1. रूस बनाएगा कोरोना वैक्सीन की 3 करोड़ खुराक, विश्व की पहली वैक्सीन अगस्त में होगी लांच
रूस इस वर्ष घरेलू स्तर पर प्रायोगिक कोरोना वैक्सीन की तीन करोड़ खुराक का उत्पादन करने की योजना बना रहा है, जिसमें एक करोड़ 70 लाख विदेशों में निर्माण करने की क्षमता है। रूस ने पिछले दिनों घोषणा की है कि उसने कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने की दिशा में मानव परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यही कारण है कि अन्य देशों की तुलना में इस दौड़ में रूस आगे निकल चुका है।
सबसे पहले वैक्सीन देने का दावा
रूसी वैज्ञानिकों का दावा है कि विश्व की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन अगस्त में लांच हो जाएगी। गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि कोरोना वैक्सीन 12 से 14 अगस्त तक लोगों को दी जाने लगेगी। मॉस्को टाइम्स के अनुसार, उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर सितंबर से इसका उत्पादन शुरू होने की संभावना है।
इस बारे में रूस का दावा है कि मॉस्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दुनिया के पहले कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशन मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वादिम तरासोव ने कहा कि वालेंटियर्स के पहले बैच को 15 जुलाई और दूसरे बैच को 20 जुलाई को छुट्टी दे दी जाएगी। क्लिनिकल ट्रायल्स गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी में 18 जून से शुरू हुए थे।
वैक्सीन को लेकर दुनिया की स्थिति
कोरोना की वैक्सीन वैश्विक स्तर पर बड़ी संख्या में रिसर्च इंस्टीट्यूट और फार्मा कंपनियां बनाने में जुटी हैं। 155 संभावित वैक्सीन और दवाएं हैं, जो विकास के विभिन्न चरणों से गुजर रहे हैं। इनमें से 23 मानव परीक्षण से गुजर रहे हैं। रूस ने हाल में घोषणा की है कि उसने कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने की दिशा में मानव परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
हालांकि अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, चीन और ऑस्ट्रेलिया कई संभावित वैक्सीन पर कार्य कर रहे हैं। भारतीय दवा कंपनी जायडस कैडिला ने कहा है कि कोविड-19 के वैक्सीन बनाने के लिए मानव परीक्षण शुरू कर दिया गया है। वॉलिंटियर्स को पहले और दूसरे चरण के लिए कोरोना वायरस से बचाव का संभावित टीका विभिन्न स्थानों पर दिया जा रहा है।
2. UAE ने 20 जुलाई से 22 जुलाई के बीच Mars मिशन लॉन्च करने का लिया फैसला
सरकार के संचार कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात ने 20 जुलाई से 22 जुलाई के बीच मंगल ग्रह के लिए अपने मिशन की शुरूआत के लिए काम फिर से शुरू कर दिया है। जापान के तनेगाशिमा स्पेस सेंटर से यूएई के होप प्रोब का प्रक्षेपण अनिश्चित मौसम के कारण दो बार प्रभावित हुआ है। इससे पहले 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे 17 जुलाई के लिए टाल दिया गया और अब एक नई तारीख दी गई है। UAE अगर यह लॉन्च सफलतापूर्व कर लेता है तो दूसरे ग्रह पर मिशन भेजने वाला पहला अरब देश होगा।
यह संयुक्त अरब अमीरात के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम का अगला चरण होगा। मिशन का उद्देश्य है मंगल ग्रह के वातावरण के मौसम के रहस्यों को सुलझाना। यूएई के नौ सैटेलाइट पहले से अंतरिक्ष में हैं और उसकी योजना है कि आने वाले वर्षों में आठ और सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे जाएं। लगभग एक बड़ी गाड़ी के आकार के जैसे 1,350 किलोग्राम के इस प्रोब का प्रक्षेपण जापान के तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से इसपर काम किया जाएगा।
इसी मानवरहित प्रोब का नाम 'अल-अमल' है। ये अरबी शब्द है, इसका मतलब होता है 'उम्मीद'। 'अल-अमल' को पृथ्वी से मंगल तक की 49.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय करने में सात महीने लग जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि 'अल-अमल' की रूप-रेखा ही इस उद्देश्य से बनाई गई है कि इससे इलाके के युवा प्रेरित हों और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खोजों का मार्ग प्रशस्त हो।
