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20th May | Current Affairs | MB Books


1. 20 मई: विश्व मेट्रोलॉजी दिवस (World Metrology Day)

विश्व मेट्रोलॉजी/माप विज्ञान दिवस (World Metrology Day) हर साल 20 मई को मनाया जाता है, जो 1875 में मीटर कन्वेंशन (Metre Convention) पर हस्ताक्षर करने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस (World Metrology Day)

पृष्ठभूमि : यह दिन 20 मई 1875 को पेरिस में मीटर कन्वेंशन नामक अंतर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर करने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है , जिसके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय भार और माप ब्यूरो (International Bureau of Weights and Measures – BIPM) बनाया गया था। इस कन्वेंशन ने विज्ञान और माप के साथ-साथ इसके वाणिज्यिक, सामाजिक और औद्योगिक अनुप्रयोगों में वैश्विक सहयोग के लिए रूपरेखा निर्धारित की।

मेट्रोलॉजी : का अर्थ है ‘माप विज्ञान’।

मीटर कन्वेंशन (Metre Convention) : जिसे ‘मीटर की संधि’ भी कहा जाता है, एक वैश्विक सुसंगत माप प्रणाली का आधार प्रदान करती है जो वैज्ञानिक खोज और नवाचार, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, औद्योगिक निर्माण और जीवन की गुणवत्ता में सुधार और वैश्विक पर्यावरण की सुरक्षा को प्रोत्साहित करती है।

अंतर्राष्ट्रीय भार और माप ब्यूरो (International Bureau of Weights and Measures – BIPM) :

अंतर्राष्ट्रीय भार और माप ब्यूरो (International Bureau of Weights and Measures – BIPM) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो chemistry, ionising radiation, physical metrology और co-ordinated universal time जैसे 4 क्षेत्रों में मानक माप के लिए कार्य करता है। इस संगठन की स्थापना 20 मई, 1875 को हुई थी, इसका मुख्यालय फ्रांस के सेंट-क्लाउड में है। वर्तमान में 61 देश इस संगठन के सदस्य हैं।


2. 20 मई : विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day)

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day) के रूप में मनाया जाता है।

मुख्य बिंदु : विश्व मधुमक्खी दिवस स्लोवेनियाई मधुमक्खी पालन के अग्रणी एंटोन जानसा (Anton Jansa) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। परागणकों, चिड़ियों, तितलियों, चमगादड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिन मनाया जा रहा है। जैव विविधता पर कन्वेंशन (Convention on Biological Diversity) इन परागणकों के संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित करता है। 2000 में, COP (Conference of Parties) V में अंतर्राष्ट्रीय परागकण पहल (International Pollinator Initiative) शुरू की गई थी। यह पहल कृषि में परागणकों की स्थिरता पर केंद्रित है।

महत्व : मधुमक्खियां सबसे बड़ी परागणकर्ता (pollinator) हैं। वे वर्तमान में निवास स्थान के नुकसान, परजीवियों, बीमारियों और कृषि कीटनाशकों के कारण बड़े खतरों में हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व की लगभग 35% कृषि अभी भी परागणकों पर निर्भर है।

अंतर्राष्ट्रीय परागक पहल (International Pollinator Initiative) : इंटरनेशनल पोलिनेटर इनिशिएटिव का मुख्य उद्देश्य समन्वित विश्वव्यापी कार्रवाई को बढ़ावा देना है। इसे जैविक विविधता पर कन्वेंशन (Convention on Biological Diversity) के तहत लॉन्च किया गया था। यह पहल 2030 तक चलने वाली है। भारत भी इस पहल का हिस्सा है।

जैव विविधता पर कन्वेंशन (Convention on Biological Diversity ) एक बहुपक्षीय संधि है। इसे 1992 में रियो डी जेनेरियो में आयोजित पृथ्वी शिखर सम्मेलन में शुरू किया गया था।


3. भारत की यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में 6 स्थान जोड़े गये

केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने हाल ही में घोषणा की कि 6 सांस्कृतिक विरासत स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों (UNESCO World Heritage Sites) में जोड़ा गया है।

मुख्य बिंदु :

निम्नलिखित छह स्थानों ने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में प्रवेश किया है।

  • वाराणसी के गंगा घाट

  • तमिलनाडु में कांचीपुरम के मंदिर

  • मध्य प्रदेश में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व

  • महाराष्ट्र सैन्य वास्तुकला

  • हीरे बेंकल मेगालिथिक साइट

  • मध्य प्रदेश में नर्मदा घाटी के भेड़ाघाट लमेताघाट

इसके साथ, यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में स्थानों की कुल संख्या बढ़कर 48 हो गई है।

पृष्ठभूमि : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) ने नौ प्रविष्टियां भेजीं थीं। इसमें से 6 ने संभावित सूची में प्रवेश किया है। ये प्रस्तावित स्थल एक वर्ष तक संभावित सूची में रहेंगे।

वाराणसी के गंगा घाट (Ganga Ghats of Varanasi) : वाराणसी के घाट नदी के किनारे की सीढ़ियाँ हैं जो गंगा नदी के किनारे तक जाती हैं। इस प्रकार के 88 घाट हैं। इनमें से अधिकांश घाट 18वीं शताब्दी में बनाए गए थे जब यह शहर मराठों के शासन में था।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpura Tiger Reserve) : यह मध्य प्रदेश में स्थित है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अन्य प्रमुख आकर्षण पांडव गुफाएं, धूपगढ़ चोटी, डेनवा बैकवाटर और रॉक पेंटिंग हैं। डेनवा बैकवाटर डेनवा नदी पर बने बांध द्वारा निर्मित जलाशय है।

महाराष्ट्र सैन्य वास्तुकला (Maharashtra Military Architecture) : विभिन्न युगों के 500 से अधिक किले हैं जो महाराष्ट्र को दुनिया में सैन्य वास्तुकला में सबसे समृद्ध स्थानों में से एक बनाते हैं। वे 1500 और 1800 के बीच बनाए गए थे।

हीरे बेंकल मेगालिथिक साइट (Hire Benkal Megalithic Site) : यह कर्नाटक में स्थित है। मेगालिथिक साइट एक बड़ा प्रागैतिहासिक पत्थर है जिसका उपयोग किसी स्मारक या संरचना के निर्माण के लिए किया जाता है।

नर्मदा घाटी का भेड़ाघाट लमेताघाट (Bhedaghat Lametaghat of Narmada Valley) : उन्हें भारत का ग्रांड कैन्यन (Grand Canyon of India) भी कहा जाता है। नर्मदा नदी के दूसरी ओर संगमरमर की चट्टानों की उत्कृष्ट सुंदरता और उनके शानदार रूपों का अनुभव किया जा सकता है। यहां कई डायनासोर जीवाश्म पाए गए हैं।

यहां नर्मदा नदी तीस मीटर गहरी खाई में बहती है और संगमरमर की चट्टानों के बीच बहती है। ये संगमरमर की चट्टानें चूना पत्थर के रूपांतर तंत्र द्वारा बनाई गई हैं।


4. आईएनएस राजपूत (INS Rajput) को डीकमीशन किया जाएगा

भारतीय नौसेना के पहले डिस्ट्रॉयर आईएनएस राजपूत (INS Rajput) को 21 मई, 2021 को डीकमीशन किया जायेगा। इस डिस्ट्रॉयर ने लगभग 41 वर्षों तक भारतीय नौसेना में अपनी सेवाएं दी हैं।

मुख्य बिंदु : आईएनएस राजपूत का निर्माण तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा काशीन श्रेणी के विध्वंसक जहाजों के प्रमुख जहाज के रूप में किया गया था, इसे 4 मई 1980 को कमीशन किया गया था। आईएनएस राजपूत को अब Naval Dockyard, विशाखापत्तनम में एक समारोह में डीकमीशन किया जाएगा। यह समारोह एक छोटा कार्यक्रम होगा जिसमें केवल इन-स्टेशन अधिकारी और नाविक शामिल होंगे जो COVID प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करेंगे।

