1. 20 : दिसम्बर अन्तर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस
प्रतिवर्ष 20 दिसम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसम्बर, 2005 को 60/209 प्रस्ताव पारित किया था।
उद्देश्य
इस दिवस को विविधता में एकता के सम्मान में मनाया जाता है।
इस दिवस के द्वारा विभिन्न सरकारों को अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों का सम्मान करने के लिए स्मरण करवाया जाता है।
इस दिवस के द्वारा एकता के बारे में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता है।
इस दिवस पर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एकता को बढ़ावा दिया जाता है।
इस दिवस का उद्देश्य निर्धनता उन्मूलन के लिए नई पहल शुरू करना है।
विश्व मानवता दिवस
19 अगस्त को प्रत्येक वर्ष विश्व मानवता दिवस (World Humanitarian Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस उन लोगों के लिए समर्पित हैं जो मानवता के लिए कार्य करते हैं तथा इसके लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। इस दिवस के द्वारा विश्व में मानवता के लिए कार्य करने की प्रेरणा दी जाती है।
विश्व मानवता दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गयी थी इसके लिए वर्ष 2008 में A/46/L.49 प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव को स्वीडन ने प्रायोजित किया था। 19 अगस्त, 2003 को इराक में महासचिव के विशेष विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो की मृत्यु बम विस्फोट के कारण हुई थी। इस घटना में उनके 21 सहकर्मियों की मृत्यु भी हुई थी। 2009 से प्रतिवर्ष 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसके द्वारा मानवता के लिए कार्य करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
2. 6वां भारत-जापान संवाद सम्मेलन
21 दिसम्बर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली 6वें भारत-जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित किया। भारत-जापान संवाद सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 2015 में की गयी थी, इसका उद्देश्य मानवतावाद, लोकतंत्र, स्वतंत्रता, अहिंसा के साझा मूल्यों पर विचार-विमर्श करना है।
मुख्य बिंदु
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने संवाद का समर्थन करने के लिए जापान का आभार व्यक्त किया। इस सम्मेलन के दौरान बौद्ध विरासत चर्चा का केंद्र रही। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को बढ़ावा देने में इस के प्रयासों की सराहना की। इसके साथ ही पीएम मोदी ने पारंपरिक बौद्ध साहित्य और शास्त्रों के एक पुस्तकालय का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया। भारत इस तरह के पुस्तकालय का निर्माण करेगा और इसके लिए संसाधन उपलब्ध कराएगा। यह पुस्तकालय बौद्ध साहित्य पर विभिन्न देशों से साहित्य और धर्मग्रंथों की डिजिटल प्रतियां एकत्र करेगा और उनका अनुवाद करेगा। बाद में यह प्रतियाँ बौद्ध भिक्षुओं और विद्वानों को प्रदान की जाएँगी।
भारत-जापान सम्बन्ध
भारत और जापान ने सितंबर 2020 में दोनों देशों के बीच आपूर्ति और सेवाओं के आदान-प्रदान की अनुमति के लिए एक “Acquisition and Cross-Servicing Agreement” पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत और जापान QUAD समूह के सदस्य हैं, इस समूह के अन्य सदस्य ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका हैं। हाल ही में, QUAD देशों ने ‘मालाबार’ नामक एक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास का आयोजन किया गया। इस नौसैनिक अभ्यास का आयोजन अरब सागर में किया गया।
3. नेपाल की संसद हुई भंग, अप्रैल 2021 में होंगे नए चुनाव
नेपाल की कैबिनेट ने हाल ही में संसद को भंग कर दिया है, इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री के.पी. ओली ने कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाई थी। दरअसल पिछले कुछ समय से नेपाल की सत्ताधारी साम्यवादी पार्टी में काफी काफी द्वन्द चला हुआ है।
नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद नेपाल की राष्ट्रपति ने घोषणा की कि देश में अगले वर्ष 30 अप्रैल से 10 मई के बीच चुनाव करवाए जायेंगे। नेपाल की संसद को संविधान के अनुच्छेद 76 और 85 के तहत भंग किया गया है।
भारत-नेपाल
भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। इसके अलावा, भारत नेपाल में सबसे बड़े विदेशी निवेश का स्रोत है।
भारत की गोरखा रेजिमेंट में नेपाल के पहाड़ी जिलों से युवाओं को भर्ती से किया जाता है।
सूर्य किरण भारत और नेपाल के बीच एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
भारत और नेपाल का कालापानी क्षेत्र पर सीमा विवाद है। हाल ही में नेपाल सरकार ने कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने देश के नए नक्शे में शामिल करने की मंजूरी दी। यह अब देशों के बीच प्रमुख अड़चन बन गया है।
भारत नेपाल के साथ कई बहुपक्षीय मंच साझा करता है। वे BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi Sectoral Technical and Economic Cooperation), SAARC (South Asian Association for Regional Cooperation), NAM (Non-aligned Movement), BBIN (Bangladesh, Bhutan, India and Nepal) हैं।
भारत और नेपाल ने काठमांडू-वाराणसी, जनकपुर-अयोध्या और लुम्बिनी-बोधगया नामक तीन सिस्टर-सिटीज समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
नेपाल एक नाजुक पारिस्थितिक क्षेत्र में है जो भूकंप और बाढ़ से ग्रस्त है।इससे धन और जीवन के संदर्भ में बड़े पैमाने पर क्षति होती है। नेपाल मानवीय सहायता का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है।
4. अमेरिका की स्पेस फोर्स को मिला नया नाम, अब कहलाएंगे गार्जियंस
अमेरिकी स्पेस फोर्स (United States Space Force) ने हाल ही में अपने जांबाजों को नया नाम दिया है। स्पेस फोर्स ने कहा है कि उसके जवान अब ‘गार्जियंस’ के नाम से जाने जाएंगे। इसने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
ट्वीट में आगे कहा गया है कि वर्षों की प्रक्रिया जिसमें अतंरिक्ष प्रोफेशनलों की भागीदारी से हजारों मिशन और शोध को अंजाम दिया गया है। इसमें कहा गया है कि वर्षों की प्रक्रिया जिसमें अंतरिक्ष प्रोफेशनलों की भागीदारी से हजारों मिशन और रिसर्च अंजाम दिए गए हैं।
अमेरिकी स्पेस फोर्स क्या है?
