1. G20: भूमि क्षरण को कम करने के लिए वैश्विक पहल और कोरल रीफ प्रोग्राम को लांच किया गया
जी-20 पर्यावरण मंत्रियों की बैठक वर्चुअली आयोजित की गई थी। इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया। बैठक को G20 लीडर्स समिट, 2020 के लिए शेरपा ट्रैक के एक भाग के रूप में आयोजित किया गया था।
मुख्य बिंदु
इस बैठक में भूमि क्षरण को कम करने के लिए वैश्विक पहल की शुरुआत की गई। यह बैठक निम्नलिखित विषय के तहत आयोजित की गई थी :
थीम: Realizing opportunities of 21st century for all
इस बैठक में थीम के तहत तीन मुख्य एजेंडे को संबोधित किया गया।
वे इस प्रकार हैं :
लोगों को सशक्त बनाने के लिए, ऐसी परिस्थितियाँ बनाएँ जहाँ सभी लोग रह सकें, काम कर सकें और विकसित हो सकें। यह समूह इस एजेंडे को लागू करते समय महिलाओं और युवाओं पर विशेष ध्यान देगा।
सामूहिक प्रयासों के माध्यम से ग्रह की रक्षा करना
नई सीमाओं को आकार देने और दीर्घकालिक रणनीतियों और उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाना
भूमि क्षरण निम्नीकरण पर वैश्विक पहल (Global Initiative on Reducing Land Degradation)
इस पहल का मुख्य उद्देश्य मौजूदा ढांचे को मजबूत करना है। यह जी-20 सदस्य राज्यों के भीतर भूमि क्षरण को रोकेगा और इसे रिवर्स करेगा। यह कार्य सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के मार्ग में किया जायेगा।
सतत विकास लक्ष्य का उद्देश्य 2030 तक लैंड डिग्रेडेशन न्यूट्रैलिटी हासिल करना है।
कोरल रीफ प्रोग्राम (Coral Reef Programme)
इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रवाल भित्तियों के संरक्षण, रीस्टोरेशन और उन्हें अधिक क्षरण से बचाने के लिए अनुसन्धान और विकास को फ़ास्ट ट्रैक करना है।
शेरपा ट्रैक क्या है?
शेरपा ट्रैक मंत्रियों की बैठक है। शेरपा ट्रैक मुख्य रूप से शिक्षा, कृषि, जलवायु, डिजिटल अर्थव्यवस्था, भ्रष्टाचार विरोधी, रोजगार, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य, व्यापार और निवेश पर केंद्रित है।
भारत का रुख
भारत ने बैठक में अपने राष्ट्रीय तटीय मिशन कार्यक्रम पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय तटीय मिशन कार्यक्रम (National Coastal Mission Programme)
इस मिशन को जलवायु परिवर्तन में राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत स्थापित किया गया था। इस मिशन के तहत, भारत सरकार का उद्देश्य तटीय क्षेत्रों में तटरेखा और समुदायों की रक्षा करना है। साथ ही, यह तटीय क्षेत्रों में तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को संबोधित करेगा।
एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन परियोजना (Integrated Coastal Zone Management Project)
इसे 2010 में 1,400 करोड़ रुपये की लागत से लॉन्च किया गया था। यह परियोजना गुजरात, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लागू की गई थी। इस परियोजना के तहत आश्रय बेल्ट वृक्षारोपण, मैंग्रोव वृक्षारोपण, प्रवाल प्रत्यारोपण, प्रदूषण उन्मूलन और आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने का काम किया गया।
2. भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (IBSA) विदेश मंत्रियों की बैठक विदेश मंत्री की अध्यक्षता में हुई
भारत के विदेश मंत्री श्री एस. जयशंकर ने IBSA के विदेश मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की। IBSA में भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका हैं।
मुख्य बिंदु
इस बैठक के दौरान मंत्रियों ने शांति, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद से निपटने, बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली, अप्रसार मुद्दों, निशस्त्रीकरणण और दक्षिण-दक्षिण सहयोग जैसे मुद्दों पर सहमति व्यक्त की। वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने के लिए भी सहमत हुए।
नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे अफ्रीकी संघ, शांति और सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र आदि के साथ सहयोग करने पर भी सहमति व्यक्त की।
इसके अलावा, वे एजुलविनी सहमति और सिरते घोषणा के अनुसार अपने समर्थन का विस्तार करने के लिए सहमत हुए।
एजुलविनी सहमति
यह अफ्रीकी संघ द्वारा सहमत अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर एक स्थिति है। एजुलविनी सहमति प्रतिनिधि और लोकतांत्रिक सुरक्षा परिषद का आवाहन करती है जहां अफ्रीका का प्रतिनिधित्व दुनिया के अन्य क्षेत्रों की तरह ही किया जाएगा।
एजुलविनी स्विट्जरलैंड में एक घाटी है। यहां समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे और इसलिए इस समझौते का नाम एजुलविनी रखा गया है।
मांगे
निम्नलिखित मांगों को अफ्रीकी संघ ने एजुलविनी सहमति (Ezulwini Consensus) के माध्यम से रखा था :
अफ्रीकी संघ ने कम से कम दो स्थायी सीटों और सुरक्षा परिषद में पांच गैर-स्थायी सीटों की मांग की
इसके अलावा, अफ्रीकी संघ यह चुनेगा कि किन अफ्रीकी सरकारों को सीटें मिलेंगी
यह ECOSOC को मजबूत बनाने के लिए मांग करता है
सिरते घोषणा
एजुलविनी सहमति के बाद सिरते घोषणा हुई। इसे अफ्रीकी संघ ने भी अपनाया था। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अफ्रीकन यूनिटी के चौथे सत्र में सिरते डिक्लेरेशन को अपनाया गया। सिरते घोषणा ने निम्नलिखित की घोषणा की:
अफ्रीकी संघ की स्थापना
अबूजा संधि के कार्यान्वयन में तेजी
अफ्रीकन कोर्ट ऑफ जस्टिस, अफ्रीकन सेंट्रल बैंक, अफ्रीकी आर्थिक समुदाय और अफ्रीकी संसद का निर्माण
अफ्रीकी संघ
यह 55 सदस्य देशों के साथ एक संघ है। इसकी स्थापना 2001 में अदीस अबाबा में हुई थी। अफ्रीकी संघ का मुख्य उद्देश्य आर्गेनाइजेशन ऑफ़ अफ्रीकन यूनिटी को रीप्लेस करना था। इसका उद्देश्य अफ्रीकी देशों के बीच अधिक से अधिक एकता हासिल करना है। इसके अलावा, इसका उद्देश्य महाद्वीप में सामाजिक आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना और बचाव करना है।
3. भारत जिबूती आचार संहिता का पर्यवेक्षक बना
16 सितंबर, 2020 को भारत एक पर्यवेक्षक के रूप में जिबूती आचार संहिता में शामिल हो गया है। जिबूती आचार संहिता को जेद्दा संशोधन भी कहा जाता है।
जिबूती आचार संहिता क्या है? (Djibouti Code of Conduct)
यह एक क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा सहयोग समझौता है। इसे 2008 में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) द्वारा स्थापित किया गया था।
इस समूह में 19 सदस्य देश शामिल हैं, जो अदन की खाड़ी, लाल सागर, अफ्रीका के पूर्वी तट और हिंद महासागर क्षेत्र से सटे हैं। भारत हाल ही में एक पर्यवेक्षक बन गया है। इस समूह के अन्य पर्यवेक्षक नॉर्वे, जापान, यूके और अमेरिका हैं।
जिबूती आचार संहिता के सदस्य देश इरिट्रिया, इथियोपिया, मिस्र, कोमोरोस, जॉर्डन, जिबूती, मालदीव, केन्या, मेडागास्कर, मोजाम्बिक, ओमान, मॉरीशस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, सेशेल्स, सोमालिया, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, संयुक्त राज्य अमेरिका और तंजानिया गणराज्य हैं।
जिबूती आचार संहिता के तहत, देश निम्नलिखित पर सहमत हुए :
उन लोगों की जांच, गिरफ्तारी और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए, जिन पर चोरी की वारदातें, डकैती की वारदातें होने का शक है।
संदिग्ध जहाजों को रोकना और जहाज़ पर मौजूद परिसंपत्ति को जब्त करना
चोरी और सशस्त्र डकैती से प्रभावित व्यक्तियों, संपत्ति और जहाजों की रक्षा करना। इस तरह के कृत्यों के शिकार हुए मछुआरों और यात्रियों को समुचित देखभाल और उपचार की सुविधा प्रदान करना
अधिकृत अधिकारियों को दूसरे हस्ताक्षरकर्ता देश के गश्ती जहाजों को संचालन की अनमति प्रदान करना।
सांकेतिक राज्यों के बीच साझा संचालन
जेद्दा समझौता
संशोधित जिबूती आचार संहिता को जेद्दा समझौता कहा जाता है। इस समझौते के तहत, देश सतत विकास को सक्षम करने के लिए समुद्री सुरक्षा मुद्दों को संबोधित करने के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय क्षमता के निर्माण के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। जेद्दा समझौते के तहत, देश निम्नलिखित पर सहयोग करने के लिए सहमत हुए :
ऐसे अंतर्द्वंद्व जहाज या विमान जिनमें अपराध होने की आशंका है
जानकारी साझा करने के लिए
यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोगों की गैरकानूनी गतिविधियों पर मुकदमा चलाया जाए
समुचित देखभाल, प्रत्यावर्तन, समुद्री अपराध पीड़ितों का उपचार।
इनके अलावा, जेद्दा समझौते में सतत आर्थिक विकास, खाद्य सुरक्षा, रोजगार, समृद्धि और स्थिरता का समर्थन करने के लिए “नीली अर्थव्यवस्था” के महत्व पर जोर दिया गया है। जेद्दा समझौते के तहत प्रतिभागियों ने समुद्री क्षेत्र और एक स्थायी नीली अर्थव्यवस्था विकसित करने के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति विकसित करने पर सहमति व्यक्त की।
4. विश्व बैंक मानव पूंजी सूचकांक: भारत 116वें स्थान पर पहुंचा
17 सितंबर, 2020 को विश्व बैंक ने वार्षिक मानव पूंजी सूचकांक जारी किया। भारत ने वार्षिक मानव पूंजी सूचकांक में 116वाँ स्थान प्राप्त किया है। सूचकांक पूरी दुनिया में मानव पूंजी के प्रमुख घटकों को मापता है।
2018 में, भारत का स्कोर 0.44 था। अब यह 2020 में बढ़कर 0.49 हो गया है।
मुख्य बिंदु
मानव पूंजी सूचकांक में 174 देशों का शिक्षा और स्वास्थ्य डेटा शामिल हैं। यह दुनिया की आबादी का 98 प्रतिशत कवर करता है। यह शिक्षा और स्वास्थ्य पर एक पूर्व-महामारी संबंधी आधार रेखा प्रदान करता है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
2019 में भारत 157 देशों में से 115वें स्थान पर था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 बिलियन से अधिक बच्चे स्कूल से बाहर हैं।
महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण व्यवधान हैं।
कई बच्चों को उनके महत्वपूर्ण टीकाकरण से बाहर सूचीबद्ध किया गया है।
रिपोर्ट में पाया गया है कि प्रेषण में एक बड़ी गिरावट आई है और कुल आय में 11% से 12% की गिरावट आई है।
मानव पूंजी सूचकांक
इस सूचकांक की गणना तीन स्तंभों के आधार पर की जाती है। वे हैं : उत्तरजीविता, स्कूल और स्वास्थ्य। स्कूल श्रेणी के तहत सूचकांक की गणना में शिक्षा की मात्रा और गुणवत्ता शामिल है। स्वास्थ्य श्रेणी में, अन्य उत्तरजीविता दर और बच्चों का स्वस्थ विकास शामिल हैं।
मानव पूंजी सूचकांक और मानव विकास सूचकांक से कैसे भिन्न है?
