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28th September | Current Affairs | MB Books


1. 28 सितम्बर : विश्व रेबीज दिवस

28 सितम्बर को विश्व भर में विश्व रेबीज दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसका उद्देश्य रेबीज बिमारी तथा इसकी रोकथाम के बारे जागरूकता फैलाना है। इस दिवस का उद्देश्य जानवरों व इन्सानों पर रेबीज के प्रभाव तथा रेबीज के रोकने के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाना है।

पृष्ठभूमि

विश्व रेबीज दिवस ग्लोबल अलायन्स फॉर रेबीज कण्ट्रोल की पहल है, इसकी शुरुआत 2007 में रेबीज की रोकथाम पर जागरूकता फैलाने के की गयी थी। 28 सितम्बर को प्रतिवर्ष विश्व रेबीज दिवस के रूप में मनाया जाता है, रेबीज दिवस फ़्रांसिसी केमिस्ट व माइक्रोबायोलॉजिस्ट लुइस पाश्चर की मृत्यु वर्षगाँठ पर मनाया जाता है। लुइस पाश्चर ने अपने सहकर्मियों के साथ मिलकर रेबीज के लिए पहले टीके का आविष्कार किया था।

रेबीज

रेबीज एक वायरल बिमारी है, इसके कारण गर्म रक्त वाले जीवों के मस्तिष्क के सूजन (एक्यूट इन्सेफेलाइटिस) होती है। यह एक जूनोटिक बिमारी है अर्थात यह एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलती है, यह आमतौर पर कुत्तों के काटने अथवा संक्रमित जानवरों से खरोंच लगने के कारण होता है। रेबीज वायरस केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे मस्तिष्क में रोग उत्पन्न होता है और अंत में रोगी की मृत्यु होती है। घरेलु कुत्ता रेबीज वायरस का प्रमुख स्त्रोत होता है। रेबीज के कारण होने वाली 95% मौतें कुत्तों के कारण होती हैं। रेबीज के प्रमुख लक्षण रौशनी व पानी से डर है। पालतू जानवरों को टीके लगाने से रेबीज को नियंत्रित किया जा सकता है।

2. राज कपूर और दिलीप कुमार के पेशावर के पैतृक घरों को खरीदेगी पाकिस्तान सरकार

खैबर-पख्तूनख्वा में पाकिस्तान की प्रांतीय सरकार ने पेशावर में स्थित भारतीय सिनेमा के महान कलाकारों राज कपूर और दिलीप कुमार के पैतृक घरों (Ancestral Houses of Raj Kapoor and Dilip Kumar) को खरीदने का फैसला किया है। उनके घर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में खड़े हैं और उन्हें ध्वस्त किए जाने की नौबत आ चुकी है, ऐसे में उनका संरक्षण करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने उन्हें खरीदने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने बताया कि खैबर-पख्तूनख्वा के पुरातत्व विभाग ने इन दो घरों को खरीदने के लिए उचित फंड देने का फैसला किया। इन घरों को पाकिस्तान में राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है।

पुरातत्व विभाग के प्रमुख डॉक्टर अब्दुस समद खान ने बताया कि पेशावर के डिप्टी कमिश्नर को एक चिट्ठी भेजकर इन भवनों की कीमत तय करने को कहा गया है। राज कपूर और दिलीप कुमार का घर पेशावर में हैं और वो विभाजन के पहले यहीं पैदा हुए और पले-बढ़े थे।

राज कपूर के पैतृक निवास को कपूर हवेली के तौर पर जाना जाता है, यह किस्सा ख्वानी बाज़ार में स्थित है। 1918 और 1922 के बीच में राज कपूर के दादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने इसका निर्माण कराया था। इस भवन में राज कपूर और उनके चाचा त्रिलोक कपूर का जन्म हुआ था। यहां की प्रांतीय सरकार ने इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर रखा है।

