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1st - 3rd July | Daily Current Affairs | MB Books

Updated: Jul 7, 2020


1.प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार, जानें इसके बारे में सबकुछ

इस योजना के अंतर्गत 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेंहू या चावल मुफ्त मिलेगा। प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक पीएम मोदी देश को 13 बार संबोधित कर चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जून 2020 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक बढ़ाने का घोषणा किया है। इस योजना के अंतर्गत 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेंहू या चावल मुफ्त मिलेगा. प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक पीएम मोदी देश को 13 बार संबोधित कर चुके हैं।

बता दें कि देश भर में एक तरफ जहां कोरोना वायरस के आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के इस विस्तार में 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि अगर इसमें पिछले तीन महीने का खर्च भी जोड़ दें तो ये करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए हो जाता है।

योजना में विस्तार क्यों किया गया?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है। उन्होंने कहा कि त्योहारों का ये समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए।

5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस योजना ने दुनिया को भी हैरान किया है। दुनिया इस बात से हैरान है कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 3 महीने का राशन, यानी परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गरीब को, ज़रूरतमंद को, सरकार अगर मुफ्त अनाज दे पा रही है तो इसका श्रेय प्रमुख रूप से दो वर्गों को जाता है। पहला- हमारे देश के मेहनती किसान, हमारे अन्नदाता को और दूसरा- हमारे देश के ईमानदार टैक्सपेयर को।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलेगा अनाज

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को पांच किलो गेहूं या चावल के साथ एक किलो चना भी दिया जाएगा।

वन नेशन-वन कार्ड योजना

अब पूरे भारत के लिए एक राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है यानि वन नेशन वन राशन कार्ड का सबसे बड़ा लाभ उन गरीब लोगों को मिलेगा, जो रोज़गार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गाँव छोड़कर के कहीं और जाते हैं।

क्या है गरीब कल्याण अन्न योजना?

केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 26 मार्च 2020 को 21 दिन के लॉक डाउन को ध्यान में रखते हुए गरीब जनता को कोई समस्या ना आए इसके लिए आरंभ की है। गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 80 करोड़ गरीब लोगों को हर महीने मुफ्त में 5 किलो गेहूं या चावल मिलेगा. प्रोटीन को ध्यान में रखते हुए एक किलो दाल भी मिलेगी।


2.Unlock 2.0: सरकार ने जारी किए नए दिशा-निर्देश, जानिए क्या खुलेगा, क्या रहेगा बंद


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक-2 (Unlock 2.0) की गाइडलाइंस जारी कर दी है। नई गाइडलाइन 01 जुलाई से लागू होंगी. दरअसल, अनलॉक-1 की अवधि 30 जून को समाप्त हो रही है। देशभर में कोरोना महामारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार की गाइलाइन के अनुसार स्‍कूल-कॉलेज सहित सभी शिक्षण संस्‍थान बंद रहेंगे। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अनलॉक-2 में ज्‍यादा छूट नहीं दी गई है।

केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन के अगले फेज में 01 जुलाई से 31 जूलाई तक के लिए अनलॉक 2.0 घोषित कर दिया है. साथ ही इसकी गाइडलाइन भी घोषित कर दी है। इसका उद्देश्य आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा देना और सामान्य जीवन को फिर से शुरू करने की अनुमति देना है। यह देश में अनलॉक का दूसरा चरण है।

31 जुलाई तक कंटेनमेंट जोन में लागू रहेगा लॉकडाउन

केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार देश के कंटेनमेंट जोन में 31 जुलाई तक सख्त लॉकडाउन जारी रहेगा। स्कूल और कॉलेज, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, मेट्रो रेल सेवाएं, सिनेमा हॉल, जिम के साथ-साथ राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक आयोजन भी प्रतिबंधित रहेंगे।

नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा

नई गाइडलांइस के मुताबिक, रात के 10 बजे से लेकर सुबह के 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा, इस दौरान लोगों की आवाजाही पर रोक रहेगी। जरूरी गतिविधियों और कुछ अन्य को इसमें छूट दी गई है।

