1. धार्मिक स्थलों की रक्षा पर संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हाल ही में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए शांति और सहिष्णुता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक प्रस्ताव को अपनाया है। यह प्रस्ताव धार्मिक स्थलों को आतंकवाद के कृत्यों से बचाने के लिए और अधिक प्रयासों का आह्वान करता है।
मुख्य बिंदु : यह प्रस्ताव धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए शांति और सहिष्णुता की संस्कृति को बढ़ावा देता है। इस प्रस्ताव में धार्मिक स्थलों को आतंकवाद और इस तरह के कृत्यों से बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की कार्य योजना को लागू करने के लिए कहा गया है। धार्मिक स्थल परंपराओं, सामाजिक ताने-बाने और किसी स्थान और समुदाय के इतिहास का प्रतिनिधित्व करते है, इसलिए इन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए।
आतंकवादियों ने ऐसे स्थलों को निशाना बनाया और नष्ट किया है, जिसका उदाहरण देते हुए सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों पर बढ़ते खतरे को उजागर किया गया है। इस प्रस्ताव में कलाकृतियों की अवैध तस्करी को भी इंगित किया गया है। यह प्रस्ताव सभी सरकारों को इन स्थलों को सुरक्षित करने के लिए कहता है। प्रत्येक देश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी आतंकवादी हमले में किसी भी स्थान की सुरक्षा के लिए उचित उपाय किए जाएं।
यह प्रस्ताव सऊदी अरब द्वारा प्रस्तावित किया गया था और इसे इराक, मिस्र, यमन, फिलिस्तीन, सूडान और यूएई जैसे अरब देशों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था। इस प्रस्ताव का समर्थ यूरोपीय संघ और अमेरिका द्वारा किया गया है।
2. स्पेन और फ्रांस ने यूरोप के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये
स्पेन और फ्रांस ने हाल ही में 590 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह यूरोप का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र होगा। स्पेन के इबेरडोला और फ्रांस के डॉनोन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
मुख्य बिंदु :
यह सौर ऊर्जा संयंत्र 364 मिलियन डालर की लागत से बनाया जायेगा।
यह सौर ऊर्जा संयंत्र स्पेन में कासेरेस प्रांत में स्थित होगा।
इस सौर ऊर्जा संयंत्र से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 2,45,000 टन की कमी होगी।
यह प्लांट प्रतिवर्ष 3,75,000 लोगों को बिजली की आपूर्ति करेगा।
इस परियोजना से 2022 में बिजली की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
स्पेन : स्पेन वर्तमान में यूरोप का सबसे व्यस्त सब्सिडी मुक्त फोटो-वोल्टाइक बाजार है। 2020 में, स्पेन ने 2.9 गीगावॉट सौर उर्जा को कमीशन किया। 2019 में, स्पेन ने 729 मेगावाट सौर ऊर्जा को जोड़ा था।
फ्रांस : फ्रांस ने 2023 तक 18 से 20 गीगावॉट सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। 2016 में, भारत के साथ फ्रांस ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की नींव रखी थी। हालाँकि फ्रांस उष्णकटिबंधीय देशों में स्थित देश नहीं है, लेकिन उसने भारत के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में हाथ मिलाया है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा की लागत में बड़ी कमी लाना है। यह लक्ष्य सौर ऊर्जा से समृद्ध देशों को शामिल करके प्राप्त किया जायेगा।
भारत में सौर ऊर्जा : भारत अपनी सौर ऊर्जा क्षमता में वृद्धि कर रहा है। नवंबर 2020 तक, भारत की स्थापित सौर ऊर्जा 36.9 GW थी। भारत ने सौर संयंत्रों के प्रवर्तकों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए 42 सौर पार्क स्थापित किए हैं। भारत ने 2022 तक 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
3. नेपाल के प्रधानमंत्री ओली को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी से निष्काषित किया गया
नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। संसद भंग करने के अपने फैसले के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है।