आईएनएस राजपूत (INS Rajput) : आईएनएस राजपूत का निर्माण निकोलेव (वर्तमान यूक्रेन) में 61 कम्युनार्ड्स शिपयार्ड (61 Communards Shipyard) में मूल रूसी नाम ‘नादेज़नी’ के तहत किया गया था। इसे 17 सितंबर 1977 को लॉन्च किया गया था। इस जहाज को आईएनएस राजपूत के रूप में 4 मई 1980 को पोटी, जॉर्जिया में कैप्टन गुलाब मोहनलाल हीरानंदानी के साथ यूएसएसआर में भारत के राजदूत आई.के. गुजराल द्वारा कमीशन किया गया था।

इस जहाज़ ने लगभग 4 दशक तक राष्ट्र के लिए अपनी सेवाएं दी। इसने पश्चिमी और पूर्वी दोनों बेड़े में अपनी सेवाएं दी हैं। इसका आदर्श वाक्य “राज करेगा राजपूत” है।

इस जहाज ने राष्ट्र को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से कई अभियानों में भाग लिया है। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं : IPKF की सहायता के लिए श्रीलंका में ऑपरेशन अमन, श्रीलंका के तट पर गश्ती कार्य के लिए ऑपरेशन पवन, मालदीव से बंधक स्थिति को हल करने के लिए ऑपरेशन कैक्टस और लक्षद्वीप से ऑपरेशन क्रोजनेस्ट शामिल हैं।

इसके अलावा, इस जहाज ने कई द्विपक्षीय और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया। यह जहाज भारतीय सेना रेजिमेंट – राजपूत रेजिमेंट से संबद्ध होने वाला पहला भारतीय नौसेना जहाज भी था।


5. भारत सरकार ने उर्वरक सब्सिडी में 140% की वृद्धि की

19 मई, 2021 को भारत सरकार ने उर्वरक सब्सिडी को बढ़ाकर 1,200 रुपये प्रति बैग कर दिया। पहले यह 500 रुपये प्रति बैग थी। इस प्रकार, सब्सिडी में 140% की वृद्धि की गई है।

सब्सिडी क्यों? : देश में उर्वरकों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमोनिया, फॉस्फोरिक एसिड आदि की कीमतें बढ़ रही हैं। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 60% से 70% तक बढ़े हैं।

इससे किसानों को क्या लाभ होगा? : उर्वरक बैग की वास्तविक कीमत अब 2,400 रुपये है। पहले की सब्सिडी से किसान को खाद की बोरी 1900 रुपये में मिल जाती थी। बढ़ी हुई सब्सिडी से किसान को अब 1,200 रुपये में यह बोरी मिलेगी।

बढ़ी उर्वरक सब्सिडी के लिए बजट : भारत सरकार पहले रासायनिक सब्सिडी के लिए 80,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही थी। अब सब्सिडी में बढ़ोतरी से भारत सरकार 14,775 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी।

भारत सरकार द्वारा हाल ही में PM-KISAN के तहत किसानों के खाते में 20,667 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के बाद यह किसानों के हित में दूसरा बड़ा कदम है।

पृष्ठभूमि : भारत सरकार “No Denial” नीति का पालन कर रही थी। इस नीति के तहत, कोई भी व्यक्ति सब्सिडी वाले उर्वरकों को पॉइंट-ऑफ-सेल मशीनों के माध्यम से खरीदेगा। अगस्त 2020 में, भारत सरकार ने सीमा को 100 बैग तक सीमित कर दिया। बाद में जनवरी 2020 में प्रति व्यक्ति प्रति माह 50 बैग तक प्रतिबंध को और बढ़ा दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कीमतों को संशोधित करने के लिए भारत सरकार के पास कोई हेडरूम नहीं बचा था।