दिलीप कुमार का घर भी इसी इलाके में है। उनका घर भी बिल्कुल जीर्ण अवस्था में पहुंच चुका है। इसे 2014 में तत्कालीन नवाज़ शरीफ सरकार ने राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। अब्दुस समद खान ने कहा कि इन भवनों के मालिकों ने बीते वक्त में कई बार इन्हें गिराकर यहां पर कॉमर्शियल प्लाज़ा बनाने की कोशिशें की हैं, क्योंकि ये घर बहुत ही प्राइम लोकेशन पर स्थित हैं, लेकिन पुरातत्व विभाग उनकी ऐतिहासिक महत्ता देखते हुए उनका संरक्षण करना चाहता है, इसलिए उनको रोक दिया गया।

हालांकि, कपूर हवेली के मालिक अली क़दर का कहना है कि वो भवन को गिराना नहीं चाहते हैं और उन्होंने इसके संरक्षण के लिए कई बार पुरातत्व विभाग से संपर्क किया था। उन्होंने भवन बेचने के लिए प्रांतीय सरकार के सामने 200 करोड़ का दाम लगाया है। दिवंगत एक्टर ऋषि कपूर के आग्रह के बाद 2018 में पाकिस्तान सरकार ने कपूर हवेली को एक म्यूज़ियम में बदलने का फैसला किया था, लेकिन फिर इस घोषणा पर आगे कोई कदम नहीं उठाया गया।

3. ट्रंप की कंपनियों ने एक साल में भारत में दिया 1.45 लाख डॉलर का टैक्स, US में चुकाये सिर्फ 750 डॉलर

मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) जिस वर्ष राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हुए और उसके बाद व्हाइट हाउस में अपने पहले वर्ष के दौरान उन्होंने संघीय आयकर के तौर पर महज 750 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया। खबर में यह भी दावा किया गया कि उन्होंने और उनकी कंपनियों ने भारत में 2017 के दौरान 1,45,400 अमेरिकी डॉलर की रकम कर के रूप में चुकाई। ट्रंप 2016 में राष्ट्रपति पद की दौड़ में रिपब्लिकन उम्मीदवार के तौर पर शामिल हुए थे और उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन पर चौंकाने वाली जीत हासिल की थी।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की रविवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक, “डोनाल्ड ट्रंप ने जिस वर्ष राष्ट्रपति चुनाव जीता उस वर्ष 750 अमेरिकी डॉलर संघीय आयकर के तौर पर अदा किये। व्हाइट हाउस में अपने कार्यकाल के पहले वर्ष के दौरान उन्होंने 750 अमेरिकी डॉलर आयकर के तौर पर चुकाए।” अखबार ने उनके बीते 20 सालों के कर भुगतान के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद यह जानकारी दी।

यह खुलासा उस अहम मौके से ठीक पहले हुआ है जब मंगलवार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच बहस (Presidential Debate) होनी है और कुछ हफ्तों बाद ही तीन नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिये डेमोक्रेटिक जो बाइडेन के साथ उनका निर्णायक मुकाबला होना है।

खबर में कहा गया कि ट्रंप ने पिछले 15 वर्षों में से 10 वर्षों तक कोई आयकर अदा नहीं किया क्योंकि ट्रंप ने दिखाया कि इस दौरान कमाई से कहीं ज्यादा उन्हें नुकसान हुआ था। व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने इस खबर को “फेक न्यूज” (गलत खबर) बताकर खारिज किया था।

कानून के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति को अपनी व्यक्तिगत आय का विवरण जारी करने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन रिचर्ड निक्सन के बाद से सभी ने इसे सार्वजनिक किया है। अपने आयकर भुगतान को बेहद गोपनीय रखने वाले ट्रंप आधुनिक समय में एकमात्र राष्ट्रपति हैं जो इन्हें सार्वजनिक नहीं करते. ट्रंप ने वास्तव में उनके आयकर रिटर्न की जानकारी चाहने वालों को अदालत में चुनौती दी थी, इनमें अमेरिकी सदन भी शामिल है जो संसदीय निगरानी के हिस्से के तौर पर ट्रंप के आयकर रिटर्न से जुड़ी जानकारी चाहता था।