कक्षा में पहुंच जाने के बाद, 1,21,000 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत रफ्तार से प्रोब को एक चक्कर लगाने में 55 घंटे लगेंगे। यूएई कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से संपर्क सप्ताह में दो बार छह से आठ घंटों के लिए सीमित रहेगा। प्रोब कक्षा में मंगल ग्रह के पूरे एक साल की अवधि के बराबर तक रहेगा। 'अल-अमल' का प्रक्षेपण इस कार्यक्रम का अगला मील का पत्थर है।
प्रोब पर लगे तीन उपकरण देंगे तस्वीर
प्रोब पर लगे तीन उपकरण मंगल के वातावरण की पूरी तस्वीर देंगे। पहला एक इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर है वातावरण के निचले भाग को मापने और तापमान की संरचना का विश्लेषण करने के लिए, दूसरा हाई रेजॉल्यूशन इमेजर है जो वहां मौजूद ओजोन के स्तर की जानकारी देगा। तीसरा एक अल्ट्रावॉयलेट स्पेक्ट्रोमीटर है जो सतह से 43,000 किलोमीटर की दूरी से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के स्तर को मापेगा।
दूसरे ग्रहों के वातावरण को समझने में मिलेगी मदद
अधिकारियों का कहना है कि दूसरे ग्रहों के वातावरण को समझने से पृथ्वी के जलवायु को भी बेहतर समझने में मदद मिलेगी। सितंबर में यूएई ने पहली बार अंतरिक्ष में अमीराती एस्ट्रोनॉट भी भेजा। हज्जा अल-मंसौरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने। कजाखस्तान से भेजे हुए एक सोयुज रॉकेट में अल-मंसौरी दो और साथियों के साथ अंतरिक्ष में पहुंचे और आठ दिनों के मिशन को पूरा कर वापस लौट आए। इस मिशन के दौरान वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले अरब नागरिक बने।
यूएई 2117 तक मंगल पर बसाएगा मानव बस्ती
यूएई की महत्वाकांक्षाएं कहीं ज्यादा बड़ी हैं। यूएई का लक्ष्य है 2117 तक मंगल पर एक मानव-बस्ती को बसाने का लक्ष्य है। उससे पहले यूएई की योजना है दुबई के बाहर स्थित रेगिस्तान में सफेद गुम्बद वाले एक "साइंस सिटी" की रचना करना, जिसमें मंगल ग्रह के जैसे हालात की पूरी नकल की जाएगी और उस ग्रह पर बस्तियां बसाने के लिए आवश्यक तकनीक विकसित की जाएगी।
3. अमेरिका ने की चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियों पर वीजा पाबंदी की घोषणा
अमेरिका ने हुवावेई समेत चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियों के कर्मचारियों के ऊपर वीजा पाबंदियां लगाने की बुधवार को घोषणा की। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि ये पाबंदियां उन कर्मचारियों के ऊपर लगाई जाएंगी, जिनके खिलाफ चीन की सरकार की मानवाधिकार के उल्लंघन में मदद करने के साक्ष्य हैं। इससे चीन तथा अमेरिका के बीच पहले से तनावपूर्ण चल रहे संबंध के और बिगड़ जाने की आशंकाएं हैं।
चीन के ऊपर संसाधन संपन्न उत्तर-पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में बड़े पैमाने पर हिरासत, धार्मिक उत्पीड़न और उइगर व अन्य लोगों की जबरन नसबंदी जैसे मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप है। अमेरिका ने पिछले सप्ताह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के क्षेत्रीय प्रमुख सहित चीन के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध और वीजा पाबंदियां लगाई थीं। ये पाबंदियां उगगुर तथा कजाक समेत मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में अन्य अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों को लक्षित करने वाले कथित मानवाधिकार हनन के लिए लगाई गई थीं। पोम्पियो ने कहा, अमेरिका आज अपनी हुवावेई घोषणा करने वाला है। विदेश मंत्रालय हुवावेई समेत चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियों के उन कर्मचारियों पर वीजा पाबंदियां लगाने जा रहा है, जो चीन की सरकार को मानवाधिकार का उल्लंघन करने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा, आज की कार्रवाई से प्रभावित कंपनियों में हुवावेई तथा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की एक निगरानी इकाई भी शामिल हैं, जो राजनीतिक असंतुष्टों को सेंसर करता है और शिनजियांग में बड़े पैमाने पर नजरबंदी शिविरों को सक्षम बनाता है।
