1. भारत ने मध्य एशिया में विकास परियोजनाओं हेतु एक अरब डॉलर की सहायता देने की घोषणा की
भारत ने मध्य एशियाई देशों में ''प्राथमिकता'' वाली विकास परियोजनाओं के लिए एक अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता देने का घोषणा किया। भारत ने आतंकवाद और उग्रवाद की आम चुनौतियों का सामना करने सहित संसाधन-समृद्ध इस क्षेत्र के साथ सहयोग को और विस्तार देने की भी प्रतिबद्धता जताई।
भारत-मध्य एशिया वार्ता की दूसरी बैठक के दौरान भारत द्वारा वित्तीय सहायता की राशि के संबंध में घोषणा की गई। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच सहयोग को विस्तार देने के तौर-तरीकों के साथ ही अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।
ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता
इस ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की। इस दौरान कजाखस्तान, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के उनके समकक्षों ने भी बैठक में हिस्सा लिया जबकि किर्गिस्तान के प्रथम उप विदेश मंत्री और अफगानिस्तान के कार्यकारी विदेश मंत्री भी विशेष आमंत्रित के तौर पर शामिल हुए।
संयुक्त बयान में क्या कहा गया?
वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया कि मध्य एशियाई देशों के मंत्रियों ने कनेक्टिविटी, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि जैसे क्षेत्रों में प्राथमिकता आधारित विकास परियोजनाओं के लिए भारत की ओर से एक अरब डॉलर की आर्थिक सहायता की घोषणा का स्वागत किया। बयान के अनुसार, मंत्रियों ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की।
भारत-मध्य एशिया संबंध
भारत साल 1990 के दशक से मध्य-एशियाई गणराज्यों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन अब तक के प्रयासों के बेहतर परिणाम नहीं निकले पाए हैं। भारत का सभी पाँच देशों (कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान) के साथ द्विपक्षीय व्यापार 2 बिलियन डॉलर से कम है।
भारत ने इसके लिये मध्य एशिया को भू-आबद्ध क्षेत्र के रूप में होने को ज़िम्मेदार माना है और वाणिज्य में सुधार के लिये चाबहार पोर्ट के माध्यम से वैकल्पिक मार्ग खोजने की कोशिश की है।
हालाँकि भौगोलिक रूप से अफगानिस्तान और मध्य एशिया भू-आबद्ध क्षेत्र हैं, इसके बावजूद ऐसे कई तरीके हैं जिनसे भारत, अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देश इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने हेतु काम कर सकते हैं ताकि देशों के बीच व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में आदान-प्रदान सुनिश्चित हो सके।
2. HDFC बैंक के MD और CEO आदित्य पुरी हुए रिटायर
HDFC बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आदित्य पुरी ने भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता के 25 साल के बेहद सफल कैरियर के बाद एक और कदम बढ़ाते हुए रिटायरमेंट का फैसला लिया है।
70 वर्षीय पुरी ने राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों के क्षेत्र में एक स्टार्ट-अप को उद्योग के नेता के रूप में बदल दिया था। लगभग 6 ट्रिलियन रुपये में, HDFC बैंक बाजार पूंजीकरण के मामले में उद्योग का नेतृत्व करता है और लंबे समय तक सबसे अधिक लाभदायक रहता है।
शशिधर जगदीशन को एचडीएफसी बैंक के नए मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है, जो 27 अक्टूबर 2020 से प्रभावी होंगे।
3. नीति आयोग ने “भारत में बिजली की पहुंच और बेंचमार्किंग वितरण उपयोगिताएँ” रिपोर्ट जारी की
28 अक्टूबर, 2020 को, नीती आयोग ने “Electricity Access in India and Benchmarking Distribution Utilities” की रिपोर्ट जारी की।
