DIAT ने किया ‘अनन्या’ कीटाणुनाशक स्प्रे का विकास
पुणे स्थित डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी ने कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए ANANYA नामक नैनो-तकनीक आधारित कीटाणुनाशक स्प्रे विकसित की है।
यह मास्क, पीपीई, हॉस्पिटल लिनेन, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स सहित सभी प्रकार की सतहों को कीटाणुरहित करने में प्रभावी है। इसका उपयोग एलिवेटर बटन और डोर नॉब्स जैसी सामान्य जगहों को कीटाणुरहित करने के लिए भी किया जा सकता है।
स्प्रे के बारे में
ANANYA एक जल आधारित स्प्रे है। यह 24 घंटे तक प्रभावी रहती है। यह स्प्रे कपड़े, धातु की वस्तुओं और प्लास्टिक पर टिक सकती है। स्प्रे की विषाक्तता मनुष्यों के लिए नगण्य है। ANANYA स्प्रे की शेल्फ लाइफ 6 महीने से अधिक है।
DIAT
डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी रक्षा मंत्रालय के तहत संचालित होती है। यह संस्थान भारतीय आयुध कारखानों, तटरक्षक बल, भारतीय सशस्त्र बलों (वायु सेना, सेना और नौसेना) के अधिकारियों को प्रशिक्षित करता है। इसकी स्थापना 1952 में हुई थी। इस संस्थान के कुलाधिपति रक्षा मंत्री होते हैं।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार रद्द किया गया
नोबेल पुरस्कार के एशिया संस्करण के रूप में माने जाने वाले रेमन मैग्सेसे पुरस्कार को कोविड-19 महामारी के कारण इस वर्ष रद्द कर दिया गया है। यह केवल तीसरी बार है जब पिछले छह दशकों में यह वार्षिक पुरस्कार रद्द किया गया है।
इससे पहले, 1970 में वित्तीय संकट और 1990 में फिलीपींस में आए भयानक भूकंप के कारण यह पुरस्कार रद्द कर दिया गया था। यह पुरस्कार मनीला-बेस्ड फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद फिलीपींस गणराज्य के तीसरे राष्ट्रपति के नाम पर इस पुरस्कार का नाम रखा गया है।
रेमन मैगसेसे अवार्ड
रेमन मैगसेसे अवार्ड एशिया का सबसे बड़ा सम्मान है और इसे एशिया का नोबेल प्राइज भी कहा जाता है। इसकी स्थापना 1957 में रॉकफेलर ब्रदर्स फण्ड और फिलीपींस सरकार ने की थी। इसकी स्थापना फिलीपींस के तीसरे राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे की याद में की गयी थी, उनकी मृत्यु मार्च 1957 में एक हवाई दुर्घटना में हुई थी। यह अवार्ड प्रत्येक वर्ष एशियाई देशों में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को दिया जाता है।
भारत का पहला वर्चुअल व्यापार मेला आयोजित किया गया
हस्तशिल्प के लिए निर्यात संवर्धन परिषद ने लगभग 200 भारतीय निर्यातकों के लिए चार दिवसीय वर्चुअल मेले की मेजबानी की। निर्यातक मुख्य रूप से फैशन गहने और सामान के उद्योगों से थे
मुख्य बिंदु
चार दिवसीय यह मेला यूरोप और अमेरिका जैसे बाजारों पर केंद्रित था। इस मेले में 153 करोड़ रुपये के व्यापार के अवसर उत्पन्न हुए। प्रत्येक विक्रेता को एक वर्चुअल स्टाल प्रदान किया गया था।
कार्य
जब एक विदेशी खरीदार एक स्टाल पर क्लिक करता है तो उसे विक्रेता के उत्पाद की तस्वीरों और वीडियो के लिए निर्देशित किया जाता है। यदि खरीदार रुचि रखता है, तो उसे ज़ूम या स्काइप के माध्यम से तत्काल बातचीत के लिंक प्रदान किए जाएंगे। यदि वह आर्डर देता है, तो उसे कूरियर सेवाओं के माध्यम से सामान डिलीवर किया जाएगा।
मुंबई विश्व का 60वां सबसे महंगा शहर है : मर्सर सर्वेक्षण
मर्सर के ‘2020 कॉस्ट ऑफ लिविंग सर्वे’ के अनुसार प्रवासियों के लिए मुंबई भारत का सबसे महंगा शहर है। यह विश्व स्तर पर प्रवासियों के लिए 60वां सबसे महंगा शहर है और यह एशिया में 19वें स्थान पर है। भारत में, मुंबई के बाद नई दिल्ली (विश्व स्तर पर 101) और चेन्नई (विश्व स्तर पर 143 वां स्थान) है। वैश्विक सूची में हांगकांग सबसे ऊपर था, इसके बाद तुर्कमेनिस्तान का अश्गाबात था। टोक्यो और ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड) क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।
इस सर्वेक्षण में 209 शहरों की रैंकिंग को मापा गया है। शहरों को आवास, भोजन, परिवहन, कपड़े, मनोरंजन और घरेलू सामान इत्यादि के आधार पर रैंकिंग प्रदान की गयी है।
सर्वेक्षण के मुख्य निष्कर्ष
सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय शहरों ने रैंकिंग में समग्र उछाल दिखाया है। नई दिल्ली ने सूचकांक में 17 पायदान की छलांग लगाई है।
वैश्विक सर्वेक्षण
इस सर्वेक्षण की वैश्विक सूची में हांगकांग सबसे ऊपर है, इसके बाद तुर्कमेनिस्तान में अश्गाबात है। तीसरे स्थान पर जापान का टोक्यो और चौथे स्थान पर स्विट्जरलैंड का ज्यूरिख है। न्यूयॉर्क 6वें स्थान पर है, चीन का शंघाई सातवें स्थान पर है। स्विट्जरलैंड के बर्न और जिनेवा क्रमशः आठवें और नौवें स्थान पर हैं। बीजिंग दसवें स्थान पर है।
भारत सरकार केसर और हींग उत्पादन को बढ़ावा देगी
केसर और हींग दुनिया के सबसे कीमती और मूल्यवान मसाले हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरीसोर्स टेक्नोलॉजी ने हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग के साथ साझेदारी की है, यह दोनों संस्थान भारत में हेग और केसर के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेंगे।
आवश्यकता
भारत में केसर मसाले की वार्षिक मांग 100 टन है। हालांकि, इसका औसत उत्पादन वर्ष में केवल 6-7 टन है। इसलिए, केसर की एक बड़ी मात्रा का आयात किया जा रहा है। इसी तरह, देश में हींग का कोई उत्पादन नहीं है। ईरान, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान से लगभग 1200 टन हींग का आयात किया जाता है।
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