अमेरिका में लगभग दो साल पहले इस फोर्स के गठन का घोषणा किया गया। यह फोर्स अमेरिका के छठे सशस्त्र बल के रूप में सामने आया। इससे जुड़े जवान वास्तविक रूप से अंतरिक्ष में तैनात नहीं होते बल्कि अमेरिकी उपग्रहों की सुरक्षा के लिए काम करते हैं। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में प्रतिद्वंद्वी देशों के साथ मुकाबला करने के लिए होता है। यह एक प्रकार की अंतरिक्ष सेना है।
अमेरिका तीसरा देश
चीन और रूस के बाद अमेरिका तीसरा देश है, जिसके पास यह फोर्स है। इसके अलावा अमेरिका के दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी रूस और चीन एंटी सैटेलाइट हमलों के लिए तैयारी कर चुके हैं। अमेरिका बहुत हद तक मौसम, इंटेलिजेंस के लिए बेहरतर तस्वीरों और जीपीए सैटेलाइटों के लिए अंतरिक्ष में स्थित उपग्रहों पर निर्भर करता है। इसलिए वे अपने उपग्रहों के लिए कोई जोखिम नहीं ले सकता है।
रूस और चीन अमेरिका के दो बड़े प्रतिद्वंद्वी
स्पेस के क्षेत्र में रूस और चीन अमेरिका के दो बड़े प्रतिद्वंद्वी हैं। दोनों बड़े प्रतिद्वंद्वियों के तौर पर अमेरिका के सामने न केवल स्पेस, बल्कि अमेरिकी सेना के समक्ष भी चुनौती पेश करते हैं। साल 2015 में चीन ने तो एक स्ट्रैटजिक सपॉर्ट फोर्स तैयार की थी, जो उसे स्पेस, सायबर और इलेक्ट्रोनिक से जुड़े युद्ध मिशन में मदद करती है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने साल 2018 में कहा था कि चीन ऐसी हाइपरसॉनिक मिसाइलों में निवेश कर रहा है तो अमेरिकी डिटेक्शन सिस्टम से बच सकें।
जांबजों की तैनाती कहां होगी
इन जांबजों कत तैनाती वास्तविक रूप से स्पेस में नहीं होगी, बल्कि अमेरिकी उपग्रहों और अन्य अंतरिक्ष व्हीकलों की सुरक्षा के लिए काम करेंगे। लगभग दो वर्ष पूर्व अमेरिका ने इस फोर्स का गठन किया था। ट्रंप प्रशासन ने इस फोर्स के लिए पहले साल 4 करोड़ डॉलर का बजट मंजूर किया था। मध्य पूर्व में कतर के उैदद एयरबेस में अमेरिका स्पेस फोर्स के 20 जवानों की टुकड़ी को तैनात किया गया था। इस फोर्स की विदेशी धरती पर यह पहली तैनाती है।
5. कानपुर में 5,850 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित किया जाएगा मेगा लेदर पार्क
कानपुर के रमईपुर गाँव में 5,850 करोड़ रुपये के निवेश से मेगा लेदर पार्क स्थापित किया जाएगा ।
पार्क, मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो 50,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा।
इस परियोजना को हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से मंजूरी मिली है।
मेगा लेदर क्लस्टर परियोजना लगभग 13,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करेगी।
कानपुर में इस मेगा लेदर क्लस्टर के साथ, उत्तर प्रदेश लेदर पार्क स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
चमड़े के पार्क को प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए इसमें एक अपशिष्ट उपचार संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा।
पार्क में इकाइयां स्थापित करने के लिए निवेशकों को 4,000 वर्ग मीटर से लेकर 10,000 वर्ग मीटर तक के औद्योगिक भूखंड उपलब्ध कराए जाएंगे।
6. राजनीति के 10 दिग्गज, जिन्होंने 2020 में दुनिया को अलविदा कहा
कोरोनावायरस (Coronavirus) के मनहूस साये में गुजरने वाले वर्ष 2020 के साथ कई कड़वी यादें जुड़ी हैं। इस वर्ष भारत ने कई दिग्गज राजनेताओं को खोया। इनमें से कुछ का निधन तो कोरोना संक्रमण के चलते ही हुआ। जिन हस्तियों को इस वर्ष खोया इनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह, कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल आदि शामिल हैं। आइए जानते हैं उन हस्तियों के बारे में जिन्होंने 2020 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया...
