1. 25 नवम्बर : महिलाओं के विरुद्ध हिंसा समाप्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस
25 नवम्बर को प्रतिवर्ष महिलाओं के विरुद्ध हिंसा समाप्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध होने वाले हिंसा को समाप्त करना तथा इसके बारे में जागरूकता फैलाना है।
पृष्ठभूमि
इस दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1999 में प्रस्ताव 54/134 पारित किया गया था। इस दिवस को मिराबल सिस्टर्स की समृति में मनाया जाता है, वे डोमिनिकन रिपब्लिक से राजनैतिक कार्यकर्ता थीं। उनकी नृशंस हत्या राफेल ट्रूजिलो की तानाशाही के दौरान (1930-61) के दौरान 1960 में की गयी थी।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
महिलाओं के विरुद्ध हिंसा मानवाधिकारों का उल्लंघन है। यह महिलाओं के विरुद्ध होने वाले भेदभाव का परिणाम है। यह एक वैश्विक समस्या है। यह महिलाओं के उत्थान व विकास के मार्ग में बाधक है, हिंसा उनके गरिमापूर्ण जीवनयापन के मार्ग में भी बाधक है।
प्रतिवर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस अवसर पर विश्व में महिलाओं की उपलब्धियों पर फोकस किया जाता तथा समाज में समानता के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की जाती है। इस अवसर पर विश्व भर में सरकार, गैर-सरकारी संगठन तथा अन्य संगठन कई कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
1910 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमेरिका ने 28 फरवरी, 1909 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया था। सोवियत संघ 1917 में महिलाओं को मताधिकार मिलने के बाद 8 मार्च को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था। बाद 1975 ने भी इस दिवस को स्वीकृत किया गया। 1977 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सदस्य राष्ट्रों को 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित करने के लिए आमंत्रित किया। इसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों तथा विश्व शांति को बढ़ावा देना है।
2. Tesla के एलन मस्क बने दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति, बिल गेट्स अब तीसरे नंबर पर
टेस्ला प्रमुख और अरबपति एलन मस्क माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स को पछाड़कर दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। टेस्ला के शेयरों में भारी उछाल आने के कारण एलन मस्क की कुल संपत्ति 7.2 अरब डॉलर बढ़कर 127.9 अरब डॉलर हो गई है। एलन मस्क की संपत्ति में इस वर्ष करीब 110.3 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।
ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के अनुसार इस वर्ष जनवरी में दुनिया के अमीर व्यक्तियों की सूची में वे 35वें स्थान पर थे। लेकिन अब वे दूसरे नंबर पर आ गए हैं। उनकी कुल संपत्ति का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा टेस्ला शेयरों से बना है।
बिल गेट्स 128 अरब डॉलर के साथ अब तीसरे नंबर पर हैं, वहीं 105 अरब डॉलर के साथ बर्नार्ड अर्नाल्ड चौथे नंबर पर और 102 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग 5वें नंबर पर हैं। अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस अमीरों की सूची में शीर्ष पर काबिज हैं।
3. भारत-मेडागास्कर संबंधों को मजबूत करने के लिए संधि पर हस्ताक्षर करेंगे
भारत और मेडागास्कर ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौते पर हस्ताक्षर करने की योजना बनाई है।
मुख्य बिंदु
दोनों देश वर्तमान में पर्यटन, संस्कृति, स्वास्थ्य, पारंपरिक चिकित्सा, टेलीमेडिसिन और टेली-शिक्षा के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर चर्चा कर रहे हैं ।
पृष्ठभूमि
23 नवंबर, 2020 को भारतीय राजदूत अभय कुमार ने मेडागास्कर के विदेश मंत्री तेहिंद्राजानेरिवलो जेकोबा लीवा से मुलाकात की। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने द्विपक्षीय संबंधों के बारे में चर्चा की। इसके अलावा, 2018 में, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस पूर्वी अफ्रीकी देश का दौरा किया था। इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच एक रक्षा सहयोग समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए।
मेडागास्कर के विकास में भारत का योगदान
भारत ने हाल ही में मेडागास्कर में भाभाट्रॉन की स्थापना की। यह मेडागास्कर की राजधानी एंटानानारिवो के HJRA अस्पताल में रेडियोथेरेपी मशीन है। इसके अलावा, भारत मेडागास्कर में ग्रामीण विकास के लिए सेंटर फॉर जिओस्पेशियल एप्लिकेशन का सञ्चालन करता है। द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा ये विकासात्मक कदम उठाए गए हैं।
भारत-मेडागास्कर संबंध
मेडागास्कर और पश्चिमी भारत के बीच संबंध 18वीं शताब्दी के हैं। जबकि 19 वीं शताब्दी के अंत में दोनों देशों के बीच नियमित व्यापार शुरू किया गया था। दोनों देशों के बीच आधिकारिक राजनयिक संबंध 1954 में फ्रांसीसी-नियंत्रित मेडागास्कर में वाणिज्य दूतावास की स्थापना के साथ शुरू हुए थे। मेडागास्कर की स्वतंत्रता के बाद, वाणिज्य दूतावास का दर्जा बदल दिया गया। वर्ष 2018 में, राम नाथ कोविंद मेडागास्कर की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्रपति बने थे। उन्हें मेडागास्कर के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ़ द सेकंड क्लास से सम्मानित किया गया था।