न्यूयॉर्क टाइम्स की अन्वेषणात्मक खबर के मुताबिक ट्रंप ने कर संबंधी विवरण को गोपनीय रखने के लिये काफी लंबी लड़ाई लड़ी है जो उनके पूर्व में अमेरिकी जनता के समक्ष दिये उस बयान से मूल रूप से अलग है जिसमें उन्होंने विवरण देने की बात कही थी।

खबर के मुताबिक, “आईआरएस (आंतरिक राजस्व सेवा) को दी जाने वाली उनकी रिपोर्ट उन्हें एक कारोबारी के तौर पर दिखाती है जो प्रतिवर्ष लाखों डॉलर लेता है और भारी नुकसान की बात करता है जिससे वह कर देने से खुद को बचा सके। अब बढ़ती वित्तीय चुनौतियों के साथ आंकड़े दिखाते हैं कि उन कारोबार से अधिक से अधिक धन कमाने पर निर्भर हैं जो उन्हें ज्यादा संभावना से भरे नजर आते हैं हालांकि इससे अक्सर राष्ट्रपति के तौर पर उनके हितों का प्रत्यक्ष टकराव होता दिखता है।”

खबर में खुलासा किया गया है कि व्हाइट हाउस में अपने पहले दो सालों के दौरान ट्रंप को विदेशों से कुल 7.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ, जिनमें से अधिकतर स्कॉटलैंड और आयरलैंड में उनकी गोल्फ संपत्तियों से हुई आय है। फिलीपींस, भारत और तुर्की में लाइसेंसी देने संबंधी सौदों से भी उन्हें क्रमश: 30 लाख, 23 लाख और 10 लाख अमेरिकी डॉलर का राजस्व मिला।

खबर के मुताबिक, “उन्होंने अपने कई विदेशी उपक्रमों के बदले भी कर का भुगतान किया। वर्ष 2017 में राष्ट्रपति ने अमेरिकी सरकार को महज 750 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया जबकि इसी दौरान उन्होंने या उनकी कंपनियों ने पनामा में 15,598 अमेरिकी डॉलर, भारत में 1,45,400 अमेरिकी डॉलर और फिलीपींस में 1,56,824 अमेरिकी डॉलर कर के तौर पर चुकाए।”

इस बीच व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने रविवार को न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर को “बिल्कुल गलत खबर” करार देते हुए दावा किया कि मीडिया घराने ने पहले भी यही चीज करने की कोशिश की थी।

4. पद्मश्री पुरस्कार विजेता शेखर बसु का निधन

अनुभवी परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) के पूर्व अध्यक्ष शेखर बसु का निधन COVID-19 के कारण हुआ।

उन्होंने भारत सरकार, परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के सचिव और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के निदेशक के रूप में कार्य किया। उनका जन्म 20 सितंबर, 1952 को मुजफ्फरपुर, बिहार में हुआ था।

5. भारत में वैक्सीन पोर्टल लांच किया गया

28 सितंबर, 2020 को केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने COVID-19 के लिए एक वैक्सीन पोर्टल लॉन्च किया। इस पोर्टल का उद्देश्य जनता के बीच जागरूकता पैदा करना है।

मुख्य बिंदु

यह पोर्टल वैक्सीन संबंधित जानकारी प्रदान करेगा।इसमें COVID-19 के खिलाफ वैक्सीन विकास की दिशा में भारत में किए गए प्रयास भी शामिल होंगे।

इसके साथ-साथ, मंत्री ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की इतिहास समयरेखा भी लांच की, जिसमें प्रमुख उपलब्धियां और कार्यक्रम भी प्रदर्शित किए गए।इसमें परिषद की 108 वर्ष की यात्रा को दर्शाया गया। साथ ही, ICMR की 100 साल की यात्रा पर एक किताब लॉन्च की गई।

