1. विश्व में लगभग 2.5 करोड़ लोग Corona संक्रमित, 8.41 लाख लोगों की मौत
विश्व में वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (कोविड-19) से संक्रमित होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ती हुई 2.49 करोड़ के पार हो गई है तथा इस महामारी की चपेट में आने से अब तक 8.41 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना से विश्वभर में अब तक 24,917,151 लोग संक्रमित हुए हैं और 841,549 लोगों की मौत हुई है। विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या 59 लाख को पार कर 5,96,0652 पर पहुंच गई है तथा अब तक 182,760 लोगों की जान जा चुकी है। विश्व में कोरोना से दूसरे नंबर पर सबसे अधिक प्रभावित ब्राजील में अब तक 3,846,153 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 1,20,262 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना के रिकॉर्ड 78,761 नए मामले आने से संक्रमितों की संख्या 35,42,734 हो गई है। इस दौरान 948 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 63,498 पर पहुंच गई है। देश में स्वस्थ होने वाले लोगों की कुल संख्या 27,13,934 हो गई है। रूस कोविड-19 संक्रमण के मामले में चौथे नंबर पर है और यहां इससे अब तक करीब 9,82573 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 16,977 लोगों ने जान गंवाई है। पेरू में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण कोरोना से संक्रमित होने के मामले में वह पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। यहां इस वायरस से अब तक 629,961 संक्रमित हुए हैं तथा 28,471 लोगों की मौत हो चुकी है।
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 622,551 पर पहुंच गई है तथा इस वायरस से मरने वालों की संख्या 13,981 हो गई है।मैक्सिको में भी कोरोना संक्रमण से हालात खराब हैं। यहां संक्रमितों की संख्या 591,712 हो गई तथा 63,819 लोगों की मौत हो चुकी है। कोविड-19 से संक्रमित मामलों में कोलम्बिया अब आठवें नंबर पर है। यहां इस वायरस से अब तक 599,884 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 19,063 है।
स्पेन नए मामलों में वृद्धि के बाद अब नौवें स्थान पर है। यहां अब तक करीब 439,286 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 29,011 लोगों की मृत्यु हुई है। चिली कोरोना संक्रमितों के मामले में अब दसवें स्थान पर आ गया है और यहां कोरोना संक्रमण से 408,009 संक्रमित हैं और 11,181 मरीजों की मौत हो चुकी है। कोरोना से प्रभावित होने के मामले में अर्जेंटीना 11वें स्थान पर है और यहां 401,239 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 8353 लोगों की मौत हुई है। ईरान में अब तक इस महामारी से करीब 371,816 लोग संक्रमित हैं जबकि 21,359 लोगों की मौत हो चुकी है।ब्रिटेन में संक्रमितों की संख्या 334,916 हो गई है और 41,585 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 313,911 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 3840 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना से प्रभावित होने के मामले में बांग्लादेश ने पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। यहां 308,925 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 4,206 लोग इस बीमारी से काल का ग्रास बन चुके हैं। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 304,947 हो गई हैं और 30,601 लोगों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 295,372 संक्रमित हुए हैं तथा 6284 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमित की संख्या 267,064 हो गई है और 6284 लोगों की मौत हो चुकी है। यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 266,853 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 35,473 लोगों की मौत हुई है।जर्मनी में अब तक 242,835 लोग इसकी चपेट में आए हैं तथा 9,299 लोगों की मौत हुई है। इराक में कोरोना से 227,446 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 6891 लोगों की मौत हुई है।
