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31st December | Current Affairs | MB Books


1. कैबिनेट ने भारत-भूटान के बीच बाह्य अन्तरिक्ष पर समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में भारत और भूटान के बीच बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding-MoU) को मंजूरी दी। 19 नवंबर, 2020 को दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।

मुख्य बिंदु

इस समझौते के तहत दोनों देशों अंतरिक्ष विज्ञान, नेविगेशन, ग्रहों की खोज, अंतरिक्ष प्रणाली के उपयोग, स्पेसक्राफ्ट और ग्राउंड सिस्टम जैसे क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं। यह समझौता संयुक्त कार्य दल बनाने में मदद करेगा। इस समूह में इसरो के सदस्य और भूटान के सूचना व संचार मंत्रालय के सदस्य शामिल होंगे। यह समझौता उपग्रह संचार, अंतरिक्ष विज्ञान, उपग्रह नेविगेशन और बाहरी अंतरिक्ष की खोज में सहयोग के लिए अवसर प्रदान करेगा।

गौरतलब है कि भारत और भूटान दोनों बाहरी अंतरिक्ष संधि के हस्ताक्षरकर्ता हैं।

बाहरी अंतरिक्ष संधि क्या है? (Outer Space Treaty)

बाहरी अंतरिक्ष संधि के आधार पर देशों के बीच बाहरी अन्तरिक्ष का उपयोग तय किया जाता है। जून 2020 तक, 110 देश बाहरी अंतरिक्ष संधि के पक्षकार हैं।

बाहरी अंतरिक्ष संधि की मुख्य विशेषताएं

बाहरी अंतरिक्ष संधि ने अंतरिक्ष में परमाणु हथियार रखने पर प्रतिबंध लगाया है।इसके अलावा, यह केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए चंद्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों के उपयोग को सीमित करता है। इस संधि के अनुसार बाहरी अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए स्वतंत्र है लेकिन कोई भी राष्ट्र बाहरी अंतरिक्ष की संप्रभुता का दावा नहीं कर सकता।

हालांकि, बाहरी अंतरिक्ष संधि अंतरिक्ष में सैन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध नहीं लगाती है।


2. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने ब्रेक्जिट समझौते पर हस्ताक्षर किए

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ ब्रेक्जिट व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। उससे पहले संसद सदस्यों ने इससे संबंधित प्रस्ताव के समर्थन में भारी मतदान किया। प्रस्ताव को 73 के मुकाबले 521 मतों से मंजूरी मिली। जॉनसन ने कहा, “जिस संधि पर मैंने अभी हस्ताक्षर किए हैं, यह समापन नहीं है, बल्कि नयी शुरुआत है और मेरे ख्याल से ब्रिटेन और ईयू में हमारे दोस्तों और साझेदारों के बीच शानदार रिश्तों की शुरूआत होगी।” यूरोपीय परिषद अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए जिसके बाद दस्तावेज को रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) के विमान से लंदन लाया गया।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के तहत हुए मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) को संसदीय मंजूरी दिलाने के लिए क्रिसमस की छुट्टियों के बाद बुधवार को संसद का सत्र बुलाया था ताकि अगले साल एक जनवरी को ईयू से भविष्य में होने वाले संबंधों के लिए प्रभावी हो रहा कानून संसदीय मंजूरी के साथ सभी बाधाएं पार कर जाए। ब्रेक्जिट के लिए 31 दिसंबर तक की समय सीमा से महज कुछ समय पहले बनी सहमति के बाद 80 पन्नों का विधेयक संसद में पेश किया गया। इस पर पहले हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों ने चर्चा की और उसके बाद विधेयक पर हाउस ऑफ लार्ड में चर्चा हुयी

जॉनसन ने सांसदों से ‘ऐतिहासिक विधेयक' का समर्थन करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन की यूरोपीय पड़ोसियों के साथ दरार नहीं बल्कि समाधान है। दोनों सदनों से पारित होने के बाद विधेयक को ब्रिटेन की रानी के पास भेजा जाएगा ताकि उनकी मंजूरी मिल सके