मुख्य बिंदु
इस रिपोर्ट के अनुसार 92% ग्राहकों ने अपने परिसर के 50 मीटर के दायरे में बिजली का बुनियादी ढांचा प्राप्त किया।
लगभग 87% ग्राहकों के पास ग्रिड-आधारित बिजली की पहुंच थी। शेष 13% ने या तो नॉन ग्रिड स्रोतों का उपयोग किया या बिजली का उपयोग नहीं किया। गैर-ग्रिड स्रोतों का उपयोग करने वाले अधिकांश ग्राहक कृषि क्षेत्र से थे। देश में बिजली उपलब्धता के घंटों में सुधार किया गया है। भारत में प्रति दिन औसतन 17 घंटे बिजली मिल रही है। रिपोर्ट 10 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर बनाई गई थी जो भारतीय ग्रामीण आबादी का 65% है।
सर्वे के बारे में
यह सर्वेक्षण अच्छी कनेक्टिविटी, पहुंच, बिजली, ग्राहकों की संतुष्टि और उपयोगिताओं की क्षमता पर केंद्रित था। सर्वेक्षण में शामिल ग्राहक ग्रामीण घरों, वाणिज्यिक उद्यमों, कृषि और संस्थानों से थे।
मुख्य निष्कर्ष
इस रिपोर्ट के अनुसार अन्य उपयोगिताओं में उत्तर प्रदेश ने बहुत नीचे प्रदर्शन किया। सर्वेक्षण में लगभग 66% ग्राहक संतुष्ट थे। इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में बिजली की पहुंच में सुधार मुख्य रूप से प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के कारण हुआ है।
भारत का वर्तमान परिदृश्य
इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब बिजली पहुंच प्रदान करने वाले अग्रणी देशों में से एक है। पिछले 20 वर्षों में भारत में बिजली की पहुंच दर दोगुनी हो गई है। देश में बिजली ग्रिड से जुड़े घर 59.4% से बढ़कर 100% हो गए हैं। हालांकि, देश अभी भी विश्वसनीय और सस्ती बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए चुनौतियों का सामना कर रहा है।
आगे का रास्ता
इस रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि भारत को बिजली की पहुंच की स्थिरता पर ध्यान देना चाहिए और बाधाओं को हल करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए।
4. उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में बनेंगे मानव तस्करी विरोधी पुलिस स्टेशन
उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रत्येक जिले में मानव तस्करी विरोधी पुलिस स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है।
इन पुलिस स्टेशनों को मामला दर्ज करने और स्वतंत्र रूप से मामले की जांच करने के लिए पर्याप्त अधिकार दिए जाएंगे। राज्य सरकार 40 नई मानव-तस्करी विरोधी इकाइयों की स्थापना करने जा रही है जो जिलों में पुलिस थानों की तरह काम करेंगी और मामले दर्ज करने के बाद जांच का संचालन करेंगी।
इससे पहले, राज्य में केवल 35 जिलों में मानव तस्करी विरोधी यूनिट के पुलिस स्टेशन थे, जो 2011 और 2018 में स्थापित किए गए थे।
नए पुलिस स्टेशन केंद्र सरकार के महिला सुरक्षा प्रभाग के निर्देशों के बाद स्थापित किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने इन इकाइयों के लिए धन भी आवंटित किया है।
5. केरल : सब्जियों के लिए एमएसपी तय करने वाला पहला राज्य
केरल सोलह कृषि वस्तुओं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया है। इसमें सब्जियां, फल और कंद शामिल हैं। यह योजना किसानों का समर्थन करने और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए है।
मुख्य बिंदु
पहले चरण में सब्जियों की सोलह विभिन्न किस्मों को शामिल किया जाएगा। नियमित आधार पर एमएसपी मूल्य को संशोधित करने के लिए एक शर्त भी है। सब्जियों की उत्पादन लागत से बेस प्राइस 20% अधिक होगा। यह MSP सिस्टम की तरह ही कार्य करेगा। स्थानीय स्व-शासन निकाय सब्जियों की खरीद और संचलन को सहसंबद्ध करेंगे।
फसलें कैसे खरीदी जाती हैं?