देशभर में कोरोना का कहर जारी

देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना पॉजिटिव माइर्मलों की कुल संख्या 5,66,840 हो गई है, जिनमें से 2,15,125 सक्रिय मामले हैं, 3,34,822 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 16,893 लोगों की मौत हो चुकी है।

इस दौरान क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद

• स्कूल-कॉलेज और कोचिंग इंस्टिट्यूट 31 जुलाई तक बंद रहेंगे।

• केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट 15 जुलाई से शुरू किए जा सकेंगे. इसके लिए निर्देश अलग से जारी किया जाएगा।

• मेट्रो, सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पूल, जिम, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल अभी बंद रहेंगे।

• अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक जारी रहेगा, गृह मंत्रालय जिन्हे इजाजत देगा वो यात्रा कर सकते हैं।

• मेट्रो रेल सेवाएं भी 31 जुलाई तक बंद रहेगी।

• पहले से शुरू घरेलू उड़ानें और रेल सेवाएं जारी रहेंगी।

• सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक जमावड़े पर रोक रहेगा।

• धार्मिक स्थल, होटल, रेस्तरां, शॉपिंग मॉल्स अनलॉक-1 की तरह ही खुले रहेंगे।

• सार्वजनिक स्थानों पर, कार्यस्थलों पर और यात्रा के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा।

• नई गाइड लाइंस के अनुसार, दुकानों में 5 लोग से ज्यादा भी जुट सकते हैं लेकिन इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखना होगा।

• शादियों में 50 और अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।

• 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, गंभीर बीमारी से पीड़ित, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में रहने की सलाह दी गई है।

राज्यों को दिए गए हैं अधिकार

अनलॉक- 2 को लेकर जारी किए गए आदेश में राज्यों को नियमों में बदलाव के अधिकार भी दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि स्थिति के अपने आकलन के आधार पर, राज्य/केंद्रशासित प्रदेश कंटेनमेंट जोन के बाहर कुछ गतिविधियों को प्रतिबंधित कर सकते हैं, या आवश्यक समझे जाने पर उन पर प्रतिबंध लगा सकते हैं।


3.भारत-चीन तनाव के बीच अचानक लेह पहुँचे प्रधानमंत्री मोदी, CDS जनरल बिपिन रावत भी मौजूद


भारत-चीन (India China) तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालात का जायजा लेने स्वयं लेह पहुंचे हैं। उनके साथ CDS जनरल बिपिन रावत भी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 03 जुलाई 2020 को सुबह लद्दाख के लेह पहुंचे हैं. उनकी यह यात्रा पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय जवानों की हिंसक झड़प के बाद हो रही है। भारत-चीन (India China) तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालात का जायजा लेने स्वयं लेह पहुंचे हैं। उनके साथ CDS जनरल बिपिन रावत भी हैं।

जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी सुरक्षा का जायजा भी लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी घायल जवानों से भी मुलाकात करेंगे। लेह पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी ने वायु सेना, थल सेना और ITBP के जवानों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस दौरे पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ एम एम नरवणे भी मौजूद रहे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया

प्रधानमंत्री मोदी के लद्दाख दौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय सेना के रहते देश की सीमाएं हमेशा सुरक्षित रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी का लद्दाख जाकर सेना के जवानों से भेंट करके उनका उत्साहवर्धन करने से सेना का मनोबल और ऊंचा हुआ है। मैं प्रधानमंत्री जी के इस कदम की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद देता हूं।

दोनो तरफ से भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती

दोनो तरफ से भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की जा रही है। भारतीय सेनाओं ने भी चौतरफा अग्रिम मोर्चे पर टैंकों के साथ हथियारों की तैनाती में इजाफा कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 03 जुलाई को सुबह अचानक लेह पहुंचे और उन्होंने वहां सीमा पर तैनात सैनिकों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा है कि 14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ़ हैं। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है।