3. बिहार ने COVID-19 महामारी के दौरान पैसे ट्रान्सफर करने के लिए जीता डिजिटल इंडिया पुरस्कार

बिहार के मुख्यमंत्री सचिवालय, राज्य के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के साथ-साथ आपदा प्रबंधन विभाग को संयुक्त रूप से "महामारी श्रेणी" के तहत डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2020 का विजेता चुना गया है।

COVID-19 महामारी के दौरान लाभार्थियों को बिहार सरकार की वित्तीय सहायता सीधे खातों में हस्तांतरित करने की पहल के लिए इन विभागों को डिजिटल इंडिया अवार्ड्स का विजेता चुना गया है, जिसे इस साल केंद्र सरकार द्वारा ई-गवर्नेंस में अभिनव पहलों के लिए शुरू किया गया है।

बिहार के बाहर फंसे 21 लाख से अधिक श्रमिकों को “बिहार सहायता मोबाइल ऐप” के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।

डिजिटल इंडिया अवार्ड्स, जिसे भारतीय राष्ट्रीय पोर्टल के तत्वावधान में स्थापित किया गया है, सभी नवीन डिजिटल समाधानों को सामने लाने के उद्देश्य से सेवा प्रदान करता है और इस प्रकार सभी सरकारी संस्थाओं द्वारा अनुकरण को प्रेरित करता है।


4. भारत सरकार ने लांच किया ग्लोबल प्रवासी रिश्ता पोर्टल और एप्प

भारत सरकार ने ग्लोबल प्रवासी रिश्ता पोर्टल और मोबाइल एप्प (Global Pravasi Rishta Portal and Mobile App) लॉन्च किया है। इस एप्लीकेशन का उद्देश्य दुनिया भर में फैले भारतीय प्रवासी समुदाय को जोड़ना है। इस एप्प को विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने लांच किया।

मुख्य बिंदु

ग्लोबल प्रवासी रिश्ता पोर्टल और मोबाइल एप्प दुनिया भर में फैले 3.12 करोड़ भारतीय मूल के लोगों को जोड़ने में मदद करेंगे। यह भारतीय मिशनों (दूतावासों), विदेश मंत्रालय और भारतीय प्रवासियों के बीच तीन-तरफ़ा संचार में मदद करेगा।

इस एप्लीकेशन का उपयोग भारतीय मूल के लोगों द्वारा किया जाएगा, जबकि पोर्टल का उपयोग विभिन्न मिशनों द्वारा किया जायेगा।

उद्देश्य

अभी तक, दुनिया भर में भारतीय प्रवासी से जुड़ने के लिए मंत्रालय के पास कोई प्रभावी संचार चैनल उपलब्ध नहीं है। भारतीय प्रवासी और विदेश मंत्रालय आपात स्थिति के दौरान संचार करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं।

विदेश मंत्रालय ने ग्लोबल प्रवासी अनुसंधान पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया। इसका शुभारंभ विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने किया।

लाभ

यह पोर्टल भारतीय प्रवासी सदस्यों के पंजीकरण में सहायता करेगा।इसमें पीआईओ (Person of Indian Origin), अनिवासी भारतीय (Non-Resident Indians) और ओसीआई (Overseas Citizens of India) शामिल हैं।

यह पोर्टल भारतीय प्रवासी सदस्यों को नई और मौजूदा सरकारी योजनाओं से जोड़ने में मदद करेगा।

इस एप्लीकेशन और पोर्टल से संकट प्रबंधन के दौरान मदद प्राप्त की जा सकती है।भारतीय प्रवासी आपातकाल के समय में कांसुलर सेवाओं और अधिकारियों तक पहुँच सकते हैं।