डॉ. हर्षवर्धन ने एक डेटा संग्रह कार्यक्रम भी लांच किया, जिसे “पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति का मानचित्रण” नाम दिया गया है।

“व्हाट इंडिया ईट्स” शीर्षक से एक रिपोर्ट भी जारी की गई है। इसरिपोर्ट में भारत में आहार पैटर्न के बारे में जानकारी दी गई है। जनसंख्या के बीच आहार वितरण को समझने के लिए नीति निर्माताओं के लिए यह महत्वपूर्ण है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने COVID-19 के लिए एक राष्ट्रीय नैदानिक ​​रजिस्ट्री शुरू की।

ICMR-NIN पोर्टल लॉन्च किया गया।यह अपनी तरह का पहला पोर्टल है जिसे COVID-19 के बारे में डेटा एकत्र करने के लिए विकसित किया गया है। इससे पहले, इसी तरह के पोर्टल का उपयोग ई-लर्निंग मॉड्यूल प्रदान करने के लिए किया गया था।

पोर्टल के बारे में

यह पोर्टल ICMR की साइट में उपलब्ध होगा। प्रारंभ में, इस पोर्टल का उपयोग COVID-19 टीकों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए किया जायेगा। धीरे-धीरे, इसे अन्य सभी टीकों तक बढ़ाया जायेगा। तीन टीके भारत में क्लिनिकल ट्रायल के तहत हैं। वे इस प्रकार हैं :

भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा विकसित COVAXIN मानव परीक्षण के दूसरे चरण में है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित COVISHIELD क्लिनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में है।

Zydus Cadila द्वारा विकसित वैक्सीन तीसरे चरण के नैदानिक ​​परीक्षणों के संचालन के लिए अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।

6. बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान बने CEAT के ब्रांड एंबेसडर

आरपीजी एंटरप्राइजेज (राम प्रसाद गोयनका ग्रुप) की टायर कंपनी, CEAT लिमिटेड ने भारतीय अभिनेता आमिर खान को 2 वर्ष के लिए अपने ब्रांड एंबेसडर के रूप में साइन किया है।

एकीकृत विपणन अभियान के एक भाग के रूप में, वह CEAT के सिक्योर ड्राइव को बढ़ावा देने के लिए दुबई में चल रहे इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2020 के दौरान 2 विज्ञापनों में बड़े पैमाने पर प्रीमियम टायरों की एक श्रृंखला की सुविधा देगा।

CEAT 1995 से CEAT क्रिकेट रेटिंग के साथ क्रिकेट से सम्बंधित है.

7. आज मनाई जा रही है सरदार भगत सिंह की 113वीं जयंती

आज (28 सितम्बर) को भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जन्म वर्षगाँठ है। इस वर्ष सरदार भगत सिंह की 113वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह समेत देश के गणमान्य लोगो ने सरदार भगत सिंह को श्रद्धांजली दी।

भगत सिंह

भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर, 1907 को बंगा (पंजाब, पाकिस्तान) में हुआ था। भगत सिंह को शहीद-ए-आज़म के नाम से भी जाना जाता है। उनके पिताजी का नाम किशन सिंह तथा उनकी माता जी का नाम विद्यावती था।

साइमन कमीशन के आगमन के समय सभी दलों ने साइमन कमीशन का विरोध करते हुए देश भर में प्रदर्शन किये। लाला लाजपत राय ने भी 30 अक्टूबर, 1928 को साइमन कमीशन के विरोध में लाहौर में प्रदर्शन किया, इस विरोध प्रदर्शन में लाठीचार्ज के बाद उनकी मृत्यु हो गयी।

लाला लाजपत राय की मृत्यु के प्रतिशोध में भगत सिंह, राज गुरु, जय गोपाल तथा सुख देव ने ब्रिटिश पुलिस चीफ स्कॉट की हत्या की योजना बनायीं। परन्तु उन्होंने DSP जे.पी. सौन्ड़ेर्स पर गोली चलायी, जिसमे उसकी मृत्यु हो गयी। बाद उन्हें दिल्ली असेंबली में बम फेंकने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

