा रहे हैं। इस पॉलिसी में इस समस्या पर भी ध्यान दिया गया है।"
पीएम मोदी ने कहा, "कोई भी सिस्टम उतना ही इफेक्टिव और सम्मिलित हो सकता है, जितना बेहतर उसका गवर्नेंस मॉडल होता है। यही सोच शिक्षा से जुड़ी गवर्नेंस को लेकर भी ये पॉलिसी रिफ्लेक्ट करती है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "ये शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा नीति नहीं है। ये देश की शिक्षा नीति है। जैसे विदेश नीति देश की नीति होती है, रक्षा नीति देश की नीति होती है, वैसे ही शिक्षा नीति भी देश की ही नीति है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "नई शिक्षा नीति में फाउंडेशनल लर्निंग और भाषा समेत टीचर ट्रेनिंग पर भी फोकस किया गया है"
नई शिक्षा नीति के तहत कोशिश ये की जा रही है कि उच्च शिक्षा के हर पहलू, चाहे वो अकेडमिक हो, टेक्निकल हो या फिर वोकेशनल हो, हर प्रकार की शिक्षा को भूमिगत कक्ष से बाहर निकाला जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "Graded Autonomy के कॉन्सेप्ट्स के पीछे भी कोशिश यही है कि हर कॉलेज, हर यूनिवर्सिटी के बीच हेल्दी कॉम्पिटिशन को बढ़ावा दिया जाए और जो संस्थान बेहतर परफॉर्म करते हैं उनको इनाम दिया जाए।"
नई शिक्षा नीति, स्टडी के बजाय लर्निंग पर फोकस करती है और Curriculum से और आगे बढ़कर क्रीटिकल थिंकिंग पर ज़ोर देती है।
नई शिक्षा नीति में Access और Assessment को लेकर भी व्यापक रिफॉर्म्स किए गए हैं। नई शिक्षा नीति में हर स्टूडेंट को समर्थ बनाने का रास्ता दिखाया गया है।
11. थाईलैंड थॉमस और उबेर कप से हटा
बैंकॉक, सात सितंबर (एपी) थाईलैंड बैडमिंटन महासंघ ने बताया कि कोविड-19 महामारी की चिताओं के कारण शीर्ष खिलाड़ियों के नाम वापस लेने के बाद उसने थॉमस और उबेर कप से हटने का फैसला किया है।
महासंघ ने कहा कि पूर्व विश्व चैंपियन रत्चानोक इंतानोन, मिश्रित युगल में विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज डेचापोल पुवारनुख्रोव एवं सैपसीरी तेरतानाचाई की जोड़ी के अलावा कुछ अन्य खिलाड़ियों के हटने के बाद उसने डेनमार्क में तीन से 11 अक्टूबर तक होने वाले टीम टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया है।
थाइलैंड बैडमिंटन महासंघ के अध्यक्ष खुनयिंग पटामा लेवास्वदर्कुल ने कहा, '' खिलाड़ियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य हमेशा से हमारी प्राथमिकता रही है। हम खिलाड़ियों के फैसले का सम्मान करते हैं ।''
बैडमिंटन विश्व महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने पिछले महीने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के कार्यक्रम में बदलाव के बावजूद भी थॉमस और उबेर कप फाइनल्स को डेनमार्क के आरहूस में खेला जाएगा।
बीडब्ल्यूएफ के मुताबिक डेनमार्क पहुंचने पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों को पृथकवास से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी, बशर्ते उनके पास कोविड-19 जांव में नेगेटिव होने के प्रमाण के साथ उपयुक्त यात्रा दस्तावेज हों।
Comentarios