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22nd & 23rd November | Current Affairs | MB Books


1. भारत और सिंगापुर के बीच SIMBEX-20 अभ्यास शुरू हुआ

भारत और सिंगापुर अंडमान सागर में 23-25 ​​नवंबर को द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास आयोजित करने वाले हैं। SIMBEX का वार्षिक आयोजन 1994 से किया जा रहा है।

मुख्य बिंदु

SIMBEX-19 (Singapore India Maritime Bilateral Exercise) नौसैनिक अभ्यास का आयोजन भारत तथा सिंगापुर के बीच अंडमान सागर में किया जा रहा है। इसका आरम्भ 23 नवम्बर को हुआ। इस नौसैनिक ड्रिल में एडवांस्ड हवाई ट्रैकिंग तथा वेपन फायरिंग इत्यादि का अभ्यास किया जायेगा। इस अभ्यास का उद्देश्य भारत और सिंगापुर के बीच समुद्री, आर्थिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों के द्वारा मैत्रीपूर्ण संबंधों को मज़बूत बनाना है।

इस अभ्यास में भारत की ओर से सिन्धुराज पनडुब्बी, डिस्ट्रॉयर राणा, चेतक हेलीकाप्टर, कमोर्ता और करमुक कार्वेट हिस्सा ले रहे हैं। सिंगापुर की ओर से इस अभ्यास में फोर्मिडेबल क्लास फ्रिगेट इंट्रेपिड और स्टेडफ़ास्ट, , S70B हेलीकाप्टर और एंड्रयूरेन्स क्लास लैंडिंग शिप टैंक एंडेवर हिस्सा ले रहे हैं।

SIMBEX

SIMBEX अभ्यास की शुरुआत 1993 में हुई थी, तत्पश्चात यह एक वार्षिक इवेंट बन गया। अब यह एक महत्वपूर्ण नौसैनिक अभ्यास है। इस अभ्यास में हवा तथा सतह से होने वाले हमलों के लिए अभ्यास किया जाता है। इसमें हवाई रक्षा ऑपरेशन तथा एडवांस्ड रणनीतिक अभ्यास का आयोजन किया जाता है। भारत और सिंगापुर ने दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सहमती प्रकट की है। इससे दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध और भी मज़बूत बनेंगे।


2. SITMEX 2020 : भारत, सिंगापुर और थाईलैंड ने नौसेना अभ्यास का आयोजन किया

भारत, सिंगापुर और थाईलैंड के बीच त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास, SITMEX-20 अंडमान सागर में आयोजित किया गया। SITMEX-20 नौसेना अभ्यास कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण “समुद्र में नॉन-कांटेक्ट–फॉर्मेट” में निर्धारित किया गया था। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य तीनों नौसेनाओं के बीच इंटरओपेराबिलिटी को बढ़ाना है। यह अभ्यास बहुमुखी समुद्री परिचालन को भी बढ़ाएगा।

SITMEX के अलावा, भारत और सिंगापुर ने अंडमान सागर में SIMBEX-20 को अलग से आयोजित किया।

SITMEX

इस अभ्यास में सतह पर हथियारों की गोलीबारी, समुद्री युद्ध अभ्यास, समन्वित नेविगेशन ऑपरेशन और सीमैनशिप विकास शामिल हैं। भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएनएस करमुक और आईएनएस कमोर्ता द्वारा किया गया। सिंगापुर नौसेना का प्रतिनिधित्व आरएसएस इंट्रेपिड, आरएसएस एंडेवर ने किया था। थाईलैंड नौसेना का प्रतिनिधित्व एक चाओ वर्ग फ्रिगेट एचटीएमएस क्रबुरी ने किया था।

भारत और सिंगापुर के बीच त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के आयोजन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांगरी ला संवाद के दौरान की थी। इस अभ्यास का पहला संस्करण 2019 में आयोजित किया गया था।

आसियान

भारत 1992 में आसियान का एक संवाद भागीदार बना था। 1993 और 2003 के बीच भारत और आसियान के बीच व्यापार 11.2% बढ़ा। आसियान के साथ भारत का अधिकांश व्यापार सिंगापुर, थाईलैंड और मलेशिया से है।