सब्जियों और फल संवर्धन परिषद केरलम और हॉर्टिकॉप के माध्यम से किसानों से फसलों की खरीद की जाएगी। इस योजना के तहत खरीदी गई सभी पैदावार को “जीवन केरल फार्म फ्रेश फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स” ब्रांड नाम से बेचा जाएगा।
खरीफ फसलों की खरीद में भारत सरकार की योजना क्या है?
इस वर्ष के दौरान खरीफ फसलों के दायरे में 401 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है। इस साल बंपर खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद है। इस महामारी के दौर में किसानों ने कड़ी मेहनत की है। सरकार ने एमएसपी दरों पर उनकी फसलों की खरीद का वादा किया है। सरकार ने 25 अधिसूचित फसलों के लिए एमएसपी तय की और उनमें से 14 फसलें खरीफ सीजन में उगाई गईं। आम तौर पर खरीफ फसलों की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होती है।
2020 में, एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) और अन्य राज्य एजेंसियां 727 लाख टन धान (चावल के संदर्भ में 497 लाख टन) की रिकॉर्ड मात्रा की खरीद के लिए तैयार हैं।
यहां तक कि इस साल उच्च कपास उत्पादन के लिए खरीद लक्ष्य 125 लाख गांठ से अधिक रखा गया है। एमएसपी पर 125 लाख गांठ कपास खरीदने के लिए लगभग 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। एमएसपी प्रणाली के तहत खरीदी जाने वाली अन्य फसलें दलहन और आयल सीड हैं।
6. राष्ट्रपति ने दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के गठन हेतु अध्यादेश जारी किया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए एक वायु गुणवत्ता आयोग का गठन करने और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों के लिए एक अध्यादेश जारी किया है। इस आयोग का मकसद यह होगा कि कैसे दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए।
इस अध्यादेश के अनुसार राजधानी दिल्ली और आसपास (Delhi NCR) के इलाकों में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा। इस आयोग में कुल 17 सदस्य होंगे। आयोग जनता की भागीदारी और समन्वय पर जोर देगा। यह आयोग लगातार अपने काम और रिपोर्ट की जानकारी संसद के पटल पर रखेगा।
आयोग के कार्य
यह आयोग एनसीआर में वायु गुणवत्ता की सुरक्षा और सुधार के लिए शिकायतों पर विचार करने, निर्देश जारी करने के लिए उपाय करेगा। इसके अतिरिक्त, यह विभिन्न स्रोतों से पर्यावरण प्रदूषक के निर्वहन या उत्सर्जन के लिए मापदंडों को निर्धारित करेगा।
इस आयोग में अध्यक्ष
यह आयोग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक में अनुसंधान, बेहतर समन्वय, पहचान और समस्याओं के समाधान पर काम करेगा। इस आयोग में एक अध्यक्ष, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के सदस्य शामिल होंगे। साथ ही, इसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भी शामिल होंगे।
सजा का प्रावधान
आयोग के पास किसी भी परिसर का निरीक्षण करने, प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को बंद करने और बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने का आदेश जारी करने का भी अधिकार होगा। वायु प्रदुषण से जुड़े किसी आदेश या निर्देश का उल्लंघन करने पर पांच साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना आयोग लगा सकता है।
आयोग तीन व्यापक क्षेत्रों पर नजर रखेगा
यह आयोग वायु प्रदूषण को लेकर तीन व्यापक क्षेत्रों पर नजर रखेगा। ये तीन क्षेत्र वायु प्रदूषण की निगरानी, कानूनों को लागू करान और रिसर्च एवं नए प्रयोगों से जुड़े होंगे। आयोग तीन अलग-अलग क्षेत्रों की समीक्षा और जांच के लिए उप-समितियों की स्थापना करेगा।
दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता
यह आयोग दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता को खराब करने वाले कारक जैसे - पराली जलाने, वाहनों के प्रदूषण, धूल प्रदूषण और अन्य सभी मुद्दों पर गौर करेगा। आयोग अपनी वार्षिक रिपोर्ट संसद को प्रस्तुत करेगा।