मानव पूंजी सूचकांक संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा जारी किया जाता है। दूसरी ओर, विश्व बैंक द्वारा मानव विकास सूचकांक जारी किया जाता है। मानव पूँजी स्वास्थ्य को मापने के लिए स्टंटिंग दर और उत्तरजीविता दर का उपयोग किया जाता है।
मानव विकास सूचकांक में प्रति व्यक्ति आय का उपयोग किया जाता है लेकिन इसे मानव पूंजी सूचकांक में शामिल नहीं किया गया है।
5. अमेरिकी कंपनी ने किया H-1b visa का उल्लंघन, करेगी 3.45 लाख डॉलर का भुगतान
न्यूजर्सी स्थित एक कर्मचारी भर्ती कंपनी ने इन आरोपों को निपटाने के लिए 3.45 लाख अमेरिकी डॉलर देने पर सहमति जताई है कि उसने अमेरिका में एच-1बी वीजा पर कर्मचारियों को लाने के दौरान आव्रजन और रोजगार नियमों का उल्लंघन किया है।
एच-1बी वीजा गैर-आव्रजक वीजा है। इसके जरिए अमेरिकी कंपनियां विशेषज्ञता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति कर सकती हैं। भारतीय आईटी पेशवरों के बीच एच-1बी वीजा की सबसे अधिक मांग रहती है।
अमेरिका में आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) की आंतरिक सुरक्षा जांच (एचएसआई), श्रम विभाग और न्यूजर्सी जिले के अटॉर्नी ने सैवन्टिस को एच-1बी संबंधी उल्लंघनों के संबंध में लगाए गए आरोपों के समाधान के लिए 3.45 लाख डॉलर के भुगतान का आदेश दिया था।
सैवन्टिस, जिसका नाम पहले वैदिकसॉफ्ट था, की उपस्थिति भारत में भी है। कंपनी एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिकी में विदेश नागरिकों को नियुक्ति दिलाने के साथ ही परामर्श, प्रौद्योगिकी और कर्मचारी मुहैया कराने जैसे कार्यों में शामिल है। आईसीई ने सोमवार को एक बयान में कहा कि जांच में पाया गया था कि जनवरी 2014 से जून 2018 तक सैवन्टिस के कई एच-1बी वीजाधारक कर्मचारियों को नियमित अंतराल पर जरूरी वेतन का भुगतान नहीं किया गया। बयान में कहा गया कि इसके अलावा भी सैवन्टिस कई अनियमितताओं में शामिल पाई गई।
6. COVID-19 : न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 12% की गिरावट
कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी की रोकथाम के लिए लागू किए गए सख्त लॉकडाउन (Lockdown) के चलते न्यूजीलैंड (New Zealand) की अर्थव्यवस्था (Economy) चालू वर्ष की दूसरी तिमाही में रिकॉर्ड 12.2 प्रतिशत गिर गई, हालांकि ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि आर्थिक गतिविधियों में दोबारा उछाल आ रहा है। न्यूजीलैंड द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जीडीपी पहले की तुलना में घट गई है और 11 वर्षों में पहली बार वहां मंदी के संकेत हैं। न्यूजीलैंड में सालाना आधार पर जीडीपी दो प्रतिशत घटी है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि तीसरी तिमाही के दौरान आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
7. तिरुपति के सांसद बल्ली दुर्गा प्रसाद का दु:खद निधन
तिरुपति (Tirupati) से लोकसभा सांसद (Lok Sabha MP) बल्ली दुर्गा प्रसाद राव (Balli Durga Prasad Rao) का बुधवार को यहां एक अस्पताल में निधन (Passed away) हो गया। वे कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित थे और उनका इलाज चेन्नई के एक अस्पताल में चल रहा था। परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के 65 वर्षीय सांसद चेन्नई के अस्पताल में भर्ती थे। तीन सप्ताह पहले उनके कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद के निधन पर शोक व्यक्त किया है। राव तिरुपति की सुरक्षित सीट से पहली बार सांसद बने थे। तीन बार के विधायक और पूर्व राज्यमंत्री के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं। मोदी ने ट्वीट किया, लोकसभा सांसद बल्ली दुर्गा प्रसाद के. राव गारू के निधन से दुखी हूं। वे अनुभवी नेता थे, जिन्होंने आंध्र प्रदेश की प्रगति में प्रभावी योगदान दिया था। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति है। ओम शांति। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, उप मुख्यमंत्री के नारायण स्वामी, उद्योग मंत्री मेकापति गौतम रेड्डी और चित्तूर जिले के कई विधायकों ने प्रसाद की मौत पर दुख व्यक्त किया है। रेड्डी ने सांसद के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा, पार्टी के लिए नुकसान। उन्होंने विधायक, मंत्री और सांसद के रूप में लोगों के कल्याण के लिए संघर्ष किया।पेशे से वकील राव ने तेदेपा के सदस्य के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और वे पहली बार 1985 में विधायक बने थे। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वे वाईएसआरसी में शामिल हुए थे।
तिरुमला तिरुपति देवास्थनम बोर्ड के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने भी सांसद के निधन पर शोक व्यक्त किया। अविभाजित आंध्र प्रदेश में 1995-96 में वे चंद्रबाबू नायडू के मंत्रिमंडल में स्कूली शिक्षामंत्री थे। वे नेल्लोर जिले के गुडूर से 1985,1994 और 2009 में विधायक निर्वाचित हुए।
8. महाराष्ट्र के पूर्व क्रिकेटर सदाशिव पाटिल का निधन
महाराष्ट्र के पूर्व क्रिकेटर सदाशिव पाटिल का निधन। वे भारत के लिए केवल एक टेस्ट मैच खले थे और 1952 और 1964 के दौरान 36 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे।
उन्होंने 1952-53 सत्र के दौरान महाराष्ट्र के लिए प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया था और 1955 में ब्रेबोर्न स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ उनका एकमात्र टेस्ट डेब्यू था।
9. कलाविद् डॉ. कपिला वात्स्यायन का निधन
विदुषी, लेखिका और कलाविद डॉ. कपिला वात्स्यायन (Dr. Kapila Vatsyayan) का दिल्ली स्थित उनके आवास पर बुधवार को निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थीं। प्रख्यात साहित्यकारों सहित अन्य हस्तियों और कला जगत के प्रमुख संस्थानों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) के सचिव कंवल अली ने कहा, गुलमोहर एन्क्लेव में स्थित आवास पर आज सुबह 9 बजे उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार लोधी श्मशान घाट पर बुधवार दोपहर किया गया। वात्स्यायन, आईआईसी की आजीवन न्यासी थीं। उन्हें 2011 में पदम् विभूषण से सम्मानित किया गया था। वात्स्यायन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक निदेशक थीं। वह राज्यसभा की मनोनीत सदस्य भी रह चुकी थीं और आईआईसी में एशिया परियोजना की अध्यक्ष भी थीं। भारतीय शास्त्रीय नृत्य, वास्तुकला, इतिहास और कला की प्रख्यात विदुषी कपिला वात्स्यायन का जन्म 1928 में दिल्ली में हुआ था और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक की डिग्री ली थी। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा के विषय में अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय से परास्नातक की पढ़ाई की थी। वात्स्यायन, कवि और आलोचक केशव मलिक की छोटी बहन थीं। उनका विवाह प्रख्यात साहित्यकार सच्चिदानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ के साथ 1956 में हुआ था, हालांकि वे दोनों 1969 में अलग हो गए। उन्होंने अपने लंबे करियर में कला और इतिहास पर लगभग 20 पुस्तकें लिखी थीं। कला एवं संस्कृति जगत की कई हस्तियों ने ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से वात्स्यायन को संस्थान निर्माता के तौर पर याद किया।प्रख्यात लेखक अशोक वाजपेयी ने वात्स्यायन के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया। वाजपेयी ने फेसबुक पर लिखा, महान विदुषी, रचनात्मक व्यक्तित्व की धनी और संस्थान निर्माता कपिला वात्स्यायन के निधन पर मुझे गहरा दुख पहुंचा है। भारत में सांस्कृतिक जगत ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया। वे कला, विचार और कल्पना के बीच पुल बांधने वालीं और इस क्षेत्र में अथक परिश्रम करने वाली महिला थीं। मेरे जैसे कई लोगों के लिए उनका जाना व्यक्तिगत क्षति है। प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने कहा कि वात्स्यायन भारतीय शास्त्रीय नृत्य, कला, वास्तुकला और इतिहास की महान अध्येता थीं।नेता पवन वर्मा ने वात्स्यायन को प्राचीन भारतीय संस्कृति और सभ्यता की सच्ची विदुषी कहा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, कपिला वात्स्यायन जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने कला इतिहासकार और प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने लिखा, पूर्व सांसद, पद्म विभूषण कपिला वात्स्यायन जी के निधन पर मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि, वह भारतीय शास्त्रीय नृत्यों, वास्तुकला
और कला इतिहास की अग्रणी विदुषी थीं। जयपुर साहित्य उत्सव के प्रोड्यूसर संजय के. रॉय ने उन्हें महान लोगों में अंतिम बताया। वात्स्यायन को 1970 में फेलोशिप देने वाली संगीत नाटक अकादमी ने ट्वीट किया, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और इससे संबद्ध संस्थान महान विदुषी और अकादमी फेलो डॉ. वात्स्यायनजी के निधन की खबर सुनकर दुखी है। यूनेस्को, नई दिल्ली ने भी शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया, कपिला वात्स्यायन को एशियाई इतिहास का विशद ज्ञान था...दिवंगत आत्मा को शांति मिले। वात्स्यायन यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में भारत की प्रतिनिधि रही थीं। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) ने कहा, उनके निधन से कला एवं संस्कृति जगत में एक शून्य पैदा हो गया है। उन्हें 2000 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार भी प्रदान किया
गया था।
10. अमिताभ बच्चन एलेक्सा वॉयस असिस्टेंट को देंगे अपनी आवाज, अमेज़न ने किया करार
Amazon.com Inc ने अपने एलेक्सा वॉयस असिस्टेंट के लिए बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को साइन किया है।
इस डील के बाद अमिताभ बच्चन एलेक्सा को अपनी आवाज देने वाले पहले भारतीय सेलिब्रिटी बन गए हैं।
इसके बाद अब एलेक्सा यूजर्स अमिताभ बच्चन की आवाज वाले एलेक्सा को खरीदकर अमिताभ बच्चन की दमदार आवाज का अनुभव कर सकेंगे।
अमेज़न ने पहली बार एलेक्सा के लिए किसी सेलिब्रिटी आवाज का इस्तेमाल किया जब हॉलीवुड अभिनेता सैमुअल एल जैक्सन ने एलेक्सा पर पहली फिल्म बनाई।
अमेज़न ने तब से पेशेवर आवाज वाले अभिनेताओं को अपने साथ जोड़ा है जो शेक्सपियर, मार्क ट्वेन, नीतिवचन और कहानीकार का पाठ करते हैं।
पिछले साल, इसके प्रतिद्वंद्वी गूगल असिस्टेंट ने अमेरिकी गायक जॉन लीजेंड की आवाज को का इस्तेमाल किया था।
11. भारत और अमेरिका ने किये रक्षा तकनीकी सहयोग पर स्टेटमेंट ऑफ़ इंटेंट पर हस्ताक्षर
भारत और अमेरिका ने 15 सितंबर, 2020 को 10वीं रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (DTTI) की आभासी समूह बैठक के दौरान रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग पर बातचीत को मजबूत करने के लिए एक आशय बयान (स्टेटमेंट ऑफ़ इंटेंट) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस बयान में सैन्य उपकरणों के सह-उत्पादन और सह-विकास के अवसर पैदा करने की भी बात कही गई है। यूएस अंडर सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस फॉर एक्विजिशन एंड सस्टेनेन्स, श्री एलेन लॉर्ड और सचिव, रक्षा उत्पादन, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, श्री राज कुमार द्वारा इस स्टेटमेंट ऑफ़ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए गए थे।
श्री राज कुमार और श्री एलेन लॉर्ड ने इस आभासी बैठक की सह-अध्यक्षता की, जिसके दौरान दोनों पक्षों के समूहों ने उन्हें मौजूदा गतिविधियों और ऐसे सहयोगी अवसरों के बारे में सूचना दी, जिनमें कई पूर्ण-अवधि की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए लक्ष्य भी शामिल हैं।
DTTI समूह का उद्देश्य
इस रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनिशिएटिव - DTTI) समूह का उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा व्यापार संबंधों के लिए निरंतर अपने नेतृत्व का ध्यान केंद्रित करना और रक्षा उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन के अवसर पैदा करना है।
ये चार संयुक्त कार्य समूह वायु और विमान वाहक नौसेना, भूमि, प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित हैं जो रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल के तहत स्थापित किए गए हैं। इन प्रौद्योगिकियों को पारस्परिक रूप से सहमत परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है।
मुख्य विशेषताएं
• इस आभासी बैठक (वर्चुअल मीटिंग) के दौरान सह-अध्यक्षों ने यह उल्लेख किया कि, अक्टूबर, 2019 में हुई पिछली DTTI समूह बैठक के बाद से, DTTI के तहत सहकारी परियोजनाओं के विकास और पहचान के लिए एक DTTI मानक संचालन प्रक्रिया पूरी हो गई है।
• DTTI के लिए ढांचे के तौर पर भी SPO सेवा कर रहा है और सफलता को परिभाषित करने के लिए दोनों पक्षों को आपसी समझ को हासिल करने और उसका दस्तावेजन करने की अनुमति देता है।
• उद्योग के लिए DTTI के प्रारंभिक मार्गदर्शन के तौर पर इस प्रक्रिया के बयान के प्रमुख तत्वों के सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने योग्य निष्कर्ष भी जुलाई में प्रकाशित किए गए हैं और इसलिए, अमेरिका और भारतीय उद्योग संघ के माध्यम से वितरित किए गए हैं।