हिंद महासागर क्षेत्र में भारत

भारत इस क्षेत्र में और इसके आसपास के देशों के साथ रक्षा सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर करके हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है। इन समझौतों के माध्यम से भारतीय नौसेना के जहाज बेस पर रीफ्यूलिंग, रीस्टॉकिंग इत्यादि कर सकते हैं। साथ ही, भारत नौसेना अभ्यास के माध्यम से अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। इन उपायों के अलावा, भारत इस क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने के लिए अपनी पनडुब्बियों और विमानों के बेड़े को मजबूत कर रहा है। भारत ने हाल ही में (नवंबर 2020 में) अपने नौवें सबमरीन किलर विमान P8-I को लॉन्च किया। यह विमान अमेरिका से खरीदा गया था।

सैन्य अभ्यास के अलावा, भारत QUAD ग्रुपिंग के तहत अपने प्रयासों को बढ़ा रहा है। वर्तमान में समूह के सदस्यों में भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। इन देशों ने हाल ही में आयोजित विदेश मंत्रियों के शिखर सम्मेलन में एक स्वतंत्र और खुले हिन्द-प्रशांत क्षेत्र का आह्वान किया है।


3. महात्मा गांधी के प्रपौत्र सतीश धुपेलिया का Covid-19 संक्रमण से निधन

महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका मूल के पड़पोते सतीश धुपेलिया का कोरोनावायरस संक्रमण संबंधी जटिलताओं (Covid-19 post complications) के चलते रविवार को यहां निधन हो गया वह 66 वर्ष के थे और तीन दिन पहले ही उनका जन्मदिन था. उनके परिवार के सदस्य ने यह जानकारी दी

धुपेलिया की बहन उमा धुपेलिया-मेस्थरी ने इस बात की पुष्टि की कि उनके भाई की कोविड-19 संबंधित जटिलताओं से मौत हो गई है उन्होंने बताया कि उनके भाई को निमोनिया हो गया था और उसके उपचार के लिए वह एक माह अस्पताल में थे और वहीं वह संक्रमण की चपेट में आ गए

उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘निमोनिया से एक माह पीड़ित रहने के बाद मेरे प्यारे भाई का निधन हो गया अस्पताल में उपचार के दौरान वह कोविड-19 की चपेट में आ गए थे' पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘आज शाम उन्हें दिल का दौरा पड़ा'

उनके परिवार में दो बहनें उमा और कीर्ति मेनन हैं, जो यहीं रहती हैं ये तीनों भाई बहन मणिलाल गांधी के वारिस हैं, जिन्हें महात्मा गांधी अपने कार्यों को पूरा करने के लिए दक्षिण अफ्रीका में ही छोड़कर भारत लौट आए थे


4. ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स ने भारत के विकास के लिए जारी किए अपने पूर्वानुमान में किया बदलाव

पूर्वानुमान जारी करने वाली ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स ने अनुमान जताया है कि भारत में COVID-19 प्रभाव दुनिया में सबसे खराब हो सकता है।

यह उम्मीद जताई गई है कि भारत का विकास मध्यम अवधि में पर्याप्त रूप से बिगड़ने की सम्भावना है, 2020-2025 में संभावित विकास इसके महामारी के पहले के 6.5% की तुलना में 4.5% की औसत वृद्धि होने की संभावना है।

इसके साथ ही, राजकोषीय घाटा भी 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद का 7% तक होने की उम्मीद है।


5. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.277 बिलियन डॉलर की बढ़ोत्तरी के साथ 572.771 अरब डॉलर पर पहुंचा

13 नवम्बर, 2020 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.277 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 572.771 अरब डॉलर तक पहुँच गया है, यह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत 5वें स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। पिछले कुछ समय से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में काफी वृद्धि हुई है।