बेल्जियम में कोरोनावायरस के संक्रमण से जान जाने वालों की संख्या 10 हजार के करीब यानी 9891 पर पहुंच गई है, कनाडा में 9161, इंडोनेशिया 7261, इक्वाडोर में 6537, नीदरलैंड में 6252, स्वीडन में 5821, मिस्र में 5376, बोलीविया में कोरोना के संक्रमण से 4938 लोगों की जान चली गई है और चीन में 4721, रोमानिया में 3539, फिलीपींस में 3419, ग्वाटेमाला में 2728, यूक्रेन में 2540, स्विट्जरलैंड में 2005, पोलैंड में 2032, पनामा में 1983, पुर्तगाल में 1818, आयरलैंड में 1777 और होंडुरास में 1842 लोगों की मौत हो चुकी है।
2. चीन क्यों बनाना चाहता है नया 'समाजवादी तिब्बत'?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तिब्बत को एक ‘नया आधुनिक समाजवादी’ क्षेत्र बनाने, वहां अलगाववाद के खिलाफ एक ‘अभेद्य दीवार’ का निर्माण करने और तिब्बती बौद्ध धर्म का सिनीकरण करने का आह्वान किया है। चीन के आधिकारिक मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार ‘तिब्बत वर्क’ पर सातवें केंद्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि ऐसे तिब्बत का निर्माण करने के प्रयास किए जाने चाहिए, जो संयुक्त, संपन्न, सांस्कृतिक रूप से उन्नत, समरसता से पूर्ण और सुंदर हो। नए दौर में तिब्बत पर शासन करने की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों को पूर्ण रूप से लागू करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए चीनी राष्ट्रपति ने विस्तार से दिए गए अपने भाषण में कहा कि नए आधुनिक समाजवादी तिब्बत के निर्माण के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। शी जिनपिंग ने तिब्बती बौद्ध धर्म के सिनीकरण की बात भी कही। सिनीकरण का अर्थ है, गैर चीनी समुदायों को चीनी संस्कृति के अधीन लाना और इसके बाद समाजवाद की अवधारणा के साथ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की राजनीतिक व्यवस्था उस पर लागू करना।
3. वर्ल्ड शतरंज ओलिंपियाड में भारत ने जीता गोल्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड में रूस के साथ संयुक्त चैंपियन बने भारतीय खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी सफलता अन्य खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे शतरंज खिलाड़ियों को फिडे ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड जीतने पर बधाई। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण सराहनीय है। उनकी सफलता निश्चित तौर पर अन्य शतरंज खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। मैं रूसी टीम को भी बधाई देता हूं।''
वहीं, पूर्व भारतीय क्रिकेटर व मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर सचिन तेंदुलकर ने भी इस बड़ी उपलब्धि पर ट्वीट किया है। सचिन तेंदुलकर ने लिखा, ''भारतीय खेलों के लिए यह बेहद शानदार वीकेंड रहा। राष्ट्रीय खेल दिवस मनाए जाने के एक दिन बाद, हमारी शतरंज टीम संयुक्त चैंपियन बनकर प्रशंसा हासिल की। विश्वनाथ आनंद और पूरी टीम को बधाई।''
खेल मंत्री किरण रिजिजू ने भी ट्वीट करते हुए लिखा, ''मैं हमारे भारतीय दल को बधाई देता हूं जिसने अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण जीता। भारत को रूस के साथ संयुक्त विजेता घोषित किया गया। सभी खिलाड़ियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं!''
रविवार को फाइनल में इंटरनेट और सर्वर की खराबी के बाद भारत और रूस को संयुक्त विजेता घोषित किया गया। कोविड-19 के कारण पहली बार शतरंज ओलंपियाड का ऑनलाइन आयोजन किया गया।
4. कोरोना वैक्सीन को लेकर बांग्लादेशी कंपनी का सीरम इंस्टिट्यूट से करार
दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले चुके कोरोना वायरस (Coronavirus) को हराने के लिए वैक्सीन तैयार करने की दौड़ तेज होती जा रही है, ऐसे में बांग्लादेश की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी यानी फार्मा कंपनी बेग्जिमको (Beximco) ने भारत में अदार पूनावाला के सीरम इंस्टिट्यूट लिमिटेड (SIL) में कोरोना वैक्सीन के विकास के लिए निवेश करने की घोषणा की है। हालांकि यह निवेश कितने का होगा इस बात का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन यह SIL द्वारा प्राथमिकता के आधार पर बेग्जिमको फार्मा लिमिटेड (BPL) को वैक्सीन की आपूर्ति की प्रतिबद्धता पर निर्भर करेगा।