1. प्रणब मुखर्जी : भारत के 13वें राष्ट्रपति, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त को निधन हो गया। प्रणब दा 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। इससे पहले वे करीब छह दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे। उन्हें कांग्रेस का संकटमोचक भी माना जाता था। 2019 में उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया।
मुखर्जी निधन से पहले अपने संस्मरण पर आधारित पुस्तक 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' को लिख चुके थे। यह पुस्तक जनवरी में आने वाली है। हालांकि इसके पहले ही इस पर विवाद भी उत्पन्न हो गया है। प्रणब दा के पुत्र अभिजीत मुखर्जीं ने पिता के संस्मरण का प्रकाशन रोकने के लिए प्रकाशक से आग्रह किया है। मुखर्जी उस समय भी सुर्खियों में आए थे, जब वे नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
2. जसवंत सिंह : अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में रक्षामंत्री, विदेश मंत्री और वित्तमंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले राजस्थान के दिग्गज नेता जसवंत सिंह का लंबी बीमारी के बाद इसी वर्ष 27 सितंबर को निधन हो गया। भाजपा के संस्थापकों में से एक सिंह को वर्ष 2014 में पार्टी ने राजस्थान के बाड़मेर से लोकसभा का टिकट नहीं दिया था। इससे नाराज सिंह भाजपा के खिलाफ ही मैदान में उतर गए थे। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली। जसंवत सिंह पहले सेना में रहे बाद में राजनीति में आए।
3. अहमद पटेल : गांधी परिवार के विश्वसनीय और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार अहमद पटेल का 25 नवंबर को निधन हो गया। 26 वर्ष की उम्र में पहली बार गुजरात से सांसद बने पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार भी थे। 21 अगस्त 1949 को गुजरात के भरूच जिले में जन्मे पटेल ने राजस्थान की गहलोत सरकार को बचाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें पर्दे के पीछे की राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता था।
4. अमर सिंह : समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य रहे अमर सिंह भारतीय राजनीति की अलग ही शख्सियत थे। उनका 1 अगस्त को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। वे मुलायम सिंह यादव के काफी निकट थे, लेकिन जब सपा पर अखिलेश का प्रभाव बढ़ा तो उन्हें पार्टी से बाहर भी होना पड़ा था। औद्योगिक घरानों और फिल्मी हस्तियों के बीच उनकी अच्छी पैठ थी। उन्हें अमिताभ बच्चन के 'संकटमोचक' के रूप में जाना जाता था। 2008 में सिंह 'वोट के बदले नोट' कांड में भी काफी चर्चित रहे थे। इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
5. तरुण गोगोई : वर्ष 2001 से 2016 तक असम के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता तरुण गोगोई का 23 नवंबर को निधन हो गया। गोगोई के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1968 में हुई एवं 1971 में वे पांचवीं लोकसभा के लिए चुने गए। गोगोई 2001 टाटाबार विधानसभा से चुनाव जीते एवं पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
6. लालजी टंडन : उत्तर प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेताओं में शुमार रहे लालजी टंडन का 21 जुलाई को निधन हुआ। मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद रहते हुए उन्होंने आखिरी सांस ली। टंडन ने अटल बिहारी वाजपेयी के बाद 2009 से 2014 तक लखनऊ संसदीय सीट का भी प्रतिनिधित्व किया। लालजी टंडन ने अटलजी की चरण पादुका लेकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1978 में विधान परिषद सदस्य के रूप में हुई थी। वे मंत्री रहने के साथ नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
7. अजीत जोगी : भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अपनी प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर राजनीति में आए अजीत प्रमोद कुमार जोगी का 29 मई को निधन हो गया। नौकरशाह के तौर पर सीधी जिले में पदस्थापना के दौरान वे अर्जुन सिंह के संपर्क में आए थे। सिंह से मुलाकात और निकटता के चलते ही उनके राजनीति में आने की राह आसान हुई। मध्यप्रदेश के विभाजन के बाद बाद वे छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस से बगावत कर उन्होंने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नाम से नया दल भी बनाया, लेकिन उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
8. चेतन चौहान : पूर्व क्रिकेट और भाजपा नेता चेतन चौहान का 16 अगस्त को कोरोना संक्रमण के चलते निधन हुआ। जिस समय चौहान का निधन हुआ, वे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री थे। नौगांवा विधानसभा सीट चुने गए चौहान 2 बार भाजपा का टिकट पर सांसद भी बने। चेतन चौहान ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 40 टेस्ट मैच खेले और 2084 रन बनाए। चौहान और सुनील गावस्कर की सलामी जोड़ी पूरी दुनिया में काफी विख्यात रही है।
9. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर : महाराष्ट्र के पूर्व मु्ख्यमंत्री शिवाजीराव निलंगेकर का निधन 5 अगस्त को हुआ। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले निलंगेकर 1962 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे और 1985 से 1986 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे।
10. हंसराज भारद्वाज : मनमोहन मंत्रिमंडल में कानून मंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हंसराज भारद्वाज का 8 मार्च को 83 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वे 5 साल तक कर्नाटक के राज्यपाल भी रहे थे। भारद्वाज सबसे पहले अप्रैल 1982 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे।
7. एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और इंट्रीसिटी रेलयात्री ने 5 लाख तक यात्रा कवर प्रदान करने के लिए की साझेदारी
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने इंट्रीसिटी रेलयात्री के माध्यम से यात्रा करने के लिए बस यात्रियों के टिकट पर 5 लाख रूपए तक का यात्रा बीमा प्रदान करने के लिए इंट्रसिटी रेलयात्री के साथ साझेदारी की है।
टिकट खरीदने पर ही यात्रा कवर की जाएगी।
इस साझेदारी के तहत, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस आकस्मिक मृत्यु, स्थायी कुल विकलांगता, और चिकित्सा सहित कई प्रकार का कवरेज प्रदान करेगा।
8. विश्व बैंक ने जारी की कारोबार सुगमता की संशोधित रैंकिंग, चीन का स्थान 7 अंक नीचे खिसका
विश्व बैंक ने आंकड़ों में अनियमितता की समीक्षा के बाद कारोबार सुगमता की संशोधित रैंकिंग जारी की है। विश्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि 2018 की सूची में चीन का स्थान 7 अंक नीचे होना चाहिए था। चीन के अलावा विश्व बैंक ने सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अजरबेजान की रैंकिंग में भी संशोधन किया है।
विश्व बैंक ने पिछली कुछ रिपोर्टों के आंकड़ों में अनियमितता की समीक्षा के बाद बदलाव के चलते अगस्त में कारोबार सुगमता रैंकिंग की रिपोर्टों के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी। विश्व बैंक ने 16 दिसंबर को एक बयान में कहा कि आंकड़ों में अनियमितता की समीक्षा के बाद 4 देश चीन, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और अजरबेजान की रैंकिंग में सुधार की जरूरत पड़ी।
कारोबार सुगमता रैंकिंग 2018 में कारोबार शुरू करने, ऋण प्राप्त करने और कर चुकाने के संकेतकों के आंकड़ों में अनियमितताओं के शामिल रहते चीन को 65.3 अंक दिया गया था। उस रिपोर्ट में चीन की वैश्विक रैंकिंग 78 थी। उसकी 2017 की रैंकिंग की भी यही थी।
अनियमितताओं की समीक्षा के बाद 2018 की रैंकिंग में चीन को 64.5 अंक हासिल हुए। इस तरह उसकी वैश्विक रैंकिंग 7 अंक गिरकर 85 रही। समीक्षा के बाद संयुक्त अरब अमीरात की रैंकिंग 16 पर अपरिवर्तित रही जबकि सऊदी अरब की 62 से घटकर 63 हो गई और अजरबेजान की 34 से सुधरकर 28 हो गई।
9. ICRA ने FY21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.8% तक की गिरावट का जताया अनुमान
घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में तकनीकी मंदी आने की संभावना जताई है, जिसके कारण वित्त वर्ष 2021 में भारत की जीडीपी में 7.8 प्रतिशत तक की गिरावट का अनुमान जताया है ।
10. दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश जारी किये गये
हाल ही में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश की घोषणा की है। यह घोषणा संचार नेटवर्क की सुरक्षा कड़ी करने के लिए की गई थी। इन सुरक्षा निर्देशों में सेवा प्रदाताओं को विश्वसनीय स्रोतों से उपकरण खरीदने के लिए कहा गया है।
ऐसा माना जा रहा है कि देश में 5G रोल-आउट में चीनी कंपनियों को बाहर किया जा सकता है। 5G टेक्नोलॉजी उपकरण बनाने में चीन की हुवावे और ZTE अग्रणी कंपनियां है। लद्दाख में चीनी सेना के साथ झड़प के बाद भारत ने चीनी कंपनियों के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाया है और कई चीनी एप्स पर प्रतिबन्ध भी लगाया है। हालाँकि भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्देश किसी देश के खिलाफ नही हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के अनुसार इन निर्देशों को राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जारी किया गया है। इस निर्देशों के अनुसार, सरकार विश्वसनीय स्रोतों और विश्वसनीय उत्पादों की सूची जारी करेगी, इन उत्पादों को भारत के दूरसंचार नेटवर्क में स्थापित किया जायेगा।