मुख्य बिंदु : पार्टी के विशाल समूह का नेतृत्व पूर्व प्रधानमंत्रियों पुष्प कमल दहल और माधव कुमार ने किया था।
दोनों सदस्यों ने पहले पीएम ओली से अपने असंवैधानिक फैसलों के लिए स्पष्टीकरण मांगा था। उन्होंने स्पष्टीकरण मांगने के लिए पत्र भी भेजा था। लेकिन पीएम ओली इसका जवाब देने में नाकाम रहे।
पृष्ठभूमि : प्रधानमंत्री ओली ने 20 दिसंबर, 2020 को संसद के विघटन के लिए सिफारिश की थी। उन्होंने सत्ता के लिए पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ संघर्ष के बाद यह निर्णय लिया था।
इसके बाद नेपाल की राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। और इस प्रकार, संसद भंग कर दी गई।
संसद के चुनाव अब 30 अप्रैल और 10 मई 2021 को आयोजित किये जायेंगे।
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी : यह नेपाल में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल है। इस पार्टी को दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी माना जाता है। इस पार्टी की स्थापना 17 मई, 2018 को हुई थी। इसका गठन दो वामपंथी दलों अर्थात् नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओवादी सेंटर) के एकीकरण के बाद हुआ था। यह पार्टी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल वर्तमान में पीएम ओली के निष्कासित होने के बाद अकेले पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। पीएम ओली को हटाए जाने के बाद एनसीपी दो हिस्सों में बंट गई है।
4. 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर दिखी भारत की आन बान शान की तस्वीर
देश के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक विजय चौक पर देश की आन-बान-शान का शानदार नजारा देखा गया जहां भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधताओं वाली विरासत, आधुनिक युग की उसकी उपलब्धियां, भविष्य के भारत का खाका और देश की सुरक्षा करने की फौज की क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं के साथ भव्य परेड देखा। कोविड-19 कारण उत्पन्न परिस्थिति के मद्देनजर इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी शासनाध्यक्ष मुख्य अतिथि के रूप में नहीं थे।
कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार गणतंत्र दिवस समारोह इस मायने में भी अन्य वर्षों की तुलना में अलग रहा कि परेड के पथ की दूरी कम कर दी गई। हर साल की तरह विजय चौक से शुरू होकर परेड के लाल किले की बजाए इंडिया गेट के पास नेशनल स्टेडियम में सम्पन्न करने का पथ निर्धारित किया गया।
परेड के दौरान गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत मोदी सरकार के ज्यादातर मंत्री मौजूद रहे। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित कई अन्य नेता भी मौजूद थे।
सलामी मंच पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मौजूदगी में राजपथ पर भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया। अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों एवं जहाजों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने किसी भी चुनौती से निपट सकने की देश की ताकत का अहसास कराया। सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले युद्धक विमानों को राजपथ के उपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देखा गया। इन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी का अहसास हुआ।
करीब 10 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान की धुन के बीच 21 तोपों की सलामी के साथ परेड शुरू हुई। आज की परेड के परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा थे।
परेड में बांग्लादेश सशस्त्र सेना के 122 जवानों के मार्चिंग दस्ते ने हिस्सा लिया। बांग्लादेश की इस टुकड़ी का नेतृत्व कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल अबू मोहम्मद शाहनूर ने किया। इस वर्ष भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों के पचास साल पूरे हो रहे हैं।
राजपथ पर परेड की खासियत हाल ही में फ्रांस से आए राफेल विमान के हैरतअंगेज करतब और आकाश में वायु सेना की शक्ति का प्रदर्शन रही।