पृष्ठभूमि

इस क्षेत्र में वास्तविक सीमा रेखा पर भारत व चीन के बीच करीब सात हफ्तों से तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच स्थिति 15 जून को इतनी बिगड़ गई थी कि गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस दौरान चीन के भी 40 से अधिक सौनिक मारे गए थे।


4.विश्व बैंक ने भारत के MSME सेक्टर के लिए 750 मिलियन डॉलर का फंड किया मंजूर


विश्व बैंक ने 01 जुलाई 2020 को 750 मिलियन डॉलर MSME आपात प्रतिक्रिया कार्यक्रम की घोषणा की है। यह कार्यक्रम ऐसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए वित्त के प्रवाह को बढ़ाने में सहयोग करेगा जो कोविड-19 महामारी से प्रभावित हैं।

यह कार्यक्रम भारत के तकरीबन 1.5 मिलियन MSMEs की तात्कालिक नकदी और क्रेडिट जरूरतों को पूरा करेगा। यह कार्यक्रम MSMEs में नौकरियों की सुरक्षा के अलावा, उन्हें बिखरती अर्थव्यवस्था के सदमे का सामना करने के लिए भी सहायता करेगा।

इस घोषणा के बाद, आपातकालीन कोविड-19 प्रतिक्रिया हेतु भारत की सहायता करने के लिए विश्व बैंक की कुल प्रतिबद्धता 2.75 बिलियन तक पहुंच गई है। यह कार्यक्रम ऐसे सुधारों के व्यापक सेट के तौर पर पहला कदम होगा जो आने वाले समय में MSME क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक होंगे।

विश्व बैंक द्वारा भारत के MSME क्षेत्र को मिल रहा है समर्थन

भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर, श्री जुनैद अहमद ने कहा है कि, MSME सेक्टर भारत के विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन का भी केंद्र है। यह क्षेत्र एक ऐसी विशेष क्षेत्र होगा जो कोविड-19 महामारी के बाद भारत के आर्थिक सुधार को गति देगा।

उन्होंने यह भी कहा कि, यह तत्काल सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि, सरकार द्वारा सिस्टम को प्रदान गई नकदी का इस्तेमाल MSME द्वारा किया गया है।

जुनैद अहमद ने इस बात पर भी जोर दिया कि MSMEs के लिए समग्र वित्तपोषण तंत्र को मजबूत करना भी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम MSME क्षेत्र में वित्त की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए एक प्रभावी वित्तीय मध्यस्थ के तौर पर छोटे क्रेडिट बैंकों और NBFC की भूमिका को आगे बढ़ाते हुए इन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करने का इरादा रखता है।

भारत की आपातकालीन कोविड-19 प्रतिक्रिया में विश्व बैंक का योगदान

MSME की इस नई परियोजना को शामिल करके, विश्व बैंक ने अब तक भारत की आपातकालीन कोविड-19 प्रतिक्रिया की सहायता करने के लिए 2.75 बिलियन डॉलर प्रदान करने का वादा किया है।

अप्रैल 2020 में भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए 1 बिलियन डॉलर के प्रथम आपातकालीन समर्थन की घोषणा की गई थी।

गरीबों और कमजोरों को खाद्य लाभ और नकदी हस्तांतरण प्रदान करने के लिए मई 2020 में 1 बिलियन डॉलर की एक और परियोजना को मंजूरी दी गई थी जिस के तहत एक अधिक समेकित वितरण मंच भी शामिल था जो राज्य की सीमाओं से परे शहरी और ग्रामीण आबादी के लिए सुलभ होगा।


5.खेल मंत्री ने लॉन्च किया NADA App, खिलाड़ियों को मिलेगा फायदा


यह ऐप खिलाड़ियों को प्रतिबंधित दवाओं और उनके इस्तेमाल से बचने की जानकारी देगा। इस ऐप से उन्हें खेलों के विभिन्न पहलुओं खासकर प्रतिबंधित दवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सकेगी।

केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने 30 जून 2020 को भारत की राष्ट्रीय डोपिंग एंटी एजेंसी (नाडा) की पहली मोबाइल ऐप लॉन्च की है। खेलों को डोपमुक्त बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। यह ऐप नाडा और खिलाड़ियों के बीच सेतु का काम करेगा। यह ऐप खेल के विभिन्न पहलुओं पर आसानी से सुलभ जानकारी प्रदान करता है।

यह ऐप खिलाड़ियों को प्रतिबंधित दवाओं और उनके इस्तेमाल से बचने की जानकारी देगा। इस ऐप से उन्हें खेलों के विभिन्न पहलुओं खासकर प्रतिबंधित दवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सकेगी। केंद्रीय खेल मंत्री रिजिजू ने नाडा को उनकी पहल के लिए बधाई दी और कहा कि यह स्वच्छ खेल का अभ्यास करने की दिशा में एक 'बहुत महत्वपूर्ण' कदम है।

दवाओं का सेवन करने में मदद मिलेगी

इस ऐप में नाडा द्वारा निषिद्ध पदार्थों और दवाओं के बारे में पूर्ण जानकारी है,जिससे एथलीटों को चोटिल होने पर सही दवाओं का सेवन करने में मदद मिलेगी। खिलाड़ियों के डोप टेस्ट को जल्दी आयोजित करने के लिए भी ऐप मददगार साबित होगी। इसके माध्यम से डोपिंग अधिकारी अपनी उपलब्धता के बारे में बता सकेंगे।

इस ऐप में सारे जानकारी दी जाएगी

कई बार ऐसा होता है कि खिलाड़ी जानते नही है कि कोई साधारण बीमारी के लिए गए दवाइयां भी बैन किये गए ड्रग्स के अंदर आता है और इस तरह से वे डोपिंग के दोषी पाए जाते है। इस ऐप में सारे जानकारी दी जाएगी और अंतरराष्ट्रीय खेल में डोपिंग को लेकर बदलते हुए सारे नियम भी अपडेट किए जाएंगे।

खिलाड़ी खुद पता लगा सकेंगे पदार्थों के बारे में

इस एप के माध्यम से खिलाड़ी अपने आप ही उन पदार्थ का पता लगा सकते हैं जिनका सेवन प्रतिबंधित है और इसके लिए उन्हें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।

खेल मंत्री किरण रिजिजू ने क्या कहा?

खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि मैं नाडा को इस पहल के लिए धन्यवाद देता हूं। यह भारतीय खेल के लिए काफी अहम कदम है क्योंकि हम साफ-सुथरे खेल के लिए काम कर रहे हैं और इस पहल में सबसे पहला कदम लोगों को जागरूक करना है और खिलाड़ियों को जानकारी मुहैया कराना है ताकि उन्हें पता चले कि कौन सी दवाइयां उन्हें नहीं लेनी हैं।

ऐप गूगल स्टोर पर उपलब्ध

खेल मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार खिलाड़ियों का डोप टेस्ट जल्दी और आसानी से कराने के लिए ऐप डोपिंग नियंत्रण अधिकारी को उनकी उपलब्धता रिकॉर्ड कराने की भी सुविधा देता है। यह ऐप गूगल स्टोर पर उपलब्ध है।


6.ICC चेयरमैन शशांक मनोहर ने अपने पद से दिया इस्तीफा


आईसीसी बोर्ड के अगले हफ्ते तक अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को स्वीकृति देने की उम्मीद है। आईसीसी ने इस पर कहा कि आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर ने दो साल के दो कार्यकाल के बाद पद छोड़ दिया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन शशांक मनोहर ने अपने दो साल के दो कार्यकाल पूरे करने के बाद त्यागपत्र दे दिया है। जब तक नए चेयरमैन की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक डिप्टी चेयरमैन इमरान ख्वाजा उनकी जगह लेंगे। वे इस पद पर दो वर्ष तक रहे।

आईसीसी बोर्ड के अगले हफ्ते तक अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को स्वीकृति देने की उम्मीद है। आईसीसी ने इस पर कहा कि आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर ने दो साल के दो कार्यकाल के बाद पद छोड़ दिया है। आईसीसी बोर्ड ने हाल ही में बैठक की और सहमति जताई कि उप चेयरमैन इमरान ख्वाजा उत्तराधिकारी के चयन तक चेयरमैन की जिम्मेदारी निभाएंगे।