उन्होंने कहा, दुनियाभर की दूरसंचार कंपनियों को यह समझ लेना चाहिए कि यदि वे हुवावेई के साथ कारोबार कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि वे मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों के साथ व्यवसाय कर रहे हैं। अमेरिका की यह घोषणा हुवावेई को 5जी नेटवर्क के काम से बाहर करने की ब्रिटेन सरकार की घोषणा के एक दिन बाद सामने आई है।
4. राबोबैंक की रिपोर्ट : चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर का भारत को नहीं मिल सका ज्यादा फायदा
चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर का भारत को ज्यादा फायदा नहीं मिला। ब्लूमबर्ग के मुताबिक राबोबैंक (Rabobank) ने अपनी ताजा रिसर्च रिपोर्ट में यह बात कही है। राबोबैंक के आकलन का हवाला देते हुए ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेड वॉर की वजह से चीन से अमेरिका को होने वाला निर्यात घटा है। लेकिन अमेरिका के साथ अच्छे संबंध होने और लोकल मैन्युफैक्चरिंग बेस को मजबूत करने की कोशिश के बावजूद भारत को इसका ज्यादा फायदा नहीं मिला है।
राबोबैंक के मुताबिक भारत से अमेरिका होने वाले निर्यात में मामूली बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है, ऐसे वक्त पर जब अमेरिकी कम्पनियां चीन को छोड़कर दूसरे देशों में अपनी सप्लाई चैन शिफ्ट कर रही थीं। 2019 में चीन में बने सामान का अमेरिका में आयात 17% तक गिरा।
ट्रेड वॉर की वजह से चीन से जो सबसे ज्यादा बिज़नेस बाहर गया है वो कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट का है जिसका मैन्युफैक्चरिंग बेस भारत में बहुत छोटा है। रॉबोबैंक ने आपने आंकलन में पाया है कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर का सबसे ज्यादा फायदा वियतनाम, मेक्सिको और ताइवान को हुआ। पिछले साल अमेरिका के कुल आयात में वियतनाम की हिस्सेदारी 20%, मेक्सिको की 16 % और ताइवान की 10% थी।
बैंक का पूर्वानुमान है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो तनाव है उसके मद्देनज़र आने वाले समय में ग्लोबल सप्लाई चैन में और ज्यादा बदलाव दिखेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सार्वजनिक स्वास्थ्य मानदंड और सामाजिक उपायों को समायोजित करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य मानदंड पर अपना मार्गदर्शन नोट जारी किया। मार्गदर्शन नोट के तहत, संगठन ने संदिग्ध मामलों के लिए व्यापक निगरानी की सलाह दी।
मुख्य बिंदु
व्यापक निगरानी से, डब्ल्यूएचओ सलाह देता है कि एक देश को प्रति मिलियन आबादी पर प्रति दिन 140 COVID-19 परीक्षण करने होंगे।
भारत
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत पहले से ही प्रति दिन प्रति मिलियन 140 से अधिक परीक्षणों का आयोजन कर रहा है। मंत्रालय का कहना है कि वर्तमान में भारत में, बढ़ती प्रयोगशालाओं का नेटवर्क COVID-19 का परीक्षण करने के लिए प्रयोगशालाओं की निरंतर वृद्धि का समर्थन कर रहा है। सरकारी क्षेत्र में 865 लैब और निजी क्षेत्र में 358 लैब हैं। इन प्रयोगशालाओं के अलावा RT-PCR, TrueNat और CBNAAT देश की परीक्षण क्षमता में वृद्धि कर रहे हैं।
14 जुलाई, 2020 को 3.2 लाख टेस्ट किए गए। अब तक देश में कुल COVID-19 मामले बढ़कर 9,06,752 हो गए हैं और मरने वालों की संख्या बढ़कर 23,727 हो गई है। 24 घंटे में करीब 553 लोगों की मौत हुई है।
CBNAAT
CBNAAT का पूर्ण स्वरुप Cartridge Based Nucleic Acid Amplification Test है। यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के लिए एक आणविक परीक्षण है। सीबीएनएएटी का उपयोग ट्रूनेट और आरटी-पीसीआर परीक्षणों के साथ-साथ कोविड-19 वायरस का पता लगाने के लिए किया जाता है
6. स्टीफन किंग द्वारा लिखित “If It Bleeds” नामक पुस्तक का हुआ विमोचन
स्टीफन किंग द्वारा लिखी गई चार कहानियों का संग्रह “If It Bleeds” नामक नई पुस्तक का विमोचन किया गया है।
इस पुस्तक को हैचेट इंडिया द्वारा प्रकाशित किया गया।
इस बुक की कहानी अल्बर्ट मैकड्रेड मिडिल स्कूल के पास रखे बम पर केंद्र हैं। यह उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्म "The Outsider" की अगली कड़ी है।
7. डच के महान फुटबॉलर विम सूर्बिएर (Wim Suurbier) का निधन