पारंपरिक कुर्ता पाजामा और जैकेट पहने प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक पहुंचे और देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत सहित तीनों सेनाओं के प्रमुख भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने शहीदों के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा। उन्होंने आगंतुक पुस्तिका पर संदेश भी लिखा।
भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए चिनूक और अपाचे युद्धक हेलीकॉप्टर के साथ एमआई-17 हेलीकाप्टर गणतंत्र दिवस की भव्य सैन्य परेड में आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे। चिनूक दूरदराज के स्थानों तक व्यापक स्तर पर सामग्री को पहुंचा सकता है। अपाचे हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मारक क्षमता वाला हेलीकॉप्टर है जो दुश्मनों पर कहर ढा सकता है।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान हर्कुलियस, जगुआर, सुखोई विमानों ने अद्भुत प्रदर्शन कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।
राफेल विमान के साथ जगुआर और मिग विमानों ने आकाश में एकलब्य आकृति का निर्माण किया। राफेल विमान ने ब्रह्मास्त्र आकृति का निर्माण भी किया। परेड में सुखोई 30 एमकेआई, मिग 29, सी 17 ग्लोबमास्टर, सी 130जे विमानों ने भी हिस्सा लिया। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया।
कई स्कूलों के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उपस्थित दर्शकों का अभिवादन किया और कुछ दूर तक पैदल चले।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी जिसके तहत हजारों सशस्त्र कर्मी कड़ी निगरानी कर रहे थे।
अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों के विकास को प्रदर्शित करता रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) एक बार फिर गणतंत्र दिवस परेड 2021 के लिए दो महत्वपूर्ण झाँकियाँ लेकर आया है। वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों का प्रदर्शन करते हुए, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट-एलसीए नेवी का उडान भरना और विमान वाहक पोत पर उतारना शामिल है।
परेड में उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, दिल्ली, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश सहित कई राज्यों की सांस्कृतिक विविधिता एवं उपलब्धियों की झांकी प्रस्तुत की गई।
5. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त करने में चीन ने अमेरिका को पछाड़ा
व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nations Conference on Trade and Development) के हालिया आंकड़ों के ओसार चीन ने वर्ष 2020 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए दुनिया के शीर्ष गंतव्य के रूप में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है।
मुख्य बिंदु :
अमेरिका अभी भी कोविड-19 महामारी से उबर रहा है।
अमेरिका में विदेशी व्यवसायों द्वारा नया निवेश वर्ष 2020 में 49% तक गिर गया है।
चीन ने 2020 में नए निवेश को आकर्षित किया है, जबकि अमेरिका ने विदेशी निवेश के कुल स्टॉक के संबंध में उच्च स्थान बनाए रखा है।
उच्च स्टॉक से पता चलता है कि अमेरिका दशकों से विदेशी व्यवसायों के लिए सबसे आकर्षक स्थान रहा है।
अमेरिका में एफडीआई : अमेरिका में विदेशी निवेश ने वर्ष 2016 में गति पकड़नी शुरू की। 2016 तक, चीन में 134 बिलियन डॉलर के कुल विदेशी निवेश के मुकाबले अमेरिका में विदेशी निवेश 472 बिलियन डॉलर था। हालांकि, 2017 के बाद से चीन में निवेश में वृद्धि जारी रही जबकि अमेरिका में गिरावट शुरू हो गयी।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) : एक इकाई द्वारा दूसरे देश में एक व्यवसाय के स्वामित्व को नियंत्रित करने के रूप में जो निवेश किया जाता है उसे विदेशी प्रत्यक्ष निवेश कहा जाता है। इस प्रकार, यह प्रत्यक्ष नियंत्रण के संबंध में एक विदेशी पोर्टफोलियो निवेश से अलग है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेश : यह स्टॉक, बॉन्ड और रोकड़ समकक्ष जैसी परिसंपत्तियों का समूह है। इस तरह के निवेश एक निवेशक द्वारा किए जाते हैं या इसे वित्तीय पेशेवरों द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