4. असम में किया गया पूर्वोत्तर के पहले गाय अस्पताल का उद्घाटन
गोपाष्टमी के अवसर पर असम के डिब्रूगढ़ में एक गौ शेल्टर में पूर्वोत्तर के पहले गाय अस्पताल का उद्घाटन किया गया।
सुरभि आरोग्यशाला अस्पताल को श्री गोपाल गौशाला द्वारा 17 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है।
अस्पताल 30 किमी के दायरे में सेवाएं देगा। इस आश्रय घर में 368 गायें हैं।
5. कैबिनेट ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय को दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBS Bank India Limited)के साथ विलय (Amalgamation) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा (withdrawal Limit) अब नहीं होगी। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ विलय से लक्ष्मी विलास बैंक के करीब 20 लाख जमाकर्ताओं और लगभग चार हजार कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
लक्ष्मी विलास बैंक से जुड़े मामले का समाधान इसके जमाकर्ताओं और कर्मचारियों के वित्तीय हितों की रक्षा के साथ स्वच्छ बैंकिंग प्रणाली के लिए सरकार की मंशा को दर्शाता है। जावडेकर ने बताया कि कैबिनेट ने नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में 6000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए दी है। इसके साथ ही मंत्रिमंडलीय समिति ने एटीसी टेलीकॉम कंपनी की करीब 12 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए एटीसी एशिया पैसिफिक के 2,480 करोड़ रुपये के एफडीआई प्रस्ताव को को भी हरी झंडी दे दी है।
6. अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन गुजरात के केवडिया में किया गया
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन 25 नवंबर, 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा किया गया। यह दो दिवसीय सम्मेलन है और यह केवडिया, गुजरात में ‘स्टेच्यु ऑफ़ यूनिटी’ पर लॉन्च किया जाएगा। इस वर्ष सम्मेलन की थीम है: “Harmonious Coordination of Legislative, Executive and Judiciary – Key to a Vibrant Democracy”।
मुख्य बिंदु
उद्घाटन सत्र में राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी उपस्थित रहे।
इस सम्मेलन के अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला हैं, जो लोकसभा के अध्यक्ष हैं।
उनके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे।वह 26 नवंबर को सत्र को संबोधित करेंगे। उनका संबोधन संविधान दिवस के उत्सव को चिह्नित करेगा।
इस सम्मेलन के दौरान, संविधान और मौलिक कर्तव्यों पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (All India Presiding Officers Conference)
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन 1921 में शुरू हुआ था। वर्ष 2020 पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का शताब्दी वर्ष है। सम्मेलन समय के साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए नए अनुभवों और विचारों को साझा करने का एक मंच बन गया है।
इस सम्मेलन के दौरान, विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी लोकतंत्र के तीन स्तंभों के बीच बेहतर सहयोग और समन्वय की आवश्यकता पर चर्चा करेंगे। भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। वे अनुशासित और क्रमबद्ध तरीके से विधायिकाओं के कामकाज से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
7. चीन का चांग-ए-5 लूनर मिशन चंद्रमा से चट्टान के नमूने वापस लायेगा
चीन ने हाल ही में चांग-ए-5 लूनर मिशन लॉन्च किया है। यह मिशन चार दशकों में पहला प्रोब है जो चन्द्रमा के अस्पष्टीकृत भागों से चट्टान के नमूने वापस लायेगा। चांग-5 चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर उतरने वाला पहला प्रोब है।
चूँकि चंद्रमा की घूर्णन और परिक्रमा की अवधि समान होती है, चंद्रमा का केवल एक पक्ष लगातार पृथ्वी पर दिखाई देता है। आज तक चंद्रमा का दूसरा पक्ष अस्पष्ट है और इसे चंद्रमा का सुदूर का हिस्सा कहा जाता है।
चांग ए-5 मिशन के बारे में
इस मिशन का नाम चीनी चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है। इसे चीन के सबसे बड़े कैरिएर रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 से लॉन्च किया गया था। यह मिशन चंद्रमा के मॉन्स रुम्कर क्षेत्र में उतरेगा। यह मिशन सतह पर एक चंद्र दिन के लिए काम करेगा जो पृथ्वी पर दो सप्ताह के समान है। यदि मिशन सफल रहा, तो चीन संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बाद चंद्र नमूने एकत्र करने वाला तीसरा देश बन जाएगा।
चांग-ए-5 में एक लैंडर, लूनर ऑर्बिटर और एक एसेंट प्रोब शामिल है। इसमें एकत्र नमूनों को रखने के लिए एक कोरिंग ड्रिल, रोबोटिक आर्म और एक नमूना कक्ष है। यह रडार, कैमरा और एक स्पेक्ट्रोमीटर से सुसज्जित है। अंतरिक्ष यान के 15 दिसंबर, 2020 तक पृथ्वी पर लौटने की उम्मीद है।
योजना क्या है?