शुक्रवार को बेग्जिमको द्वारा जारी बयान के अनुसार इस डील को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि बांग्लादेश भी दुनिया के उन पहले देशों में शामिल रहे जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर सीरम इंस्टिट्यूट से तय मात्रा में वैक्सीन मिलेगी। इस निवेश को वैक्सीन के लिए अग्रिम भुगतान की तरह समझा जाएगा।
बीपीएल के प्रमुख शयान एफ रहमान ने एनडीटीवी से कहा, "हम इस बात की गारंटी देने में सक्षम हैं कि वैक्सीन के वैश्विक स्तर पर पंजीकृत होने के बाद, बांग्लादेश इसका इस्तेमाल करने वाले पहले देशों में से एक होगा और यह न केवल सीरम इंडिया और बेग्जिमको के बीच, बल्कि दोनों देशों के बीच रिश्तों की गहराई का प्रतीक है।''
दोनों कंपिनयों के बीच डील की घोषणा 28 अगस्त को हुई जिसके ठीक 10 दिन पहले भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की थी। 19 अगस्त को भारत लौटने से पहले श्रृंगला ने कहा था, 'हमारे लिए बांग्लादेश हमेशा प्राथकिमता वाला देश रहा है।' दुनिया भर में बनने वाली वैक्सीन में से 60 फीसदी का उत्पादन अकेले भारत करता है। श्रृंगला ने कहा, ‘‘जब (कोविड-19) टीका विकसित होगा, दोस्तों, साझेदारों और पड़ोसियों को वह बिना मांगे मिलेगा.... हमारे लिए बांग्लादेश हमेशा प्राथमिकता रहा है।''
गुरुवार 27 अगस्त को बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मलिक ने घोषणा की उनके देश ने चीन की एक कंपनी द्वारा निर्मित कोविड-19 के संभावित टीके के मनुष्य पर अंतिम स्तर के परीक्षण को मंजूरी दे दी। चीन की सिनोवाक बायोटेक लिमिटेड द्वारा विकसित टीके को देश के स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मलिक ने दुनिया के सबसे प्रभावशाली टीकों में शुमार बताया।
सीरम इंस्टिट्यूट फिलहाल भारत में ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित की गई वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल कर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ने एजेड व ऑक्सफोर्ड तथा नोवावैक्स दोनों के साथ उनके संभावित टीके के उत्पादन का करार किया हुआ है।
5. रूस में अगले महीने होने वाले चीन और पाकिस्तान के साथ युद्धाभ्यास में भाग नहीं लेगा भारत
भारत ने शनिवार को घोषणा की कि उसने अगले महीने रूस में होने वाले बहुपक्षीय युद्धाभ्यास में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। एक सप्ताह पहले ही भारत ने सैन्याभ्यास में भाग लेने की पुष्टि की थी जिसमें चीन और पाकिस्तान के सैनिक भी भाग ले सकते हैं। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने देर रात जारी एक बयान में कहा कि भारत ने कोरोना वायरस महामारी और अन्य कठिनाइयों के मद्देनजर अभ्यास के लिए अपनी टुकड़ी को नहीं भेजने का फैसला किया है। इस पूरे मामले के जानकार लोगों का कहना है कि सैन्याभ्यास में चीन की भागीदारी भारत के फैसले के पीछे मुख्य वजह है।
भारत ने पिछले हफ्ते रूस को सूचित किया था कि वह 15 से 26 सितंबर के बीच दक्षिण रूस के अस्त्राखान इलाके में होने वाले रणनीतिक कमान-पोस्ट अभ्यास में शामिल होगा। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने कहा, ‘‘रूस और भारत करीबी और गौरवान्वित रणनीतिक साझेदार हैं। रूस के निमंत्रण पर भारत कई अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में शामिल होता रहा है। हालांकि महामारी और साजो-सामान के बंदोबस्त समेत अन्य कठिनाइयों के मद्देनजर भारत ने इस साल कवकाज-2020 में अपनी टुकड़ी नहीं भेजने का फैसला किया है।'' उन्होंने कहा कि रूस को इस फैसले से अवगत करा दिया गया है। समझा जाता है कि सेना और विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के विचार-विमर्श के बाद फैसला लिया गया।
उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते कई इलाकों में गत साढ़े तीन महीने से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध बना हुआ है। दोनों देश विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। चीन और पाकिस्तान सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्य राष्ट्रों समेत करीब 20 देशों के इस युद्धाभ्यास में शामिल होने की उम्मीद है। भारतीय अधिकारियों ने मंगलवार को वोल्गोग्राड में भाग लेने वाले देशों के प्रतिनिधियों की बैठक में भाग लिया था जिसमें युद्धाभ्यास के अनेक पहलुओं पर चर्चा की गयी।