6. आईएमएफ का अनुमान, 2021 में 11.5 प्रतिशत रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि दर
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 11.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। कोरोना वायरस महामारी के बीच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत एकमात्र देश है जिसकी आर्थिक वृद्धि दर इस साल दहाई अंक में होगी। आईएमएफ ने मंगलवार को जारी अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में वृद्धि का अनुमान जताया है। यह अर्थव्यवस्था में तेजी से पुनरूद्धार को बताता है।
वर्ष 2020 में महामारी के कारण इसमें 8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। मुद्राकोष ने अद्यतन रिपोर्ट में 2021 में 11.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया। इस लिहाज से अगले साल भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में एकमात्र देश होगा जिसकी वृद्धि दर दहाई अंक में होगी। वृद्धि के लिहाज से चीन 2021 में 8.1 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर होगा। उसके बाद क्रमश: स्पेन (5.9 प्रतिशत) और फ्रांस (5.5) का स्थान रहने का अनुमान है।
आईएमएफ ने आंकड़ों को संशोधित करते हुए कहा कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। चीन एकमात्र बड़ा देश है जिसकी वृद्धि दर 2020 में सकारात्मक 2.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मुद्राकोष के अनुसार 2022 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत और चीन की 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इस ताजा अनुमान के साथ भारत दुनिया की तीव्र आर्थिक वृद्धि वाला विकासशील देश का दर्जा फिर से हासिल कर लिया है। इस महीने की शुरूआत में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीन जार्जीएवा ने कहा था कि भारत ने वास्तव में महामारी और उसके आर्थिक प्रभाव से निपटने के मामले में निर्णायक कदम उठाया है।
उन्होंने कहा था कि भारत की जितनी आबादी है और जिस तरह से लोग आस-पास रहते हैं, उसमें ‘लॉकाउन' बड़ा कदम था। उसके बाद भारत ने लक्षित पाबंदियां और ‘लॉकडाउन' लगाया। आईएमफ प्रमुख ने कहा कि इसके साथ नीतिगत कदम उठाये गये। ‘‘...अगर आप संकेतकों को देखें तो भारत आज कोविड पूर्व स्तर पर पहुंच गया है। यानी अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय रूप से पुनरूद्धार हुआ है।''
7. टीसीएस फिर बनी सबसे मूल्यवान घरेलू कंपनी
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को पीछे छोड़ते हुए बाजार पूंजीकरण के लिहाज से एक बार फिर देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई।
दोपहर के कारोबार के दौरान टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 12,45,341.44 करोड़ रुपए था, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का बाजार पूंजीकरण घटकर 12,42,593.78 करोड़ रुपए रह गया।
आरआईएल के तिमाही नतीजे निवेशकों को खुश नहीं कर सके, जिसके चलते उसके शेयर बीएसई में 4.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,950.30 पर कारोबार कर रहे थे। इसके विपरीत टीसीएस के शेयर 1.26 प्रतिशत की बढ़त के साथ एक साल के उच्चतम स्तर 3,345.25 रुपए पर आ गए।
टीसीएस ने पिछले साल मार्च में सबसे मूल्यवान कंपनी का दर्जा खो दिया था, जिसे उसने सोमवार को दोबारा हासिल कर लिया। शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव के साथ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण हर दिन बदलता रहता है।
8. “उद्योग सहायक एंटरप्राइज नेटवर्क” पर ड्राफ्ट नीति जारी की गयी
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI), टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) और अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी ने उद्योग सहायक एंटरप्राइज नेटवर्क (USENET) फ्रेमवर्क ड्राफ्ट नीति पेश की है है।