लाहौर षड़यंत्र केस में इन महान स्वतंत्रता सेनानियों के लिए 24 मार्च, 1931 को मृत्युदंड का आदेश दिया गया था। परन्तु उन्हें 23 मार्च, 1931 को शाम 7 बजे फांसी दे दी गयी थी।

8. उत्तर प्रदेश सरकार ने किया एकीकृत पोर्टल ‘U-Rise’ का शुभारम्भ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ ने 'यू-राइज़ (U-Rise)’ नामक एक एकीकृत पोर्टल लॉन्च किया है। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) -2020 के कार्यान्वयन के साथ इस तरह के एकीकृत पोर्टल लॉन्च करने वाला पहला राज्य है।

यू-राइज़ पोर्टल छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा, डिजिटल सामग्री, डिजिटल मूल्यांकन, डिजिटल परीक्षा पत्र, वेबिनार, इंटर्नशिप, ई-लाइब्रेरी, रोजगार के लिए रिकॉर्ड किए गए वीडियो सामग्री से लेकर व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान प्रदान करके उन्हें सशक्त करेगा।

यू-राइज़ पोर्टल राज्य में लगभग 20 लाख छात्रों को शिक्षा, करियर काउंसलिंग और रोजगार प्राप्त करने में मार्गदर्शन करेगा।

इस पोर्टल पर उपलब्ध ई-कंटेंट, ई-लाइब्रेरी और ऑनलाइन पाठ्यक्रम राज्य के अधिकांश आंतरिक क्षेत्रों में भी छात्रों के लिए सुलभ होंगे।

9. भारत - श्रीलंका द्विपक्षीय आभासी शिखर सम्मेलन

भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय आभासी शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच आयोजित किया गया।. प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच आभासी शिखर सम्मेलन के लिए अपने द्वारा भेजे गये निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को धन्यवाद देते हुए इस शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने श्रीलंकाई संसदीय चुनाव 2020 में अपनी पार्टी की जीत पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री को बधाई भी दी. इन दोनों नेताओं ने इस आभासी मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों और आपसी चिंता के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।

यह पहली बार है जब कोविड -19 महामारी के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने पड़ोस के एक नेता के साथ द्विपक्षीय बैठक की है।

भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन: मुख्य विशेषताएं

भारत और श्रीलंका के संबंधों पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा कि, भारत और श्रीलंका के बीच ये संबंध हजारों साल पुराने हैं।

इसके अलावा, भारत की ‘पड़ोस पहले’ नीति और SAGAR सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा कि, हम दोनों देशों के बीच संबंधों को विशेष प्राथमिकता देते हैं।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने कोविड -19 महामारी के दौरान जिस तरह से भारत ने दूसरे देशों के लिए काम किया है, उसके लिए भारत का आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने MT न्यू डायमंड शिप पर लगी आग को बुझाने के लिए भारत और श्रीलंका के बीच संयुक्त अभियान का भी आगे जिक्र किया और यह कहा कि, इसने दोनों देशों के बीच सहयोग को और अधिक बढ़ावा दिया है।

प्रमुख घोषणायें

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-श्रीलंका के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 15 मिलियन अमरीकी डॉलर देने की घोषणा की

प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की सहायता प्रदान करने की घोषणा की जिसका श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने स्वागत किया।

यह अनुदान बौद्ध मठों के निर्माण और बौद्ध मठों के नवीकरण, क्षमता विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पुरातात्विक सहयोग, बुद्ध के अवशेषों की पारस्परिक प्रदर्शनी, बौद्ध विद्वानों और पादरियों के आपसी संपर्क को मजबूत करने के माध्यम से दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंधों को गहरा करने में सहायता करेगा।

