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26th November | Current Affairs | MB Books


1. खेल और भौतिक संस्कृति पर ब्रिक्स राष्ट्रों के बीच समझौता ज्ञापन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 नवंबर, 2020 को ब्रिक्स देशों के बीच भौतिक संस्कृति और खेल के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी गयी।

एमओयू का महत्व

ब्रिक्स समूह के पांच देशों के बीच खेल के क्षेत्र में सहयोग से खेल विज्ञान, कोचिंग तकनीक और खेल चिकित्सा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान और विशेषज्ञता का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

इससे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

यह सहयोग ब्रिक्स सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूत करेगा।

इस सहयोग से सदस्य देशों के सभी खिलाड़ियों को प्राप्त होगा।

ब्रिक्स

ब्रिक्स पाँच प्रमुख उभरते देशों का समूह है, इसमें ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। यह इस समूह के पांच देशों के सर्वोच्च नेताओं के बीच एक वार्षिक शिखर सम्मेलन है। इसकी अध्यक्षता बारी-बारी से सभी सदस्य देशों को दी जाती है।

ब्रिक्स का महत्व

ये पांच देश मिलकर 42 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन पांच अर्थव्यवस्थाओं में विश्व जीडीपी का 23 प्रतिशत हिस्सा है। क्षेत्र की दृष्टि से यह देश 30 प्रतिशत क्षेत्र को कवर करते हैं। वैश्विक व्यापार में इन देशों की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत हैं।


2. नोबेल शांति पुरस्कार 2021 के लिए इजरायली प्रधानमंत्री और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस का नामांकन

इज़राइल के प्रधानमंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस, मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को दो देशों के बीच परस्पर रणनीतिक और राजनयिक संबंधों की स्थापना में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार 2021 के लिए नामांकित किया गया है।

इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, 25 नवंबर, 2020 को नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, लॉर्ड डेविड ट्रिम्बल ने नोबेल शांति पुरस्कार 2021 के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की उम्मीदवारी प्रस्तुत की। उत्तरी आयरलैंड के पूर्व मंत्री लॉर्ड डेविड ट्रिम्बल ने वर्ष 1998 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता था जो उन्हें दूसरों को इस शांति पुरस्कार के लिए नामित करने का विशेषाधिकार देता है। नोबेल शांति पुरस्कार समिति अब नेतन्याहू और अल नाहयान की उम्मीदवारी की समीक्षा करेगी।

इजरायल के प्रधानमंत्री और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस के नामांकन के प्रमुख कारण

इन दोनों देशों के नेताओं को हाल ही में इनके द्वारा किये गये शांति समझौते के कारण नामांकित किया गया है। यह शांति समझौता इजरायल, यूएई और बहरीन के बीच किया गया है।

दो खाड़ी देशों, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन द्वारा हस्ताक्षर किए गए अब्राहम समझौते के अनुसार, वे अब जॉर्डन और मिस्र के साथ एकमात्र अरब देशों के तौर पर शामिल हो गए हैं जिनके इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। बहरीन के विदेश मंत्री, इज़राइली प्रधानमंत्री, अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, राष्ट्रपति ट्रम्प और क्राउन प्रिंस नाहयान द्वारा अन्य अरब और मुस्लिम राष्ट्रों से संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व का अनुसरण करने का आह्वान किया गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प भी नोबेल शांति पुरस्कार 2021 के लिए हैं नामित

इससे पहले सितंबर 2020 में, यह घोषणा की गई थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के बीच शांति स्थापित करने के लिए एक मध्यस्थ के तौर पर उनके प्रयासों के बाद, वर्ष 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।

इस शांति पुरस्कार के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प का नामांकन नॉर्वे के संसद-सदस्य क्रिश्चियन टाइब्रिंग-गेजेड द्वारा पेश किया गया था। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर सीमा विवाद जैसे अन्य संघर्षों में नई गतिशीलता के प्रयासों के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प की महत्वपूर्ण भूमिका के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति को नामित किया।


3. फुटबॉल दिग्गज डिएगो माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से निधन