जैसे ही अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा में पहुंचता है, वह चंद्रमा की सतह पर एक जोड़ी वाहनों – असेन्डर और लैंडर को तैनात करेगा। लैंडर चंद्रमा की सतह को ड्रिल करेगा और अपने रोबोटिक आर्म की मदद से चट्टानों को बाहर निकालेगा। इस सामग्री को असेन्डर वाहन तक ले जाया जाएगा। असेन्डर वाहन तब अंतरिक्ष यान में सामग्री को ले जाएगा।
अन्य चंद्र नमूने
पहले अपोलो 11 मिशन द्वारा चंद्र नमूने एकत्र किए गए थे। चंद्रमा पर पाई जाने वाली चट्टानें पृथ्वी की तुलना में पुरानी हैं।
1970 में, सोवियत संघ के लूना 16 ने चंद्रमा से 101 ग्राम की चट्टानों को वापस लाया था। बाद में सोवियत संघ के अन्य मिशनों जैसे लूना 24 ने 170 ग्राम वजन के नमूने एकत्र किए।
8. AAI मना रहा विमानन सुरक्षा जागरूकता सप्ताह 2020
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India) द्वारा 23 नवंबर से 27 नवंबर 2020 के दौरान विमानन सुरक्षा जागरूकता सप्ताह 2020 मनाया जा रहा है।
पूरे भारत में एएआई द्वारा नियंत्रित सभी हवाई अड्डों और एएनएस स्थानों पर सप्ताह भर उत्सव मनाया जा रहा है।
इस दौरान हवाई अड्डे के निदेशक स्थानीय हवाई अड्डे में परिचालन करने वाले विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आसपास के समुदाय के लोगों को उनकी भूमिका से अवगत कराने के लिए विमानन सुरक्षा में स्थानीय निवासियों की भूमिका पर स्कूल/कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करेंगे।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय का लक्ष्य अपने वैश्विक विमानन सुरक्षा योजना (GASP-2020-22) में हितधारकों की बेहतर प्रबंधित सुरक्षा प्रणालियों के माध्यम से वर्ष 2030 तक जीरो फैटलिटी के दीर्घकालिक उद्देश्य को प्राप्त करना है।
9. डीआरडीओ ने पहले भारी वजन वाले टॉरपीडो को लॉन्च किया
रक्षा अनुसंधान विकास संगठन ने हाल ही में भारी वजन वाले टारपीडो वरुणास्त्र को हरी झंडी दिखाई। इस टारपीडो को भारतीय नौसेना की विशाखापट्टनम इकाई BDL द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया था।
वरुणास्त्र
यह एक शिप से लांच किया जाने वाला विद्युत चालित हैवीली हैवीवेट एंटी-सबमरीन टॉरपीडो है जो शांत पनडुब्बियों को निशाना बनाने में सक्षम है। यह उथले और गहरे पानी के वातावरण दोनों में तैनात किया जा सकता है। वरुणास्त्र भारत का पहला भारी वजन वाला टारपीडो है।
इसे 2016 में पहली बार भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। इस टारपीडो का वजन 1500 किलोग्राम है। इस ऑपरेशनल रेंज 40 किलोमीटर है। इस टारपीडो की अधिकतम गति 74 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसके अलावा, वरुणास्त्र दुनिया का एकमात्र ऐसा टारपीडो है, जिसमें जीपीएस बेस्ड लोकेटिंग ऐड है।
यह टॉरपीडो 250 किलोग्राम का एक वारहेड ले जाने में सक्षम है। यह सिल्वर ऑक्साइड जिंक बैटरी द्वारा संचालित है।
टारपीडो क्या है?