भारत ने सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका को 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा भी की प्रदान

भारत और श्रीलंका द्विपक्षीय वित्तीय सहयोग को भी मजबूत करने के लिए काम करेंगे. भारत ने आर्थिक सुधार में सहायता करने और कोविड 19 से संबंधित व्यवधानों से निपटने के लिए श्रीलंका के सेंट्रल बैंक को 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा प्रदान की है।

पृष्ठभूमि

भारत ने अपनी ‘पड़ोसी देश पहले’ नीति को आगे बढ़ाने के प्रयासों में, अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ परामर्श की एक श्रृंखला की योजना बनाई है।

इस 20 सितंबर, 2020 को मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलीह द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोविड -19 महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध करने के जवाब में, भारत ने मालदीव को 250 मिलियन अमरीकी डालर का ऋण दिया है।

भारत ने अफगान सरकार को भी इंट्रा-अफगान वार्ता की पृष्ठभूमि में अपना समर्थन देने के लिए कथित तौर पर पेशकश की है. भारत ने आने वाले दिनों में अफगानिस्तान से उच्च स्तरीय यात्राओं की श्रृंखला के लिए एक योजना भी बनाई है.

इसके अलावा, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा अगले दो वर्षों के लिए रोडमैप के साथ आने वाले महीने के अंत में भारत-बांग्लादेश परामर्श प्रणाली की एक बैठक आयोजित करने की भी उम्मीद है.

10. भारत में COVID-19 मरीज़ों का आंकड़ा 60 लाख के पार, पिछले 24 घंटे में दर्ज हुए 82,170 नए केस, 1,039 की मौत

देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भारत में COVID-19 मरीज़ों का आंकड़ा 60 लाख के पार पहुंच गया है. कोरोना संक्रमण के 60 लाख मामले रिपोर्ट करने वाला दुनिया का दूसरा देश भारत बन गया है. अमेरिका पहला देश है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में 82,170 मामले सामने आए. इसी के साथ कोरोना संक्रमितों की कुल तादाद 60,74,702 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटों यानी एक दिन में 1,039 लोगों की वायरस की वजह से मौत हुई है. अब तक कुल 95542 लोगों की जान जा चुकी है।

हालांकि, राहत की बात यह है कि देश में 50 लाख से ज्यादा लोग कोरोनावायरस को मात देने में कामयाब हुए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कुल 50,16,520 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं. पिछले 24 घंटे में 74,893 मरीज ठीक हुए हैं. देश में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 9,62,640 है।

11. वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2020 में भारत 89वें स्थान पर

वैश्विक जोखिम सूचकांक (WRI) 2020 के अनुसार, 181 देशों के बीच भारत को 89 वें स्थान पर रखा गया है। WRI को संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय के पर्यावरण और मानव सुरक्षा संस्थान (UNUEHS) के सहयोग से विकसित किया गया है और इसकी गणना अंतर्राष्ट्रीय शान्ति कानून और सशस्त्र संघर्ष (IFHV) द्वारा की जाती है।

अतिविषम आपदाओं से निपटने की क्षमता, अनुकूली क्षमताओं की कमी और अतिविषम घटनाओं से निपटने की तैयारियों के मामले में भारत, श्रीलंका, भूटान और मालदीव से पीछे है।

रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल हॉटस्पॉट, ओशिनिया, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य अमेरिका, पश्चिम और मध्य अफ्रीका में हैं।

यहां शीर्ष 2 देशों की सूची दी गई है:

रैंक देश 1 वनुआटू 2 टोंगा 89 भारत 181 क़तर

12. भारत सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल खर्च को 2025 तक 1.15% से बढ़ाकर 2.5% करेगी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने घोषणा की कि भारत सरकार 2025 तक देश में स्वास्थ्य देखभाल खर्च को जीडीपी के 2.5% तक बढ़ाएगी। वर्तमान में, सरकार स्वास्थ्य देखभाल की ज़रुरत को पूरा करने के लिए जीडीपी का 1.15% खर्च कर रही है।