विदेशी मुद्रा भंडार

इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार भी कहा जाता है भुगतान संतुलन में विदेशी मुद्रा भंडारों को आरक्षित परिसंपत्तियाँ’ कहा जाता है तथा ये पूंजी खाते में होते हैं। ये किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति का एक महत्त्वपूर्ण भाग हैं। इसमें केवल विदेशी रुपये, विदेशी बैंकों की जमाओं, विदेशी ट्रेज़री बिल और अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों को शामिल किया जाना चाहिये परन्तु इसमें विशेष आहरण अधिकारों , सोने के भंडारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार अवस्थितियों को शामिल किया जाता है। इसे आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय भंडार अथवा अंतर्राष्ट्रीय भंडार की संज्ञा देना अधिक उचित है।

13 नवम्बर, 2020 को विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए): $530.268 बिलियन गोल्ड रिजर्व: $ 36.354 बिलियन आईएमएफ के साथ एसडीआर: $ 1.488 बिलियन आईएमएफ के साथ रिजर्व की स्थिति: $ 4.661 बिलियन


6. RBI ट्विटर पर 1 मिलियन फॉलोअर तक पहुंचने वाला दुनिया का पहला सेंट्रल बैंक बना

भारतीय रिजर्व बैंक एक मिलियन ट्विटर फॉलोअर वाला पहला केंद्रीय बैंक बन गया है। इस तरह आरबीआई यूएस फेडरल रिजर्व (6.67 लाख) और यूरोपीय सेंट्रल बैंक (5.91 लाख) से आगे है।

भारतीय रिज़र्व बैंक

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना हुई थी। शुरू में रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय कोलकाता में स्थापित किया गया था लेकिन 1937 में स्थायी रूप से इसे मुंबई में हस्तांतरित कर दिया गया था। केंद्रीय कार्यालय वह स्थान है, जहां गवर्नर बैठता है तथा जहां नीतियां तैयार की जाती हैं। 1949 मे राष्ट्रीयकरण के बाद से रिज़र्व बैंक पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है।

भारतीय रिज़र्व बैंक के प्राथमिक कार्य

  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 को प्रबंधित करना

  • मौद्रिक नीति तैयार करना, कार्यान्वयन और निगरानी करना

  • बैंकिंग संचालन के मापदंडों को निर्धारित करना

  • केन्द्रीय और राज्य सरकार के लिए मर्चेंट बैंकिंग फ़ंक्शन

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने 83 वर्षों के प्रयासों में आधुनिक बैंकिंग प्रथाओं के साथ ठोस क्रेडिट संरचना बनाने में एक प्रशंसनीय सेवा की है। ब्याज दरों की स्थिर संरचना, रुपए के विनिमय मूल्य में स्थिरता, सस्ती प्रेषण सुविधाएं, सार्वजनिक ऋण का सफल प्रबंधन, ध्वनि बिल बाजार का विकास और ऋण के तर्कसंगत आवंटन, विभिन्न वर्षों में बैंकरों के बैंक रिजर्व बैंक की कुछ उपलब्धियां हैं, जिसने न केवल इसमें योगदान दिया है बल्कि आर्थिक विकास पर भी बैंकिंग क्षेत्र में सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाया है।


7. भारत 2023 में जी20 के सम्मेलन की मेजबानी करेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) समेत जी20 (G20) के सदस्य देशों के नेताओं ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि सभी के लिए कोविड-19 (Covid-19) के निदान, उपचार और टीके किफायती और समान तरीके से उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी उन्होंने महामारी के मद्देनजर लोगों की जिंदगियों, रोजगारों और आय की सुरक्षा के लिए हरसंभव नीतिगत साधनों के उपयोग का भी संकल्प लिया जी20 के सदस्य देशों के नेताओं के दो दिवसीय सम्मेलन के बाद अंतिम घोषणापत्र जारी किया गया सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी भाग लिया नेताओं ने यह घोषणा भी कि 2023 में समूह के सम्मेलन (G20 Summit) की मेजबानी भारत करेगा