USENET फ्रेमवर्क मसौदा नीति : उद्योग सहायक एंटरप्राइज नेटवर्क (USENET) फ्रेमवर्क इस विश्वास के आधार पर निर्धारित किया गया है कि भारत को और अधिक नैनो-उद्यमी बनाने के बजाय मौजूदा MSEs को विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए।
62 मिलियन से अधिक नैनो और सूक्ष्म-उद्यमों को विकास-संचालित सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से इस फ्रेमवर्क को बनाया गया है।ऐसे नैनो और सूक्ष्म उद्यम वर्तमान में भारत में 100 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं।
इस मसौदे में एक देशव्यापी उद्यमी नेटवर्क बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
फ्रेमवर्क का उद्देश्य : यह फ्रेमवर्क नैनो और सूक्ष्म उद्यमों को नीतियों, सरकारी योजनाओं, ऋण विकल्पों, ऋणदाताओं और ग्राहकों के बारे में जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह एक ‘सपोर्ट सिस्टम’ भी बनाएगा जो उद्यमों को नई तकनीकों को अपनाने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा।
फ्रेमवर्क का महत्व : यह ड्राफ्ट नीति नैनो और सूक्ष्म उद्यमों को एक प्रमुख प्रोत्साहन प्रदान करेगी जो अर्थव्यवस्था के अनौपचारिक क्षेत्र में वृद्धि के लिए चुनौती का सामना कर रहे हैं। यह फ्रेमवर्क नैनो और सूक्ष्म उद्यमों को मज़बूत करके पांच वर्षों में 10.3 मिलियन नौकरियां पैदा करने में मदद कर सकता है। इस प्रकार, इस फ्रेमवर्क में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करने की क्षमता है।
9. ई-मोबिलिटी पर साथ काम करेंगे आईआईटी, दिल्ली और हुंडई मोटर्स
(इंडिया साइंंस वायर) सीमित ऊर्जा संसाधनों को देखते हुए इसके वैकल्पिक स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों को सुदृढ़ बनाने के इरादे से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली और हुंडई मोटर्स इंडिया के बीच एक नयी साझेदारी की घोषणा की गई है। इस संयुक्त पहल का लाभ आईआईटी, दिल्ली के छात्रों को विशेष रूप-से मिल सकता है। नयी साझेदारी के अंतर्गत आईआईटी, दिल्ली के छात्रों को वैकल्पिक ऊर्जा से संचालित वाहनों के विकास, उभरती प्रौद्योगिकियों के अध्ययन और अत्याधुनिक वाहनों से जुड़े नवाचार के लिए हुंडई मोटर्स की ओर से अनुसंधान और प्रशिक्षण सहयोग मिल सकेगा। इस संबंध में, आईआईटी, दिल्ली के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन ऐंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (FITT), और हुंडई मोटर्स की सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित इकाई हुंडई इंडिया फाउंडेशन के बीच एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। वाहनों, विशेष रूप से कारों तथा ट्रकों के शोर, कंपन एवं कठोरता (एनवीएच) और बैटरी संबंधी विशेषताओं के अध्ययन के लिए हुंडई मोटर इंडिया की ओर से आईआईटी, दिल्ली को कंपनी की द्वारा निर्मित इलेक्ट्रिक कार ‘कोना’ प्रदान की गई है। कहा जा रहा है कि यह कार आईआईटी, दिल्ली के छात्रों को वैकल्पिक ऊर्जा से संचालित वाहनों का अध्ययन करने में उपयोगी साबित होगी। आईआईटी, दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव और हुंडई मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एस. किम के बीच इस संबंध में एक सहमति-पत्र का परस्पर आदान-प्रदान किया गया है। प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने कहा कि “आईआईटी, दिल्ली उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उद्योग-जगत के अनुरूप अनुसंधान कार्यों पर जोर देता रहा है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आईआईटी, दिल्ली के सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च ऐंड ट्राइबोलॉजी (CART) के लिए ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में हुंडई के साथ विभिन्न अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।” उन्होंने कहा कि यह साझेदारी आईआईटी, दिल्ली और हुंडई के साथ सहयोग को मजबूत बनाने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हुंडई मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एस. किम ने कहा कि “हम अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए भविष्य की प्रौद्योगिकियों के विकास पर जोर देते हैं, जिसमें स्वच्छ ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत शामिल हैं। इस पहल का सबसे अधिक लाभ आईआईटी, दिल्ली के सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च ऐंड ट्राइबोलॉजी (CART) में शोध कार्य कर रहे छात्रों को मिल सकेगा।”