खेल की दुनिया से बहुत ही बड़ी और दुखद खबर आ रही है। महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। इसी महीने की शुरुआत में उनकी ब्रेन सर्जरी करायी गयी थी। उनके दिमाग में खून के थक्के मिले थे। तब यह कहा गया था कि उनकी शराब की लत छुड़ाने का इलाज करवाया गया है। खेल के सबसे महान खिलाड़ियों में एक में शुमार किए जाने वाले माराडोना ने साल 1986 विश्व कप में अर्जेंटीना की जीत में अहम भूमिका निभायी थी और इसी खिताबी जीत ने उन्हें दुनिया भर के बच्चे-बच्चे के बीच लोकप्रिय बना दिया था। अर्जेंटीना फुटबॉल एसोसिएशन ने जारी बयान में कहा कि हमारे लीजेंड खिलाड़ी के निधन की खबर सबसे बड़ा दुख है। आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे।

अपने क्लब करियर में मारोडना बार्सिलोना और नैपोली के लिए खेले और दो सीरीए खिताब भी अपने क्लब को दिलाए, तो वहीं माराडोनाने अर्जेंटीना के लिे 91 मैचों में 34 गोल गिए और चार विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया और कई ऐसे बेहतरीन प्रदर्शन और सर्वकालिक बेहतरीन गोल किए, जिनकी मिसाल हमेशा आनी वाली पीढ़ी को दी जाएगी। कई ऐसे गोल रहे, जिन्हें देखकर दुनिया भर ने दांत तले उंगली दबा लीमाराडोना ने साल 1990 में विश्व कप फाइनल में भी अर्जेंटीना का नेतृत्व किया, जहां उनके देश को पश्चिम जर्मनी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, तो साल 1994 में फिर से अमरीका में भी अर्जेंटीना की कप्तानी की, लेकिन ड्रग टेस्ट में फेल होने के बाद उन्हें वापस घर लौटना पड़ा था

अपने करियर को दूसरे हॉफ में मारोडोना को कोकीन की लत के साथ खासा संघर्ष करना पड़ा और साल 1991 में उन्हें इसका सेवन का दोषी पाए जाने के बाद माराडोना पर 15 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया थामारोडना ने साल 1997 में पेशेवर फुटबॉल को 37 साल की उम्र में अलविदा कह दिया था। साल 2008 में इस दिग्गज खिलाड़ी को राष्ट्रीय टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया। साल 2010 विश्व कप के बाद मारोडना ने यह पद छोड़ दिया था, जब अर्जेंटीना को क्वार्टरफाइनल में जर्मनी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसे बाद मारोडोना संयुक्त अरब अमीरात और मेक्सिको टीम के कोच रहे


4. 26 नवम्बर : राष्ट्रीय दुग्ध दिवस

देश में प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है। यह दिवस वर्घीस कुरियन के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। वर्घीस कुरियन को भारत में श्वेत क्रान्ति का जन्मदाता माना जाता है।

वर्घीस कुरियन

वर्घीस कुरियन का जन्म 26 नवम्बर, 1921 को कालीकट में हुआ था। वे भारत में श्वेत क्रान्ति के जन्मदाता माने जाते हैं। उन्होंने भारत में डेरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय योगदान दिया। उन्होंने ‘ऑपरेशन फ्लड’ में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ऑपरेशन फ्लड

ऑपरेशन फ्लड को 1970 में लांच किया गया था, यह विश्व का सबसे बड़ा डेरी विकास कार्यक्रम था। इस ऑपरेशन के चलते भारत विश्व का सबसे बड़ा दुघ्ध उत्पादक देश बन सका।

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB)

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की स्थापना भारत की संसद के एक अधिनियम के माध्यम से की गई थी। यह 1965 में स्थापित किया गया था। इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य ‘अमूल कोआपरेटिव’ के समान अन्य सफल कोआपरेटिव की स्थापना करना था। विश्व बैंक ने इस मिशन की सहायता की। इसे “ऑपरेशन फ्लड” नाम दिया गया था और 26 साल तक चला।