जी20 रियाद सम्मेलन में नेताओं का घोषणापत्र दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं के शासन प्रमुखों या राष्ट्राध्यक्षों के सम्मेलन के समापन पर जारी किया गया इसमें नेताओं ने कहा है कि 2020 में महामारी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, वहीं वैश्विक आर्थिक गतिविधियां आंशिक रूप से बढ़ी हैं और ‘‘हमारी अर्थव्यवस्थाएं धीरे-धीरे फिर से खुली हैं तथा हमारी महत्वपूर्ण नीतिगत पहलों के सकारात्मक प्रभाव फलीभूत होने लगे हैं'' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था का उबरना ‘असमान, अत्यंत अनिश्चित और बढ़ते नकारात्मक जोखिमों पर निर्भर है'

जी20 के नेताओं ने धनशोधन रोधी/आतंकवाद वित्तपोषण रोधी नीतिगत कार्रवाइयों का भी समर्थन किया जिनका विवरण कोविड-19 पर एफएटीएफ के पत्र में है उन्होंने धनशोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण तथा शस्त्र प्रसार के लिए आर्थिक मदद की रोकथाम के लिहाज से वैश्विक मानक निर्धारण इकाई के तौर पर ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल' (एफएटीएफ) के प्रति अपना समर्थन दोहराया

नेताओं ने घोषणापत्र में कहा, ‘‘हम इन खतरों के सभी स्रोतों, तकनीकों और माध्यमों से निपटने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराते हैं हम एफएटीएफ के क्षेत्रीय इकाइयों के वैश्विक नेटवर्क को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराते हैं जिसमें परस्पर मूल्यांकनों में उनकी विशेषज्ञता का समर्थन करना तथा एफएटीएफ के वैश्विक मानकों के पूरी तरह, प्रभावी और त्वरित क्रियान्वयन का आह्वान करना शामिल है''

जी20 नेताओं ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी और लोगों की जिंदगियों, रोजी रोटी तथा अर्थव्यवस्थाओं पर असर के लिहाज से इसके अभूतपूर्व प्रभाव ने ऐसा झटका दिया है कि तैयारियों और कार्रवाई में नाजुकपन सामने आया है तथा साझा चुनौतियां उजागर हुई हैं उन्होंने पिछले दो दिन में महामारी से संबंधित अनेक मुद्दों पर विचार-विमर्श के बाद कहा, ‘‘हम सभी विकासशील और अल्प विकसित देशों के समर्थन के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि उन्हें कोविड-19 के स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था संबंधी एवं सामाजिक प्रभावों का एक साथ सामना करना पड़ा है''

नेताओं ने अफ्रीका तथा छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों में विशेष चुनौतियों का उल्लेख किया समूह के नेताओं ने शेष वैश्विक वित्तीय जरूरतों पर ध्यान देने की प्रतिबद्धता जताई नेताओं ने यह घोषणा भी कि 2023 में समूह के सम्मेलन की मेजबानी भारत करेगा पहले 2022 में भारत की मेजबानी का निर्णय हुआ था

पिछले साल ओसाका में जी20 के घोषणापत्र में 2022 में भारत में आयोजन की घोषणा की गई थी हालांकि रविवार को रियाद के घोषणापत्र में कहा गया, ‘‘हम 2021 में इटली में, 2022 में इंडोनेशिया में, 2023 में भारत में और 2024 में ब्राजील में अपने आगामी सम्मेलनों को लेकर आशान्वित हैं''


8. कोहिमा के उत्तर पुलिस स्टेशन को मिला ISO सर्टिफिकेशन

कोहिमा के उत्तर पुलिस स्टेशन को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के लिए ISO 9001: 2015 सर्टिफिकेशन प्रदान किया गया।

यह राज्य की पहली सरकारी एजेंसी है जिसे इस तरह की मान्यता दी गई है।

आईएसओ प्रमाण पत्र यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि पुलिस कर्मी नियमित रूप से इसके काम का मूल्यांकन करते हैं और आवश्यकता पड़ने पर उपचारात्मक उपायों को लागू करते हैं।

सर्टिफिकेशन की पूरी प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर पूरी की गई थी और इसे कोहिमा पुलिस द्वारा शुरू की गई थी।

