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6th February | Current Affairs | MB Books


1. नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत-बहरीन की बैठक आयोजित की गयी

भारत और बहरीन ने 4 फरवरी को एक वर्चुअल फॉर्मेट में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group) की पहली बैठक आयोजित की।

मुख्य बिंदु : इस बैठक में बहरीन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सस्टेनेबल एनर्जी अथॉरिटी के अध्यक्ष अब्दुल हुसैन बिन अली मिर्जा ने किया। जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव दिनेश दयानंद जगदाले ने किया। इस बैठक में बहरीन में भारतीय राजदूत पीयूष श्रीवास्तव ने भी भाग लिया। इस बैठक में, दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व पर प्रकाश डाला और इस क्षेत्र में भविष्य के लक्ष्यों के लिए शुरू की गयी कई पहलों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। दोनों पक्ष इस क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए सहमत हुए हैं। इस दौरान दोनों पक्षों ने क्षमता निर्माण के लिए मिलकर कार्य करने और संबंधित एजेंसियों के साथ-साथ इस क्षेत्र में विशेष रूप से पवन, सौर और स्वच्छ हाइड्रोजन के क्षेत्र में दोनों देशों के निजी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

पृष्ठभूमि : भारत और बहरीन ने जुलाई 2018 में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

बहरीन के लिए वैक्सीन मैत्री : हाल ही में, भारत ने “वैक्सीन मैत्री” पहल के तहत उपहार के रूप में बहरीन को COVID-19 वैक्सीन की 1,00,000 खुराक प्रदान की।


2. यूनिसेफ और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बीच हुआ कोविड-19 टीकों के लिए दीर्घकालिक आपूर्ति समझौता

यूनिसेफ और भारत के सीरम संस्थान ने नोवावैक्स और एस्ट्राजेनेका/ ऑक्सफोर्ड के टीकों के लिए दीर्घकालिक आपूर्ति समझौता किया है। बच्चों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने यह सूचित किया है कि, टीकों की 1.1 बिलियन खुराक तक लगभग 100 देशों की पहुंच होगी।

भारत दुनिया के सबसे बड़े दवा निर्माताओं में से एक है और कई देशों ने कोरोना वायरस के टीकों की खरीद के लिए पहले ही अधिकारियों से संपर्क किया है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका के कोविशिल्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है और नोवावैक्स को यूएस-आधारित नोवावैक्स इंक. द्वारा तैयार किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय बाल शिक्षा कोष के कार्यकारी निदेशक, हेनरिते फोर ने कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए नोवावैक्स और एस्ट्राजेनेका से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से, दो वैक्सीन उत्पाद लेने के लिए भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के साथ दीर्घकालिक आपूर्ति समझौते के संपन्न होने की घोषणा की।

टीकों की 1.1 बिलियन खुराक तक होगी यूनिसेफ की पहुंच :यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक ने यह बताया कि, पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन - PAHO सहित अपने खरीद साझेदारों के साथ, यूनिसेफ के पास लगभग 100 राष्ट्रों के लिए 1.1 बिलियन से अधिक खुराक होगी और निम्न और निम्न-मध्यम-आय वाले देशों के लिए 03 अमेरिकी डॉलर कीमत की एक खुराक है।

संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली कोवैक्स पहल : कोविड -19 टीकों तक उचित पहुंच के लिए संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली कोवैक्स पहल के तहत 145 देशों के प्रमुख श्रमिकों और अन्य कमजोर व्यक्तियों को वर्ष, 2021 की पहली छमाही में कोविड -19 टीके प्राप्त होंगे।

कोवैक्स के तहत, विभिन्न देशों की सरकारों को यूनिसेफ के देश कार्यालयों द्वारा समर्थित किया जाएगा ताकि संबद्ध सरकारें आगे बढ़कर यह सुनिश्चित कर सकें कि, वे ऐसी कोरोना वायरस वैक्सीन प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं जिसे अल्ट्रा-कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता होती है।

कोविड -19 टीके विश्व स्तर पर विभिन्न देशों को वितरित किए जाएंगे :

