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12th May | Current Affairs | MB Books


1. अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) : 12 मई

हर साल, अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) 12 मई को मनाया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) की जयंती को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। नर्सों द्वारा समाज के लिए किए गए योगदान को चिह्नित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

इस वर्ष, 2021 में, निम्नलिखित थीम के तहत अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है:

थीम: Nursing the World to Health

अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) : अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 1965 के बाद से अंतर्राष्ट्रीय नर्स परिषद (International Council of Nurses) द्वारा मनाया जाता रहा है। हर साल अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर, अंतर्राष्ट्रीय परिषद नर्स हर जगह नर्सों द्वारा उपयोग की जाने वाली शैक्षिक और सार्वजनिक सूचना सामग्री वितरित करती है।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) : वह एक अंग्रेजी समाज सुधारक थीं और आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक भी थीं। उन्होंने क्रीमियन युद्ध के दौरान नर्सों को प्रशिक्षित और प्रबंधित किया। उसने कॉन्स्टेंटिनोपल में घायल सैनिकों की देखभाल की। साथ ही, विक्टोरियन संस्कृति में उनकी वजह से नर्सों के लिए प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई।

उन्हें “द लेडी विद द लैंप” (The Lady with the Lamp) कहा जाता था।

वह पेशेवर नर्सिंग की नींव रखने वाली पहली व्यक्ति थीं। उन्होंने लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल में नर्सिंग स्कूल की स्थापना की। यह दुनिया का पहला नर्सिंग स्कूल था। यह अब लंदन के किंग्स कॉलेज का एक हिस्सा है।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल मेडल (Florence Nightingale Medal) किसी नर्स को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। यह रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति द्वारा प्रदान किया जाता है।

विक्टोरियन संस्कृति क्या है? : यह महारानी विक्टोरिया के शासनकाल की अवधि है, जो कि 1837 और 1901 के बीच है।


2. पुडुचेरी के ग्रामीण क्षेत्रों में मिले 100 प्रतिशत नल कनेक्शन

जल शक्ति मंत्रालय ने 10 मई 2021 को कहा कि पुडुचेरी ने जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत पाइप कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया है। पुडुचेरी 'हर घर जल' के लक्ष्य को प्राप्त करने वाला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है क्योंकि यहां हर ग्रामीण घर में नल द्वारा पानी कनेक्शन सुनिश्चित कर दिया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि पंजाब, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव ने भी 75 प्रतिशत ग्रामीण घरों को नल के पानी की आपूर्ति देकर इसे मील का पत्थर साबित कर लिया है। 34.73 लाख में से पंजाब के 26.31 लाख घरों (76 प्रतिशत) में नल द्वारा पानी की आपूर्ति है और पंजाब राज्य में 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों के 100 प्रतिशत कवरेज की योजना है।

ऐसा करने वाला चौथा राज्य : केंद्र सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम, जल जीवन मिशन के तहत हर ग्रामीण घर तक पानी की आपूर्ति करने वाला पुडुचेरी चौथा केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। इससे पहले गोवा, तेलंगाना और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह इस लक्ष्य पर प्राप्त कर चुके हैं। पुडुचेरी के सभी 1.16 लाख ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन से जल की आपूर्ति दी गई है।

सप्लाई सुनिश्चित करने का लक्ष्य : कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन 2024 को कार्यान्वित किया जा रहा है। इसके तहत साल 2024 तक हर ग्रामीण घर में नियमित तौर पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता वाले जल की सप्लाई सुनिश्चित करने का लक्ष्य है।

जल जीवन मिशन की सफलता : पुडुचेरी द्वारा प्राप्त यह उपलब्धि जल जीवन मिशन की सफलता का सही समय पर आया एक और संकेतक है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग घर पर नियमित रूप से हाथ धो सकते हैं और सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट पर भीड़ से बचकर सामाजिक दूरी बनाए रख सकते हैं।

सभी ग्रामीण घरों में पानी की आपूर्ति : पुडुचेरी के सभी 1.16 लाख ग्रामीण घरों में अभी पानी की आपूर्ति है। इस केंद्र शासित प्रदेश ने निर्धारित लक्ष्य से बहुत पहले ही 'हर घर जल' का दर्जा हासिल किया है। पुडुचेरी पानी की गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल मान्यता प्राप्त करने और सभी पेयजल स्रोतों का परीक्षण अभियान स्तर पर करने की योजना भी बना रहा है।

जल जीवन मिशन : जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य साल 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल द्वारा जल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। साल 2021-22 में, जल जीवन मिशन के लिए 50,011 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के अलावा, 26,940 करोड़ रुपए की कई सुनिश्चित निधि भी उपलब्ध हैं। यह 15वें वित्त आयोग से संबंधित अनुदान है जो पानी और स्वच्छता के लिए ग्रामीण स्थानीय संस्थाओं और पंचायती राज संस्थानों को दिया जाता है। इस प्रकार, 2021-22 में देश भर के ग्रामीण घरों में नल द्वारा जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना है।