6. ICMR ने घर में टेस्टिंग के लिए CoviSelf किट को मंजूरी दी

हाल ही में ICMR (Indian Council of Medical Research) ने घर में परीक्षण के लिए CoviSelf किट को मंजूरी दे दी है। इसने घर में COVID-19 के परीक्षण के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है, इस किट के साथ कोई व्यक्ति खुद का परीक्षण कर सकेगा। इस किट का निर्माण Mylab Discovery Solutions द्वारा किया गया है।

मुख्य बिंदु : ICMR ने अपनी एडवाइजरी में कहा, परीक्षण के लिए यूजर को अपने मोबाइल फोन में मायलैब एप (Mylab App) डाउनलोड करनी होगी। इस मोबाइल एप्प के द्वारा परीक्षण प्रक्रिया के बारे में सारी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के लिए सिर्फ नेजल स्वैब की जरूरत है। सभी यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे उसी मोबाइल फोन से परीक्षण प्रक्रिया पूरी करने के बाद परीक्षण पट्टी (test strip) की एक तस्वीर लें, जिसका उपयोग मोबाइल एप्प डाउनलोड करने और उपयोगकर्ता पंजीकरण के लिए किया गया है।

Indian Council of Medical Research (ICMR) : यह भारत में बायोमेडिकल अनुसन्धान को बढ़ावा देना और समन्वय करने के लिए सर्वोच्च संगठन है। इसका वित्तपोषण भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय के माध्यम से किया जाता है। इसका गठन 1911 में IRFA के रूप में किया गया था, बाद में 1949 में इसका नाम ICMR रखा गया। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। वर्ष 2021-22 के लिए इसका बजट 2,358 करोड़ रुपये है।


7. हिमाचल प्रदेश ने लांच किया ‘आयुष घर द्वार’ (Ayush Ghar Dwar) कार्यक्रम

हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में कोविड-19 रोगियों केकल्याण के लिए ‘आयुष घर द्वार’ कार्यक्रम लांच किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोविड-19 रोगियों का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व अध्यात्मिक कल्याण सुनिश्चित करना है। इस कार्यक्रम को हिमाचल प्रदेश के आयुष विभाग द्वारा आर्ट ऑफ़ लिविंग संगठन के साथ मिलकर लांच किया गया है।

मुख्य बिंदु : इस कार्यक्रम के द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार लगभग 30,000 कोविड-19 रोगियों को लाभान्वित करने का प्रयास करेगी जो होम आइसोलेशन या अस्पताल में भर्ती हैं। इस कार्यक्रम के तहत व्हाट्सएप्प, ज़ूम और गूगल मीट पर लगभग 1000 वर्चुअल ग्रुप बनाये जायेंगे, जहाँ पर लाभार्थियों को योग विशेषज्ञों द्वारा प्राणायाम, योग, ध्यान, दवाओं और थेरेपी के बारे में जानकारी दी जाएगी।

आयुष : भारत में प्राकृतिक चिकित्सा का इतिहास काफी पुराना है, भारत में 5000 वर्षों से भी अधिक समय से प्राकृतिक व वैज्ञानिक चिकित्सा प्रणाली का उपयोग किया जाता रहा है। आयुष का पूर्ण संस्करण आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होमियोपैथी है (AYUSH : Ayurveda, Yoga and Naturopathy, Unani, Siddha and Homoeopathy)। 5 नवम्बर को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है, पहली बार वर्ष 2016 में आयुर्वेद दिवस मनाया गया है। वर्ष 2017 में यूनानी दिवस की स्थापना की गयी थी, इसे 11 फरवरी को मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त 4 जनवरी को सिद्ध दिवस तथा 18 नवम्बर को नेचुरोपैथी दिवस मनाया जाता है।


8. पिनाराई विजयन ने केरल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

20 मई, 2021 को पिनाराई विजयन ने दूसरी बार केरल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। पिनाराई विजयन के अलावा केरल की नई कैबिनेट के 20 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। पिनाराई विजय CPI(M) राजनीती दल से जुड़े हुए हैं।