तीसरा कार्यकाल

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर तीसरी बार दो साल का कार्यकाल विस्तार नहीं चाहते थे। शशांक मनोहर ने दो साल के दो कार्यकाल के बाद पद छोड़ दिया है। आईसीसी के नियमों के मुताबिक मनोहर दो और साल के लिए अपने पद पर रह सकते थे क्योंकि अधिकतम तीन कार्यकाल की स्वीकृति है।

BCCI के अध्यक्ष रह चुके हैं मनोहर

मनोहर इससे पहले दो बार बीसीसीआई अध्यक्ष भी रहे है। वे पहले साल 2008 से साल 2011 तक बीसीसीआई अध्यक्ष रहे और फिर अक्टूबर 2015 से मई 2016 तक दोबारा इस पद पर काबिज हुए। दूसरे कार्यकाल का एक हिस्सा आईसीसी चेयरमैन पद के दौरान रहा।

इमरान ख्वाजा ने क्या कहा?

इमरान ख्वाजा ने कहा कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष मनोहर खेल को बेहतर स्थिति में छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि शशांक ने खेल के लिए जो किया उसके लिए क्रिकेट उनका आभारी है। उन्हें आईसीसी और क्रिकेट जिस स्थिति में मिला था उन्होंने इसे उससे बेहतर बनाकर छोड़ा है।

आईसीसी चेयरमैन

शशांक मनोहर 12 मई 2016 को वे निर्विरोध अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के पहले चेयरमैन चुने गए थे। उन्होंने इस पद पर चुने जाने के लिए 10 मई 2016 को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।


7.G4 Swine Flu: China में मिला स्वाइन फ्लू का घातक वायरस, फैला सकता है महामारी


चीन के वैज्ञानिकों को स्थानीय सुअरों में एक नया वायरस मिला है। ये वायरस इंसानों में फैल सकता है। चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वायरस भी जानलेवा महामारी बन सकता है।

चीन से फैला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मच रहा है। इस जानलेवा वायरस की चेपट में एक करोड़ से ज्यादा लोग आ चुके हैं। चीन के वैज्ञनिकों ने एक नए फ्लू वायरस का पता लगाया है, जिसमें महामारी का रूप लेने की क्षमता है। चीन के वैज्ञानिकों को स्थानीय सुअरों में एक नया वायरस मिला है। ये वायरस इंसानों में फैल सकता है। चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वायरस भी जानलेवा महामारी बन सकता है।

शोधकर्ताओं को इस दौरान चीन में एक नया स्वाइन फ्लू (Swine Flu G4) मिला है जो H1N1 स्वाइन फ्लू का अनुवांशिक वंशज है। नए स्वाइन फ्लू का नाम नए स्वाइन फ्लू का नाम जी4 (G4) है। ये पहले से भी ज्यादा घातक है। ऐसे में अगर ये कोरोना महामारी (कोविड-19) के संपर्क में आता है तो इसके और अधिक बढ़ने की आशंका होगी।

यह फैला तो रोकना मुश्किल होगा

कोरोना वायरस से पहले दुनिया में अंतिम बार फ्लू महामारी साल 2009 में आई थी और उस समय इसे स्‍वाइन फ्लू कहा गया था। मैक्सिको से शुरू हुआ स्‍वाइन फ्लू उतना घातक नहीं था, जितना कि अनुमान लगाया गया था। इस बार कोरोना वायरस के कारण एक करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। ऐसी स्थिति में अगर नया वायरस फैलता है, तो इसे रोकना बहुत मुश्किल होगा।