3. केंद्रीय कैबिनेट ने बैटरी स्टोरेज के लिए 18,100 करोड़ रुपए की PLI योजना को दी मंजूरी

सरकार ने बुधवार को अत्याधुनिक बैटरी भंडारण सुविधा के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 18,100 करोड़ रुपए के अनुमानित व्यय के साथ उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को मंजूरी दे दी।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने के मकसद से राष्ट्रीय उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैट्री भंडारण कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है। इसमें 45,000 करोड़ रुपए का निवेश होने का अनुमान है।

इस पहल का मकसद 50,000 मेगावॉट घंटा एसीसी (उन्नत रसायन बैटरी) और 5,000 मेगावॉट घंटा विशिष्ट एसीसी विनिर्माण क्षमता हासिल करना है। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण अनुकूल हरित वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और तांबा तथा बॉक्साइट जैसे स्थानीय उत्पादों का उपयोग होगा।


4. असम बना डिजिटल बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली का इस्तेमाल करने वाला पहला भारतीय राज्य

08 मई, 2021 को असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ ने असम राज्य में एक डिजिटल रियल-टाइम फ्लड रिपोर्टिंग और सूचना प्रबंधन प्रणाली (FIRMS) का शुभारंभ किया।

FRIMS के शुभारंभ के साथ, असम भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसके पास ऑनलाइन बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली है। ब्रह्मपुत्र नदी के बहाव के साथ, असम हर साल भयंकर बाढ़ और मिट्टी के अपरदन का शिकार होता है।

FRIMS, एक डिजिटल वास्तविक समय (रियल टाइम) बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली, असम राज्य आपदा प्रबंधन एजेंसी (ASDMA) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है।

इस डिजिटल लॉन्च कार्यक्रम के दौरान, मुख्य सचिव बरुआ ने यह कहा कि, बाढ़ का प्रबंधन एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्य है जिसमें विभिन्न विभाग और हितधारक शामिल हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि, बाढ़ रिपोर्टिंग की मौजूदा प्रणाली मैनुअल/ दस्ती सत्यापन और गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली के कारण समय लेने वाली थी।

यूनिसेफ इंडिया चीफ, इमरजेंसी एंड डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (DRR), टॉम व्हाइट ने असम सरकार को डिजिटल बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली का इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य बनने के लिए बधाई दी है और आगे यह कहा है कि, "इस तरह की प्रणाली आपदा जोखिम न्यूनीकरण हस्तक्षेप के प्रभाव को मापने में काफी मददगार साबित होगी।"

राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव, अविनाश जोश ने यह कहा कि, डिजिटल बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली परिभाषित स्तरों पर तत्काल अलर्ट-आधारित सत्यापन, स्रोत पर इन्फोर्मेशन फीडिंग और स्वचालित संकलन को सक्षम करेगी।

ASDMA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जीडी त्रिपाठी ने यह उल्लेख किया कि, फील्ड स्टाफ और अधिकारियों ने आवश्यक प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

असम में हर साल 15 मई से 15 अक्टूबर तक अनिवार्य बाढ़ रिपोर्टिंग प्रोटोकॉल होता है।

बाढ़ रिपोर्टिंग और सूचना प्रबंधन प्रणाली (FRIMS) :

• बाढ़ रिपोर्टिंग और सूचना प्रबंधन प्रणाली (FRIMS) असम में शुरू की गई एक डिजिटल वास्तविक समय बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली है। • असम एक डिजिटल बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली को अपनाने वाला ऐसा पहला भारतीय राज्य बन गया है जो मौजूदा मैनुअल बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली को बदल देगा। • FRIMS असम राज्य आपदा प्रबंधन एजेंसी (ASDMA) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। • FRIMS इस 15 मई से चालू हो जाएगा। यह प्रणाली परिभाषित स्तरों पर तत्काल अलर्ट-आधारित सत्यापन, स्रोत पर सूचना फीडिंग, और स्वचालित संकलन को सक्षम करेगी।


5. भारत ने लिया तीसरे आर्कटिक साइंस मिनिस्ट्रियल में भाग, आर्कटिक में दीर्घकालिक सहयोग के लिए योजनाएं की साझा

08 मई, 2021 को तीसरे आर्कटिक साइंस मिनिस्ट्रियल (ASM) में केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन ने हिस्सा लिया और यह कहा कि, भारत अनुसंधान, अवलोकन, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और क्षमता निर्माण के माध्यम से आर्कटिक में सकारात्मक भूमिका निभाता रहेगा।