आपको बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 और 500 'गंभीर' माना जाता है।
7. श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारत सरकार ने किया समिति का गठन
श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती मनाने के लिए केंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला 70-सदस्यीय उच्च-स्तरीय समिति के सदस्य सचिव होंगे।
समिति नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों और पर्यवेक्षण के अनुमोदन के साथ-साथ उत्सव के विस्तृत कार्यक्रमों के लिए तारीख तय करने पर भी ध्यान देगी।
समिति के कुछ अन्य सदस्यों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारामन्, हरदीप सिंह पुरी, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं।
8. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉन्च किया ग्रीन दिल्ली ऐप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 29 अक्टूबर 2020 को एक पत्रकार वार्ता के दौरान ग्रीन दिल्ली ऐप (Green Delhi App) का शुभारंभ किया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसको लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ 27 अक्टूबर 2020 को समीक्षा बैठक की। ग्रीन दिल्ली ऐप का इस्तेमाल कर लोग कचरा जलाने, औद्योगिक प्रदूषण, धूल की शिकायतों से सरकार को अवगत करा सकेंगे।
ग्रीन दिल्ली ऐप से संबंधित शिकायत निवारण प्रक्रिया को लेकर की गई समीक्षा बैठक में पर्यावरण विभाग, राजस्व विभाग, एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली पुलिस, दिल्ली फायर सर्विस, एनएचएआई आदि विभागों के नोडल अधिकारी शामिल हुए। दिल्ली में वायु की गुणवत्ता (AQI) धीरे-धीरे बेहद खराब होती जा रही है।
इस मौक पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस ऐप पर प्रदूषण संबंधी कोई भी शिकायत और वीडियो किया जा सकता अपलोड और इसका संज्ञान लेकर तय समय सीमा में निपटारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस ऐप पर सभी विभागों की भागीदारी होगी और जिस किसी से संबंधित शिकायत होगी, उसी के पास ऑटोमैटिकचली जाएगी।
ग्रीन दिल्ली ऐप: जानें इसके बारे में सबकुछ
• ग्रीन दिल्ली ऐप का इस्तेमाल कर लोग कचरा जलाने, औद्योगिक प्रदूषण, धूल की शिकायतों से सरकार को अवगत करा सकेंगे।
• ग्रीन दिल्ली ऐप से मिलने वाली शिकायतों के निवारण के लिए एक समय सीमा तय होगी, इसके तहत संबंधित विभाग को शिकायत का निपटारा करना पड़ेगा।
• इस ऐप से सभी संबंधित विभाग जुड़े रहेंगे और प्रदूषण से सबंधित कोई भी शिकायत आने पर वह अपने आप ही संबंधित विभाग को चली जाएगी।
• इस ऐप से संबधित विभाग के नोडल अफसर एवं उनके अधीनस्थ अन्य अधिकारी जुड़े रहेंगे।
• यह ऐप फोटो और वीडियो शिकायत पर आधारित होगा। समय पर शिकायत का निस्तारण नहीं होने पर सम्बंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार ने युद्ध प्रदूषण के विरूद्ध अभियान चलाया हुआ है। इसके तहत दिल्ली में अलग अलग मुहिम चलाई जा रही हैं। दिल्ली सचिवालय में प्रदूषण की मॉनिटरिंग के लिये ग्रीन वॉर रूम भी बनाया गया है। हालांकि तमाम प्रयासों के बीच दिल्ली में वायु की गुणवत्ता का स्तर गिरता जा रहा है।
9. जम्मू और कश्मीर में भारतीय सेना ने मनाया 74 वां इन्फैंट्री दिवस
जम्मू और कश्मीर में भारतीय सेना (जिसे चिनार कॉर्प्स के नाम से जाना जाता है) द्वारा हर साल 27 अक्टूबर को इन्फैंट्री दिवस के रूप में मनाया जाता है।
चिनार कॉर्प्स ने 1947 में जम्मू और कश्मीर में, जम्मू-कश्मीर को हथियाने की कोशिश करने वाले पाकिस्तानी आक्रमणकारियों से लड़ते हुए वीर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को सम्मानित करने के लिए 27 अक्टूबर, 2020 को 74 वां इन्फैंट्री दिवस मनाया।