यह पोर्टल भारतीय डायस्पोरा को उपयोगी जानकारी प्रदान करेगा जैसे पासपोर्ट, वीजा और अन्य कांसुलर सेवाएं इत्यादि।

यह भारत सरकार की नीतियों को तैयार करने में भारत मूल के लोगों से उपयोगी राय लेने के लिए एक मंच के रूप में भी काम करेगा।

यह सर्वेक्षण करने की प्रक्रिया को आसान बनाएगा।


5. एयू स्मॉल फाइनेंस-ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस ने जीवन बीमा देने के लिए की साझेदारी

एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने अपने ग्राहकों को जीवन बीमा समाधान की पेशकश करने के लिए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के साथ रणनीतिक साझेदारी करने की घोषणा की है।

इस साझेदारी का उद्देश्य "कागज रहित, सुरक्षित और परेशानी मुक्त जीवन बीमा" प्रदान करना है।

इस कॉरपोरेट साझेदारी से 13 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यत 700 से अधिक बैंकिंग टचपॉइंट्स पर एयू बैंक के 18 लाख से अधिक ग्राहकों को आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ के ग्राहक-केंद्रित सुरक्षा और लंबे समय के बचत उत्पादों के पूरे सुइट तक आसानी तक पहुंच होगी।

इसके अलावा एयू बैंक ने दावा किया कि ये उत्पाद ग्राहकों को अपने और अपने परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में मदद करेंगे और उन्हें अपने वित्तीय उद्देश्यों को हासिल करने में मदद करेंगे।


6. DRDO ने SAHAYAK-NG का सफल परीक्षण किया

रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय नौसेना के साथ गोवा के तट पर भारतीय नौसेना के IL 38SD एयरक्राफ्ट से एयर ड्राप्ड कंटेनर SAHAYAK-NG का सफल परीक्षण किया। SAHAYAK-NG भारत में स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित पहला एयर ड्राप्ड कंटेनर है। इस कंटेनर में सामान को रख कर, इसे एयरक्राफ्ट या हेलीकाप्टर की सहायता से किसी भी स्थान पर गिराया जा सकता है। इसके बाद सामान की डिलीवरी के लिए एयरक्राफ्ट या हेलीकाप्टर को लैंड करने की आवश्यकता नहीं होगी।

मुख्य बिंदु

इस परीक्षण का आयोजन गोवा में किया गया। SAHAYAK-NG से भारतीय नौसेना की परिचालन रसद क्षमता में वृद्धि होगी। इससे तट से 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर तैनात जहाजों के लिए महत्वपूर्ण सामग्री भेजी जा सकती है। अब इन जहाजों को पुर्जों और अन्य सामानों के लिए बार-बार तट के नज़दीक नहीं आना पड़ेगा।

SAHAYAK-NG के निर्माण में DRDO की प्रयोगशालाएं NSTL विशाखापत्तनम और ADRDE, आगरा शामिल थीं। इसके अलावा GPS इंटीग्रेशन के लिए M / s Avantel ने भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।

SAHAYAK-NG, SAHAYAK Mk I. का एक उन्नत संस्करण है। इस अन्य नए विकसित जीपीएस एडेड एयर ड्रॉप कंटेनर में 50 किलोग्राम तक वजन वाले पेलोड को ले जाने की क्षमता होती है और इसे भारी विमान से गिराया जा सकता है।

इस सफल परीक्षण के बाद डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों, भारतीय नौसेना और इस परीक्षण से जुड़े अन्य भागीदारों को बधाई दी।


7. हेमंत कुमार पांडे को DRDO के "साइंटिस्ट ऑफ द ईयर" पुरस्कार से किया गया सम्मानित

वरिष्ठ वैज्ञानिक हेमंत कुमार पांडे को कई हर्बल दवाओं को विकसित करने में उनके योगदान के लिए DRDO के '' साइंटिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड '' से सम्मानित किया गया है, जिसमें ल्यूकोडर्मा (leucoderma) के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली प्रचलित लोकप्रिय ड्रग लुकोस्किन (Lukoskin) भी शामिल है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिक को प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया, जिसमें दो लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र शामिल हैं।