दुग्ध प्रसंस्करण व अधोसंरचना विकास फण्ड स्कीम

इस स्कीम को केन्द्रीय आर्थिक मामले समिति ने सितम्बर 2017 में डेरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए स्वीकृत किया था। इस स्कीम को राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड तथा राष्ट्रीय को-आपरेटिव विकास कारपोरेशन द्वारा क्रियान्वित किया जायेगा। इस स्कीम के तहत दुग्ध संघ, बहुराज्यीय दुग्ध कोआपरेटिव, राज्य डेरी संघ, दूध उत्पादक कंपनियां मापदंड पर खरा उतरने के बाद ऋण ले सकती हैं। इन दुग्ध संगठनों को 6.5% की दर से डेरी प्रसंस्करण अधोसंरचना इत्यादि के निर्माण के लिए ऋण दिया जायेगा।

इस स्कीम से 50,000 गाँवों में 95 लाख किसानों को लाभ होगा। इस स्कीम से कई कुशल व अकुशल लोगों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार प्राप्त होगा। इस स्कीम के द्वारा 126 लाख लीटर प्रति दिन दुग्ध प्रसंस्करण, 210 मीट्रिक टन मिल्क ड्राइंग तथा 140 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध शीतकरण की फैसिलिटी तैयार की जाएगी। इस स्कीम के तहत दुग्ध कोआपरेटिव को 8004 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह सहायता ऋण के रूप में 6.5% की दर पर प्रदान की जाएगी।


5. किरेन रिजिजू ने ‘फिट इंडिया स्कूल वीक’ कार्यक्रम का दूसरा संस्करण लॉन्च किया

हाल ही में खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने फिट इंडिया स्कूल वीक कार्यक्रम का दूसरा संस्करण लॉन्च किया है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए स्कूलों को www.fitindia.gov.in/fit-india-school-week पर अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके लॉन्च समारोह के दौरान, किरेन रिजिजू ने स्कूली जीवन में फिटनेस के महत्व के बारे में बात की और कहा कि छात्र भारत को फिट बनाने के पीछे प्रेरक शक्ति हैं।

फिट इंडिया स्कूल सप्ताह कार्यक्रम पिछले साल नवंबर में शुरू किया गया था और इसमें देश भर के 15 हजार से अधिक स्कूलों ने भाग लिया था।

फिट इंडिया स्कूल ग्रेडिंग सिस्टम

फिट इंडिया मूवमेंट के तहत स्कूलों की ग्रेडिंग फिटनेस के आधार पर की जायेगी, इस रैंकिंग को प्राप्त करने वाले स्कूल फिट इंडिया का लोगो तथा झंडे का उपयोग कर सकेंगे।

रैंकिंग प्रणाली

इसके लिए स्कूलों को फिट इंडिया पोर्टल पर जाकर सर्वेक्षण में हिस्सा लेना होगा। फिट इंडिया स्कूल रैंकिंग तीन श्रेणियों में विभाजित की जायेगी :

फिट इंडिया स्कूल

फिट इंडिया स्कूल थ्री स्टार

फिट इंडिया स्कूल फाइव स्टार

स्कूलों को यह रैंकिंग इस आधार पर दी जायेगी कि वे छात्रों तथा अध्यापकों की फिटनेस पर कितना बल देते हैं।

फिट इंडिया मूवमेंट

यह आन्दोलन 29 अगस्त 2019 को मोदी द्वारा शुरू किया गया था, यह आंदोलन 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस पर शुरू किया गया था। यह दिवस देश में मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्होंने अपने खेल कौशल और तकनीक से दुनिया को मंत्रमुग्ध किया था।


6. पीएम मोदी ने 33वें PRAGATI इंटरैक्शन की अध्यक्षता की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर, 2020 को 33वीं PRAGATI वार्ता की अध्यक्षता की।

मुख्य बिंदु

बातचीत के दौरान विभिन्न परियोजनाओं, शिकायतों और कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।

यह परियोजनाएँ समीक्षाएँ रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, DPIIT और बिजली मंत्रालय की थीं।

इन परियोजनाओं पर 41 लाख करोड़ रुपये की लागत आई है।

यह परियोजनाएं दस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित थीं, जैसे कि ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दादरा और नगर हवेली।