इन विश्वसनीय उत्पादों को राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक द्वारा नामित किया जाएगा। दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों को ऐसी नई डिवाइस कनेक्ट होंगी जो भरोसेमंद हो। गौरतलब है कि सरकार उन स्रोतों की एक सूची बनाएगी जिनसे इन उत्पादों खरीद नहीं की जा सकती है।
दूरसंचार पर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति
दूरसंचार पर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति विश्वसनीय स्त्रोतों और उत्पादों की एक सूची बनाएगी। इस समिति की अध्यक्षता उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार करेंगे। इस समिति में संबंधित विभागों और मंत्रालयों के सदस्य भी शामिल होंगे। इसमें उद्योग के दो सदस्य और स्वतंत्र विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
11. आरबीआई ने केरल में अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर लगाया 50 लाख रुपये का जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने केरल स्थित द अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 50 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है।
यह जुर्माना आय पहचान और संपत्ति वर्गीकरण नियमों (Income Recognition and Asset Classification) तथा कर्ज के प्रबंधन के मामले में निर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर लगाया गया है।
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि आरबीआई द्वारा 31 मार्च, 2019 को की स्थिति के अनुसार वित्तीय स्थिति की जांच की गयी थी, जिससे पता चला कि बैंक ने निर्देशों का अनुपालन नहीं किया था।
इसके बाद बैंक को कारण बताओं नोटिस जारी कर पूछा गया था कि RBI द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन न करने के लिए उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।
12. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में एडवांस्ड हाइपरसोनिक विंड टनल परीक्षण सुविधा का उद्घाटन किया
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में एडवांस्ड हाइपरसोनिक विंड टनल परीक्षण सुविधा का उद्घाटन किया। इस फैसिलिटी में 5 से 12 मैक तक. का सिमुलेशन किया जा सकेगा। भारत अमेरिका और रूस के बाद ऐसा तीसरा देश होगा जिसके पास इस प्रकार की सुविधा होगी।
इसके बाद रक्षा मंत्री ने रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन के मिसाइल काम्प्लेक्स की भी यात्रा ली और विभिन्न कार्यों का जायजा लिया।
मुख्य बिंदु
इसके साथ भारत अमेरिका और रूस के बाद आकार और क्षमता में इतनी बड़ी सुविधा पाने वाला तीसरा देश बन गया है। इस परियोजना का निर्माण स्वदेशी रूप से किया गया है। इस विंड टनल में मिसाइल और एयरक्राफ्ट इत्यादि का परीक्षण किया जा सकता है। इससे एयरक्राफ्ट और मिसाइलों के एयरो-डायनामिक डिजाईन को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और इनके प्रदर्शन में सुधार होगा।
रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO)
रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO) की स्थापना 1958 में की गयी थी, इसका मुख्यालय नई दिल्ली के DRDO भवन में स्थित है। यह भारत सरकार की एजेंसी है। यह सैन्य अनुसन्धान तथा विकास से सम्बंधित कार्य करता है। DRDO का आदर्श वाक्य “बलस्य मूलं विज्ञानं” है। DRDO में 30,000 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं। वर्तमान में DRDO के चेयरमैन डॉ. जी. सतीश रेड्डी हैं। DRDO का नियंत्रण केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय के पास है। DRDO की 52 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क है।
13. भारत और एडीबी ने त्रिपुरा में आधारभूत परियोजनाओं के लिए 4.21 मिलियन डॉलर के PRF समझौते पर किए हस्ताक्षर
भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (ADB) ने त्रिपुरा में शहरी सुविधाओं में सुधार और पर्यटन क्षेत्र के लिए मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए परियोजनाओं की तैयारी के लिए 4.21 मिलियन अमेरिकी डॉलर की प्रोजेक्ट रेडीनेस फाइनेंसिंग (PRF) के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसी राज्य में एडीबी द्वारा समझौता की गई पहली परियोजना है।
यह परियोजना त्रिपुरा सरकार की शहरी सेवाओं और पर्यटन बुनियादी ढांचे में सुधार की प्राथमिकताओं का समर्थन करेगी जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
इस परियोजना का उद्देश्य व्यवहार्यता के जरिए विस्तृत अध्ययन करने, विस्तृत इंजीनियरिंग डिजाइन तैयार करने, राज्य स्तर की एजेंसियों की क्षमता विकसित करने, जिससे कि पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे और आपदा झेलने में सक्षम हो।
14. कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा का निधन