DTTI के बारे में
डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनिशिएटिव (DTTI) ग्रुप मीटिंग्स आमतौर पर हर साल दो बार संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच वैकल्पिक तौर से आयोजित की जाती हैं। हालांकि, इस साल मौजूदा कोरोना वायरस महामारी के बीच, इन दोनों ही देशों के अधिकारियों ने आभासी बैठक का संचालन करने का फैसला किया था।
12. लोकसभा में बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक 2020 पारित हुआ
लोकसभा में 16 सितम्बर 2020 को बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 को पारित कर दिया गया। लोकसभा में वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक सहकारी बैंकों को नियंत्रित नहीं करता है। सहकारी बैंकों का विनियमन 1965 से ही भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के पास है।
सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के दायरे में लाने के लिए बैंकिंग विनियमन कानून में संशोधन के जरिये सरकार का लक्ष्य इनके कामकाज में सुधार लाना है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन बदलावों से जमाकर्ताओं का पैसा भी सुरक्षित रहेगा।
वित्त मंत्री ने सदन में क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में विधेयक पेश करते समय बताया कि सहकारी बैंकों का सकल फंसा कर्ज (एनपीए) मार्च, 2019 में 7.27 प्रतिशत था, जो मार्च, 2020 में बढ़कर 10 प्रतिशत से ऊपर चला गया। वित्त वर्ष 2018-19 में 277 शहरी सहकारी बैंक घाटे में रहे थे। मार्च, 2019 के आखिर में 100 से ज्यादा शहरी सहकारी बैंक न्यूनतम पूंजी की नियामकीय शर्त भी पूरी करने में सक्षम नहीं रह गए थे।
जून 2020 में एक अध्यादेश को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जून 2020 में एक अध्यादेश के जरिये सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक के नियंत्रण में लाने की मंजूरी दी थी। साथ ही वाणिज्यिक बैंकों पर लागू होने वाले प्रावधानों को सहकारी बैंकों पर भी प्रभावी कर दिया गया था।
विधेयक से संबंधित मुख्य बिंदु
• यह विधेयक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को अवश्यकता पड़ने पर सहकारी बैंकों के प्रबंधन में बदलाव करने का अधिकार देता है।
• इससे सहकारी बैंकों में अपना पैसा जमा करने वाले आम लोगों के हितों की रक्षा होगी।
• विधेयक में कहा गया है कि आरबीआई को सहकारी बैंकों के नियमित कामकाज पर रोक लगाये बिना उसके प्रबंधन में बदलाव के लिये योजना तैयार करने का अधिकार मिल जायेगा।
• कृषि सहकारी समितियां या मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र में काम करने वाली सहकारी समितियां इस विधेयक के दायरे में नहीं आयेंगी।
• वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के निचले सदन में बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि केंद्र सरकार बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 में संशोधन कर बैंक उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा सुनिश्चित करना चाहती है।
इस बिल से जमाकर्ताओं को फायदा
इस बिल में जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिये बेहतर प्रबंधन और समुचित नियमन के जरिये सहकारी बैंकों को बैकिंग क्षेत्र में हो रहे बदलावों के अनुरूप बनाने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक इससे संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है।
13. पीएम मोदी के जन्मदिन पर गुजरात में कई योजनाओं की शुरुआत
गुजरात सरकार ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 70वां जन्मदिन मनाने के लिए गुरुवार को राज्य में कई जन समर्थक योजनाएं और विकास परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
सरकार ने बुधवार को एक बयान में बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, राज्यपाल आचार्य देवव्रत और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की मौजूदगी में गांधीनगर से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इन योजनाओं और परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे।
उसने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली से डिजिटल समारोह में शामिल होंगे। वह पूर्वाह्न 11 बजे गांधीनगर के लिए जलापूर्ति परियोजना के ई-भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे।
राज्य के मंत्री, विधायक और अन्य नेता राज्य के सभी 33 जिलों में 70 विभिन्न स्थानों से इस समारोह में शामिल होंगे, जिसमें खेती और जलापूर्ति से जुड़ी योजनाओं समेत कई योजनाओं की शुरुआत की जाएगी।
14. पीएम मोदी के जन्मदिन पर किया जा रहा है सेवा सप्ताह का आयोजन
हर साल, 17 सितंबर प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर सेवा दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष पीएम के 70वें जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए सेवा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। सेवा सप्ताह को 14 सितंबर, 2020 और 20 सितंबर, 2020 के बीच मनाया जाता है।
मुख्य बिंदु
गुजरात सरकार प्रधानमंत्री के जन्मदिन के उपलक्ष्य में परियोजनाओं और योजनाओं को शुरू करेगी। गुजरात के मुख्यमंत्री गाय आधारित जैविक लांच करेंगे, जिसमें सरकार किसानों को 900 रुपये की मासिक सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा, गुजरात सरकार किसान को जीवामृत (प्राकृतिक उर्वरक) बनाने के लिए किट प्रदान करेगी।
साथ ही, तापी और नर्मदा जिलों के 205 गांवों के लिए जलापूर्ति परियोजनाएं शुरू की जाएँगी। गुजरात में 10 लाख महिलाओं को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये प्रदान किए जायेंगे।
गुजरात सरकार जलवायु परिवर्तन पर 10 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करेगी।
सेवा सप्ताह
भारतीय जनता पार्टी द्वारा पीएम मोदी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए सेवा सप्ताह मनाया जाता है। सेवा सप्ताह का विषय “सत्तर” है। पार्टी 70 लोगों को कृत्रिम अंग, 70 नेत्रहीन लोगों को चश्मा, 70 अस्पतालों में फल वितरित करेगी। साथ ही 70 रक्तदान शिविर आयोजित किए जायेंगे।
सेवा दिवस
हर साल, पीएम मोदी के जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। सूरत में पीएम मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 70,000 पौधे लगाये जायेंगे।
नरेन्द्र मोदी