• फाइजर-बायो एनटेक वैक्सीन की कुल 40 मिलियन में से लगभग 1.2 मिलियन खुराक, 18 देशों को इस वर्ष की पहली तिमाही में वितरित की जाएंगी। • जिम्बाब्वे से लेकर अफगानिस्तान तक कोवैक्स योजना के लिए अनुरोध करने वाले देशों को भेजने के लिए ऑक्सफोर्ड/ एस्ट्राजेनेका टीकों की अतिरिक्त 336 मिलियन खुराक भेजी जानी है। • इस योजना से लाभान्वित होने वाले देशों की आबादी का औसतन 3.3%, इस टीके की कुल खुराक की संख्या के माध्यम से कवर किया जाएगा।


3. एयरो इंडिया 2021 में किये गये रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर

एयरो इंडिया 2021 बेंगलुरु के येलहंका एयर फोर्स बेस में 3 फरवरी से शुरू हुआ। इस एयर शो का समापन 7 फरवरी को होगा। इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

मुख्य बिंदु : भारतीय वायु सेना को 83 हलके लड़ाकू विमान की आपूर्ति के लिए सरकार द्वारा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 48,000 करोड़ रुपये का अनुबंध दिया गया है।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और मिश्र धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI) ने मिश्रित कच्चे माल के विकास और उत्पादन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मिश्रित कच्चे माल के लिए यह इस तरह का पहला समझौता है।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को एयरो इंडिया 2021 में अपनी बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की आवश्यकता के लिए भारतीय वायु सेना से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। यह प्रस्ताव 70 HTT-40 बेसिक ट्रेनर विमान के लिए है।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने GE एविएशन (जनरल इलेक्ट्रिक की सब्सिडियरी) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।एचएएल के उड्डयन सैन्य और वाणिज्यिक इंजन कार्यक्रमों के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह अनुबंध 100 करोड़ रुपये से अधिक का है। इसकी अवधि 5 साल है।

एयरबस ने रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) प्रशिक्षण में सहयोग के अवसरों की खोज के लिए फ्लाईटेक एविएशन अकादमी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

एयरो इंडिया : एयरो इंडिया प्रदर्शनी/शो का आयोजन प्रत्येक दो वर्ष बाद किया जा है। 1996 से अब तक इस एरो शो के 11 संस्करणों का सफल आयोजन किया जा चुका है। इस एयर शो का उद्देश्य आर्थिक विकास की दर को तीव्र करना, रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना तथा निजी निर्माताओं को प्रोत्साहित करना है।


4. 2021-22 में e-NAM पोर्टल के माध्यम से देश की 1000 मंडियों को जोड़ा जायेगा

केंद्र सरकार ने हाल ही में घोषणा की कि 2021-22 में e-NAM पोर्टल के माध्यम से देश की 1000 मंडियों को जोड़ा जायेगा। कृषि अवसंरचना निधि को कृषि उत्पाद बाजार समितियों को उनकी बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। ई-एनएएम कृषि विपणन में एक अभिनव पहल है, जो खरीददारों और बाजारों तक किसानों की पहुंच को बढ़ाती है।

e-NAM : राष्ट्रीय कृषि बाजार या ई-नाम पोर्टल कोई अन्य बाजार नहीं है, बल्कि यह देश में मौजूदा मंडियों का एक ऐसा नेटवर्क है, जिसके माध्यम से किसान और व्यापारी एक दूसरे से फसल खरीदने और बेचने का काम घर बैठे ही कर सकते हैं। e-NAM का प्रबंधन छोटे किसानों के कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम (SFAC) द्वारा किया जाता है। यह सभी एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) संबंधित गतिविधियों के लिए एकल सेवा प्रदान करता है। वर्तमान में व्यापार के लिए ई-एनएएम के तहत 450 से अधिक एपीएमसी सूचीबद्ध हैं। यह एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संचालित होता है जो राज्य की मंडियों से जुड़ा हुआ है।

e-NAM के कार्य : E-NAM वस्तुओं और व्यापार की जानकारी प्रदान करता है। यह मंच कैशलेस लेनदेन प्रदान करता है। यह मृदा परीक्षण तक पहुंच प्रदान करता है और किसानों को छंटाई और पैकिंग के लिए प्रारंभिक सुविधाएं प्रदान करता है।