मुख्य बिंदु : गौरतलब है कि केरल में LDF (Left Democratic Front) ने 140 सीटों में से 99 सीटें जीत कर सरकार बनाई है। LDF में शामिल मुख्य दल इस प्रकार हैं : CPI (M), CPI, KC(M), JD(S), NCP, LJD, KC(B), C(S), INL, NSC, JKC इत्यादि। इनमे से CPI (M) को सबसे ज्यादा 62 सीटें प्राप्त हुई हैं।

पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) : पिनाराई विजयन केरल के एक राजनेता हैं, वे 25 मई, 2016 से केरल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। उनका जन्म 24 मई, 1945 को हुआ था। वे 20 मई, 1996 से लेकर 19 अक्टूबर, 1998 तक केरल में सहकारी मंत्री रहे। उसके बाद वे 20 मई, 1996 से लेकर 19 अक्टूबर, 1998 तक केरल के विद्युत् मंत्री रहे।


9. श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम के कोच होंगे राहुल द्रविड़

भारत के पूर्व कप्तान और वर्तमान राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) के प्रमुख राहुल द्रविड़ जुलाई 2021 में श्रीलंका के खिलाफ तीन वनडे और तीन टी-20 मैचों के लिए टीम इंडिया के कोच होंगे। इससे पहले साल 2014 में इंग्लैंड दौरे के दौरान वह बल्लेबाजी सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं।

भातीय टीम को श्रीलंका दौरे पर तीन-तीन मैचों की वनडे और टी-20 सीरीज खेलनी है. टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री इंग्लैंड में विराट कोहली की टीम के साथ व्यस्त रहेंगे। इसके चलते राहुल द्रविड़ दूसरे दर्जे की भारतीय टीम के कोच होंगे।

राहुल द्रविड़ इससे पहले भी सीनियर टीम को अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) के प्रमुख द्रविड़ भारत 'ए' और अंडर 19 टीमों के कोच रह चुके हैं। सीनियर टीम के साथ द्रविड़ दूसरी बार जुड़ने जा रहे हैं। इससे पहले वह साल 2014 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम के बल्लेबाजी सलाहकार बनकर गए थे।

भारतीय टीम 5 जुलाई को श्रीलंका पहुंचेगी : भारतीय टीम 5 जुलाई को श्रीलंका पहुंचेगी। जहां पर 3 वनडे मैच खेले जाएंगे। पहला मैच 13 जुलाई, दूसरा 16 जुलाई और तीसरा मैच 19 जुलाई को खेला जाएगा। इसके बाद तीन मैचों की टी-20 सीरीज खेली जाएगी। टी-20 सीरीज का पहला मैच 22 जुलाई, दूसरा मैच 24 जुलाई और तीसरा मैच 27 जुलाई को खेला जाएगा। सभी मैच कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में खेले जाएंगे।

भारतीय टीम के बड़े खिलाड़ी : भारतीय टीम के बड़े खिलाड़ी यूके में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रहे होंगे। यह दौरा जून से सितंबर तक चलेगा।

राहुल द्रविड़ के बारे में : राहुल द्रविड़ 2016 से 2019 तक इंडिया-ए (India-A Team) और अंडर-19 टीम के हेड कोच की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उनके कोच रहते ही भारत की अंडर-19 टीम 2016 में विश्व कप की उपविजेता और 2018 में चैंपियन बनी थी।

सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर के बाद वे तीसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दस हज़ार से अधिक रन बनाये हैं। 182 से अधिक कैच के साथ वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच का रिकॉर्ड द्रविड़ के नाम है।


10. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया का निधन

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया का 19 मई 2021 को निधन हो गया। राज्य सरकार ने उनके निधन पर एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। वे 93 वर्ष के थे। पूर्व मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमित थे। उनके निधन पर राजस्थान सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक और सरकारी दफ्तरों में छुट्टी की घोषणा की है।






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