इंसानों को बुरी तरह संक्रमित करने की क्षमता

नैशनल अकैडमी ऑफ सांइसेज़ में छपे इस शोध के अनुसार, फ्लू के इस नए स्ट्रेन में इंसानों को बुरी तरह संक्रमित करने की क्षमता है। शुरुआती शोध में मिली जानकारी के अनुसार, ये स्ट्रेन सुअरों में पाया जाता है, लेकिन ये इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार इस वायरस में वे सभी लक्षण हैं जो बताते हैं कि ये इंसानों को संक्रमित कर सकता है। इसीलिए इस वायरस पर नज़र रखना बेहद ज़रूरी है। साथ ही क्योंकि ये एक वायरस नया है, इसीलिए लोगों में इसके प्रति कम या बिलकुल रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं होगी।

वायरस अपना स्वरूप बदल सकता है

शोधकर्ता इस बात को लेकर बड़ी चिंती में हैं कि ये वायरस अपना स्वरूप बदल सकता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बेहद आसानी से फैल सकता है और कोरोना वायरस की तरह एक महामारी का रूप भी ले सकता है।

चीन के वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन

चीन के वैज्ञानिकों ने इसे खोजने के लिए साल 2011 से 2018 तक रिसर्च किया है। इस दौरान इन वैज्ञानिकों ने चीन के 10 राज्यों से 30 हजार सुअरों के नाक से स्वैब इकट्ठा किया। इस स्वैब की जांच की गई है। इस जाच में पता चला है कि चीन में 179 तरह के स्वाइन फ्लू हैं। इन सभी में से जी4 को अलग किया गया। ज्यादातर सुअरों में जी4 (G4) स्वाइन फ्लू पाया गया है जो साल 2016 के बाद से सुअरों में पनप रहा है। इसके बाद वैज्ञानिकों ने जी4 (G4) पर शोध शुरू किया।

जी-4 वायरस

जी-4 बहुत ज्यादा संक्रामक वायरस है। यह मानव कोशिकाओं में प्रतिकृति और अन्य वायरस की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण पैदा करता है। परीक्षणों से यह भी पता चला है कि मौसमी फ्लू के संपर्क में आने से मनुष्य की प्रतिरक्षा उसे जी-4 से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। रक्त परीक्षणों के अनुसार, वायरस के संपर्क में आने के बाद संक्रमितों के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी में से 10.4 प्रतिशत पहले से ही संक्रमित पाए गए थे। शोधकर्ताओं ने लिखा कि यह चिंता का विषय है कि जी-4 वायरस का मानव संक्रमण अनुकूलन इसे आगे और महामारी के जोखिम को बढ़ाएगा।

खांसी-बुखार मुख्य लक्षण

नेवले में हुए प्रयोग के आधार पर वैज्ञानिक मान रहे हैं कि इस वायरस के मुख्य लक्षण बुखार, छींक, खांसी और जोर-जोर से सांस लेना हैं।


8.भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान कोविड -19 से नहीं होगा प्रभावित


केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 29 जून को यह कहा कि, भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान का प्रक्षेपण मौजूदा कोविड ​​-19 महामारी से प्रभावित नहीं होगा और इस मिशन की तैयारियां सही दिशा में चल रही हैं।

मंत्री ने इसरो गतिविधियों में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कैबिनेट के फैसले के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि नियामक निकाय 'IN-SPACe' निजी भागीदारों को समान अवसर प्रदान करेगा और उनकी भागीदारी को प्रोत्साहन देगा।

अपने संक्षिप्त बयान में उन्होंने आश्वासन दिया कि पूर्व योजना के मुताबिक, गगनयान का प्रक्षेपण वर्ष 2022 में भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ से पहले होगा।

पूर्व योजना के अनुसार ही होगा गगनयान का प्रक्षेपण

गगनयान मिशन के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने यह बताया है कि, भले ही रूस में चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण कोविड -19 की वजह से रुक गया था, फिर भी वैज्ञानिक टीम और इसरो के अध्यक्ष की राय है कि, प्रशिक्षण कार्यक्रम और लॉन्च की समय सीमा के बीच सामंजस्य की काफी गुंजाइश है।