5. राष्ट्रीय बागवानी मेला 2021

राष्ट्रीय बागवानी मेला 8 फरवरी, 2021 से शुरू होगा। यह पांच दिवसीय कार्यक्रम है जो भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR) परिसर में आयोजित किया जाएगा। पूरे भारत के लोग भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

राष्ट्रीय बागवानी मेला :

  • राष्ट्रीय बागवानी मेला 2021 की थीम: ‘ स्टार्ट-अप और स्टैंड-अप इंडिया के लिए बागवानी’ है।

  • यह थीम किसानों को उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करती है।

  • इस मेले का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR) द्वारा किया जाएगा।

  • यह वर्चुअली और ऑफ़लाइन भी आयोजित किया जाएगा।

  • COVID-19 महामारी के बीच, प्रतिभागियों की प्रविष्टि 30,000 तक सीमित है।

  • किसान 721 कृषि विज्ञान केंद्रों और 11 कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थानों की मदद से भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

  • लोगों को कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए, राज्य सरकारों के कृषि प्रशिक्षण केंद्रों में भी व्यवस्था की गई है।

  • इस आयोजन के दौरान, लगभग 211 लाइव प्रदर्शन दिखाए जाएंगे।

  • इस आयोजन के माध्यम से, किसान वैज्ञानिकों के साथ बातचीत भी कर सकते हैं।

भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR) : यह एक स्वायत्त संगठन है। यह बागवानी के विभिन्न पहलुओं पर बुनियादी, रणनीतिक, अग्रिम और अनुप्रयुक्त अनुसंधान करने में कार्यरत्त है। इसका मुख्यालय कर्नाटक के बेंगलुरु में है। यह संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की सब्सिडियरी है। यह कृषि मंत्रालय के नोडल प्रमुख के तहत काम करता है।

बागवानी : यह कृषि की एक शाखा है जिसमें सघन रूप से सुसंस्कृत पौधों को शामिल किया जाता है जो सीधे मनुष्य द्वारा भोजन, औषधीय प्रयोजनों और सौंदर्य इत्यादि के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसमें फल, सब्जियां, जड़ी-बूटियां, फूल, सजावटी या विदेशी पौधे की खेती, उत्पादन और बिक्री शामिल है। एल.ए.च बेली को अमेरिकी बागवानी का पिता कहा जाता है। दूसरी ओर, एम.एच. मेरीगौड़ा को भारतीय बागवानी का पिता कहा जाता है।


6. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थियों की संख्या 1.75 करोड़ के पार पहुंची

महिला और बाल विकास मंत्रालय ने संसद को सूचित किया है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जो केंद्र सरकार की मातृत्व लाभ योजना है, वित्तीय वर्ष 2020 तक 1.75 करोड़ महिला लाभार्थियों की संख्या को पार कर गई है।

मुख्य बिंदु :

  • केंद्र सरकार के प्रारंभिक अनुमान में कहा गया है कि इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य प्रति वर्ष 60 लाख महिलाओं को कवर करने का था।

  • संसद के लिखित उत्तर के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018 से 2020 तक 75 करोड़ पात्र लाभार्थियों को कुल 5,931.95 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

  • वित्तीय वर्ष 2020-2021 में12 लाख पात्र लाभार्थियों को 2,063.70 करोड़ का भुगतान किया गया था।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) :

  • PMMVY योजना महिला और बाल विकास मंत्रालय (MWCD) द्वारा शुरू की गई थी।

  • इस योजना में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने पहले बच्चे के जन्म पर 5,000 रुपये की सहायता देने का प्रावधान है।

  • कुछ शर्तों के पूरा होने के बाद इस राशि का भुगतान तीन किस्तों में किया जाता है।

लाभार्थियों के लिए शर्तें :

  • PMMVY योजना केवल उन महिलाओं को लक्षित करती है जो अपने पहले बच्चे को जन्म दे रही हैं।

  • इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को पंजीकरण जल्दी करना आवश्यक है।

  • महिलाओं में कम से कम एक प्रसव-पूर्व जांच और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होना चाहिए।

  • केंद्र सरकार या राज्य सरकार के साथ नियमित रोजगार में कार्यरत्त महिलाओं को यह मातृत्व लाभ प्रदान नहीं किया जाता है।

  • किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में कार्यरत महिलाएं या जो किसी भी कानून के तहत समान लाभ प्राप्त कर रही हैं, मातृत्व लाभ के लिए पात्र नहीं हैं।

योजना का उद्देश्य : वेतन हानि के लिए आंशिक मुआवजा प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई थी ताकि महिला पहले जीवित बच्चे की डिलीवरी के पहले और बाद में उचित आराम ले सके।


7. पेपाल भारत में घरेलू भुगतान सेवाओं को बंद करेगा

अमेरिकी डिजिटल भुगतान समाधान प्रदाता पेपाल ने घोषणा की कि वह 1 अप्रैल, 2021 से भारत के भीतर घरेलू भुगतान सेवाओं की पेशकश बंद कर करेगा।

मुख्य बिंदु : पेपाल ने आगे कहा है कि यह अब भारतीय व्यवसायों के लिए अधिक अंतरराष्ट्रीय बिक्री को सक्षम करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

गौरतलब है कि पेपाल ने वर्ष 2020 में 6 लाख से अधिक भारतीय व्यापारियों के लिए 1.4 बिलियन डॉलर अंतरराष्ट्रीय बिक्री की प्रोसेसिंग की थी।

इस प्रकार, कंपनी ने भारत में घरेलू उत्पादों से ध्यान हटाने का फैसला किया है।

इस निर्णय के साथ, पेपाल भारत के भीतर घरेलू भुगतान सेवाओं की पेशकश करने में सक्षम नहीं होगा। लेकिन कंपनी अब दुनिया भर में भारतीय व्यवसायों को 350 मिलियन पेपाल उपभोक्ताओं तक पहुंचने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी बिक्री बढ़ाने के लिए उत्पाद विकास में निवेश करेगी। यह निर्णय, भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि लाने में मदद करेगा।

इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय का रुख

  • दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेरिकी ऑनलाइन भुगतान गेटवे पेपाल की याचिका पर वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) की प्रतिक्रिया मांगी है।

  • अपनी याचिका में, मनी लॉन्ड्रिंग कानून के उल्लंघन के लिए पेपाल ने 96 लाख रुपये के जुर्माने को चुनौती दी थी।

  • इस प्रकार जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने एफआईयू को नोटिस जारी किया और 26 फरवरी तक पेपाल की याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भी इस मामले में एक पक्ष बनाया गया है।

  • कोर्ट ने RBI और वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया है कि पेपाल जैसी इकाई को एक रिपोर्टिंग एजेंसी के रूप में माना जा सकता है या नहीं, इस बारे में नीतिगत निर्णय लेने के लिए एक समिति बनाई जाएगी।

  • कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या उन्हें धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

पेपाल : यह एक अमेरिकी कंपनी है जो एक ऑनलाइन भुगतान प्रणाली का संचालन करती है। यह लेनदेन करने के लिए चेक और मनी ऑर्डर के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक विकल्प के रूप में भी कार्य करता है।


8. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 590.18 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा

29 जनवरी, 2021 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.85 बिलियन डॉलर की बढ़ोत्तरी के साथ 590.18 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। यह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का रिकॉर्ड स्तर है, इसके साथ ही भारत ने सबस ज्यादा विदेश मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में रूस की जगह चौथा स्थान हासिल कर लिया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है।

विदेशी मुद्रा भंडार : इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार भी कहा जाता है भुगतान संतुलन में विदेशी मुद्रा भंडारों को आरक्षित परिसंपत्तियाँ’ कहा जाता है तथा ये पूंजी खाते में होते हैं। ये किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति का एक महत्त्वपूर्ण भाग हैं। इसमें केवल विदेशी रुपये, विदेशी बैंकों की जमाओं, विदेशी ट्रेज़री बिल और अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों को शामिल किया जाना चाहिये परन्तु इसमें विशेष आहरण अधिकारों , सोने के भंडारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार अवस्थितियों को शामिल किया जाता है। इसे आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय भंडार अथवा अंतर्राष्ट्रीय भंडार की संज्ञा देना अधिक उचित है।