डच फुटबॉल लीजेंड विम सूर्बिएर (Wim Suurbier) का निधन। वह नीदरलैंड्स के 1970 के दशक में दो विश्व कप फाइनल खेलने वाली टीम के प्रमुख सदस्य थे।
उन्होंने वर्ष 1974 और 1978 में लगातार फीफा विश्व कप फाइनल में खेलने की उपलब्धि हासिल की, जिसमें उनके देश को वेस्ट जर्मनी और अर्जेंटीना से हार का सामना करना पड़ा था।
उनका राष्ट्रीय टीम के साथ 12 वर्षों का लंबा करियर रहा था।
इसके अलावा Wim Suurbier क्लब अजाक्स एम्स्टर्डम के लिए भी खेले थे। उन्होंने क्लब के लिए कुल 509 मैच खेले और 1964 से 1977 तक तीन यूरोपीय चैंपियनशिप जीती।
8. हॉकिन्स कुकर के चेयरमेन ब्रह्म वासुदेव का निधन
हॉकिन्स कुकर्स (Hawkins Cookers) के चेयरमेन ब्रह्म वासुदेव का निधन।
उन्हें 1968 में कंपनी के बोर्ड का वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था और 1984 में पूर्णकालिक चेयरमेन और प्रबंध निदेशक बनाया गया था।
वह 2006 से कंपनी के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष और सलाहकार थे।
9. सिरेमिक कलाकार ज्योत्सना भट्ट का निधन
प्रसिद्ध मृत्तिका कला (Ceramic art) आर्टिस्ट, ज्योत्सना भट्ट का निधन।
उनका जन्म 1940 में कच्छ में हुआ था और बाद में वह जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स ज्वाइन करने के लिए मुंबई शिफ्ट हो गई थी।
भारत में समकालीन मृत्तिका कला के क्षेत्र में उनका अहम योगदान है।
सिरेमिक के अलावा, उन्होंने पत्थर के पात्र और टेराकोटा के साथ भी प्रयोग किया था। वह अक्सर क्षारीय अर्थ, अनाकार सांचों और विभिन्न खनिजों का उपयोग किया करती थी।
संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में “खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति” रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट खाद्य व कृषि संगठन (FAO), इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट (IFAD), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और यूनिसेफ ने तैयार की है।
मुख्य बिंदु
रिपोर्ट कहती है कि विश्व की जनसंख्या का लगभग 8.9%, जो कि 690 मिलियन है, 2019 में भूख से प्रभावित रहा। यह 2018 की तुलना में 10 मिलियन अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 के कारण यह 2020 में बढ़कर 83 से 132 मिलियन हो सकता है।
मुख्य निष्कर्ष
5 वर्ष से कम आयु के लगभग 21.3% बच्चों की वृद्धि सुचारू रूप से नही हो रही है और 5.6% अधिक वजन वाले थे। कम से कम 340 मिलियन बच्चे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से पीड़ित है।
सतत विकास लक्ष्य
यह रिपोर्ट कहती है कि दुनिया एसडीजी 2.1 और एसडीजी 2.2 की ओर नहीं बढ़ रही है।
एसडीजी 2.1 सभी के लिए सुरक्षित, पौष्टिक और पर्याप्त भोजन तक पहुंच सुनिश्चित करता है।
एसडीजी 2.2 का उद्देश्य कुपोषण के सभी रूपों को मिटाना है।
11. भारत में पिछले 24 घंटे में सबसे ज़्यादा 32,695 नए COVID-19 केस आए सामने, 606 की मौत
India Coronavirus Updates: भारत में पिछले 24 घंटे में COVID-19 संक्रमण (Covid-19 New Cases) के नए मामलों में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी देखी गई है। 16 जुलाई, 2020 यानी गुरुवार को देश में पिछले 24 घंटों में अब तक के सबसे ज़्यादा 32,695 नए COVID-19 केस सामने आए हैं। वहीं एक दिन में 606 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश मे कोरोनावायरस के अब तक कुल पॉजिटिव मामले 9,68,876 हो चुकी है। यानी कि भारत में अब कोरोनवायरस के कुल मामले कुछ दिनों में 10 लाख के करीब पहुंच जाएंगे।
अगर रिकवर होने वाले मरीजों की बात करें तो देश में अब तक ठीक हुए मरीज़ों की संख्या 6,12,815 है। वहीं, इस वायरस से अब तक 24,915 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में फिलहाल रिकवरी रेट 63.25% चल रहा है। वहीं पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 10% हो गया है। यानी जितने भी सैंपलों की जांच की जा रही है, उनमें से 10 फीसदी मामले पॉजिटिव निकल रहे हैं।
देश में अब तक 15 जुलाई तक 1,27,39,490 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। वहीं, अकेले 15 जुलाई को 3,26,826 सैंपलों की जांच हुई है।