इस बैठक में कोविड​​-19 और पीएम आवास योजना (ग्रामीण) से संबंधित शिकायतों को भी उठाया गया।

एक्सपोर्ट हब के रूप में पीएम स्वनिधि, कृषि सुधार और जिलों के विकास सहित योजनाओं की भी समीक्षा की गई।

इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने राज्यों को एक राज्य निर्यात रणनीति विकसित करने के लिए कहा।

PRAGATI (प्रगति)

Pro-active governance and timely implementation (PRAGATI) एक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी आधारित प्लेटफॉर्म है। यह प्लेटफार्म वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। यह एक इंटरैक्टिव और एकीकृत मंच है जो आम आदमी की शिकायतों का समाधान करता है। यह सरकारी परियोजनाओं और योजनाओं की निगरानी भी करता है। यह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के साथ समन्वय में बनाया गया था।

PRAGATI प्लेटफार्म का उद्देश्य

PRAGATI प्लेटफार्म का उद्देश्य परियोजना के कार्यान्वयन, परियोजना की निगरानी और शिकायत निवारण है।

कार्य

यह प्लेटफ़ॉर्म डिजिटल डेटा प्रबंधन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और भू-स्थानिक तकनीक सहित तीन तकनीकों को जोड़ता है। यह भारत सरकार, राज्यों के मुख्य सचिवों और प्रधानमंत्री के विभिन्न सचिवों को भी साथ लाता है। पीएम सचिवों और मुख्य सचिवों के साथ मासिक बातचीत करते हैं।यह बैठक हर महीने के चौथे बुधवार को होती है।


7. 26 नवम्बर : संविधान दिवस

भारत में प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया था। इसका उद्देश्य संविधान के बारे जागरूकता फैलाना है। 26 नवम्बर, 1949 को भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया था, तत्पश्चात 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान को लागू किया गया।

भारतीय संविधान

भारतीय संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। इसमें देश के राजनीतिक सिद्धांत, संरचना, विधि, सरकारी संस्थानों की शक्तियों तथा कर्तव्यों का वर्णन किया गया है। भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद, 25 भाग तथा 12 अनुसूचियां हैं। इसमें सरकार की कार्यप्रणाली का वर्णन किया गया है। इसमें नागरिकों के मूल अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल व मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है।

संविधान में विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका की शक्तियों का वर्णन किया गया है। भारतीय संविधान की एक महत्वपूर्ण विशेषता शक्तियों का विभाजन है। भारतीय संविधान विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान है। भारतीय संविधान के कई हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिए गये हैं।

गणतंत्र दिवस

संविधान ने भारत सरकार अधिनियम, 1935 का स्थान लिया था। संविधान सभा ने संविधान को 26 नवम्बर, 1949 को स्वीकार किया था, बाद में 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू कर दिया गया।

26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?

दरअसल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन की डोमिनियन स्टेटस की पेशकश को ठुकराते हुए 26 जनवरी, 1930 को पूर्ण स्वराज की मांग की थी।