यह एक विस्फोटक वॉरहेड के साथ एक पानी के नीचे का हथियार है जिसे लक्ष्य के निकट या लक्ष्य के संपर्क में होने पर विस्फोट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
भारतीय नौसेना के टॉरपीडो
तक्षक, एडवांस्ड लाइट टॉरपीडो शायना, SMART और वरुणास्त्र भारतीय नौसेना के टारपीडो हैं। एडवांस्ड लाइट टॉरपीडो शायना स्वदेशी हल्का एंटी-सबमरीन टारपीडो है। इसे DRDO की नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया था। 1990 के दशक में DRDO द्वारा शायना का निर्माण कार्यक्रम शुरू किया गया था।
SMART का अर्थ Supersonic Missile Assisted Release of Torpedo है। यह कनस्तर वाली हाइब्रिड प्रणाली है। स्मार्ट सिस्टम की रेंज 650 किमी है। यह दो तरह के डेटा लिंक के साथ एक उन्नत हल्के टॉरपीडो है। यह एक ट्रक आधारित तटीय बैटरी और एक युद्धपोत से भी लॉन्च किया जा सकता है।
BDL
BDL DRDO की निर्माण एजेंसी है जो क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल \ का निर्माण करती है। साथ ही, यह अस्त्र एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम की उत्पादन एजेंसी है।
10. भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया
24 नवंबर, 2020 को भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के लैंड अटैक संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इसका परीक्षण किया गया। इस मिसाइल की रेंज को 290 किमी से 400 किमी तक बढ़ाया गया है। इसकी गति बढ़ाकर 2.8 मैक कर दी गई है जो ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना है।
ब्रह्मोस मिसाइल
इस मिसाइल को जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और लैंड प्लेटफार्म से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस डीआरडीओ और रूस का संयुक्त उपक्रम था। इसे रूसी पी-800 ओनिकस क्रूज मिसाइल के आधार पर विकसित किया गया था। ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस के मोस्कवा के नाम को जोड़ कर बनाया गया था। यह दुनिया की सबसे तेज एंटी-शिप क्रूज मिसाइल है। ब्रह्मोस-II वर्तमान में 7-8 की गति के साथ विकसित की जा रही है। 2016 में भारत के मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम का सदस्य बनने के बाद, रूस संयुक्त रूप से ब्रह्मोस मिसाइल का एक नया संस्करण बनाने वाला है, जिसकी रेंज 800 किमी है। भारत ने हाल ही में पहला वरुणास्त्र टारपीडो लॉन्च किया , जो एक भारी वजन वाला संस्करण है।
हालिया मिसाइल लॉन्च
23 अक्टूबर, 2020 को, भारतीय नौसेना ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें आईएनएस प्रबल को मिसाइल लॉन्च करते दिखाया गया । इसी तरह के परीक्षण 30 अक्टूबर, 2020 को भारतीय नौसेना द्वारा किए गए थे। 30 अक्टूबर, 2020 को, भारतीय नौसेना के परीक्षण ने बंगाल की खाड़ी में INS कोरा से एक एंटी-शिप मिसाइल दागी ।
भारत के हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षण आग इस प्रकार हैं :
रुद्रम एंटी रेडिएशन मिसाइल
शौर्य मिसाइल का नया संस्करण
LASER गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल
स्वदेशी बूस्टर के साथ ब्रह्मोस मिसाइल
पृथ्वी II मिसाइल
RUSTOM II का परीक्षण
TORPEDO स्मार्ट
ABHYAS की परीक्षण उड़ान
Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle
ब्राह्मोस के नौसेना संस्करण का परीक्षण
PRITHVI II का परीक्षण
निर्भय का असफल परीक्षण
SANT मिसाइल परीक्षण
नाग मिसाइल
भारतीय वायु सेना द्वारा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण
क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर-मिसाइलों का पहला परीक्षण
क्यूआरएसएएम मिसाइल का दूसरा परीक्षण
11. इसरो के अध्यक्ष के सिवान को दी गई डॉक्टर ऑफ साइंस ऑनरेरी डॉक्टरेट की उपाधि
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने इसरो के अध्यक्ष के सिवान को डॉक्टर ऑफ साइंस मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई।
विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की है।
राज्यपाल ने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम और देश में निभाई गई सामाजिक भूमिका को परिभाषित करने में इसरो की भूमिका की अत्यधिक प्रशंसा की।
12. विजय कुमार सिन्हा बने बिहार विधानसभा के स्पीकर