बता दें कि देश में लगभग हर रोज़ COVID-19 के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे हैं। 15 जुलाई की सुबह तक उसके पिछले 24 घंटों में भारत में 29,429 नए कोरोना के मामले सामने आए थे, वहीं 582 लोगों की वायरस की वजह से मौत हुई थी।
12. सीएसआईआर-आईआईआईएम के नए निदेशक नियुक्त हुए डॉ. श्रीनिवास रेड्डी
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की पुणे स्थित प्रयोगशाला नेशनल केमिकल लेबोरेटरी (एनसीएल) के ऑर्गेनिक केमिस्ट्री डिवीजन के वैज्ञानिक डॉ श्रीनिवास रेड्डी को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (आईआईआईएम) के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। जम्मू स्थित आईआईआईएम; सीएसआईआर की एक अन्य घटक प्रयोगशाला है। डॉ रेड्डी का शोध कार्य मुख्यतः अनुप्रयोग आधारित कार्बनिक संश्लेषण पर केंद्रित है। उनके शोध का दायरा विस्तृत है, जिसमें जैविक रूप से सक्रिय प्राकृतिक उत्पादों का पूर्ण संश्लेषण, औषधीय रसायन विज्ञान और फसल संरक्षण जैसे विषय शामिल हैं। दवाओं की खोज के उद्देश्य के साथ ज्ञात दवा संरचनाओं में मैक्रोसायकिलिक प्राकृतिक उत्पादों एवं सिलिकॉन संयोजन के प्रयास उनके अनुसंधान समूह की रुचियों में विशेष रूप से शामिल हैं। डॉ रेड्डी ने वर्ष 1991 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और 1993 में उसी विश्वविद्यालय से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में मास्टर डिग्री पूरी की। उन्होंने डॉक्टरल अध्ययन हैदराबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर गोवर्धन मेहता की प्रयोगशाला में किया और वर्ष 2000 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। शिकागो विश्वविद्यालय में सर्गेई ए. कोजमिन और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कंसास में जेफरी ऑबे की प्रयोगशालाओं में पोस्ट-डॉक्टरेट करने के बाद उन्होंने भारत में दवा कंपनियों में काम किया। वर्ष 2010 में वह सीएसआईआर-एनसीएल से जुड़ गए और वर्तमान में एक वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक के रूप में काम कर रहे हैं सीएसआईआर-एनसीएल द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि डॉ रेड्डी के 100 से अधिक शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं और वह 35 पेटेंटों के आविष्कारक हैं। उनके शोध कार्यों के लिए उन्हें प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके अलावा डॉ रेड्डी को दवाओं की खोज आधारित अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए अन्य कई पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। इनमें सीडीआरआई पुरस्कार, केमिकल रिसर्च सोसायटी ऑफ इंडिया (सीआरएसआई) द्वारा प्रदान किया गया कांस्य पदक, नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंस-इंडिया (एनएएसआई)-रिलायंस इंडस्ट्रीज प्लेटिनम जुबली अवॉर्ड, सन फार्मा रिसर्च अवॉर्ड और ऑर्गेनाइजेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया (ओपीपीआई) अवार्ड शामिल हैं। नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंस के फेलो रहे डॉ रेड्डी को इंडियन फार्माकोपिआ के वैज्ञानिक निकाय के नामित सदस्य के रूप में भी चुना गया है। वह एल्सवेयर समूह की शोध पत्रिका बायो-ऑर्गेनिक ऐंड मेडिसिनल केमिस्ट्री लेटर्स के संपादक भी हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (आईआईआईएम), जम्मू को मुख्य रूप से पादप एवं सूक्ष्मजीवों जैसे प्राकृतिक उत्पादों से दवाओं की खोज पर केंद्रित अनुसंधान के लिए जाना जाता है। जैव प्रौद्योगिकी आधारित इन शोध कार्यों का उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए उच्च मूल्य की प्रौद्योगिकियां, दवाएं और उत्पाद विकसित करना है। डॉ श्रीनिवास रेड्डी के इस संस्थान से जुड़ने के बाद इस संस्थान में दवाओं के विकास संबंधी शोध कार्यों में नये आयाम देखने को मिल सकते हैं।
नौवहन राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने कोचीन में वल्लारपदम टर्मिनल की विकास गतिविधियों की समीक्षा की। यह टर्मिनल भारत के पहले ट्रांस-शिपमेंट हब को समायोजित करता है।
ट्रांस-शिपमेंट हब क्या है?