प्रक्रिया में एक ऑनलाइन आवेदन, प्रलेखन, मौजूदा सुविधाओं को अपग्रेड करना, ऑनलाइन ऑडिटिंग और अन्य बिंदु शामिल हैं।

कोहिमा पुलिस ने बताया कि उनका एकमात्र उद्देश्य सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता में सुधार करना और अधिक आगंतुक-अनुकूल वातावरण बनाना था।

निर्दिष्ट मापदंडों को पूरा करने के लिए, पुलिस स्टेशन ने चरित्र/पासपोर्ट सत्यापन और दाखिल करने और रिकॉर्ड रखने की प्रणाली की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया।

इसने पुलिस थाने के बुनियादी ढांचे को और उन्नत किया और विभिन्न शिकायतों के निपटान को समयबद्ध किया गया।


9. SATAT पहल: 900 संपीडित बायो गैस संयंत्रों की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये

20 नवंबर, 2020 को, भारत सरकार ने अग्रणी तेल और गैस विपणन कंपनियों के साथ पूरे भारत में संपीड़ित बायो-गैस संयंत्रों की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इन प्लांट्स में फसल अपशिष्ट से बायोगैस का उत्पादन किया जायेगा। इस समझौते पर SATAT (Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) पहल के तहत हस्ताक्षर किए गए थे।

मुख्य बिंदु

इस समझौते के तहत, देश में लगभग 900 संपीड़ित बायो गैस (CBG) संयंत्र स्थापित किए जायेंगे। इससे पहले, भारत सरकार ने 600 संयंत्रों के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। वर्तमान में, लगभग 1,500 प्लांट्स का क्रियान्वयन किया जा रहा हैं। भारत सरकार ने 2023-34 तक 5,000 सीबीजी प्लांट बनाने की योजना बनाई है।

हस्ताक्षर किए गए समझौते से 900 संयंत्र स्थापित करने के लिए 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। 5000 प्लांट्स की स्थापना के लिए, कुल 2 लाख करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है।

लाभ

इन प्लांट्स से उत्पन्न बायोगैस का उपयोग ऑटोमोबाइल को बिजली देने के लिए किया जा सकता है। इन ईंधनों का उपयोग आयात को कम करने के लिए किया जा सकता है , जिससे 1 लाख करोड़ रुपए की बचत हो सकती है।

SATAT पहल

Sustainable alternative Towards Affordable Transportation पहल का उद्देश्य संपीड़ित बायो-गैस उत्पादन संयंत्र स्थापित करना है। यह पहल 2018 में शुरू की गई थी। इस पहल के तहत, सीबीजी संयंत्रों की स्थापना स्वतंत्र उद्यमियों के माध्यम से की जाएगी। इस पहल के तहत निर्धारित लक्ष्य इस प्रकार हैं :

इस पहल का अंतिम लक्ष्य 2025 तक 5,000 प्लांट्स की स्थापना करना है।

पहल के अन्य उप लक्ष्य इस प्रकार हैं :

2020 तक 250 सीबीजी प्लांट स्थापित करना

2022 तक 1,000 सीबीजी प्लांट स्थापित करना

इन 5,000 बायोगैस संयंत्रों से 15 मिलियन टन सीबीजी प्रतिवर्ष उत्पादन होगा।यह वर्तमान संपीडित प्राकृतिक गैस की खपत का लगभग 40% है।

SATAT पहल के लाभ

किसानों के लिए अतिरिक्त राजस्व स्रोत।इससे भारत को 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

यह कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा।

संपीड़ित बायो गैस तेल और गैस की कीमत में उतार-चढ़ाव के खिलाफ एक बफर के रूप में काम करेगी।


10. भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती (कॉर्पैट) के 30 वें संस्करण का हुआ समापन

भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती (इंडो-थाई कॉर्पेट) का 30वां संस्करण आयोजित किया गया।

इसमें स्वदेशी रूप से निर्मित मिसाइल कार्वेट भारतीय नौसेना पोत (आईएनएस) करमुक और दोनों नौसेना के डोर्नियर मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट के साथ—साथ एक चाओ फ्राया क्लास फ्रिगेट हिज मजेस्टीस थाइलैंड शिप (एचटीएमएस) कराबुरी CORPAT ने भाग लिया।