8. शुरू हुआ 10वां राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव

विज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर साल आयोजित किए जाने वाले भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव (National Science Film Festival Of India) के 10वें संस्करण का आरंभ हो चुका है। यह फिल्म महोत्सव भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार एवं त्रिपुरा स्टेट काउंसिल ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस फिल्म महोत्सव का उद्घाटन त्रिपुरा के उप-मुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा ने मंगलवार को वर्चुअल रूप से किया है। यह चार दिवसीय ऑनलाइन फिल्म महोत्सव 24 से 27 नवंबर 2020 तक चलेगा। कोविड महामारी-जन्य परिस्थितियों में यह आयोजन ऑनलाइन संचालित किया जा रहा है। इस मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि “विज्ञान को फिल्मों के माध्मय से आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए किए जा रहे विज्ञान प्रसार के प्रयास प्रशंसनीय है। पूर्वोत्तर भारत और विशेष रूप से त्रिपुरा, जो सांस्कृतिक एवं जैव विविधता के साथ-साथ विशिष्ट जीवन शैली के लिए जाना जाता है, में फिल्मों के माध्यम से विज्ञान को आम लोगों तक ले जाने की पहल सराहनीय है। यह पहल इस क्षेत्र के लोगों में वैज्ञानिक चेतना के विकास में मददगार होगी।” त्रिपुरा के विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण विभाग की सचिव तनुश्री देब वर्मा ने कहा कि “कोविड-19 के कारण उभरी समस्याओं के साथ-साथ हमें यह अवसर भी मिला है कि हम इस ऑनलाइन आयोजन के जरिये व्यापक जनसमुदाय तक पहुंच सकते हैं, जिसका लाभ बड़े पैमाने पर लोगों को मिल सकता है। अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, जैव विविधता एवं जीवन शैली के कारण त्रिपुरा समेत संपूर्ण पूर्वोत्तर भारत युवाओं एवं सांस्कृतिक समुदाय के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास के उद्देश्य से बनायी जाने वाली फिल्मों के निर्माण का एक प्रमुख केंद्र हो सकता है।” विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ नकुल पाराशर ने कहा कि “अपनी तीन दशक की यात्रा में विज्ञान प्रसार ने निरंतर विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लोगों को जोड़ने का कार्य किया है। विज्ञान फिल्म महोत्सव इस यात्रा का एक अहम हिस्सा है। इस वर्ष लॉकडाउन से पहले मार्च में अगरतला में यह आयोजन होना था, जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। लेकिन, महामारी के प्रकोप को देखते हुए विज्ञान फिल्म फेस्टिवल को स्थगित करना पड़ा और अब यह वर्चुअल रूप से आयोजित किया जा रहा है। आज पूरी दुनिया की नज़रें वैक्सीन के विकास पर टिकी हुई हैं और हम यह उम्मीद करते हैं कि आगामी राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव अपने वास्तविक स्वरूप में आयोजित हो सकेगा।” इस वार्षिक फिल्म महोत्सव में इस साल विभिन्न भाषाओं की कुल 372 फिल्मों की प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। दस सदस्यीय निर्णायक मंडल द्वारा इनमें से चुनी गई 115 फिल्मों को इस ऑनलाइन विज्ञान फिल्म महोत्सव के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मलयालम, कश्मीरी, बंगाली, मराठी, पंजाबी और तमिल भाषाओं की फिल्में शामिल हैं। ये फिल्में विभिन्न पेशेवरों, अलग-अलग संस्थानों, निर्माताओं, छात्रों एवं अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों द्वारा बनायी गई हैं। इस महोत्सव में डॉक्यूमेंट्री, डॉक्यू-ड्रामा, एनिमेशन एवं साइंस फिक्शन वर्गों में फिल्में आमंत्रित की गई थीं। ये फिल्में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, ऊर्जा, पर्यावरण, जल प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं औषधि, बायोग्राफी, कृषि, परंपरागत ज्ञान और विज्ञान के इतिहास जैसे विषयों पर केंद्रित हैं। इस फिल्म महोत्सव में सरकारी अनुदान पर आधारित फिल्मों के साथ-साथ स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं, मीडिया अध्ययन संस्थानों, कॉलेज छात्रों एवं विश्वविद्यालयों और स्कूली छात्रों की फिल्मों के लिए मुख्य रूप से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। फिल्मों के प्रदर्शन के अलावा इस वर्चुअल महोत्सव में विज्ञान, मीडिया, स्वास्थ्य और सिनेमैटोग्राफी जैसे विषयों पर चर्चाएं और कार्यशालाएं भी आयोजित होंगी। आयोजन के आखिरी दिन पुरस्कृत होने वाली उत्कृष्ट विज्ञान फिल्मों के नामों की घोषणा की जाएगी। विज्ञान प्रसार के वरिष्ठ वैज्ञानिक और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव के संयोजक निमिष कपूर ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि “विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, ऊर्जा, पर्यावरण, चिकित्सा, कृषि और पारंपरिक ज्ञान को लोकप्रिय बनाने वाली फिल्मों के माध्यम से वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए यह आयोजन किया जाता है। विज्ञान को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसका उद्देश्य विज्ञान आधारित फिल्मों और उनके निर्माताओं के काम को प्रोत्साहित करना भी है।” विज्ञान फिल्म महोत्सव के निर्णायक मंडल में शामिल जाने-माने फिल्ममेकर गिरीश कासारवल्ली, मशहूर फिल्ममेकर एवं सिनेमा शिक्षाविद अभिजीत दास गुप्ता, मीडिया शिक्षाविद शंभूनाथ सिंह और दूरदर्शन के अतिरिक्त महानिदेशक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने भी इस अवसर पर समाज में वैज्ञानिक चेतना के प्रसार मे विज्ञान फिल्मों के महत्व को रेखांकित किया है। उल्लेखनीय है कि 10वां भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव इस वर्ष 18-22 मार्च को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में आयोजित होना था। पर, कोविड-19 के चलते यह फिल्म महोत्सव वर्चुअल रूप में आयोजित हो रहा है। विज्ञान प्रसार की वेबसाइट पर जाकर इस विज्ञान फिल्म महोत्सव से वर्चुअल रूप में जुड़ा जा सकता है। इससे पहले 9वां भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया था।