इन्फैंट्री दिवस को स्वतंत्र भारत की पहली सैन्य घटना की याद के रूप में मनाया जाता है, जब भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन ने 27 अक्टूबर को पाकिस्तानी सेना और लश्कर के हमलावरों द्वारा भारतीय जमीन पर पहले हमले पर जीत हासिल करने के लिए लड़ाई लड़ी थी , जिसने 1947 में, कश्मीर घाटी में, जिसने जम्मू-कश्मीर को हथियाने की कोशिश की थी।
10. बुलेट ट्रेन : L&T को मिला 25 हजार करोड़ रुपए का ठेका, 4 साल में पूरी होगी परियोजना
इंजीनियरिंग समेत विभिन्न कारोबार से जुड़ी लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) को सरकार से 25 हजार करोड़ रुपए का ठेका हासिल हुआ है। यह ठेका मुंबई-अहमदाबाद के बीच महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के हिस्से के क्रियान्वयन के लिए है। एल एंड टी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक एसएन सुब्रमणियम ने बुधवार को वित्तीय परिणाम की घोषणा के दौरान कहा, हमने सरकार से आज (बुधवार) अब तक का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित अनुबंध हासिल किया है। यह 25000 करोड़ रुपए का आर्डर है। यह हमारे लिए सबसे बड़ा अनुबंध है। साथ ही इतनी बड़ी राशि का यह सबसे बड़ा एकल आर्डर है, जिसे सरकार ने दिया है।उन्होंने कहा कि अनुबंध के तहत परियोजना को चार साल में पूरा करना है। उल्लेखनीय है कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन ने 24 सितंबर को अहमदाबाद-मुंबई बुलेट रेल परियोजना के लिए करीब 1.08 लाख करोड़ रुपए की बोलियों को खोला था। इसमें परियोजना का गुजरात में पड़ने वाला हिस्सा शामिल है।
सात बोलीदाता 508 किलोमीटर लंबी परियोजना के लिए पात्र पाए गए। बुलेट ट्रेन से अहमदाबाद से मुंबई दो घंटे में पहुंचा जा सकेगा। इस निविदा में गलियारे के करीब 47 प्रतिशत हिस्से को रखा गया, जो गुजरात में वापी से वड़ोदरा के बीच है।
11. गुजरात के पूर्व CM केशुभाई पटेल का निधन
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का 92 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक पटेल का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार कुछ समय पूर्व कोरोना संक्रमित पाए गए पटेल को पहले अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी पर आज फिर सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें उनके गांधीनगर स्थित आवास से लाकर यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें मधुमेह और उच्च रक्तचाप भी था।
आज शाम उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ गांधीनगर में किया जाएगा। राजनीति में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वरिष्ठ थे और उन्हें उनके राजनीतिक गुरुओं में से एक भी माना जाता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कर्नाटक के राज्यपाल और उनकी सरकार में मंत्री रहे वजुभाई वाला और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल तथा कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश प्रमुख हार्दिक पटेल समेत कई गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है। राज्य सरकार एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वह एक उत्कृष्ट नेता थे जिन्हें समाज के हर वर्ग की चिंता थी। केशुभाई पटेल ने मुझ सहित कई युवा कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया, उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है।
गुजरात के दो बार मुख्यमंत्री केशुभाई का जन्म गुजरात के जूनागढ़ जिले के विसावदार कस्बे में हुआ था। 1945 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े, जबकि 60 के दशक में जनसंघ के साथ उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई। पटेल जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे।
पटेल 1977 में पहली बार राजकोट से सांसद बने। उन्होंने भाजपा से अलग होकर गुजरात परिवर्तन पार्टी के नाम से अलग पार्टी भी बनाई थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
Comments