विजय कुमार सिन्हा को बिहार विधानसभा का स्पीकर चुना गया है। वे यह कार्य सँभालने वाले पहले भाजपा विधायक हैं। इसके लिए उनका मुकाबला आरजेडी विधायक अवध बिहारी चौधरी से हुआ। विधानसभा के नव-निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को प्रोटेम स्पीकर चुना गया था।
मुख्य बिंदु
महामारी के मद्देनजर सभी नवनिर्वाचित विधायकों का कोविड-19 टेस्ट किया गया था। पूरे विधानसभा परिसर को सैनीटाईज कर दिया गया है और सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
जीतन राम मांझी को प्रो-टेम स्पीकर चुना गया है। विधानसभा के सभी 243 नवनिर्वाचित सदस्यों को प्रो-टेम स्पीकर जीतन राम मांझी द्वारा शपथ दिलाई गयी। उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सबसे पहले शपथ ली। बाद में दूसरी उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी ने शपथ ली।
मंत्रियों में विजय कुमार चौधरी पहले मंत्री थे जिन्होंने शपथ ली। 25 नवंबर को नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। उसके बाद, राज्यपाल फागू चौहान राज्य विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।
नई विधानसभा में एनडीए के पास 125 सीटें हैं। एक निर्दलीय विधायक ने भी सत्ताधारी गठबंधन को अपना समर्थन दिया है। इससे पहले 16 नवंबर, 2020 को जनता दल के अध्यक्ष नीतीश कुमार को लगातार चौथे कार्यकाल के लिए बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
13. कोरोना के चलते रद्द किया गया 5 वां इंडिया इंटरनेशनल चेरी ब्लॉसम महोत्सव
पाँचवे इंडिया इंटरनेशनल चेरी ब्लॉसम महोत्सव को COVID-19 महामारी के कारण रद्द कर दिया गया है।
यह फेस्टिवल हर साल मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में आयोजित किया जाता है, हिमालयन चेरी ब्लॉसम के विशिष्ट शरद ऋतु के फूलों के लिए मनाया जाता है, सर्दी का मौसम शुरू होते गुलाबी रंग के चेरी ब्लॉसम के सुन्दर फूलों को पूरे मेघालय में देखा जा सकता है।
हर साल फेस्टिवल के दौरान शिलांग फिटनेस कला, फैशन शो, रॉक कॉन्सर्ट सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
14. वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल का निधन
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल का बुधवार सुबह साढ़े तीन बजे निधन हो गया। उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। वे कोरोना से संक्रमित थे। इलाज के दौरान उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
उनके बेटे फैसल पटेल ने ट्विटर पर अपने पिता के निधन की जानकारी साझा की। फैसल ने लिखा, 'एक साथ कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। अपने सभी शुभचिंतकों से अनुरोध करता हूं कि इस वक्त कोरोना वायरस के नियमों का कड़ाई से पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दृढ़ रहें और किसी भी सामूहिक आयोजन में जाने से बचें।'
71 वर्षीय पटेल अक्टूबर में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। उन्होंने ट्वीट कर खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें 15 नवंबर को मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
26 की उम्र में पहली बार सांसद बने थे अहमद पटेल : सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे पटेल का जन्म 21 अगस्त 1949 को गुजरात में भरुच ज़िले के पिरामल गांव में हुआ था। उस वक्त भरूच कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। वह पहली बार 1977 में 26 वर्ष की आयु में भरूच से लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।
पटेल यहां से तीन बार लोकसभा सांसद चुने गए। पार्टी में धीरे-धीरे उनका कद बढ़ता गया और 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव बनाए गए।
पटेल को 1986 में गुजरात कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। वह 1988 में गांधी-नेहरू परिवार द्वारा संचालित जवाहर भवन ट्रस्ट के सचिव बनाए गए। वह सोनिया और राजीव दोनों के विश्वासपत्र रहे। वह तीन बार लोकसभा सांसद के अलावा पांच बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके थे। पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाले श्री पटेल को 2018 में कांग्रेस पार्टी का कोषाध्याक्ष नियुक्त किया गया था।
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