29 जनवरी, 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए): $547.22 बिलियन गोल्ड रिजर्व: $ 36.29 बिलियन आईएमएफ के साथ एसडीआर: $ 1.51 बिलियन आईएमएफ के साथ रिजर्व की स्थिति: $ 5.16 बिलियन


9. RBI डिजिटल भुगतान सेवाओं के लिए एक 24×7 हेल्पलाइन स्थापित करेगा

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में घोषणा की कि केंद्रीय बैंक भारत में डिजिटल भुगतान सेवाओं को मजबूत करने के लिए एक 24 * 7 हेल्पलाइन प्लेटफॉर्म स्थापित करेगा। यह घोषणा ‘स्टेटमेंट ऑन डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसी’ के माध्यम से की गई थी।

मुख्य बिंदु :

  • आरबीआई ने पहले भी उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के निवारण के उपायों के अलावा कई सुरक्षा सुविधाएँ पेश की हैं।

  • यह घोषणा भारत में उपयोगकर्ताओं के डिजिटल भुगतान अनुभव को और बेहतर बनाएगी।

  • RBI ने पेमेंट सिस्टम विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया है।

  • इस दस्तावेज़ में डिजिटल भुगतान उत्पादों के संबंध में ग्राहक के प्रश्नों को संबोधित करने के लिए एक 24 × 7 हेल्पलाइन स्थापित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।

  • इन दिशानिर्देश के अनुसार, प्रमुख भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों को सितंबर 2021 तक ग्राहकों की समस्याओं को दूर करने के लिए एक केंद्रीकृत 24 × 7 हेल्पलाइन की स्थापना करनी होगी।

  • इस हेल्पलाइन सुविधा के अलावा, अधिकृत भुगतान प्रणाली के ऑपरेटरों और प्रतिभागियों के लिए आउटसोर्सिंग पर भी दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

  • इसके अलावा, RBI ने जून 2021 में बैंकों, NBFC और डिजिटल लेनदेन के लिए एक एकीकृत लोकपाल योजना शुरू करने की भी घोषणा की।

  • शिकायत निवारण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए यह योजना शुरू की जाएगी।

हेल्पलाइन का महत्व : हेल्पलाइन उपयोगकर्ताओं के बीच विश्वास बनाने में मदद करेगी। यह प्रश्नों और शिकायतों को संबोधित करने के लिए वित्तीय और मानव संसाधनों पर खर्च को कम करने में भी मदद करेगी।

आवश्यकता : भारत में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारतीय डिजिटल भुगतान उद्योग 2023 तक $1 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा। कोविड-19 महामारी के बीच डिजिटल भुगतान मोड को और बढ़ावा मिला है। लेकिन डिजिटल लेनदेन के बढ़ते चलन के साथ भारत में लेनदेन धोखाधड़ी, साइबर हमले आदि की घटनाएँ भी हो रही हैं। इस प्रकार, उपयोगकर्ताओं के लिए डिजिटल लेनदेन वातावरण को सुरक्षित बनाने के लिए इस तरह की हेल्पलाइन की आवश्यकता है।


10. हवाई अड्डे के निजीकरण के तीसरे दौर में लगभग 10 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जायेगा

सरकार ने घोषणा की है कि हवाई अड्डे के निजीकरण के तीसरे दौर में 10 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जाएगा।

मुख्य बिंदु : नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खारोला के अनुसार, हवाई अड्डे के निजीकरण के तीसरे में 6 से 10 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जाएगा। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण घाटे में चल रहे हवाईअड्डों के साथ-साथ लाभदायक हवाईअड्डों को बेचने की संभावना की चिंतन कर रहा है। इससे पहले, सरकार ने दूसरे दौर में 12 हवाई अड्डों के निजीकरण को मंजूरी दी थी।