21 दिसम्बर, 2020 को कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा का निधन हुआ, वे 93 वर्ष के थे। गौतलब है कि वे अक्टूबर में कोरोनावायरस संक्रमित पाए गये थे और उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया था।
मोतीलाल वोरा
मोतीलाल वोरा कांग्रेस पार्टी के एक प्रमुख नेता थे, वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। इसके अलावा वे एक पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसम्बर, 1927 को हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा रायपुर और कलकत्ता से पूरी की। शुरुआत में उन्होंने कई वर्षों तक विभिन्न समाचार पत्रों के लिए कार्य किया।
राजनीती करियर के आरम्भ में वे समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए थे। 1968 में दुर्ग की म्युनिसिपल कमिटी के सदस्य बने थे। बाद में, 1970 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। 1972 में वे कांग्रेस के टिकट पर मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गये। इसके बाद 1977 और 1980 में वे फिर से विधानसभा सदस्य बने। वे 13 मार्च, 1985 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री नियुक्त किये गये थे। बाद में केंद्र सरकार में शामिल होने के लिए उन्होंने 13 फरवरी, 1988 को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
14 फरवरी, 1988 को वे राज्यसभा के सदस्य बने और उन्हें केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया। इसके अतिरिक्त 1993 से 1996 के बीच वे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।
15. एडीबी और भारत ने यूपी में बिजली परियोजनाओं के लिए 300 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर किए हस्ताक्षर
एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने उत्तर प्रदेश में ग्रामीण बिजली वितरण नेटवर्क को अत्याधुनिक बनाने के लिए भारत सरकार के साथ 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह अपग्रेडेशन राज्य के उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति प्रदान करने में मदद करेगा।
उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण नेटवर्क सुधर परियोजना को दी गई ऋण की यह पहली किश्त है।
कुल दो किस्तों वाली इस परियोजना के लिए 430 मिलियन डॉलर की मल्टी-ट्रेन्च फाइनेंसिंग फैसिलिटी (MFF) को मंजूरी दी गई है।
यह परियोजना एक मजबूत वितरण नेटवर्क बनाने के लिए बेयर कंडक्टरों से एरियल बंडल कंडक्टरों (एबीसी) तक ग्रामीण लॉ-वोल्टेज वितरण लाइनों के 65,000 किलोमीटर (किमी) एरिया को कवर करेगी, जिससे 46,000 गांवों के लगभग 70 मिलियन लोगों को लाभ होगा।
16. ह्यूमन फ्रीडम इंडेक्स 2020 में भारत को मिला 111 वां स्थान
Human Freedom Index 2020: दुनिया भर में नागरिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बारे में जानकारी देने वाला मानव स्वतंत्रता सूचकांक 2020 जारी किया गया है।
इस सूचकांक में भारत को 162 देशों में से 111 वें स्थान पर रखा गया है। साल 2019 में, भारत को सूचकांक में 94 वें स्थान पर रखा गया था।
पहले तीन पायदानों पर न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड और हांगकांग पर कब्जा जमाया।
संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) सूचकांक में एक साथ 17 वें स्थान पर हैं। युद्धग्रस्त सीरिया को सूची में अंतिम स्थान पर रखा गया है।
भारत ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता में 10 में से 6.30 और आर्थिक स्वतंत्रता में 6.56 का स्कोर किया है। देश का समग्र मानव स्वतंत्रता स्कोर 6.43 रहा।
हालाँकि, भारत को चीन और बांग्लादेश से आगे स्थान दिया गया है, जो क्रमशः 2020 सूचकांक पर 129 और 139 वें स्थान पर है।
17. रतन टाटा को 'ग्लोबल विजनरी ऑफ सस्टेनेबल बिजनेस एंड पीस' पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को फिलिस्तीनियों सहित क्षेत्र में स्थिरता और शांति को प्रोत्साहित करने वाले नवाचार को बढ़ावा देने के लिए इंडो-इज़राइल चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
दुबई में 21 दिसंबर को फेडरेशन ऑफ इंडो-इज़राइल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ के दौरान टाटा समूह के अध्यक्ष एमिरिटस को 'ग्लोबल विजनरी ऑफ सस्टेनेबल बिजनेस एंड पीस' पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
दुबई में फेडरेशन ऑफ इंडो-इज़राइल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अंतर्राष्ट्रीय चैप्टर का उद्घाटन अपनी तरह की पहली पहल है, जिसका उद्देश्य अन्य देशों में व्यापार के अवसरों का एक साथ दोहन करना और त्रिपक्षीय सहयोग विकसित करना है।
18. केंद्र सरकार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में चार स्वदेशी खेलों को शामिल करने के लिए मंजूरी दी