10. महाराष्ट्र ने ‘जेल पर्यटन’ शुरू किया गया
महाराष्ट्र सरकार ने पुणे की यरवदा जेल से ‘जेल पर्यटन’ शुरू करने का फैसला किया है। यह 26 जनवरी, 2021 को शुरू होगा। यह पहल राज्य में ऐतिहासिक जेलों को देखने के लिए लोगों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। यह कई स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में किया जा रहा है जो कभी जेल में कैद थे। ब्रिटिश शासन के तहत यरवदा जेल में कैद किए गए कुछ स्वतंत्रता सेनानियों में महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू, लोकमान्य तिलक, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू, सरदार वल्लभभाई पटेल और सुभाष चंद्र बोस शामिल हैं।
यरवदा सेंट्रल जेल : यह पुणे के यरवदा में एक प्रसिद्ध उच्च-सुरक्षा जेल है। यह महाराष्ट्र राज्य की सबसे बड़ी जेल है। यह जेल दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक हैं। इसमें 5,000 कैदियों को रखा जा सकता है। इस जेल का निर्माण वर्ष 1871 में अंग्रेजों ने किया था। यह उच्च दीवारों द्वारा संरक्षित है और इसे विभिन्न सुरक्षा क्षेत्रों और बैरकों में विभाजित किया गया है। इसमें उच्च सुरक्षा वाले कैदियों के लिए अंडे के आकार की कोशिकाएं भी शामिल हैं।
यरवदा जेल में महात्मा गांधी : महात्मा गांधी ने 1932 में भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान यरवदा जेल में कई साल बिताए थे। वर्ष 1932 में जब उन्हें जेल में रखा गया था, तब वे दलित वर्गों के लिए सांप्रदायिक पुरस्कार के विरोध में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे थे। उन्होंने पूना समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अपना उपवास खोला था। मई 1933 में गांधी को रिहा किया गया। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें वर्ष 1942 में फिर से जेल में डाल दिया गया था।
भारत छोड़ो आंदोलन : भारत छोड़ो आंदोलन को अगस्त आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है। महात्मा गांधी द्वारा 1942 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे अधिवेशन में यह आंदोलन शुरू किया गया था। यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के उद्देश्य से यह आन्दोलन शुरू किया गया था।
11. पद्म पुरस्कारों का ऐलान, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पद्म भूषण
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे और दिवंगत गायक एसपी बालासुब्रमण्यम को सोमवार को इस साल का पद्म विभूषण पुरस्कार देने की घोषणा की गई। पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत तरुण गोगोई तथा पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत केशुभाई पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राम विलास पासवान और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का नाम पद्म भूषण पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति ने 119 पद्म पुरस्कार दिए जाने को मंजूरी दी है जिनमें 7
पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 पद्मश्री हैं। पद्म पुरस्कार विजेताओं में 29 महिलाएं हैं। इनमें 10 लोग विदेशी, प्रवासी भारतीय, पीआईओ और ओसीआई तथा एक व्यक्ति ट्रांसजेंडर श्रेणी से हैं। इनमें 16 लोगों को पद्म पुरस्कार मरणोपरांत दिए गए हैं। कलाकार सुदर्शन साहू को पद्म विभूषण, प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र, धार्मिक नेता दिवंगत कल्बे सादिक और सामाजिक कार्यकर्ता तरलोचन सिंह को पद्म भूषण दिया गया है। पूर्व राज्यपाल दिवंगत मृदुला सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री बिजोय चक्रवर्ती को पद्मश्री पुरस्कार मिला है। 7 पद्म विभूषण : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे, गायक एसपी बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत), सैंड कलाकार सुदर्शन साहू, पुरातत्वविद बीबी लाल को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा। पद्म विभूषण से कुल 7 हस्तियों को सम्मानित किया गया है। 10 को पद्मभूषण : कुल 10 लोगों को पद्म भूषण पुरस्कार दिया गया है। पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (मरणोपरांत), असम के पूर्व सीएम तरुण गोगोई (मरणोपरांत) और धर्मगुरु कल्वे सादिक (मरणोपरांत) शामिल हैं।