द्विपक्षीय संबंधों और समुद्री सहयोग को बढ़ाने के लिए दोनों नौसेनाएं 2005 के लिए साल में दो बार अपनी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से CORPAT का आयोजन कर रही हैं।


11. भारतीय सैटेलाइट प्रणाली IRNSS को IMO द्वारा WWRNS के तहत मान्यता दी गई

भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) को हिंद महासागर क्षेत्र में इसके संचालन के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) द्वारा वर्ल्ड-वाइड रेडियो नेविगेशन सिस्टम के एक घटक के रूप में स्वीकार किया गया है। यह जहाजों को ग्लोनास और जीपीएस के समान स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए आईआरएनएसएस का उपयोग करने में सक्षम करेगा।

मुख्य बिंदु

अब यह हिंद महासागर के पानी में 1,500 किमी तक में नेविगेशन सिस्टम की जीपीएस की जगह ले सकता है। इसका मतलब यह है कि हिंद महासागर में जहाज आईआरएनएसएस से समुद्र में अपनी स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

भारत अब दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है जिसके पास स्वतंत्र क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है और जिसे IMO ने अपने WWRNS के तहत मान्यता दी है।

IRNSS को यह मान्यता प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया में दो साल लग गए। साथ ही, यह देश की सैन्य सुरक्षा को बढ़ाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय जहाज अब समुद्र में स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए अमेरिका या रूसी नौवहन प्रणाली पर निर्भर नहीं होंगे।

IMO की मान्यता का क्या अर्थ है?

IMO संयुक्त राष्ट्र का एक संगठन है। मान्यता के साथ, भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया है जिसके पास स्वयं का नेविगेशन सिस्टम हैं। इस मान्यता के साथ, भारतीय नेविगेशन प्रणाली को अन्य प्रमुख सिस्टम के साथ रखा गया है, जो नेविगेशन के लिए जहाजों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जैसे ग्लोनास और जीपीएस। यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की प्रतिष्ठा भी बढ़ाता है।

IRNSS का उपयोग कौन कर सकता है?

सभी सुरक्षा एजेंसियां ​​IRNSS का उपयोग कर सकती हैं। साथ ही, छोटी मछली पकड़ने वाली नौकाओं सहित व्यापारी जहाज इस प्रणाली का उपयोग करने के लिए अधिकृत हैं। हालाँकि, IRNSS केवल एक क्षेत्रीय नौवहन प्रणाली है न कि वैश्विक नौवहन प्रणाली।

IRNSS क्या है?

यह एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली है जिसे भारत द्वारा विकसित किया गया है। यह नेविगेशन में जहाजों की मदद करने के लिए सटीक स्थिति सूचना सेवाएं प्रदान करता है। जीपीएस ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम है जो संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वामित्व में है। ग्लोनास रूस का ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है। ग्लोनास उपग्रह 1995 में पूरा हुआ था।

IRNSS का परिचालन नाम NavIC है। यह भारत को कवर करता है और यह भारत के आसपास के 1500 किमी क्षेत्र को भी कवर करता है।


12. नासा ने बढ़ते समुद्र स्तर को ट्रैक करने के लिए सेंटिनल उपग्रह लॉन्च किया

21 नवंबर, 2020 को नासा ने महासागरों की निगरानी के लिए कोपर्निकस सेंटिनल-6 माइकल फ्रीलिच उपग्रह लॉन्च किया। इस सैटेलाइट को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट में लॉन्च किया गया था। यह सैटेलाइट लॉन्च मिशन जेसन कॉन्टिनिटी ऑफ़ सर्विस का एक हिस्सा था। इस मिशन को समुद्र के बढ़ते स्तर को मापने के लिए लांच किया गया था। जलवायु परिवर्तन को समझने में प्रमुख घटकों में से एक महासागर के बढ़ते स्तर को मापना है। इस स्पेसक्राफ्ट में दो घटक हैं। इस स्पेसक्राफ्ट के अन्य घटक को 2025 में लॉन्च किया जायेगा।

इस उपग्रह का विकास किसने किया?