एक ट्रांस-शिपमेंट हब कंटेनरों को संभालता है और उन्हें अस्थायी रूप से संग्रहीत करता है। बाद में यह उन्हें आगे के गंतव्य के लिए अन्य जहाजों में स्थानांतरित करता है।
कोचीन बंदरगाह का वल्लरपादम टर्मिनल जहां यह हब स्थित है, दक्षिण भारत के लिए सबसे उत्तम गेटवे है और दक्षिण एशिया के लिए एक प्रमुख ट्रांस-शिपमेंट हब भी है।
कोचीन पोर्ट को हब के लिए क्यों चुना गया?
यह बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों से निकटता के मामले में भारतीय बंदरगाह के लिए सर्वश्रेष्ठ है। बंदरगाह भारत के फीडर बंदरगाहों से कम से कम समुद्री दूरी पर स्थित है। इसमें भारत के भीतरी इलाकों के बाजारों से भी कनेक्टिविटी है। इस बंदरगाह में बड़े जहाजों के प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचा है।
14. प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को लागू करने में मध्य प्रदेश हुआ सबसे आगे
स्ट्रीट वेंडर के लिए शुरू की गई आत्मनिर्भर निधि (प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना) के कार्यान्वयन में मध्य प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में शीर्ष स्थान पर है।
इस योजना से वर्तमान में राज्य में 378 नगरीय निकायों लाभान्वित किया जा रहा है।
अब तक 8,70,330 स्ट्रीट वेंडरों ने योजना के तहत पंजीकरण कराया है, जिनमें से 1,76,000 स्ट्रीट वेंडर्स को पहचान पत्र और वेंडिंग सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं।
इसके अलावा, राज्य में लगभग 15 करोड़ 50 लाख के ब्याज मुक्त ऋण के 15,500 केसो को मंजूरी दी गई है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री: शिवराज सिंह चौहान
राज्यपाल: आनंदीबेन पटेल
15. यूनिसेफ इंडिया ने #Reimagine कैंपेन के लिए फिक्की के साथ की साझेदारी
यूनिसेफ इंडिया ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), सोसिओ-इकनोमिक डेवलपमेंट फाउंडेशन (SEDF) के साथ संयुक्त रूप से यूनिसेफ के #Reimagine अभियान को तैयार करने के लिए समझौता किया है।
इस अभियान का उद्देश्य भारत में COVID-19 प्रतिक्रिया और उसके बाद की परिस्थिति के दौरान सबसे कमजोर वर्ग और बच्चों की मदद करना है।
साथ ही यह व्यापार के संचालन के साथ-साथ रोजगार व्यवस्था को संभावित दीर्घकालिक नुकसान से बचने में भी मदद करेगा।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ अध्यक्ष: संगिता रेड्डी.
16. विधु नायर होंगे तुर्कमेनिस्तान में भारत के नए राजदूत
भारत सरकार द्वारा डॉ. विधु पी. नायर को तुर्कमेनिस्तान में भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया गया है।
वह वर्तमान में विदेश मंत्रालय में निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वह 2002 बैच के विदेश सेवा अधिकारी हैं।
तुर्कमेनिस्तान की राजधानी: अश्गाबात
मुद्रा: तुर्कमेनिस्तान मानात
17. रुद्रेंद्र टंडन होंगे अफगानिस्तान में भारत के अगले राजदूत
भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रुद्रेंद्र टंडन को अफगानिस्तान में भारत के अगले राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है।
वह वर्तमान में जकार्ता में आसियान के लिए भारतीय दूत के रूप में सेवारत हैं। उनकी नियुक्ति अफगानिस्तान में भारत के वर्तमान राजदूत विनय कुमार के स्थान पर की गई है।
अफगानिस्तान की मुद्रा: अफगान अफगानी
अफगानिस्तान की राजधानी: काबुल
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति: अशरफ गनी
18. विक्रम दुरईस्वामी को नियुक्त किया गया बांग्लादेश में भारत का नया राजदूत
भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी विक्रम दुरईस्वामी को बांग्लादेश में भारत के अगले राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है।
वह वर्तमान में दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय में अंतरराष्ट्रीय संगठनों और शिखर सम्मेलन के अतिरिक्त सचिव प्रभारी के तौर पर सेवारत हैं ।
वह ढाका में रीवा गांगुली दास का स्थान लेंगे।
19. सचिन अवस्थी को ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड 2020 से किया गया सम्मानित