इस वैज्ञानिक ने अब तक छह हर्बल दवाओं का विकास किया है, ल्यूकोस्किन का उपयोग ल्यूकोडर्मा या विटिलिगो के इलाज के लिए किया जाता है, जो एक प्रकार की बीमारी जिसमें चकत्तों में त्वचा का रंग उड़ जाता है, जिसकी सबसे व्यापक रूप से सराहना की गई है और बाजार में बड़ी स्वीकृति मिली है।


8. पीएम मोदी ने 34वें PRAGATI इंटरैक्शन की अध्यक्षता की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसम्बर, 2020 को 34वीं PRAGATI वार्ता की अध्यक्षता की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 10 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की भी समीक्षा की।

मुख्य बिंदु

इस दौरान कई शिकायतों का भी निवारण किया गया। इसके अलावा केंद्र सरकार को दो प्रमुख कार्यक्रमों ‘आयुष्मान भारत’ और ‘जल जीवन मिशन’ की भी समीक्षा की गयी।

PRAGATI (प्रगति)

Pro-active governance and timely implementation (PRAGATI) एक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी आधारित प्लेटफॉर्म है। यह प्लेटफार्म वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। यह एक इंटरैक्टिव और एकीकृत मंच है जो आम आदमी की शिकायतों का समाधान करता है। यह सरकारी परियोजनाओं और योजनाओं की निगरानी भी करता है। यह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के साथ समन्वय में बनाया गया था।

PRAGATI प्लेटफार्म का उद्देश्य

PRAGATI प्लेटफार्म का उद्देश्य परियोजना के कार्यान्वयन, परियोजना की निगरानी और शिकायत निवारण है।

कार्य

यह प्लेटफ़ॉर्म डिजिटल डेटा प्रबंधन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और भू-स्थानिक तकनीक सहित तीन तकनीकों को जोड़ता है। यह भारत सरकार, राज्यों के मुख्य सचिवों और प्रधानमंत्री के विभिन्न सचिवों को भी साथ लाता है। पीएम सचिवों और मुख्य सचिवों के साथ मासिक बातचीत करते हैं।यह बैठक हर महीने के चौथे बुधवार को होती है।


9. के. वीरमणि को डॉ. नरेंद्र दाभोलकर मेमोरियल अवार्ड से किया गया सम्मानित

इस वर्ष का डॉ. नरेंद्र दाभोलकर मेमोरियल अवार्ड द्रविड़ कज़गम (Dravidar Kazhagam) के अध्यक्ष के. वीरमणि को प्रदान किया गया।

यह पुरस्कार महाराष्ट्र के प्रसिद्ध तर्कवादी दाभोलकर की स्मृति में शुरू किया गया था।

द्रविड़ कज़गम द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार अमेरिका स्थित महाराष्ट्र फाउंडेशन ने उनकी याद में इस पुरस्कार की शुरुआत की थी।

इस पुरस्कार के तहत 1 लाख और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। श्री वीरमणि ने अपना पूरा जीवन तर्कवाद का प्रचार करने में समर्पित कर दिया और समाज में सामाजिक न्याय के लिए काम किया।


10. इसरो के चेयरमैन के. सिवान को एक वर्ष का कार्य विस्तार दिया गया

कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने हाल ही में इसरो के चेयरमैन के. सिवान के कार्यकाल को एक वर्ष तक बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि के. सिवान का कार्यकाल 14 जनवरी, 2021 को समाप्त हो रहा था। अब डॉ. के. सिवान 14 जनवरी, 2022 तक अपनी सेवाएं देगे।