इस उपग्रह को National Oceanic and Atmospheric Administration, European Space Agency and European Organization for the Exploration of Meteorological satellite और French National Centre for Space Studies द्वारा विकसित किया है।

उपग्रह के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?

यह उपग्रह समुद्र के स्तर का अवलोकन करेगा और वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि के माप प्रदान करेगा। इसे मापने के लिए, उपग्रह पृथ्वी की सतह पर पल्सेस को भेजेगा और वापसी के संकेतों को मापेगा। यह उपग्रह पृथ्वी के वायुमंडल में जल वाष्प को भी मापेगा। यह सपोर्टिंग ओशनोग्राफी डाटा भी एकत्र करेगा।

माइकल फ्रिलिच

इस उपग्रह का नाम माइकल फ्रिलिच के नाम पर रखा गया है, जो एक पृथ्वी वैज्ञानिक है। वह 2019 में नासा से सेवानिवृत्त हुए। वह एक समुद्र विज्ञानी थे।

ग्रेस उपग्रह

ग्रेस उपग्रहों ने पाया कि बर्फ की चादरों ने 2002 और 2017 के बीच प्रति वर्ष समुद्र के स्तर में 1.2 मिलीमीटर का योगदान दिया। GRACE उपग्रह को 2018 में लॉन्च किया गया था। यह नासा और जर्मन एयरोस्पेस सेंटर का संयुक्त मिशन था। ग्रेस मिशन ने गुरुत्वाकर्षण विसंगतियों को मापा। इसने मुख्य रूप से पूरे ग्रह में पानी के वितरण को मापा था।

महासागर को मापने के लिए लांच किये गये अन्य उपग्रह

  • एक्वेरियस को नासा ने 2011 में लॉन्च किया था।

  • जेसन-1 को 2001 में, जेसन-2 को 2008 में और जेसन-3 को नासा ने 2016 में लॉन्च किया था। इनतीनों उपग्रहों ने महासागर के बारे में अध्ययन किया।

  • महासागरों का अध्ययन करने के लिए इसरोद्वारा Oceansat, Cartosat को लॉन्च किया गया था।


13. डेनियल मेदवेदेव ने एटीपी टूर्नामेंट जीता

22 नवंबर, 2020 को डेनियल मेदवेदेव ने डोमिनिक थिएम को हराकर एटीपी टूर्नामेंट जीता। यह टूर्नामेंट लंदन में आयोजित किया गया था।

एटीपी टूर्नामेंट

एटीपी टूर्नामेंट ग्रैंड स्लैम के बाद पुरुषों के टेनिस टूर्नामेंट का दूसरा सबसे बड़ा स्तर है। यह टूर्नामेंट पहली बार 1970 में आयोजित किया गया था।

डेनियल मेदवेदेव

वह एटीपी रैंकिंग के तहत रैंक नंबर 4 के रूसी टेनिस खिलाड़ी है। उनका जन्म मास्को में हुआ था।

एटीपी टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए खिलाड़ी की योग्यता क्या है?

एटीपी टूर्नामेंट में एक खिलाड़ी की भागीदारी उनकी रैंकिंग से तय होती है। प्रमुख योग्यताएं इस प्रकार हैं :

  • एटीपी रैंकिंग के शीर्ष 7 खिलाड़ी

  • दो ग्रैंड स्लैम विजेताओं को 8 और 20 के बीच स्थान दिया जाता है

एसोसिएशन ऑफ़ टेनिस प्रोफेशनल्स

यह पुरुषों के पेशेवर टेनिस सर्किट का शासी निकाय है। इसकी स्थापना 1972 में हुई थी। एटीपी का मुख्यालय लंदन में स्थित है। एटीपी टूर में एटीपी 500, एटीपी मास्टर्स 1000 और एटीपी 250 शामिल हैं।