सचिन अवस्थी को लंदन में ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड्स 2020 के लिए आयोजित एक वेबिनार में “Top Publicist” पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
सचिन अवस्थी वो व्यक्ति हैं जिन्होंने एक हरिद्वार से वाराणसी तक 5 दिवसीय लंबी स्वच्छ गंगा जागरूकता यात्रा का आयोजन किया था, जिसे वंदे गंगे स्वछता जन जागरण यात्रा भी कहा जाता है।
ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड को वर्ल्ड ह्यूमैनिटेरियन ड्राइव (WHD) की सम्मानजनक पहल के रूप में भी जाना जाता है।
World Humanitarian Drive (WHD) के संस्थापक और अध्यक्ष: अब्दुल बासित सैयद
World Humanitarian Drive (WHD) मुख्यालय: लंदन, यूनाइटेड किंगडम
20. गुरबक्स सिंह और पलाश नंदी को मोहन बागान रत्न से किया जाएगा सम्मानित
ATK-मोहन बागान क्लब के अनुसार, हॉकी लीजेंड गुरबक्स सिंह और पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर पलाश नंदी को इस साल के मोहन बागान रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
क्लब ने इस साल 29 जुलाई को होने वाले "मोहन बागान दिवस" समारोह को महामारी के कारण आयोजित नहीं करने का फैसला किया है।
इसके अलावा भारत की 1975 की विश्व कप विजेता हॉकी टीम के सदस्य अशोक कुमार को प्रणब गांगुली (फुटबॉल) और मोनोरंजन पोरेल (एथलेटिक्स) सहित लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया जाएगा।
जोसबा बेतिया को सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर (वरिष्ठ) पुरस्कार मिलेगा, जबकि सजल बैग (U-18) को सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी चुना गया है।
21. Socceroos फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान माइल जेडिनक ने किया संन्यास का ऐलान
Socceroos (ऑस्ट्रेलिया) फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान माइल जेडिनक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की है।
Socceroos ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का आधिकारिक उपनाम है जो अंतरराष्ट्रीय पुरुष फुटबॉल में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने 2008 में राष्ट्रीय टीम के साथ अपने करियर की शुरुआत की और ऑस्ट्रेलिया के लिए 79 मैच खेले।
उन्होंने टीम के लिए 2015 एशियाई कप खिताब भी जीता था। वह तीन विश्व कप में अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए खेले थे।
रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने भारतीय सशस्त्र बलों को 300 करोड़ रुपये तक के तत्काल पूंजी अधिग्रहण पर निर्णय लेने का अधिकार दिया। डीएसी की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी।
मुख्य बिंदु
डीएसी का यह कदम भारतीय सशस्त्र बलों को उनकी उभरती परिचालन आवश्यकता को पूरा करने में मदद करेगा। यह निर्णय एक ऐसे समय के दौरान आया है जब भारत-चीन तनाव दशकों में अपने उच्चतम स्तर पर है।
महत्व
पूर्वी लद्दाख में सशस्त्र बलों को मजबूत करने की आवश्यकता है। विभिन्न प्रकार के युद्ध के उपकरण और हजारों सैनिक चीन के साथ लगने वाली सीमा पर तैनात किए गए हैं, वर्तमान में दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए वार्ता हो रही है।
हालिया घटनाएँ
इससे पहले जुलाई 2020 में, डीएसी ने क्रूज मिसाइल सिस्टम और लंबी दूरी की भूमि पर हमला करने वाली 1,000 किमी की रेंज वाली मिसाइल की खरीद को मंजूरी दी थी। इसके अलावा, डीएसी ने 38,900 करोड़ रुपये की लागत से 33 फ्रंटलाइन लड़ाकू विमान और अस्त्र मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दी। 33 लड़ाकू विमानों में 12 Su-30 MKI और 21 मिग -29 शामिल हैं।
इसके अलावा, जून 2020 में, भारत सरकार ने गोला-बारूद और हथियार हासिल करने के लिए प्रति परियोजना 500 करोड़ रुपये तक की वित्तीय शक्तियां प्रदान कीं थी।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने खाद्य प्रसंस्करण पर डिजिटल इंडो-इटैलियन बिजनेस मिशन का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
यह इवेंट दो दिन के लिए आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन के दौरान, व्यापार मेले, डिजिटल सम्मेलन और बैक टू बैक मीटिंग आयोजित की जाएँगी। लगभग 23 इतालवी कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करेंगी।