हाल ही में खेल मंत्रालय ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 के लिए चार स्वदेशी खेलों को शामिल करने को मंजूरी दे दी है। इन खेलों में गतका, कलारीपयट्टू, थांग-ता और मल्लखम्ब शामिल है। 2021 में खेलो इडिया यूथ गेम्स का आयोज हरियाणा में किया जायेगा।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स
केन्द्रीय खेल मंत्रालय ने खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के दायरे को बढ़ाकर बड़ा कर दिया है, इन खेलों में अब दो श्रेणियों, अंडर 17 और अंडर 21 में प्रतिभागी हिस्सा ले सकते हैं। इसमें कॉलेज और विश्वविद्यालय के खिलाड़ी भी हिस्सा ले सकते हैं। इन खेलों में 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों से 10,000 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा ले सकते हैं।
खेलो इंडिया
खेलो इंडिया कार्यक्रम 2018 में शुरू किया गया था। इसे भारत में खेल संस्कृति को बेहतर बनाने के लिए लॉन्च किया गया था। राजीव गांधी खेल अभियान, शहरी खेल अवसंरचना योजना और राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज प्रणाली कार्यक्रम को समेकित करने के बाद इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
खेलो इंडिया योजना के तहत 5 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जो केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्त पोषित है। इस योजना के तहत चुने गए उम्मीदवार लगातार आठ वर्षों तक पांच लाख रुपये की छात्रवृत्ति के पात्र हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य खेल गतिविधियों में भारतीय नागरिकों की भागीदारी को बढ़ाना है।
19. मुक्केबाजी विश्व कप में भारत ने जीते 3 स्वर्ण पदक
भारत ने हाल ही में संपन्न हुए मुक्केबाजी विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन जर्मनी के कोलोन में किया गया, इसका समापन 20 दिसम्बर, 2020 को हुआ। इस प्रतियोगिता में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 9 पदक जीते, इसमें 3 स्वर्ण पदक, 2 रजत पदक और 4 कांस्य पदक शामिल हैं।
मुख्य बिंदु
इस प्रतियोगिता में भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (महिला 60 किग्रा), अमित पंघाल (पुरुष 52 किग्रा), और मनीषा मौन (महिला 57 किग्रा) ने अपने-अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीते। गौरतलब है कि वर्तमान में अमित पंघाल एआईबीए फ्लाईवेट वर्ल्ड श्रेणी में शीर्ष स्तर के मुक्केबाज़ हैं। सिमरनजीत कौर एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता हैं।
सतीश कुमार (91+ किग्रा) ने रजत पदक जीता। वह चोट के कारण उन्हें फाइनल से पीछे हटना पड़ा। पूजा रानी (महिला 75 किग्रा), गौरव सोलंकी (पुरुष 57 किग्रा), सोनिया लाथेर (महिला 57 किग्रा), और मोहम्मद हुसामुद्दीन (पुरुष 57 किग्रा) ने अपने-अपने वर्ग में 4 कांस्य पदक जीते।
वर्तमान रैंकिंग
यूरोपीय मुक्केबाजी परिसंघ (EuropeanUBC) रैंकिंग के अनुसार, क्यूबा के जोहानिस ऑस्कर अरगिलगोस पेरेज़ 46-49 किलोग्राम श्रेणी में शीर्ष क्रम के मुक्केबाज हैं। महिला वर्ग में कजाकिस्तान की नाज़ीम क़ाज़ीबे 45-48 किलोग्राम वर्ग में शीर्ष मुक्केबाज़ हैं।
AIBA
अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ AIBA की स्थापना 1946 में की गयी थी। वर्तमान में उम्र नज़रोविच क्रेमलेव AIBA के अध्यक्ष हैं। यह संगठन अमेचर बॉक्सिंग मैचों को स्वीकृति देता है। इसका मुख्यालय लॉज़ेन, स्विट्जरलैंड में है।
20. CAS ने मॉरीशस की बैडमिंटन खिलाड़ी फू कूने पर दो साल का लगाया बैन
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने मॉरीशस की बैडमिंटन खिलाड़ी केट जेसिका फू कुने (Kate Jessica Foo Kune) पर डोपिंग नियमों उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर दो साल का प्रतिबंधित लगा दिया है।
फू कुने को नाइजीरिया के पोर्ट हरकोर्ट में 2019 अफ्रीकी बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप के दौरान एक प्रतिबंधित स्टेरॉयड का सेवन करने का पॉजिटिव टेस्ट पाया गया, लेकिन बैडमिंटन विश्व महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) के पैनल ने माना था कि फू कुने की कोई गलती नहीं है और उस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया ।
हालाँकि CAS ने 27-वर्षीय खिलाड़ी के उस दावे ख़ारिज कर दिया जिसमे उन्होंने कहा था कि नाईजीरिया में 2019 में खेली गयी अफ्रीकी चैंपियनशिप के दौरान किसी ने जान बूझकर उनकी पानी की बोतल में एनाबोलिक स्टेरॉयड मिला दिया था।
21. लियोनेल मेसी ने ब्राज़ील के महान फुटबॉलर पेले के रिकॉर्ड की बराबरी की