के. सिवान

के. सिवान तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले से हैं। उन्होंने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से 1980 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस, बंगलुरु से मास्टर डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद वे इसरो में शामिल हुए थे। उन्होंने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर एंड लिक्विड प्रोपल्शन सेंटर के निर्देशक के रूप में कार्य किया है। उन्होंने इसरो के लांच व्हीकल के डिजाईन व विकास में कार्य किया है। उनके नेतृत्व में GSLV ने स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ उड़ान भरी थी। उनके कार्यकाल में ही चंद्रयान-2 मिशन को लांच किया गया। उन्हें 1999 में डॉ. विक्रम साराभाई रिसर्च अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

इसकी स्‍थापना 1969 में की गई। 1972 में भारत सरकार द्वारा ‘अंतरिक्ष आयोग’ और ‘अंतरिक्ष विभाग’ के गठन से अंतरिक्ष शोध गतिविधियों को अतिरिक्‍त गति प्राप्‍त हुई। ‘इसरो’ को अंतरिक्ष विभाग के नियंत्रण में रखा गया। 70 का दशक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में प्रयोगात्‍मक युग था जिस दौरान ‘भास्‍कर’, ‘रोहिणी”आर्यभट’, तथा ‘एप्पल’ जैसे प्रयोगात्‍मक उपग्रह कार्यक्रम चलाए गए।

80 का दशक संचालनात्‍मक युग बना जबकि ‘इन्सेट’ तथा ‘आईआरएस’ जैसे उपग्रह कार्यक्रम शुरू हुए। आज इन्सेट तथा आईआरएस इसरो के प्रमुख कार्यक्रम हैं। अंतरिक्ष यान के स्‍वदेश में ही प्रक्षेपण के लिए भारत का मज़बूत प्रक्षेपण यान कार्यक्रम है। इसरो की व्‍यावसायिक शाखा एंट्रिक्‍स, विश्‍व भर में भारतीय अंतरिक्ष सेवाओं का विपणन करती है। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की ख़ास विशेषता अंतरिक्ष में जाने वाले अन्‍य देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और विकासशील देशों के साथ प्रभावी सहयोग है।


11. आईसीआईसीआई बैंक और गूगल पे ने FASTag जारी करने के लिए की साझेदारी

आईसीआईसीआई बैंक ने गूगल Pay के साथ FASTag जारी करने के लिए साझेदारी करने की घोषणा की है।

इस घोषणा के बाद ICICI, FASTag जारी करने के लिए Google Pay के साथ हाथ मिलाने वाला पहला बैंक बन गया है।

इसके बाद ग्राहक अब Google Pay ऐप के जरिए ICICI बैंक FASTag को ऑर्डर, ट्रैक और रिचार्ज कर सकेंगे।

वर्तमान में, Google Pay यूजर्स ऐप पर अपने FASTag को रिचार्ज कर सकते हैं, लेकिन Google ऐप से सीधे इसे खरीदना उनके लिए संभव नहीं था।

यह नई साझेदारी अब उपयोगकर्ताओं को ऐप से ही ICICI बैंक FASTags को आसानी से ऑर्डर, ट्रैक और रिचार्ज करने में सक्षम बनाएगी। सरकार ने 1 जनवरी 2021 से सभी वाहनों को FASTags जोड़ने अनिवार्य कर दिया है।


12. पीएम मोदी ने राजकोट में एम्स की आधारशिला रखी

31 दिसम्बर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की आधारशिला रखी।

मुख्य बिंदु

इस परियोजना के लिए 201 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इस एम्स का निर्माण 1195 करोड़ रुपये की लागत से किया जायेगा। यह एम्स 2022 तक बनकर तैयार हो जायेगा। इस कैंपस का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की मिनीरत्न कंपनी HSCC लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। इस कैंपस में 9 भवनों के संभावित चित्रों को भी मंज़ूरी दी गयी है।