केंद्रीय मंत्री ने यह प्रस्ताव भी पेश किया कि, भारत को अगले या भविष्य के आर्कटिक साइंस मिनिस्ट्रियल की मेजबानी का अवसर दिया जा सकता है। तीसरे ASM का विषय था ‘नॉलेज फॉर सस्टेनेबल आर्कटिक’। ASM आर्कटिक क्षेत्र में सहयोग और अनुसंधान पर चर्चा करने के लिए एक वैश्विक मंच है।

उद्देश्य : आर्कटिक साइंस मिनिस्ट्रियल का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को अवसर प्रदान करना है, जिसमें आर्कटिक क्षेत्र की सामूहिक समझ को बढ़ाने के उद्देश्य से स्वदेशी समुदायों, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं और सरकारों को शामिल किया गया है।

यह आर्कटिक काउंसिल क्या है? : यह आर्कटिक क्षेत्र में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए समन्वय, सहयोग और बातचीत को बढ़ावा देने के लिए एक उच्च-स्तरीय अंतर-सरकारी (इंटर-गवर्नमेंटल) फोरम है।

आर्कटिक क्षेत्र गर्म हो रहा है और इसकी बर्फ का पिघलना वैश्विक चिंता का विषय है क्योंकि यहां के ग्लेशियर समुद्र के स्तर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जलवायु को नियंत्रित करते हैं और जैव विविधता को बनाए रखते हैं।

तीसरे आर्कटिक साइंस मिनिस्ट्रियल में भारत: प्रमुख विवरण :

• इस बैठक के दौरान, भारत ने आर्कटिक के बारे में अपनी योजनाओं को रिमोट-सेंसिंग और ऑन-साइट, दोनों तरीकों से साझा किया। • भारत ऊपरी महासागरीय परिवर्तनों और समुद्री मौसम संबंधी मापदंडों की दीर्घकालिक निगरानी के लिए आर्कटिक क्षेत्र में खुले महासागरीय घाट में तैनाती भी करेगा।

NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट मिशन : तीसरे आर्कटिक साइंस मिनिस्ट्रियल में, भारत ने आर्कटिक क्षेत्र के लिए अपनी योजनाएं प्रस्तुत करते हुए यह बताया कि, संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोग से NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट मिशन के लॉन्च पर भी काम चल रहां है।

आर्कटिक काउंसिल में भारत की स्थिति :

• भारत को वर्ष 2013 से ही 12 अन्य देशों - जापान, फ्रांस, चीन, इटली, यूके, जर्मनी, स्पेन, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और नीदरलैंड्स के साथ-साथ आर्कटिक काउंसिल में एक 'पर्यवेक्षक का दर्जा' प्राप्त है। • आर्कटिक काउंसिल के एक हिस्से के तौर पर, देश एक सुदृढ़ और सुरक्षित क्षेत्र में योगदान देता है।

आर्कटिक क्षेत्र में भारत का अनुसंधान :

  • आर्कटिक क्षेत्र में जुलाई, 2008 से भारत का हिमादरी नामक एक स्थायी अनुसंधान स्टेशन है।

  • आर्कटिक क्षेत्र में भारत का अनुसंधान, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च, गोवा द्वारा संचालित, समन्वित और प्रोत्साहित किया जाता है।

6. भारत के खिलाफ WTC फाइनल के बाद संन्यास लेंगे न्यूजीलैंड के विकेटकीपर बीजे वाटलिंग

ने बुधवार को घोषणा की है कि वह अगले महीने भारत के खिलाफ होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के बाद क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लेंगे।

न्यूजीलैंड की टीम भारत के खिलाफ 18 जून से साउथम्पटन में शुरू होने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला भी खेलेगी।

दक्षिण अफ्रीका में जन्में वाटलिंग ने अगले सत्र के लिये न्यूजीलैंड के 20 अनुबंधित खिलाड़ियों की शुक्रवार को जारी होने वाली सूची से पहले यह घोषणा की है। उन्हें इस सूची में जगह मिलने की संभावना नहीं थी।

पैंतीस वर्षीय वाटलिंग ने न्यूजीलैंड के हाल में टेस्ट मैचों में अच्छे प्रदर्शन में अहम भूमिका निभायी। उन्होंने 2009 में सलामी बल्लेबाज और कामचलाऊ विकेटकीपर के रूप में करियर की शुरुआत की लेकिन 2013 में जब ब्रैंडन मैकुलम ने टेस्ट मैचों में विकेटकीपिंग करनी छोड़ दी तो वाटलिंग न्यूजीलैंड के पहली पसंद के विकेटकीपर बन गये। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई रिकार्ड बनाये।

वाटलिंग ने न्यूजीलैंड क्रिकेट (एनजेडसी) के बयान में कहा, ‘‘यह सही समय है। टेस्ट क्रिकेट वास्तव में क्रिकेट का चरम है तथा मैंने अपने साथियों के साथ टेस्ट मैचों में बिताये गये हर पल का भरपूर लुत्फ उठाया। पांच दिन तक मैदान पर पसीना बहाने के बाद साथियों के साथ ड्रेसिंग रूम में सुकून के पलों की मुझे सबसे अधिक कमी खलेगी।