अर्जेंटीना के बेहतरीन फुटबॉलर लियोनेल मेसी ने हाल ही में किसी एक क्लब के लिए सबसे ज्यादा गोल करने के पेले के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। हाल ही में मेसी ने वालेंसिया के खिलाफ गोल करके पेले के 643 गोल के रिकॉर्ड की बराबरी की। उम्मीद की जा सकती है कि मेसी बहुत जल्द ही पेले के रिकॉर्ड को तोड़कर आगे बढ़ जायेंगे। मेसी काफी लम्बे समय से बार्सेलोना फुटबॉल क्लब के साथ जुड़े हुए हैं।
ब्राज़ील का महान फुटबॉलर पेले ने 1956 और 1974 के बीच ब्राजील के क्लब सांतोस के लिए 665 मैचों में 643 गोल किए, जबकि मेसी ने 2005 से 2020 तक 748 मैचों में इस रिकॉर्ड की बराबरी की है।
लियोनेल मेसी
मेसी अर्जेंटीना के प्रोफेशनल फुटबॉलर हैं। वे अपने प्रोफेशनल करियर में केवल बार्सेलोना से ही जुड़े रहे। उन्होंने अपने युवा करियर की शुरुआत 1994 में नेवेल्स ओल्ड बॉयज फुटबॉल क्लब के साथ की थी, वे 2000 तक इस क्लब के साथ जुड़े रहे। बाद में वे 2001 से 2003 के बीच बार्सेलोना की युवा टीम के साथ जुड़े। इसके बाद वे बार्सेलोना फुटबॉल क्लब के साथ ही जुड़े रहे।
मेसी ने अब तक 6 बार प्रतिष्ठित बैलन डी’ऑर पुरस्कार जीता है और 6 बार उन्होंने यूरोपियन गोल्डन शू पुरस्कार भी जीता है। उनहोंने अपने करियर में 34 ट्रॉफी जीती हैं। उन्होंने 10 ला लीगा खिताब, 4 UEFA चैंपियंस लीग खिताब और 6 कोपास देल रे खिताब भी जीते हैं।
पेले
पेले ब्राज़ील के पूर्व प्रोफेशनल फुटबॉलर हैं, उन्हें फुटबॉल के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। वे 1956 से 1974 तक सांतोस फुटबॉल क्लब के साथ जुड़े रहे, इसके बाद 1975 से 1977 तक वे न्यूयॉर्क कॉसमॉस के साथ जुड़े रहे।
22. बाक्सिंग डे टेस्ट के 'मैन ऑफ द मैच' को मिलेगा 'जॉनी मुलाग पदक'
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 26 दिसंबर (बाक्सिंग डे) से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (मैन ऑफ द मैच) को जॉनी मुलाग पदक से सम्मानित किया जाएगा। जॉनी मुलाग विदेशी दौरे पर जाने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान थे। उनकी अगुवाई में 1868 में टीम ने ब्रिटेन का दौरा किया था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, बाक्सिंग डे टेस्ट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को मुलाग पदक से सम्मानित किया जाएगा। इसका नाम दिग्गज जॉनी मुलाग के नाम पर रखा गया है जो 1868 की क्रिकेट टीम के कप्तान थे। यह टीम अंतरराष्ट्रीय दौरा करने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई टीम थी। मुलाग का असली नाम उनारिमिन था और उन्होंने 1868 में क्षेत्रीय टीम का नेतृत्व किया था। इस दौरे में उन्होंने 47 में से 45 मैच खेले थे तथा लगभग 23 की औसत से 1698 रन बनाए थे। उन्होंने 1877 ओवर भी किए जिसमें से 831 ओवर मेडन थे तथा 10 की औसत से 245 विकेट लिए। अपने करियर में उन्होंने कामचलाऊ विकेटकीपर की भूमिका भी निभाई और चार स्टंपिंग कीं।
23. कर्नाटक भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन : मुख्य बिंदु
हाल ही में कर्नाटक में भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन के कारण विवाद उत्पन्न हुआ। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने हाल ही में भूमि सुधार अधिनियम, 1961 में कुछ एक संशोधन किए हैं। जबकि कर्नाटक में विपक्षी ने इस अधिनियम में इन संशोधनों का विरोध किया है।
इन संशोधनों के लिए हाल ही में राज्य सरकार ने विधानसभा में बिल पारित किया था। इन संशोधनों से अब गैर-कृषक कर्नाटक में कृषि भूमि खरीद सकेंगे।
कर्नाटक भूमि सुधार (संशोधन) विधेयक, 2020
इस विधेयक ने कर्नाटक भूमि सुधार अधिनियम, 1961 के तीन प्रमुख खंडों में संशोधन किया गया है। इस विधेयक ने अधिनियम की धारा 79A के प्रावधानों को हटा दिया है। अधिनियम की धारा 79A एक अनुसार केवल उन लोगों को कृषि भूमि खरीदने की अनुमति दी है जिनकी वार्षिक कमाई 25 लाख रुपये से कम है। इस विधेयक ने अधिनियम की धारा 79 सी को भी हटा दिया। इस अधिनियम की धारा 79 सी के तहत राजस्व विभाग भूमि खरीद के दौरान धारा 79 ए और 79 बी के उल्लंघन की जांच कर सकते थे। धरा 79B के अनुसार, कृषि के माध्यम से आजीविका कमाने वाले लोग ही कृषि भूमि खरीद सकते हैं।
आवश्यकता
उपरोक्त सेक्शन केवल भूमि रजिस्ट्रारों और तहसीलदारों के कार्यालयों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा रहे थे। यह सेक्शन उन किसानों के लिए फायदेमंद नही हैं जो किसान अपनी ज़मीन बेचने इच्छुक हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, धारा 79 ए और बी के उल्लंघन के लगभग 13000 मामले लंबित पड़े हुए हैं। ऐसे मामलों पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा, कर्नाटक में केवल 2% कृषि भूमि का उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया गया है।
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