मुख्य बिंदु

यह वृद्धि पंद्रहवें वित्त आयोग के उच्च-स्तरीय समूह की सिफारिश के आधार पर की जा रही है। इस वृद्धि की जानकारी मंत्री ने अपने “रविवार संवाद” के दौरान प्रदान की।

रविवार संवाद

यह सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के साथ केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का एक इंटरैक्टिव कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के दौरान, मंत्री ने कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब दिए।

पृष्ठभूमि

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 ने सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय को जीडीपी के 2.5% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था। महामारी ने इस प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता उत्पन्न कर दी है। इसके अलावा, शहरी स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता है।

भारत को स्वास्थ्य पर खर्च क्यों बढ़ाना चाहिए?

इटली और चीन की तुलना में भारत महामारी से ज्यादा प्रभावित है। ग्लोबल हेल्थ सिक्योरिटी रैंक में भारत 57वें स्थान पर है । स्वास्थ्य पर भारत का खर्च अन्य उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे कम है।

चुनौतियां

भारत में, स्वास्थ्य व्यय राज्यों द्वारा संचालित होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है। समेकित रोग निगरानी कार्यक्रम कई बार रीलॉन्च किया, यह मानव शक्ति और संसाधनों के लिए के अभाव से ग्रसित है। इस कार्यक्रम को भारत में महामारी के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति माना जाता है।

देश में स्वास्थ्य व्यय जरूरत तक के अनुरूप नहीं है। निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर केवल 7% खर्च होता है और उपचार पर 80% खर्च होता है।

13. मालदीव-भारत के बीच कार्गो फेरी सेवा से द्विपक्षीय संबंधों में आएगी मजबूती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मालदीव और भारत के बीच सीधी कार्गो फेरी (पोत) सेवा (Direct Ferry Service between India and Maldives) शुरू होने पर रविवार को कहा कि इस पहल से न सिर्फ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ेगा बल्कि दोनों मुल्कों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. मोदी ने यह टिप्पणी मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह (Ibrahim Mohamed Solih) के उस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया में की जिसमें उन्होंने सीधी कार्गो पोत सेवा के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया था. सोलिह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘माले के कुल् हूधुफ्फुशी बंदरगाह और दक्षिण भारत के बीच पहला कार्गो पोत आज रवाना हुआ है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं.'' उन्होंने कहा, ‘‘इस फेरी सेवा से भारत और मालदीव की दोस्ती और भी मजबूत होगी और दोनों देशों में समृद्धि लाएगी.''

इसके जवाब में मोदी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति सोलिह, निश्चित तौर पर आज खुशी का दिन है. भारत और मालदीव के बीच सीधी फेरी सेवा का हमारा सपना सच हुआ है. मुझे कोई संदेह नहीं कि इससे हमारे द्विपक्षीय व्यापार और हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. भारत और मालदीव की दोस्ती और प्रगाढ़ होगी.''

गत 21 सितंबर को दोनों देशों के बीच सीधी कार्गो पोत सेवा शुरू की गई थी. पोत परिवहन मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ‘‘अपनी पहली यात्रा के दौरान, 200 टीईयू (ट्वेन्टी फुट इक्विवैलेंट यूनिट) और 3,000 मीट्रिक टन के ब्रेक बल्क कार्गो की क्षमता वाला एक जहाज तूतिकोरिन से आज (सोमवार) कोच्चि जाएगा। वहां से यह उत्तरी मालदीव में कुल् हूधुफ्फुशी बंदरगाह और फिर माले बंदरगाह तक जाएगा.'' कार्यक्रम के अनुसार यह 29 सितंबर, 2020 को माले पहुंचेगा. यह पोत सेवा महीने में दो बार चलेगी और भारत और मालदीव के बीच किफायती, सीधी और माल परिवहन का वैकल्पिक जरिया प्रदान करेगी.

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