उन्होंने 2001 और 2014 के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने कई सुधार किए। उन्होंने योजना आयोग प्रणाली को समाप्त कर दिया। उन्होंने हाई-प्रोफाइल स्वच्छता अभियान का आयोजन किया। उनके कार्यकाल में विमुद्रीकरण किया गया।
उनके प्रशासन के तहत, जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया गया था। इसके अलावा, उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम पेश किया। पीएम मोदी ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में भी कई बदलाव किए।
15. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने दिया इस्तीफा
कृषि अध्यादेशों को लेकर केंद्र की NDA सरकार में मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने इस मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि हैं। हरसिमरत ने ट्वीट किया- मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है।
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है। निचले सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने कभी भी यू-टर्न नहीं लिया।
बादल ने कहा कि हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथी हैं। हमने सरकार को किसानों की भावना बता दी। हमने इस विषय को हर मंच पर उठाया। हमने प्रयास किया कि किसानों की आशंकाएं दूर हों लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने अन्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पंजाब में लगातार सरकारों ने कृषि आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए कठिन काम किया, लेकिन यह अध्यादेश उनकी 50 साल की तपस्या को बर्बाद कर देगा। अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है।
पंजाब कांग्रेस ने किया विरोध : पंजाब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने गुरुवार को कहा कि कृषि विधेयकों को लेकर उनकी पार्टी का एक स्वर है और ‘कृषि क्षेत्र को बर्बाद करने के केंद्र के प्रयासों’ के खिलाफ वोट के लिए व्हिप जारी करने की कोई जरूरत नहीं थी।
कांग्रेस के नेता शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा के बयान पर प्रतिक्रिया जता रहे थे। चीमा ने कहा था कि मुख्यमंत्री अमरिंदरसिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मामले पर राज्यपाल को एक ज्ञापन दिया लेकिन कृषि क्षेत्र के विधेयकों के खिलाफ मतदान करने के लिए अपने सांसदों को एकजुटता दिखाने का निर्देश नहीं दिया।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के सांसद पंजाब विरोधी अध्यादेशों के खिलाफ शुरू से ही आवाज उठा रहे हैं और उन्हें पता है कि किस तरह मतदान करना है । शिरोमणि अकाली दल के सांसद ही अपने नेतृत्व से स्पष्ट संदेश नहीं मिलने के कारण राह से भटक गए क्योंकि उनके नेतृत्व का कई मुद्दों पर रुख बदलते रहता है। उनके साथ पंजाब कांग्रेस के प्रमुख सुनील जाखड़ और मंत्री मनप्रीत बादल, सुखजिंदर रंधावा और भारत भूषण आशू भी थे। उन्होंने एक बयान में कहा कि पंजाब ही नहीं, बल्कि देश भर के कांग्रेस सांसदों ने विधेयकों का विरोध किया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में किसानों से संबंधित कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा प्रदान करना) विधेयक, 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 लेकर आई है। आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक मंगलवार को लोकसभा से पारित हो गया है।
16. SBI जनरल इंश्योरेंस ने यस बैंक के साथ कॉर्पोरेट एजेंसी समझौते पर किए हस्ताक्षर
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और यस बैंक ने एक कॉर्पोरेट एजेंसी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
कॉर्पोरेट एजेंसी समझौते के अंतर्गत, यस बैंक अपने ग्राहकों को जनरल बीमाकर्ता के खुदरा उत्पादों को वितरित करेगा।
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी के उत्पादों को 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में यस बैंक के ग्राहकों को पेश किए जाएंगे।
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और यस बैंक के बीच साझेदारी ग्राहकों को गैर-जीवन बीमा उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करने और उनके लिए बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए ग्राहक मूल्य श्रृंखला में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध होगी।
17. टाटा द्वारा नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा
टाटा समूह ने हाल ही में 861.90 करोड़ रुपये की बोली लगाकर नए संसद भवन के निर्माण के लिए बोली जीती। निर्माण शुरू होने से 21 महीने में प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद है।
मुख्य बिंदु
L&T ने 865 करोड़ रुपये की बोली प्रस्तुत की थी। टाटा समूह ने सबसे कम बोली लगायी थी। सेंट्रल विस्टा की विकास परियोजना एक केंद्रीय सचिवालय, एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना करेगी और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का पुनरुद्धार करेगी।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग भारत में सभी सरकारी संपत्तियों को बनाए रखने के लिए प्रमुख एजेंसी है। एजेंसी के अनुसार नए संसद भवन प्लॉट नंबर 118 पर निर्मित की जाएगी।
सेंट्रल विस्टा
नया सेंट्रल विस्टा पिछले भवन की तुलना में अधिक सांसदों को समायोजित कर सकता है। इसमें 1400 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। इस भवन का निर्माण प्रबलित सीमेंट कंक्रीट फ्रेम संरचना के साथ किया जाएगी।
जिन इमारतों को ध्वस्त किया जाना है
भारत सरकार परियोजना के तहत नए केंद्रीय सचिवालय के लिए शास्त्री भवन और कृषि भवन जैसी संरचनाओं को ध्वस्त करेगी।
इतिहास
दिसंबर 1911 में, किंग जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की। यह घोषणा दिल्ली दरबार में की गई। यह दरबार ग्रैंड असेंबली है। दिल्ली दरबार में किंग जॉर्ज पंचम के राज्याभिषेक का आयोजन किया गया था।
राज्याभिषेक के बाद, किंग जॉर्ज पंचम ने नई राजधानी के निर्माण के लिए एडविन लुटियंस को नामित किया। वर्तमान संसद भवन और राष्ट्रपति भवन को एडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था। सचिवालय, जिसमें उत्तर और दक्षिण ब्लॉक शामिल हैं, को हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। सेंट्रल विस्टा में वर्तमान में संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, उत्तर और दक्षिण ब्लॉक, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार हैं।
योजना क्या है?