सैन्याभ्यास में भाग नहीं लेने का भारत का फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगले सप्ताह रूस की प्रस्तावित यात्रा से पहले लिया गया है। वह एससीओ की एक अहम बैठक में भाग लेने रूस जाने वाले हैं। एससीओ के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य तथा भू-रणनीतिक घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया जा सकता है। भारत ने पहले इस युद्धाभ्यास में भारतीय थल सेना के करीब 150 कर्मियों, वायुसेना के 45 कर्मियों और नौसेना के कुछ अधिकारियों को भेजने की योजना बनाई थी। रूस रक्षा क्षेत्र में भारत का बड़ा साझेदार रहा है और दोनों के बीच सहयोग लगातार बढ़ता जा रहा है।
6. मुकेश अंबानी की रिलायंस ने 24,713 करोड़ रुपये में फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार को खरीदा
देश के सबसे धनी कारोबारी मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली आरआईएल की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने शनिवार को फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार तथा लॉजिस्टिक्स और भंडारण कारोबार के अधिग्रहण की घोषणा की। कंपनी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड (आरआरवीएल) ने आज फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार तथा लॉजिस्टिक्स और भंडारण कारोबार के एकमुश्त 24,713 करोड़ रुपये के दाम में अधिग्रहण की घोषणा की।''
आरआरवीएल ने कहा कि इस अधिग्रहण योजना के तहत फ्यूचर समूह अपनी कुछ कंपनियों का विलय फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एफईएल) में कर रहा है। कंपनी ने बताया कि इस योजना के तहत फ्यूचर समूह के खुदार और थोक कारोबार को आरआरवीएल की पूर्णस्वमित्व वाली कंपनी रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड (आरआरएफएलएल) को हस्तांतरित किया जाएगा। इसके अलावा लॉजिस्टिक्स और भंडारण कारोबार आरआरवीएल को हस्तांतरित किया जाएगा।
इस सौदे के जरिए रिलायंस रिटेल का अधिग्रहण करेगी, जो बिग बाजार की मालिक है और किराना सामान से लेकर सौदर्य प्रसाधन और परिधान तक सभी तरह के उत्पादों की बिक्री करती है। इसके अलावा फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशंस का अधिग्रहण भी किया जाएगा। हालांकि, फ्यूचर समूह के वित्तीय एवं बीमा कारोबार इस सौदे का हिस्सा नहीं हैं।
अंबानी की कंपनी ने फ्यूचर रिटेल और फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशंस में पूरी प्रवर्तक हिस्सेदारी खरीद ली है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि फ्यूचर में अमेजन की हिस्सेदारी का क्या होता है। पिछले साल अगस्त में सिएटल स्थित अमेजन ने फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदकर फ्यूचर रिटेल में अप्रत्यक्ष रूप से 1.3 प्रतिशत हिस्सेदारी ली थी।
यह साझेदारी इस साल जनवरी में गहरी हुई, जब अमेजन फ्यूचर रिटेल के स्टोर के लिए अधिकृत ऑनलाइन बिक्री चैनल बन गया। रिलायंस को फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड के अल्पसंख्यक शेयरधारकों से 26 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए एक खुला प्रस्ताव देना पड़ सकता है। किशोर बियानी की अगुवाई वाले फ्यूचर समूह ने शेयर बाजार को दी जानकारी में इस सौदे की पुष्टि की है।
फ्यूचर रिटेल 1,550 स्टोर का संचालन करता है और इसके प्रमुख ब्रांडों में बिग बाजार, एफबीबी, फूडहॉल, ईजीडे, हेरिटेज फ्रेश और डब्ल्यूएचस्मिथ हैं। फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशन 354 स्टोर का संचालन करता है।
रिलायंस और फ्यूचर रिटेल के इस सौदे से भारत के रिटेल सेक्टर में जंग तेज होगी। यहां अमेजन ने पहले ही 5.5 अरब अमरीकी डालर के निवेश का वादा किया है, जबकि वॉलमार्ट ने 2018 में 16 अरब अमरीकी डालर में ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट को खरीदा।