वर्तमान में, अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण को फिर से शुरू कर दिया गया है और सरकार की पूर्व योजना के अनुसार ही यह लॉन्च किया जायेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष विभाग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की पिछले एक साल की उपलब्धियों के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण भावी मिशनों की भी जानकारी दी।

इसरो के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे निजी भागीदार

मंत्री ने इसरो में निजी भागीदारी की भूमिका पर विस्तार से बताया और यह कहा कि इस निर्णय से हमारे अंतरिक्ष अभियानों के संसाधनों और क्षमता में वृद्धि होगी। निजी भागीदारों की बढ़ी हुई भागीदारी ऐसे प्रतिभाशाली अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को विदेश जाने से रोकेगी जो एक बड़े ब्रेक की तलाश में भारत से किसी अन्य देश में चले जाते हैं।

चंद्र मिशन ‘चंद्रयान - 3’ के बारे में जानकारी

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में, इसे वर्ष 2021 में लॉन्च करने की योजना है। इस चंद्र मिशन में रोवर, लैंडर और मॉड्यूल को ले जाने के लिए एक संचालक प्रणाली शामिल होगी लेकिन, इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा क्योंकि पिछला ऑर्बिटर पूरी तरह से चालू है।


9.वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने हेतु ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना की शुरुआत


देश में वैज्ञानिक शोध की गति को तीव्र करने और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने हेतु मानव संसाधन का निर्माण करने के उद्देश्य से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के सांविधिक निकाय विज्ञान एवं इंजीनियरी अनुसंधान बोर्ड द्वारा ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना (Accelerate Vigyan Scheme) की शुरुआत की गई है।

यह अंतर-मंत्रालयी कार्यक्रम के रूप में ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना अनुसंधान की संभावनाओं, परामर्श, प्रशिक्षण और व्यावहारिक कार्य प्रशिक्षण की पहचान करने की कार्यविधि को सुदृढ़ बनाने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करेगी. वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने हेतु ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना की शुरुआत की गईं है।

योजना का उद्देश्य

यह योजना विज्ञान के क्षेत्र में कैरियर बनाने के इच्छुक छात्रों को रिसर्च इंटर्नशिप, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं से संबंधित एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

शीतकालीन सत्र के लिए आवेदन आमंत्रित

इस योजना के ‘अभ्यास’ घटक के अंतर्गत शीतकालीन सत्र के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इससे संबंधित जानकारी के लिए एक वेब पोर्टल www.acceleratevigyan.gov.in भी शुरू किया गया है।

प्रशिक्षित अनुसंधानकर्ताओं के विकास पर आधारित

यह एक अंतर-मंत्रालयी कार्यक्रम के रूप में ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ की शुरुआत मानते हुए की गई है कि अनुसंधान की गुणवत्ता उससे जुड़े प्रशिक्षित अनुसंधानकर्ताओं के विकास पर आधारित होती है।

सुदृढ़ बनाने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर कार्य

यह योजना अनुसंधान की संभावनाओं, परामर्श, प्रशिक्षण और व्यावहारिक कार्य प्रशिक्षण की पहचान करने की कार्यविधि को सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करेगी। इस योजना का मूल दृष्टिकोण अनुसंधान के आधार का विस्तार करना है। इसके तीन व्यापक लक्ष्यों में वैज्ञानिक कार्यक्रमों का एकत्रीकरण, संसाधनों/सुविधाओं से दूर अनुसंधान प्रशिक्षुओं के लिए स्तरीय कार्यशालाओं की शुरुआत और अवसरों का सृजन करना शामिल है।

बोर्ड एक ऐप भी शुरू करेगा

गौरतलब है कि विज्ञान एवं इंजीनियरी अनुसंधान बोर्ड जल्द ही इस कार्यक्रम से संबंधित एक ऐप भी शुरू करेगा। इस योजना के तहत विभिन्न विषयों पर केंद्रित उच्च स्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे आगामी पाँच वर्षों में करीब 25 हजार पोस्ट ग्रेजुएट एवं पीएचडी (PhD) छात्रों को आगे बढ़ने का अवसर मिल सकेगा। यह विशेष रूप से ऐसे अनुसंधानकर्ताओं हेतु महत्वपूर्ण हो सकता है, जिनके पास उच्च स्तरीय शिक्षण सुविधाओं या अवसंरचनाओं तक पहुँच के सीमित अवसर हैं। ‘कार्यशाला’ और ‘वृत्तिका’ घटकों के तहत शीतकालीन सत्र (दिसंबर 2020 से जनवरी 2021) के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