केशुभाई पटेल, चंद्रशेखर कंबरा, तरलोचन सिंह भी शामिल हैं। 110 हस्तियों को पद्मश्री : गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा, ब्रिटिश फिल्म निर्देशक पीटर ब्रूक, फादर वलिस (मरणोपरांत), प्रोफेसर चमन लाल सप्रू (मरणोपरांत) समेत कुल 102 हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर सम्मानित होने वाली हस्तियों को बधाई दी है।पीएम ने कहा कि हमें उन सभी पर गर्व है, जिन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। भारत राष्ट्र और मानवता के लिए काम करने वाली हस्तियों के योगदान को सम्मानित करता रहा है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के इन असाधारण विभूतियों ने दूसरों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाने का काम किया।
पद्म पुरस्कार
यह देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है।
यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाता है : पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री।
यह कला, सार्वजनिक मामलों, सामाजिक कार्य, व्यापार और उद्योग, विज्ञान और इंजीनियरिंग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और नागरिक सेवा सहित विभिन्न विषयों और गतिविधियों के क्षेत्रों में दिया जाता है।
पद्म विभूषण
यह भारत गणराज्य का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
यह पुरस्कार 2 जनवरी, 1954 को स्थापित किया गया था।
यह पुरस्कार “असाधारण और विशिष्ट सेवा” के लिए दिया जाता है।
1954 में सत्येंद्र नाथ बोस, जाकिर हुसैन, बालासाहेब गंगाधर खेर, नंद लाल बोस इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले प्रथम विजेता थे।
वर्ष 2021 में, इस पुरस्कार के विजेता हैं :
श्री शिंजो आबे – सार्वजनिक मामले – जापान
श्री एस.पी. बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत) – कला – तमिलनाडु
श्री सुदर्शन साहू – कला – ओडिशा
बेले मोनप्पा हेगड़े – चिकित्सा – कर्नाटक
श्री बी.बी. लाल व अन्य – पुरातत्व – दिल्ली
श्री नरिंदर सिंह कपनी (मरणोपरांत) – विज्ञान और इंजीनियरिंग – अमेरिका
मौलाना वहीदुद्दीन खान – आध्यात्मिकता – दिल्ली
पद्म भूषण
यह भारत में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। इस पुरस्कार की स्थापना 2 जनवरी, 1954 को की गयी थी।
पद्म श्री
भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण के बाद यह भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। यह भारत सरकार द्वारा हर साल 1954 के बाद से गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदान किया जाता है।
12. भारतीय निर्वाचन आयोग ने लांच किया ‘e-EPIC’ कार्यक्रम
भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टोरल फोटो पहचान पत्र (e-EPIC) कार्यक्रम लांच किया। नए डिजिटल कार्ड को पांच राज्यों केरल, पुडुचेरी, असम, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए लॉन्च किया जा रहा है।
e-EPIC क्या है? :
यह Electoral Photo Identity Card (EPIC) का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है।
यह में एक सुरक्षित पोर्टेबल दस्तावेज़ प्रारूप (पीडीएफ) संस्करण है।
e-EPIC में सीरियल नंबर और भाग संख्या सहित फोटो और जनसांख्यिकी के साथ एक सुरक्षित क्यूआर कोड शामिल है।
इस पोर्टेबल संस्करण को मोबाइल या कंप्यूटर पर डाउनलोड किया जा सकता है।
यह पोर्टेबल आईडी भौतिक या पारंपरिक आईडी के अलावा लॉन्च की जाएगी जिसे डिजिटल रूप से स्टोर किया जा सकता है।
यह पहल कैसे शुरू की जाएगी?