एम्स राजकोट

इस एम्स में 750 बेड होंगे, यह एक अत्याधुनिक अस्पताल होगा। इसमें 30 बेड का आयुष ब्लॉक भी होगा। इसमें 125 एमबीबीएस सीटें और 60 नर्सिंग सीटें होंगी। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। एम्स राजकोट में स्पेशिलिटी और सुपर-स्पेशलिटी डिपार्टमेंट भी होंगे।

गौरतलब है कि एम्स राजकोट के पहले बैच के अकादमिक सत्र का उद्घाटन 21 दिसम्बर को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने किया था। फिलहाल, एम्स राजकोट के शैक्षणिक सत्र की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज में की गयी है। पहले बैच में 50 एमबीबीएस छात्र हैं।


13. INCOIS ने समुद्र से संबंधित जानकारी साझा करने के लिए लॉन्च की "Digital Ocean" ऐप

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए वेब आधारित एप्लिकेशन “Digital Ocean” को लॉन्च किया।

इसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एक स्वायत्त संगठन हैदराबाद स्थित इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इन्फॉर्मेशन सर्विसेज (INCOIS) द्वारा विकसित किया गया है।

डिजिटल ओसियन, समुद्र डेटा प्रबंधन के लिए लॉन्च की किया गया अपनी तरह का पहला डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है।

डिजिटल ओसियन, भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए प्रधान मंत्री के डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण की दिशा में एक कदम है

डिजिटल ओसियन, महासागर से संबंधित सभी डेटा के लिए वन-स्टॉप-सॉल्यूशन के रूप में काम करेगा।

यह अनुसंधान क्षेत्र, परिचालन एजेंसियों, रणनीतिक उपयोगकर्ताओं, अकादमिक समुदाय, समुद्री उद्योग और नीति निर्माताओं के साथ-साथ आम जनता और आम आदमी सहित समुद्र के बारे में इस ज्ञान को साझा करने में मदद मिलेगी, जो बिलकुल फ्री होगी।


14. नागालैंड में 6 महीने के लिए AFSPA को बढ़ाया गया

केंद्र सरकार ने नागालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA) को नागालैंड में 6 महीने के लिए बढ़ाया है।

सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA)

AFSPA को 1958 में लागू किया गया था, इसका उपयोग अशांत घोषित किये गये क्षेत्रों में किया जाता है। इस अधिनियम के द्वारा किसी क्षेत्र में धार्मिक, नस्लीय, भाषायी तथा समुदायों के बीच विवाद के कारण इसे राज्य अथवा केंद्र सरकार द्वारा अशांत घोषित किया जा सकता है।

अशांत क्षेत्र की घोषणा : इस अधिनियम के सेक्शन 3 में राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश के राज्यपाल को भारत में गज़ट में अधिसूचना जारी करने की शक्ति दी गयी, जिसे बाद केंद्र के पास नागरिकों की सहायता के लिए सशस्त्र बल भेजने की शक्ति है। यदि किसी क्षेत्र को अशांत घोषित किया जाता है तो यह स्थिति कम से कम तीन महीने के लिए लागू होगी।

सशस्त्र बलों को विशेष शक्तियां : इस अधिनियम के द्वारा सशस्त्र बलों, राज्य व केन्द्रीय पुलिस बल को उग्रवादियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही संपत्ति अथवा घर को नष्ट करने, छानबीन करने तथा गोली मारने का अधिकार दिया गया है। इस अधिनियम में सुरक्षा बलों को दुर्भावनापूर्ण व महत्त्वहीन मुकद्दमे से भी सुरक्षा प्रदान की गयी है।

नोट : वर्तमान में AFSPA इन राज्यों में लागू है : असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश (केवल तिरप, चांगलांग और लॉन्गदिंग जिले तथा असम के साथ 20 किलोमीटर की सीमा में), मणिपुर (इम्फाल नगरपालिका क्षेत्र के अतिरिक्त), मेघालय (असम के साथ 20 किलोमीटर सीमा तक ही सीमित) तथा जम्मू-कश्मीर।


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