वाटलिंग ने अब तक 73 टेस्ट मैचों में 38.11 की औसत से 3773 रन बनाये हैं जिसमें आठ शतक और 19 अर्धशतक शामिल हैं। न्यूजीलैंड की तरफ से चौथे और पांचवें विकेट के लिये सर्वश्रेष्ठ साझेदारी का रिकार्ड भी वाटलिंग के नाम पर है।

उन्होंने 2014 में भारत के खिलाफ बेसिन रिजर्व में मैकुलम के साथ चौथे विकेट के लिये 362 रन जोड़े थे। वर्तमान कप्तान ​केन विलियमसन के साथ उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ इसी मैदान पर एक साल बाद पांचवें विकेट के लिये 365 रन की अटूट साझेदारी की थी।

वह टेस्ट मैचों में दोहरा शतक जड़ने वाले नौवें टेस्ट विकेटकीपर भी हैं। इंग्लैंड के खिलाफ यह कारनामा करने वाले वह पहले विकेटकीपर हैं। बे ओवल में 2019 में खेले गये इस मैच में उन्होंने मिशेल सैंटनर के साथ सातवें विकेट के लिये 261 रन की रिकार्ड साझेदारी की थी।

उन्होंने विकेटकीपर के रूप में 257 शिकार किये हैं जो न्यूजीलैंड का रिकार्ड है। इनमें 249 कैच शामिल हैं। इनमें वे 10 कैच शामिल नहीं हैं जो उन्होंने क्षेत्ररक्षक के रूप में लिये।

उन्होंने सर्वाधिक 73 कैच टिम साउदी की गेंदों पर लिये। इसके बाद ट्रेंट बोल्ट (55) और नील वैगनर (53) का नंबर आता है।वाटलिंग को छोटे प्रारूप में कम मौके मिले। उन्होंने केवल 28 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।


7. कोरोना वायरस का भारतीय वैरिएंट 44 देशों में फैल चुका है: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 12 मई 2021 को बताया है कि पिछले साल अक्टूबर में पहली बार सामने आया कोविड-19 का भारतीय वैरिएंट दुनिया के 44 देशों में फैल चुका है। भारत में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है और संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब भारत में पहली बार पहचाना गया कोविड-19 का नया वैरिएंट दुनियाभर के अन्य देशों में भी फैलने लगा है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना का B.1.617 वैरिएंट पिछले साल अक्टूबर महीने में भारत में पाया गया था, जो अब WHO के सभी 6 क्षेत्रों के 44 देशों में पाया गया है। भारतीय वैरिएंट अब तक 4500 से ज्यादा सैंपल्स में मिल चुका है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत के बाहर इस वैरिएंट से संक्रमण के सर्वाधिक मामले यूनाइटेड किंगडम में सामने आए हैं।

भारत के नए वैरिएंट : भारत के इस नए वैरिएंट को वैज्ञानिक तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है। इसमें दो तरह के म्यूटेशंस (E484Q और L452R) हैं। यह वायरस का वह रूप है, जिसके जीनोम में दो बार बदलाव हो चुका है। भारत में फैल रहा डबल म्यूटेंट वायरस E484Q और L452R के मिलने से बना है।

वैरिएंट्स वास्तविक रूप से ज्यादा खतरनाक : इससे पहले इस लिस्ट में ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में मिले कोविड-19 के अन्य वैरिएंट्स का नाम शामिल था। इन वैरिएंट्स वास्तविक रूप से ज्यादा खतरनाक माना गया था। क्योंकि वे या तो तेजी से फैल सकते हैं या वैक्सीन सुरक्षा से बचकर निकलने में भी सक्षम हैं।

वेरिएंट का संक्रमण तेजी से फैल रहा है : यह वेरिएंट वायरस के ओरिजिनल वेरिएंट की तुलना में अधिक आसानी से फैल रहा है। कोरोना पर काम कर रही डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक मारिया वान केरखोव ने कहा था कि कोरोना का B.1.617 वेरिएंट का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसकी जानकारी उपलब्ध हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत के B.1.617 वैरिएंट वायरस की संक्रमण क्षमता बहुत ज्यादा है।

भारत में कोरोना वायरस : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में भारत में 3 लाख 48 हजार 421 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए है, जबकि इस दौरान 4205 लोगों की जान गई। इसके बाद भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 33 लाख 40 हजार 938 हो गई है, जबकि 2 लाख 54 हजार 197 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में पिछले 24 घंटे में 3 लाख 55 हजार 338 लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 1 करोड़ 93 लाख 82 हजार 642 हो गई है।








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