विज्ञप्ति के मुताबिक आरआरएफएलएल विलय के बाद एफईएल में 6.09 प्रतिशत इक्विटी शेयर के अधिग्रहण के लिए 1,200 करोड़ रुपये निवेश करेगी। ये निवेश इक्विटी शेयरों के तरजीही निर्गम के जरिए किया जाएगा। इसके अलावा 400 करोड़ रुपये तरजीही आधार पर जारी शेयर वारंट में लगाए। इन वारंट को शेयर में परिवर्तित करने और इनके बकाया तीन चौथाई मूल्य को चुकाने के बाद आरआरएफएलएल के पास एफईएल की और 7.05 प्रतिशत हिस्सेदारी आ जाएगी।
रिलायंस रिलेट वेंचर्स लिमिटेड की निदेशक ईशा अंबानी ने कहा, ‘‘हमें भारत में आधुनिक खुदरा क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले फ्यूचर समूह के प्रसिद्ध प्रारूपों और ब्रांडों के साथ ही उसके व्यावसायिक ईको सिस्टम (परिवेश) को संरक्षित करने की खुशी है। हमें उम्मीद है कि छोटे व्यापारियों और किराना स्टोरों और बड़े उपभोक्ता ब्रांडों के साथ सक्रिय सहयोग से खुदरा कारोबार की वृद्धि जारी रहेगी। हम देश भर में अपने उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।''
विज्ञप्ति के मुताबिक इस अधिग्रहण के लिए सेबी, एनसीएलटी, सीसीआई, शेयरधारकों और अन्य मंजूरियां ली जानी हैं। फ्यूचर समूह के कारोबार के अधिग्रहण से रिलायंस रिटेल को खुदरा कारोबार में अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी। फ्यूचर समूह वस्त्र, सामान्य वस्तुओं और एफएमसीजी जैसे खंड में कारोबार करता है।
7. श्रीलंका में यूनाइटेड नेशनल पार्टी की कमान संभाल सकते हैं अर्जुन राणातुंगा
वर्ष 1996 का क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली श्रीलंकाई टीम के कप्तान अर्जुन राणातुंगा विपक्षी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की बागडोर संभाल सकते हैं। पार्टी की कार्यकारी समिति के पास राणातुंगा सहित चार लोगों के नाम भेजे गए हैं।
चुनाव में हार के बाद विक्रमसिंघे ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया था
बता दें कि संसदीय चुनाव में जबरदस्त हार के बाद रनिल विक्रमसिंघे ने पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का एलान कर दिया था।
यूएनपी श्रीलंका की सबसे पुरानी पार्टी है
पार्टी की करारी हार के बाद यूएनपी के महासचिव और विक्रमसिंघे के चचेरे भाई रुवेन विजेवर्धना और पूर्व स्पीकर कारू जयसूर्या ने भी पार्टी का नेतृत्व करने की पेशकश की है। यूएनपी देश की सबसे पुरानी पार्टी है।
8. अब यूपीआई, रुपे जैसे डिजिटल ट्रांजैक्शनों पर नहीं देना होगा कोई चार्ज, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जारी किए आदेश
सरकार के निर्देश के बाद भी रुपे कार्ड या भीम-यूपीआइ से लेनदेन पर शुल्क वसूल रहे बैंकों को आयकर विभाग ने सख्त हिदायत दी है। विभाग ने कहा है कि पहली जनवरी से अब तक इस मद में वसूला गया शुल्क रिफंड करें। साथ ही भविष्य में ऐसे लेनदेन पर शुल्क कतई नहीं वसूलें। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था में नकदी कम करने के उद्देश्य के साथ पिछले साल सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी किए थे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से लेनदेन में शुल्क लेने या नहीं लेने से संबंधित आयकर कानून की धारा 269-एसयू के संबंध बैंकों को सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बैंक इन माध्यमों से होने वाले लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लेंगे।
डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने फाइनेंस एक्ट, 2019 में धारा 269-एसयू के रूप में नया प्रावधान जोड़ा है। इसके तहत पिछले साल में 50 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा का कारोबार करने वालों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वे तय इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान स्वीकार करें। इसमें तय इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के विकल्पों के तौर पर रुपे डेबिट कार्ड, यूपीआइ (भीम-यूपीआइ) और यूपीआइ क्यूआर कोड को चिन्हित किया गया है।
