विश्व बाल श्रम निषेध दिवस : 12 जून
बाल श्रम के खिलाफ वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। पिछले साल, ‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ (WDACL) और ‘काम पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस’ (SafeDay) द्वारा युवा श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार और बाल श्रम के अंत के लिए एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। इस संयुक्त अभियान का उदेश्य सतत विकास लक्ष्यों के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य 8.7 के अनुसार 2025 तक बाल श्रम के सभी रूपों को समाप्त किया जाना और निर्धारित लक्ष्य 8.8 के अनुसार 2030 तक सभी श्रमिकों के लिए सुरक्षित कामकाजी वातावरण उपलब्ध करवाना है।
13 जून : अंतर्राष्ट्रीय अल्बिनिज्म जागरूकता दिवस
प्रतिवर्ष 13 जून को अंतर्राष्ट्रीय अल्बिनिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य अल्बिनिज्म से प्रभावित लोगों के विरुद्ध होने वाले हमलों तथा भेदभाव के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है।
अल्बिनिज्म क्या है?
यह एक दुर्लभ तथा वंशानुगत रोग है, इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की त्वचा, बाल तथा आँखों में आंशिक अथवा पूर्ण रूप से मेलेनिन पिगमेंट नहीं होता। अल्बिनिज्म किसी भी लिंग अथवा नस्ल के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इसका कोई उपचार नहीं है। त्वचा में मेलेनिन न होने के कारण प्रभावित व्यक्ति सनबर्न तथा त्वचा कैंसर से पीड़ित हो सकता है। यह फोटोफोबिया, अम्ब्लायोपिया, निस्टैगमस जैसे चक्षु रोग से भी सम्बंधित है।
अल्बिनिज्म से प्रभावित व्यक्ति की त्वचा पर सफ़ेद धब्बे होते हैं अथवा कई बार पूर्ण त्वचा ही सफ़ेद हो जाती है। इसके कारण अल्बिनिज्म से पीड़ित लोगों को कई प्रकार के भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
सहकार मित्र योजना शुरू की गयी
12 जून, 2020 को केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सहकार मित्र योजना शुरू की। युवा पेशेवरों के नवीन विचारों तक पहुँचने के लिए सहकारी संस्थाओं की सहायता के लिए यह योजना शुरू की गई है। बदले में युवा इंटर्न क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए आत्मविश्वास हासिल करेंगे।
मुख्य बिंदु
यह योजना देश के युवाओं के लिए एक इंटर्नशिप कार्यक्रम है। यह राष्ट्रीय सहकारी विकास सहयोग (एनसीडीसी) की एक पहल है।
यह योजना “वोकल फॉर लोकल” को बढ़ावा देती है जिसे आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत शुरू किया गया था। यह योजना युवा पेशेवरों को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और सहकारी समितियों और एनसीडीसी से सीखने में मदद करेगी। इंटर्न को 4 महीने की अवधि के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार रिकॉर्ड 500 अरब डॉलर के पार पहुंचा
5 जून, 2020 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.2 बिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 501.70 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के पार पहुंचा है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत 5वें स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है।
विदेशी मुद्रा भंडार
इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार भी कहा जाता है भुगतान संतुलन में विदेशी मुद्रा भंडारों को आरक्षित परिसंपत्तियाँ’ कहा जाता है तथा ये पूंजी खाते में होते हैं। ये किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति का एक महत्त्वपूर्ण भाग हैं। इसमें केवल विदेशी रुपये, विदेशी बैंकों की जमाओं, विदेशी ट्रेज़री बिल और अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों को शामिल किया जाना चाहिये परन्तु इसमें विशेष आहरण अधिकारों , सोने के भंडारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार अवस्थितियों को शामिल किया जाता है। इसे आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय भंडार अथवा अंतर्राष्ट्रीय भंडार की संज्ञा देना अधिक उचित है।
5 जून, 2020 को विदेशी मुद्रा भंडार
विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए): $463.63 बिलियन गोल्ड रिजर्व: $ 32.352 बिलियन आईएमएफ के साथ एसडीआर: $ 1.44 बिलियन आईएमएफ के साथ रिजर्व की स्थिति: $ 4.28 बिलियन
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