एटीपी रैंकिंग

एटीपी रैंकिंग को आमतौर पर विश्व रैंकिंग के रूप में जाना जाता है। एसोसिएशन ऑफ़ टेनिस प्रोफेशनल्स पुरुष टेनिस खिलाड़ियों को रैंक प्रदान करती है।

डब्ल्यूटीए रैंकिंग

महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) महिला टेनिस खिलाड़ियों की रैंकिंग जारी करता है। डब्ल्यूटीए महिला टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन करता है। डब्ल्यूटीए का मुख्यालय सेंट पीटर्सबर्ग में स्थित है। डब्ल्यूटीए का यूरोपीय मुख्यालय लंदन में स्थित है और इसका एशिया-प्रशांत मुख्यालय बीजिंग, चीन में स्थित है।

14. प्रधानमंत्री ने सांसदों के लिए बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 नवंबर 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संसद सदस्यों के लिए दिल्ली के डॉ. बी डी मार्ग में स्थित बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन कर दिया है प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बताया कि ये फ्लैट राष्ट्रीय राजधानी में डॉ बी डी मार्ग पर स्थित हैं

इस अवसर पर लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला भी उपस्थित रहे इन इमारतों को पूरी तरह से आधुनिक बनाया गया है इसके लिए पर्यावरण का भी पूरा ध्यान रखा गया है बता दें कि ये फ्लैट नई दिल्ली के डॉ. बीडी मार्ग पर बनाए जा रहे हैं80 साल से अधिक पुराने आठ बंगलों का पुनर्विकास कर 76 फ्लैट्स का निर्माण किया गया है

14 प्रतिशत की बचत

कोरोना वायरस के प्रभाव के बावजूद स्वीकृत लागत से लगभग 14 फीसदी की बचत और समय से पहले इन फ्लैटों का निर्माण पूरा हो चुका है इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नए आवास के लिए सांसदों को बधाई दी उन्होंने कहा कि कई इमारतों का निर्माण इस सरकार के दौरान शुरू हुआ और तय समय से पहले समाप्त हुआ

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन की नई बिल्डिंग का निर्माण इसी सरकार में हुआ हमारे देश में हजारों पुलिसकर्मियों ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपना जीवन दिया है उनकी याद में भी नेशनल पुलिस मेमोरियल का निर्माण इसी सरकार में हुआ

इन फ्लैट्स की खासियत क्या है?

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इसके निर्माण में 27 माह लगे और इसमें कुल लागत 188 करोड़ रुपये की आई उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में अनुमानित लागत से 30 करोड़ की बचत की गई उन्होंने कहा कि लोकसभा के गठन के बाद सांसदों के आवास की अक्सर दिक्कतें आया करती थी और उन्हें होटलों में ठहराया जाता था जिससे सरकार पर आर्थिक बोझ भी पड़ता था

लोकसभा सचिवालय के अनुसार 80 वर्ष से अधिक पुराने आठ बंगलों के स्थान पर 76 फ्लैटों का निर्माण किया गया है कोविड-19 के संक्रमण के बावजूद इन फ्लैटों का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर किया गया और इनके निर्माण में स्वीकृत लागत से करीब 14 प्रतिशत बचत की गई है

इन फ्लैटों के निर्माण में कई हरित निर्माण तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है इनमें राख और मलबे से बनी इटें, ताप की रोकथाम के लिए डबल गेज्ड विंडो और ऊर्जा की दृष्टि से किफायती एलईडी लाइट फिटिंग्स, बिजली की कम खपत के लिए वीआरवी प्रणाली, वर्षा जल संरक्षण प्रणाली और रूफ टॉप सोलर प्लांट शामिल हैं

सांसदों को मिलने वाला ये फ्लैट ग्रीन बिल्डिंग के कांसेप्ट पर बेस्ड है केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने इन फ्लैट्स का निर्माण किया है, इसके हर टावर पर सोलर पैनल लगाए गए हैं इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बीडी मार्ग पर जो क्षेत्र आवास है जो तीन टावरों के अंदर बनाए गए हैं इनका नाम गंगा, यमुना और सरस्वती रखा गया है


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