सीबीडीटी ने कहा कि दिसंबर, 2019 में यह स्पष्ट कर दिया गया था इन चिन्हित इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके बाद भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि कई बैंक अलग-अलग तरीके से इस मद में शुल्क की वसूली कर रहे हैं। कुछ बैंक एक निश्चित संख्या तक लेनदेन पर शुल्क नहीं वसूलते हैं और उसके बाद सभी लेनदेन पर वसूली करते हैं। प्रावधानों का यह उल्लंघन दंडनीय है। बैंकों को इस मद में वसूला शुल्क रिफंड करना होगा।
9. BCCI ने ‘अनअकैडमी’ को आईपीएल का अधिकारिक साझीदार बनाया
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने शनिवार को बेंग्लुरु की शिक्षा टेक्नॉलाजी फर्म ‘अनअकैडमी’ को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के तीन सत्र के लिए अधिकारिक साझीदार बनाने की घोषणा की। आईपीएल का 13वां चरण संयुक्त अरब अमीरात में 19 सितंबर से 10 नवंबर तक खेला जाएगा। आईपीएल अध्यक्ष ब्रजेश पटेल ने मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘हम अनअकैडमी को इंडियन प्रीमियर लीग 2020 से 2022 तक अधिकारिक भागीदार के रूप में नियुक्त करने से काफी खुश हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आईपीएल भारत में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली लीग है और हमारा मानना है कि स्वदेशी भारतीय शिक्षा कंपनी के तौर पर अनअकैडमी दर्शकों पर आकांक्षाओं पर काफी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है विशेषकर लाखों भारतीय युवाओं पर जो अपना करियर बनाना चाहते हैं।’ बीसीसीआई ने इससे पहले फंतासी गेमिंग प्लेटफार्म ड्रीम11 को इस साल आईपीएल का टाइटल प्रायोजक नियुक्त किया था जिसने चीनी मोबाइल फोन कंपनी विवो की जगह ली।
10. अब जन-धन खाताधारकों को मिलेगा बीमा, PMJJBY और PMSBY योजना का मिल पाएगा लाभ
सरकार जन धन खाताधारकों को बीमा सुरक्षा देगी। इसके तहत उन्हें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के दायरे में लाया जाएगा। यह घोषणा प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJGY) की छठी वर्षगांठ के मौके पर की गई है। इन छह वर्षो में इस योजना के तहत देश के 40 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक खाते खोले जा चुके हैं।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जन धन योजना में से योग्य खाताधारकों को जीवन ज्योति बीमा योजना और सुरक्षा बीमा योजना की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 18-50 वर्ष आयुवर्ग के बैंक खाताधारकों को एक वर्ष के लिए सिर्फ 330 रुपये के प्रीमियम पर दो लाख रुपये तक की जीवन बीमा सुरक्षा मुहैया कराई जाती है।
इसमें खाताधारक की किसी भी तरीके से मृत्यु होने पर यह रकम उसके निकटतम आश्रित को दी जाती है। प्रीमियम की रकम सीधे लाभार्थी के खाते से हर वर्ष काट की जाती है। वहीं, सुरक्षा बीमा योजना 18-70 वर्ष आयुवर्ग के बैंक खाताधारकों के लिए है। इसके तहत सिर्फ 12 रुपये के प्रीमियम में एक वर्ष के लिए दो लाख रुपये तक की दुर्घटनावश मृत्यु तथा एक लाख रुपये तक की दिव्यांगता बीमा सुविधा मुहैया कराई जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत में वर्ष 2014 में ही इस योजना को लांच किया था। यह तत्कालीन सरकार की पहली सबसे महत्वाकांक्षी जन योजनाओं में एक थी। इसका मकसद हर उस भारतीय को बैंकिंग सेवा की मुख्यधारा में लाना था, जिसका कोई भी बैंक अकाउंट नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट के माध्यम से कहा कि जिनके बैंक अकाउंट नहीं हैं, उन्हें बैंकों से जोड़ने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ छह वर्ष पहले आज ही के दिन प्रधानमंत्री जन धन योजना शुरू की गई थी। यह पहल महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाली रही, गरीबी उन्मूलन की कई पहलों की नींव साबित हुई और इसने करोड़ों लोगों को लाभ पहुंचाया। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री जन धन योजना का शुक्रिया जिसकी वजह से बहुत से परिवारों का भविष्य सुरक्षित हुआ।'
गौरतलब है कि अब तक खोले गए 40 करोड़ से अधिक जन धन खातों में से 63 प्रतिशत से अधिक खाताधारक ग्रामीण इलाकों के हैं। इनमें से करीब 55 प्रतिशत महिलाएं हैं। इस योजना की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि गरीबों को मिलने वाले सभी तरह के फायदे सरकार जन धन खातों के माध्यम से सीधे उन तक पहुंचाने लगी है।