संस्था के अनुसार, इस पहल के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर केंद्रित उच्च स्तरीय कार्यशालाओं के आयोजन की योजना है, जिससे आगामी पाँच वर्षों में करीब 25 हजार पोस्ट ग्रेजुएट एवं पीएचडी छात्रों को आगे बढ़ने के अवसर मिल सकते हैं। इस योजना पर देश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों एवं प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।

समिति (आईएमओसी) का गठन

एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना मिशन मोड में कार्य करेगी, विशेषकर उस घटक के संबंध में जो देश में सभी प्रमुख वैज्ञानिक समारोहों के एकीकरण का कार्य करेगा। इस संबंध में, सभी वैज्ञानिक मंत्रालयों/विभागों और कुछ अन्य सदस्यों को मिलाकर एक अंतर मंत्रालयी निरीक्षण समिति (आईएमओसी) का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य योजना को कार्यान्वित करने में एसईआरबी की सहायता और समर्थन करना है।


10.केंद्र सरकार ने AFSPA के तहत नगालैंड को अगले 6 महीने के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया


केंद्र सरकार ने 30 जून 2020 को अगले छह महीने के लिए यानी दिसंबर तक पूरे नगालैंड को 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार का मानना है कि पूरे नागालैंड में परिस्थितियां इतनी परेशान करने वाली और खतरनाक हैं कि आम जनमानस की मदद एवं सुरक्षा हेतु सशस्त्र बलों की सहायता की आवश्यकता है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि इन हालातों को देखते हुए सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (आफस्पा) की धारा तीन द्वारा प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 30 जून 2020 से छह महीने की अवधि के लिए पूरे राज्य को 'अशांत क्षेत्र' माना जाएगा।

जवानों के शिविर पर हुआ हमला था

असम राइफल्स के जवानों ने साल 2019 में नागालैंड में मोन जिले के पुराने और नए चेनलोइशो गांव के बीच स्थित अपने शिविर पर नेशनल सोशलिस्ट ऑफ नागालैंड-खापलांग द्वारा किए गए हमले को नाकाम कर दिया था। यहां जवानों के शिविर पर एनएससीएन-के द्वारा असम राइफल्स के शिविर पर हमला किया गया था।

पहले भी कई बार लग चुका है अफस्पा

नागालैंड राज्य में लगातार हो रहे आंतरिक विद्रोह और आतंकी गतिविधियों के चलते राज्य को पहले भी अनेक बार अशांत क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। नगालैंड में लंबे समय से अलगववादी आंदोलन चल रहा है और ये आंदोलन कई गुटों में बंटा है। एनएससीएन (आई-एम) ने अलग झंडे और संविधान की भी मांग की थी जिसे केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया था।

सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के बारे में

अफ्सपा कानून के तहत सेना के जवानों को किसी भी व्यक्ति की तलाशी केवल संदेह के आधार पर लेने का अधिकार प्राप्ता है। गिरफ्तारी के दौरान सेना के जवान उस व्यक्ति के घर में घुस कर संदेह के आधार पर तलाशी ले सकते हैं।

सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) के तहत सेना के जवानों को कानून तोड़ने वाले व्यक्ति पर फायरिंग का भी पूरा अधिकार प्राप्त है। संविधान लागू किये जाने के बाद से ही भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ रहे अलगाववाद, हिंसा और विदेशी आक्रमणों से प्रतिरक्षा के लिए मणिपुर और असम में वर्ष 1958 में अफस्पा लागू किया गया था।



11.RBI ने NBFC और HFC हेतु सरकार की विशेष नकदी योजनाओं के लिए रखीं शर्तें