9. मलयालम फिल्म जल्लीकट्टू बनी भारत की आधिकारिक ऑस्कर प्रविष्टि

93 वें एकेडमी अवार्ड्स: मलयालम फिल्म जल्लीकट्टू को विदेशी भाषा की फिल्म श्रेणी में ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के तौर पर चुना गया है। इस फिल्म को सर्वसम्मति से हिंदी, मराठी और अन्य भाषाओं की 27 प्रविष्टियों में से चुना गया था।

लिजो जोस पेलिसरी द्वारा निर्देशित, यह मलयालम फिल्म जल्लीकट्टू एक बैल के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने निर्धारित वध की पूर्व संध्या पर दूरदराज के एक पहाड़ी गांव के एक बूचड़खाने से निकलता है और इस बैल को रोकने के लिए पुरुषों की एक पूरी जमात आगे आती है।

इस फिल्म की कहानी एस. हरीश की एक लघु कहानी माओइस्ट पर आधारित है। इसे 24 वें बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था। इसका वर्ष 2019 के टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी प्रीमियर हुआ था और इसे वहां व्यापक सराहना मिली थी।

93 वें एकेडमी अवार्ड्स 25 अप्रैल, 2021 को आयोजित किये जायेंगे।

मुख्य विशेषताएं

93 वें एकेडमी अवार्ड्स में इंटरनेशनल फ़ीचर फ़िल्म श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के तौर पर जल्लीकट्टू का चयन फ़िल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (FFI) द्वारा 25 नवंबर, 2020 को किया गया था।

हिंदी, मलयालम और मराठी भाषाओं की फिल्मों सहित कुल 27 फिल्मों में से इस आधिकारिक प्रविष्टि का चयन किया जाना था।

फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के जूरी बोर्ड के सदस्य राहुल रवैल ने ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए जूरी के नामांकन के तौर पर, इस मलयालम फिल्म जल्लीकट्टू के नाम की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी फिल्म है जो उन मूल समस्याओं को सामने लाती है जो इंसानों में होती हैं, और यह साबित करती हैं कि हम जानवरों से भी बदतर हैं।

इस अवार्ड प्रतियोगिता की अन्य फिल्मों में द स्काई इज़ पिंक, छपाक, छलांग, गुलाबो सीताबो, शकुंतला देवी, ईब अलाय ऊ!, बुलबुल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्द फीचर, दी डिसीपल शामिल थीं।

जल्लीकट्टू

जल्लीकट्टू फिल्म का नाम दक्षिण में लोकप्रिय और विवादास्पद बुल-टेमिंग कार्यक्रम से लिया गया है। इसमें अभिनेता एंटनी वर्गीस, चेम्बन विनोद जोस, सैंथी बालाचंद्रन और साबुमॉन अब्दुसमद जैसे कलाकारों ने दमदार अभिनय किया है।

फिल्म के निर्देशक लिजो जोस पेलिसरी ने वर्ष, 2019 में भारत के 50 वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक की ट्रॉफी जीती थी।

10. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने NIIF में 6,000 करोड़ रुपये का पूँजी निवेश को मंज़ूरी दी

25 नवंबर, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय अवसंरचना निवेश कोष में 6,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश को मंजूरी दी। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा है। यह कदम 1 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय पाइपलाइन बनाने पर केन्द्रित है।

राष्ट्रीय निवेश व अधोसंरचना फण्ड (NIIF)

NIIF की स्थापना दिसम्बर, 2015 में की गयी थी, इसका उद्देश्य अधोसंरचना क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना था। देश में अधोसंरचना को बढ़ावा देने के लिए इस फण्ड की आवश्यकता थी। इससे देश के आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा। इस फण्ड में निवेशकों को जोखिम समायोजित रिटर्न्स दिए जाते हैं।

NIIF को भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड में केटेगरी 2 अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फण्ड में पंजीकृत किया गया है। NIIF में आने वाले वर्षों में 40,000 करोड़ रूपए की राशि एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस फण्ड का 49% हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा, जबकि शेष 51% हिस्सा घरेलु व वैश्विक निवेशकों से प्राप्त किया जायेगा। NIIF की गवर्निंग कौंसिल की अध्यक्षता वित्त मंत्री द्वारा की जाती है, गवर्निंग कौंसिल सलाहकार परिषद् के रूप में कार्य करती है।

राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline)

नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में सामाजिक और आर्थिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शामिल हैं। 2019 से 2025 तक राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन बनाने के लिए 2019 में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था। यह पाइपलाइन मुख्य रूप से उन परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी जो जीवनयापन में आसानी को बढ़ाएंगे। इसमें स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा, सुरक्षित पेयजल, रेलवे स्टेशन, बस टर्मिनल, हवाई अड्डे और विश्व स्तर के शैक्षिक संस्थान शामिल हैं। यह अनुमान है कि 2020 और 2025 के बीच भारत में सड़क, ऊर्जा, शहरी और रेलवे जैसे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में कुल व्यय का 70% हिस्सा है।

ये कदम भारत को 2024-25 तक 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेंगे।


11. अगले वर्ष से लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने के लिए नंबर से पहले जीरो लगाना आवश्यक होगा

हाल ही में संचार मंत्रालय ने कहा है कि अगले साल 15 जनवरी से सभी फिक्स्ड टू मोबाइल कॉल्स को प्रीफिक्स ‘0’ के साथ डायल किया जाएगा। फिक्स्ड टू फिक्स्ड कॉल, मोबाइल से फिक्स्ड और मोबाइल से मोबाइल कॉल में कोई बदलाव नहीं होगा।

मुख्य बिंदु

दूरसंचार विभाग ने ट्राई की सिफारिश पर “फिक्स्ड लाइन और मोबाइल सेवाओं के लिए पर्याप्त संख्या संसाधन सुनिश्चित करने” पर विचार के साथ इसे लागू करने का निर्णय लिया है। इससे लगभग 2539 मिलियन नंबरिंग श्रृंखला उत्पन्न होने की उम्मीद है। यह भविष्य में उपयोग के लिए पर्याप्त संख्या में संसाधनों को मुक्त करेगा।

पर्याप्त संख्या में संसाधनों को मुक्त करने के साथ, भविष्य में अधिक संख्या में कनेक्शन जोड़े जा सकते हैं जो बड़े पैमाने पर मोबाइल ग्राहकों के लिए फायदेमंद होंगे। ग्राहकों को न्यूनतम असुविधा और आवश्यक संख्या संसाधनों को मुक्त करने के लिए यह बदलाव किए गए हैं।

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI)

TRAI भारत में दूरसंचार व्यापार का स्वतंत्र रेगुलेटर है, इसकी स्थापना 1997 में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण, 1997 के तहत की गयी थी। TRAI भारत में दूरसंचार सेवाओं के रेट को निश्चित अथवा संशोधित करता है। TRAI का उद्देश्य देश में दूरसंचार क्षेत्र के विकास के लिए उचित माहौल तैयार करना है।



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