केंद्र सरकार के अनुसार, आने वाले दिनों में देश के लगभग 20 से 25 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 में टियर 2 और 3 शहरों के हवाई अड्डों के निजीकरण करने की भी घोषणा की थी। वित्त वर्ष 2021-2022 में, 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की 7 बंदरगाह परियोजनाओं को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल में पेश किया जाएगा।

पृष्ठभूमि : हवाईअड्डों के निजीकरण के पहले दौर में अडानी समूह ने 6 हवाई अड्डों – अहमदाबाद, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम, लखनऊ, जयपुर और गुवाहाटी के लिए अनुबंध हासिल किया था। इनमें से 3 हवाई अड्डे अडानी समूह- अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरु को सौंप दिए गए हैं। हवाई अड्डों के निजीकरण के दूसरे दौर में, एएआई ने भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, रायपुर, इंदौर और त्रिची हवाई अड्डों को चुना है।


11. ओडिशा में बनाया जायेगा भारत का पहला थंडरस्टॉर्म रिसर्च टेस्टबेड

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार ओडिशा के बालासोर में देश का पहला आंधी-तूफ़ान अनुसंधान केंद्र (Thunderstorm Research Testbed) बनाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु : बालासोर में आंधी-तूफ़ान अनुसंधान केंद्र स्थापित करने का उद्देश्य आसमानी के कारण जान-माल के नुकसान को कम करना है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पास एक प्रथम श्रेणी का मानसून परीक्षण केंद्र विकसित किया जा रहा है। ये घोषणाएँ IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने की। ये दोनों परियोजनाएँ इस समय योजना के चरण में हैं और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जा रही है।

थंडरस्टॉर्म परीक्षण केंद्र की स्थापना भारतीय मौसम विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से की जाएगी। DRDO, ISRO और IMD की बालासोर में पहले से ही अपनी इकाइयाँ हैं। अब, इस परियोजना के लिए, पास के क्षेत्रों में वेधशालाएँ स्थापित की जाएंगी।

हर साल ओडिशा में आसमानी बिजली गिरने के कारण औसतन 350 से अधिक लोग मारे जाते हैं। 2019-20 तक नौ वर्षों में आसमानी से कुल 3,218 लोग मारे गए हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) : यह मौसम की भविष्यवाणी, मौसम संबंधी टिप्पणियों और भूकंपीय विज्ञान के लिए प्रमुख एजेंसी है। यह विभाग पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत काम करता है। इसकी स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी। इसका मुख्यालय दिल्ली में है।


12. असम की चाह बगीचा धन पुरस्कार योजना

6 फरवरी को गुवाहाटी में चाह बगीचा धन पुरस्कार मेला के तीसरे चरण का आयोजन किया जायेगा। चाह बगीचा धन पुरस्कार मेले में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी भाग लेंगी।

मुख्य बिंदु : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी। इस इवेंट के दौरान, असम सरकार चाह बगीचा धन पुरस्कार योजना के तहत चाय बागान क्षेत्रों से संबंधित लगभग 7.5 लाख लोगों को 3000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017- 18 में चाह बगीचा धन पुरस्कार योजना शुरू की गई थी। असम सरकार ने विमुद्रीकरण के बाद चाय बागानों के क्षेत्रों में बैंक खाते खोलने के लिए यह पहल शुरू की थी। 3 फरवरी को, मोरीगांव जिला प्रशासन ने 1,478 लाभार्थियों को आवंटन पत्र वितरित किए हैं।

असम में साइंस सिटी : हाल ही में, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने असम के गुवाहाटी के पास तेपेसिया में साइंस सिटी की आधारशिला रखी। इस शहर के निर्माण की कुल लागत 184 करोड़ रुपये है।

असम राइफल्स पब्लिक स्कूल (ARPS) : केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में शिलांग में असम राइफल्स पब्लिक स्कूल (ARPS) का शुभारंभ किया। इसे खेलो इंडिया स्पोर्ट्स स्कूल के रूप में लॉन्च किया गया है।




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