फोकस
यह मिशन प्रमुख क्षेत्रों जैसे फलों और सब्जियों, दूध, अनाज, डेयरी प्रसंस्करण, बॉटलिंग और पैकेजिंग पर फोकस करेगा।
भारत की योजना
भारत को भविष्य में मेगा फूड पार्कों और कृषि निर्यात क्षेत्रों में निवेश करना है। साथ ही, भारत सरकार इन पार्कों को देश में औद्योगिक संपदाओं, औद्योगिक पार्कों और समूहों से जोड़ेगा।
भारत अब प्रत्येक उद्योग में आत्मनिर्भर भारत अभियान के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहा है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान
इस योजना के तहत, सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के औपचारिककरण के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। यह एक वैश्विक आउटरीच के साथ “वोकल फॉर लोकल” को बढ़ावा देगा। भारत अपने सूक्ष्म खाद्य उद्यमों को तकनीकी उन्नयन प्रदान करेगा।
आवंटित किया गया कोष सूक्ष्म खाद्य उद्यमों, स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों का समर्थन करेगा।
केंद्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दुनिया की सबसे सस्ती COVID-19 किट लॉन्च की। इस किट को आईआईटी दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है।
मुख्य बिंदु
“COROSURE” नामक टेस्ट को दुनिया की सबसे सस्ती RT-PCR आधारित COVID-19 नैदानिक किट के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस किट का आधार मूल्य 399 रुपये है।
किट बनाने के लिए करीब 10 कंपनियों को लाइसेंस दिए गए हैं। किट तैयार करने की तकनीक आईआईटी दिल्ली द्वारा कंपनियों को हस्तांतरित की जाएगी।
किट के बारे में
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार, किट के साथ भारत की परीक्षण क्षमता प्रति दिन 20 लाख तक जाने की सम्भावना है। वर्तमान में भारत प्रति दिन 3 लाख परीक्षण कर रहा है।
इस विधि की परीक्षण लागत बहुत कम है क्योंकि किट परीक्षण का संचालन करने के लिए एक जांच-मुक्त विधि का उपयोग करती है।
इस किट से भारत को अपने आत्म निर्भर भारत अभियान को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी क्योंकि किट को स्वदेशी रूप से विकसित किया जाना है।
अनुमोदन
ICMR और DCGI (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) दोनों ने परीक्षण किट को मंजूरी दे दी है। ICMR ने किट को उच्चतम स्कोर के साथ मंजूरी दे दी है और DCGI ने किट को उच्चतम संवेदनशीलता और विशिष्टता के साथ अनुमोदित किया है।
इंजेन्युटी एक रोबोट हेलीकॉप्टर है जिसे नासा के मंगल 2020 मिशन में तैनात किया जायेगा। मार्स मिशन 2020 को 30 जुलाई, 2020 को लॉन्च किया जायेगा।
मुख्य बिंदु
मिशन से जुड़ा हुआ हेलीकॉप्टर यह जांच करेगा कि मंगल पर स्थितियां विमानन को कैसे प्रभावित करती हैं। इंजेन्युटी एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन है। यह किसी दूसरे ग्रह पर नियंत्रित उड़ान करने वाला पहला विमान है।
मार्स मिशन 2020
मार्स मिशन मंगल पर रहने योग्य स्थितियों के संकेत की खोज करेगा। यह पिछले माइक्रोबियल जीवन के जैव हस्ताक्षरों की भी खोज करेगा। यह मिशन नासा के मंगल अन्वेषण कार्यक्रम का एक हिस्सा है। इस मिशन में भी ‘परसेवेरांस’ रोवर ले जाया जाएगा।
मंगल अन्वेषण कार्यक्रम
मंगल ग्रह की खोज के लिए मंगल अन्वेषण कार्यक्रम एक दीर्घकालिक प्रयास है। यह कार्यक्रम नासा द्वारा वित्त पोषित है। यह 1993 में गठित किया गया था। इस कार्यक्रम के चार दीर्घकालिक लक्ष्य हैं :
यह निर्धारित करने के लिए कि जीवन कभी मंगल ग्रह में पैदा हुआ था या नहीं
मंगल की जलवायु को चिह्नित करने के लिए
मंगल के भूविज्ञान को चिह्नित करने के लिए
मंगल के मानव अन्वेषण के लिए तैयार करना
परसेवेरांस रोवर
यह रोवर मंगल के चित्र प्रदान करेगा। यह मंगल ग्रह चट्टानों और धूल के नमूनों को एकत्र करेगा। परसेवेरांस रोवर प्रयोगात्मक हेलीकाप्टर इंजेन्युटी डिलीवर करने के लिए है। यह भविष्य के मंगल मिशन की प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन भी करेगा।
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