उत्तर और दक्षिण ब्लॉक को संग्रहालयों में परिवर्तित किया जायेगा। राष्ट्रपति भवन क्षेत्र से रिज तक के क्षेत्र को जैवविविधता वाटिका में परिवर्तित किया जाएगा। यह भारत की जैविक विविधता को प्रदर्शित करेगा।
18. रूस भारत को COVID-19 वैक्सीन बेचेगा
रूस के संप्रभु धन कोष ने COVID-19 वैक्सीन की 100 मिलियन खुराक, स्पुतनिक-वी को एक भारतीय दवा कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज को देने के लिए सहमति दी। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) ने भारतीय निर्माता के साथ COVID-19 टीकों की 300 मिलियन खुराक का भारत में उत्पादन करने के समझौते पर पहुँचने के बाद इस सौदे को अंतिम रूप दे दिया है।
योजना
RDIF डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ नैदानिक परीक्षणों और भारत में स्पुतनिक-वी वैक्सीन के वितरण में सहयोग करेगा। स्पुतनिक-वी वैक्सीन दुनिया में COVID-19 के खिलाफ पहला पंजीकृत टीका है। इसे ह्यूमन एडेनोवायरल वैक्टर प्लेटफॉर्म के आधार पर विकसित किया गया है।
चिंताएं
परीक्षण डेटा के बारे में पारदर्शिता की कमी के कारण दुनिया भर के कई विशेषज्ञों ने रूस के COVID-19 वैक्सीन पर संदेह जताया था।
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष की स्थापना 2011 में रूसी सरकार द्वारा की गई थी। यह रूसी अर्थव्यवस्था के उच्च विकास क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में निवेश करता है। यह रूस में प्रत्यक्ष निवेश के लिए उत्प्रेरक का काम करता है।
भारत में COVID-19 टीके
15 सितंबर, 2020 को सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से ऑक्सफ़ोर्ड COVID-19 वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों को फिर से शुरू करने के लिए अनुमति मिली। वैक्सीन को एस्ट्राज़ेनेका द्वारा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ विकसित किया गया है।
चिंताएं
एस्ट्राजेनेका ने हाल ही में नैदानिक परीक्षणों को रोक दिया था जो ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, यूके और अमेरिका में किए गए थे। यह मुख्य रूप से “संभावित अस्पष्टीकृत” बीमारी के कारण और दुष्प्रभाव के कारण भी था।
ZyCOV-डी
ZyCOV-D एक और COVID-19 वैक्सीन है जिसका क्लिनिकल परीक्षण भारत में जारी है। यह टीका वैक्सीन डिस्कवरी कार्यक्रम के तहत विकसित किया गया था। इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय बायोपार्मा मिशन के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित किया गया है।
राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन
इस मिशन को 1500 करोड़ रुपये की लागत से 2017 में लॉन्च किया गया था। यह विश्व बैंक द्वारा सह-वित्त पोषित है। इस मिशन BIRAC द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। BIRAC का अर्थ Biotechnology Industry Research Assistance Council है जो जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत है।
19. ADB ने टेको कोनिशी को नियुक्त किया भारत का कंट्री डायरेक्टर
एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा टेको कोनिशी को भारत के लिए नया कंट्री डायरेक्टर नियुक्त किया गया है।
कोनिशी, केनिची योकोयामा की जगह लेंगे, जिन्होंने हाल ही में एडीबी के दक्षिण एशिया विभाग के महानिदेशक के रूप में पदभार संभाला है।
भारत एडीबी का चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक है और साल 2010 से इसका सबसे बड़ा उधार लेने वाला देश रहा है।
नई दिल्ली में स्थित कार्यालय प्रमुख के तौर पर कोनिशी भारत में सरकार और अन्य सहयोगियों के साथ एडीबी संचालन और पॉलिसी संवाद का नेतृत्व करेंगे।
वह एडीबी की इंडिया कंट्री पार्टनरशिप स्ट्रैटेजी, 2018-2022 के कार्यान्वयन की देखरेख करेंगे, जो कि अधिक नौकरियां पैदा करने, समावेशी अवसंरचना नेटवर्क और सेवाएं प्रदान करने और पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन समस्याओं को दूर करने के लिए औद्योगिक प्रतिस्पर्धा के निर्माण पर केंद्रित है।
20. 'स्मार्ट सिटी' सूचकांक : वर्ल्ड में टॉप पर सिंगापुर, भारत के ये चार शहर बुरी तरह पिछड़े
Global Smart City Sensex : वैश्विक ‘स्मार्ट सिटी' की सूची में चार भारतीय शहरों - नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु के स्थान में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जबकि सिंगापुर इस सूची में शीर्ष पर रहा है। इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (आईएमडी) ने सिंगापुर यूनिवर्सिटी फॉर टेक्नालॉजी एंड डिजाइन (एसयूटीडी) के साथ मिलकर 2020 स्मार्ट सिटी सूचकांक जारी किया है। इसमें कोविड-19 के युग में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में बताया गया है।