11. नीति आयोग ने जारी की एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स, गुजरात पहले, महाराष्ट्र दूसरे और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर आया
नीति आयोग ने राज्यों की निर्यात तैयारी को लेकर ‘एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स’ तैयार किया है। इस रिपोर्ट को तैयार करने का मकसद भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एक्सपोर्ट इकोसिस्टम का जायजा लेना है। यह पहला इंडेक्स है, जो एक्सपोर्ट की तैयारी के आकलन के लिए बनाया गया है। इस रिपोर्ट को बनाते समय राज्यों की अलग-अलग नीतियों को भी ध्यान में रखा गया है।
नीति आयोग की एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स रिपोर्ट में एक्सपोर्ट के महत्व और इकोनॉमी को नया आकार देने में उसके योगदान के बारे में बताया गया है। साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर एक्सपोर्ट की प्रतिस्पर्द्धा का भी जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एक्सपोर्ट के मामले में भारत को वियतनाम, कंबोडिया, लाओस और फिलीपींस जैसे मुल्कों से टक्कर मिल रही है।
एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स में गुजरात पहले नंबर पर है। इसके बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु का नंबर आता है। भूमि से घिरे राज्यों में राजस्थान अव्वल है, जबकि पर्वतीय राज्यों में उत्तराखंड पहले स्थान पर है। केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली सबसे बेहतर है।
इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना इस मामले में शीर्ष पांच राज्य हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ और झारखंड दो ऐसे मैदानी राज्य हैं, जिन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं। इस इंडेक्स में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार मुख्य पैमानों (नीति, कारोबारी माहौल, निर्यात का माहौल और निर्यात का प्ररदर्शन) और 11 उप-पैमानों पर आंका गया है। उप-पैमानों में एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी, एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, एक्सेस टू फाइनेंस, ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी और एक्सपोर्ट डायवर्सिफिकेशन भी शामिल हैं।
कोरोना की वजह से भारत का एक्सपोर्ट अप्रैल में 60 प्रतिशत तक कम हो गया। भारत का मर्केंडाइज एक्सपोर्ट 2016- 2017 में 275.9 बिलियन डॉलर था। 2017-18 में बढ़कर यह 303.5 बिलियन डॉलर हो गया। इसी तरह, 2018-19 में बढ़कर यह 331.0 बिलियन डॉलर हो गया।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि निर्यात, आत्मनिर्भर भारत का अभिन्न हिस्सा है और देश की जीडीपी तथा विश्व व्यापार में निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हम आने वाले वर्षों में विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा दोगुना करने का प्रयास करेंगे।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दीर्घावधि में आर्थिक विकास के लिए निर्यात में तेज वृद्धि बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अनुकूल इको-सिस्टम किसी देश को ग्लोबल वैल्यू चेन में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार करने और एकीकृत उत्पादन नेटवर्क का लाभ उठाने में समक्ष बनाता है।
सबसे ज्यादा कारोबार करने वाले राज्य सबसे ज्यादा अमीर
सर्वे में यह पाया गया कि जो राज्य सबसे ज्यादा ट्रेड करते हैं, वे सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धी भी हैं और उनका ट्रेड सरप्लस सबसे ज्यादा है। इसमें यह भी पाया गया कि जो राज्य दूसरे देशों और दूसरे राज्यों के साथ सबसे ज्यादा व्यापार करते हैं, वे सबसे ज्यादा समृद्ध हैं। इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि 70 प्रतिशत एक्सपोर्ट 5 राज्यों से होता है, जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं।
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