e-EPIC पहल दो चरणों में शुरू की जाएगी।
पहला चरण में 25 से 31 जनवरी के बीच होगा। इस चरण में नए मतदाताओं को उनके मोबाइल नंबर के सत्यापन के बाद e-EPIC डाउनलोड करके बस मतदाता-पहचान पत्र मिल जाएगा।
1 फरवरी से दूसरा चरण शुरू किया जाएगा, जिसमें सामान्य मतदाताओं को वोटर-आईडी मिलेगा।
वोटर-आईडी के डिजिटलाइजेशन का महत्व :
इलेक्ट्रॉनिक कार्ड चुनाव आयोग को हार्ड कॉपी की छपाई और वितरण लागत को बचाने में मदद करेगा।
इससे मतदान के दिन मतदाता पर्ची ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) :
यह एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन करता है।
यह लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं और राज्य विधान परिषदों के चुनाव भी आयोजित करता है।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्यालयों के चुनाव भी निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
इसकी स्थापना 25 जनवरी 1950 को अनुच्छेद 324 के अनुसार की गई थी।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस : 25 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य देश में चुनावों में मतदान करने के लिए लोगों को बड़ी संख्या में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है। इस दिवस के अवसर पर चुनावी प्रक्रिया में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निर्वाचन अधिकारियों को सम्मानित (National Awards for the Best Electoral Practices) किया जाता है।
13. ऑक्सफैम ने “The Inequality Virus” रिपोर्ट जारी की
ऑक्सफैम ने हाल ही में “The Inequality Virus” शीर्षक से अपनी रिपोर्ट जारी की है। ऑक्सफेम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि COVID-19 महामारी ने भारत और दुनिया भर में मौजूदा असमानताओं को और गहरा किया है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु : इस रिपोर्ट के अनुसार, महामारी ने अर्थव्यवस्था की गति को रोक दिया है और इसके कारण लाखों भारतीयों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
हालांकि, लॉकडाउन के दौरान भारत के सबसे अमीर अरबपतियों की संपत्ति में 35% की वृद्धि हुई है।इस प्रकार, भारत को अमेरिका, चीन, जर्मनी, रूस और फ्रांस के बाद दुनिया में छठे स्थान पर रखा गया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत के शीर्ष 100 अरबपतियों की नेटवर्थ में 97 खरब रुपये की वृद्धि हुई है।यदि इस राशि को 138 मिलियन गरीब भारतीयों में बांटा जाए तो प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से में लगभग 95000 रुपए आयेंगे।
इस रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि, अप्रैल 2020 में हर घंटे 1,70,000 लोगों ने अपनी नौकरी खो दी।
शिक्षा पर प्रभाव : जैसे-जैसे शिक्षा ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्मों पर शिफ्ट हुई, भारत में डिजिटल असमानता की समस्या ही सामने आई। इस रिपोर्ट के अनुसार, 20% गरीब परिवारों में से 3% के पास कंप्यूटर था, जबकि 9% के पास इंटरनेट की सुविधा थी।
गरीब समुदायों पर प्रभाव : कोविड-19 बीमारी ने उन गरीब समुदायों को भी प्रभावित किया, जो संकटग्रस्त क्षेत्रों में रह रहे थे। इसकी वजह स्वच्छता की स्थिति भी ख़राब है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 20% गरीब परिवारों में से केवल 6 प्रतिशत के पास ही बेहतर स्वच्छता के गैर-साझा स्रोतों तक पहुंच थी।
लैंगिक असमानता पर प्रभाव : इस रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं की बेरोजगारी दर 15 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत हो गई है। इससे भारत की जीडीपी में 8% या 218 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है।
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