वर्ष 2020 के स्मार्ट सिटी सूचकांक में हैदराबाद का स्थान 85वां (2019 में 67 स्थान) रहा है। नई दिल्ली को 86वां स्थान मिला है, जबकि पिछले साल उसका स्थान 68वां था। इस सूचकांक में मुंबई 2019 के 78वें स्थान से फिसलकर 2020 में 93वें स्थान पर आ गया, जबकि बेंगलुरु को 95वां स्थान मिला है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में शहरों (नयी दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु) को इस साल उल्लेखनीय गिरावट का सामना करना पड़ा है। इसकी वजह यह हो सकती है कि जहां तकनीकी विकास नहीं हुआ है, वहां महामारी का प्रभाव ज्यादा रहा है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारतीय शहर महामारी से अधिक पीड़ित हैं, क्योंकि वे इसके लिए तैयार नहीं थे। स्मार्ट सिटी सूचकांक (एससीआई) 2020 में सिंगापुर सबसे ऊपर है, उसके बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर हेलसिंकी और ज्यूरिख रहे हैं।
इसके अलावा शीर्ष दस शहरों में स्थान पाने वालों में आकलैंड (चौथा स्थान), ओस्लो (पांचवां स्थान), कोपेनहेगेन (छठा), जिनेवो (सातवां), ताइपेई शहर (आठवां), एम्सटरडम (नौंवां) और न्यूयार्क 10वें स्थान पर रहा है।
21. आईसीसी वनडे रैंकिंग में विराट शीर्ष पर कायम, बेयरस्टो शीर्ष 10 में शामिल
भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने बल्लेबाजों की आईसीसी वनडे रैंकिंग (ICC ODI rankings) में शीर्ष स्थान बरकरार रखा है जबकि इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टो (Johnny Bairstow) हाल में समाप्त हुई सफेद गेंद की श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बूते शीर्ष 10 में जगह बनाने में सफल रहे।
कोहली (871 अंक) और उप कप्तान रोहित शर्मा (855 अंक, दूसरी रैंकिंग) कोविड-19 के कारण लगे ब्रेक के कारण पिछले कुछ समय से क्रिकेट नहीं खेल रहे थे लेकिन उन्होंने रैंकिंग में अपना स्थान कायम रखा है। बेयरस्टो ने श्रृंखला में कुल 196 रन जोड़े और अंतिम मैच में उन्होंने 126 गेंद में 112 रन की पारी खेली जिससे वह शीर्ष 10 में फिर से प्रवेश कर सके। यार्कशर के 30 साल के बेयरस्टो अक्टूबर 2018 में नौवें स्थान पर पहुंचे थे और अब वे अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ रेटिंग अंक 777 से 23 अंक की दूरी पर हैं। ग्लेन मैक्सवेल और एलेक्स कैरी को भी शतक की बदौलत रैंकिंग में फायदा हुआ है। मैक्सवेल पांच पायदान की उछाल से संयुक्त 26वें जबकि कैरी 11 पायदान की उछाल से करियर के सर्वश्रेष्ठ 28वें स्थान पर पहुंच गए हैं। इंग्लैंड के हरफनमौला क्रिस वोक्स गेंदबाजों की रैंकिंग में सबसे ज्यादा पायदान ऊपर की ओर बढ़ने वाले खिलाड़ी हैं। वे तीन पायदान के फायदे से करियर के सर्वश्रेष्ठ चौथे स्थान पर पहुंच गए। न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट और भारत के जसप्रीत बुमराह शीर्ष दो स्थान पर काबिज हैं। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड दो साल में पहली बार शीर्ष 10 में लौटे हैं, वे 15वें से आठवें स्थान पर पहुंच गए। पांच बार की विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने सुपर लीग की पहली श्रृंखला में 20 अंक जुटाए।
22. ऑस्ट्रेलिया ने 2 गेंद पहले लक्ष्य हासिल करके ODI सीरीज जीती, मैक्सवेल और कैरी के तूफानी शतक
ग्लेन मैक्सवेल (108) और विकेटकीपर बल्लेबाज एलेक्स कैरी (106) रन की विस्फोटक शतकीय पारी और दोनों बल्लेबाजों के बीच छठे विकेट के लिए हुई 212 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी के बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को बुधवार को तीसरे वनडे मुकाबले में 3 विकेट से हराकर सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। ऑस्ट्रेलिया ने तब जीत हासिल की, जब मैच की 2 गेंद फेंकी जानी बाकी थी।
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी और सलामी बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो (112) के शानदार शतक और सैम बिलिंग्स (57) तथा क्रिस वोक्स (नाबाद 53) के अर्धशतकों से निर्णायक मुकाबले में 50 ओवर में 7 विकेट पर 302 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने मैक्सवेल के 90 गेंदों में 4 चौकों और 7 छक्कों की मदद से 108 रन और कैरी के 114 गेंदों में 7 चौकों औऱ 2 छक्के के सहारे 106 रन की विस्फोटक शतकीय पारी की बदौलत 49.4 ओवर में 7 विकेट पर 305 रन बनाकर मेजबान इंग्लैंड को 3 विकेट से हरा दिया। मैक्सवेल को उनकी विस्फोटक पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के हाथों तीन मैचों की टी-20 सीरीज में मिली 1-2 की हार का बदला भी ले लिया। वनडे सीरीज का पहला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया ने जीता था जबकि दूसरे मुकाबले में इंग्लैंड ने जीत हासिल कर बराबरी की थी। तीसरे और निर्णायक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज कर सीरीज अपने नाम कर ली।
इंग्लैंड की ओर से बेयरस्टो ने 126 गेंदों पर 12 चौकों और दो छक्कों की मदद से 112 रनों की शतकीय पारी खेली। बेयरस्टो के करियर का यह सातवां शतक था। बिलिंग्स ने 58 गेंदों पर 57 रन में चार चौके और दो छक्के लगाए जबकि वोक्स ने 39 गेंदों पर छह चौकों की मदद से नाबाद 53 रन की पारी खेली।
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